सुप्रभातम् शुभकामनाएं आचार्य जी सादर धन्यवाद ओम् 🙏🏼🚩 आपने तो बोहोत ही अच्छी तरह समझाया कुछ कुछ समझ में आया भी है ओम् । कृण्वनतो विश्वार्यम जय आर्यव्रत।
इससे बड़ा गंभीर है इससे गुड विषय और कोई नहीं आचार्य जी से अनुरोध है अनुरोध है कि मुक्ति का विषय से गुण और कोई विषय नहीं है मैं आशा करता हूं कि कभी-कभी कर्मफल व्यवस्था का विषय समझाएं धन्यवाद
समाधि और मुक्ति में जब आत्मा ईश्वर का आनंद का भोग करता है तो उसको ऐसा लगता है कि वो ईश्वर ही हो गया स्वय को भूल जाता है अहम ब्रह्मा अस्मी बोलता है ये गलत है किसी की शक्ति से सहायता से यदि आप को आनंद मिलता है तो आप वो नहीं बन जाते हैं। बस यहीं भ्रम का जन्म होता है।
ओम नमः शिवाय कभी कभी दुष्ट दलन के लिए आत्मा को संहार करने की जरूरत पड़ती है तो भीषण स्वरूप धारण करना पड़ता है तो हो सकता है इसी कारण भीषण सही हो हर हर महादेव 🕉️🙏🙏🙏🌿🕉️
Kya yah Sabhi shaktiyan Bagad Sabhi Ke Atma kam Karti Hai ine sakti ho Se Kya Sharir avashyak hai agar Sharir avashyak Hai To fir yah Mukti Kaisi aur Agar Mukti Mein Sharir Nahin Hai To Mukti Prasad sabhi shaktiyon ka fayda kya
आचार्य जी एक शब्द के अनेक अर्थ होते है क्या पता भीषण शब्द ही अपने आप मे आत्मा के किसी गुण को बता रहा हो और जिस लेखक ने सर्वप्रथम सत्यार्थ प्रकाश लिखा था तो उसका अध्ययन स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने जरूर किया होगा क्योकि स्वामी जी कभी भी किसी दूसरे मनुष्य पर पूर्ण विश्वास नही करते थे वह हर एक विषय की स्वय जांच करके तब स्वीकृति देते थे हाँ यह तो हो सकता है कि बाद वाले लेखको से कोई गलती भूलवश हो गयी हो
आज की कक्षा से आत्मा के बारे में बहुत बहुत जानकारी मिली और कई सारी जिज्ञासाएं शांत हुई। आचार्य जी का हृदय से धन्यवाद ।नमस्ते जी
नमसते जी धन्यवाद बहुत अछा परवचन है आचार्य जी
चेतना,बल,पराक्रम,आकर्षण,प्रेरणा,गति,भाषण,विवेचन,उत्साह,निश्चय,स्मरण, ईच्छा,प्रेम,द्वेष,संयोग,विभाग,संयोजक, श्रवण,स्पर्श, स्वादन,गंद ग्रहण,ज्ञान।
आचार्य जी बहुत-बहुत धन्यवाद आत्मा का पूरा विश्लेषण करने के लिए
बहुत सुंदर आचार्य जी। साधुवाद।।
अतिसुन्दर,बहूत मार्मिक,जनकारी, ।
जय श्री राम
सत्य सनातन वैदिक धर्म संस्कृति और सभ्यता की जय
गुरुदेव श्रीमान अंकित प्रभाकर जी महाराज आपका हार्दिक आभार
विद्या से सुख मिलता है वो भी सत्य विद्या
Ram
सत्यार्थ प्रकाश मे आत्मा कोपरिछिन्न बताया है
अदभुत ऋषि कृत ज्ञान 🙏🙏
बहुत सरल करके गहन विषय समझाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आभार ❤❤
बहुत अछा विवेचन किया आपने ।🙏😊
आचार्य जी बहुत बहुत आभार 24शक्तियों की जानकारी के लिए
अतिसुन्दर धन्यवाद ❤❤
नमस्ते आचार्य जी। विषय बड़ा सूक्ष्म और विचारणीय है।
जय जय सियाराम गुरु जी।
🚩जय भारत।
Jey ho aachary g
आचार्य जी प्रणाम 🍁🙏🏻🍁
ओम् नमस्ते आचार्य जी।
Om
आचार्य जी सादर अभिवादन आप इसी प्रकार ज्ञान रुपी मोतियों की माला पिरोते रहिये धन्यवाद्
ओम् परिणाम आचार्य जीं जय सनातन
सादर नमस्ते आचार्य जी
आचार्य जी आप को सतसत प्रणाम चौबिस शक्तियों के बिषय में बहुत अच्छी जानकारी दी है।❤❤❤
Shat shat naman vandan for this exclusive knowledge of soul .
नमस्तेजी
अत्यधिक , अनावश्यक रिपिटीशन से सुनने में रुचि कम होती है
Namste.acryji
सुप्रभातम् शुभकामनाएं आचार्य जी सादर धन्यवाद ओम् 🙏🏼🚩
आपने तो बोहोत ही अच्छी तरह समझाया कुछ कुछ समझ में आया भी है ओम् ।
कृण्वनतो विश्वार्यम जय आर्यव्रत।
Wowy nice
ओ३म्
Namaste
🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🙏
Aacharya ji parnam om shanti
इससे बड़ा गंभीर है इससे गुड विषय और कोई नहीं आचार्य जी से अनुरोध है अनुरोध है कि मुक्ति का विषय से गुण और कोई विषय नहीं है मैं आशा करता हूं कि कभी-कभी कर्मफल व्यवस्था का विषय समझाएं धन्यवाद
The Universe is the Systematic Creations by the Intelligent Creator
Sader Parnam
Good
समाधि और मुक्ति में जब आत्मा ईश्वर का आनंद का भोग करता है तो उसको ऐसा लगता है कि वो ईश्वर ही हो गया स्वय को भूल जाता है अहम ब्रह्मा अस्मी बोलता है ये गलत है किसी की शक्ति से सहायता से यदि आप को आनंद मिलता है तो आप वो नहीं बन जाते हैं। बस यहीं भ्रम का जन्म होता है।
I think you are right
जय भारत
🚩🙏
Om Acharya ji.
Satya ko kaise Paya Jaye...🕉️.Jay..ho...💐💐💐🌹🌹🌹
Pranam aacharya ji
फैलते ब्रह्माण्ड (प्रकृति) , बिग बैंग , लचीला आयाम आदि को तैत्रेय वाद से कैसे बताया जायेगा ?
🙏🏻🙏🏻
🙏
नमस्ते आचार्य जी
आचार्य जी आपने अच्छा समझाया है आपको धन्यवाद
आचार्य जी नमस्ते ।आत्मा का स्वरूप क्या है। उसके लक्षण क्या हैं। आत्मा में कौन-कौन से गुण हैं।आत्मा का बोध कैसे हो।
आदरणीय आचार्य जी सादर प्रणाम।कृपया सच्चिदानंद में आनन्द क्या है?
Namaste 🙏Acharya ji
Aap ko Pranaam 🙏💐🌻Naa Sharda ki kripa aap par sadev bana rahe
Aap hame gyaan pradaan karta rahe🙏🌻💐
11QdX
नमस्ते आचार्य जी🙏
केवल पृथ्वी पर ही जीवन है ,अन्य किसी गृह पर क्यो नही ?? ईसके अध्यात्मिक उत्तर बताये🙏🕉
ओम नमः शिवाय
कभी कभी दुष्ट दलन के लिए आत्मा को संहार करने की जरूरत पड़ती है तो भीषण स्वरूप धारण करना पड़ता है तो हो सकता है इसी कारण भीषण सही हो हर हर महादेव 🕉️🙏🙏🙏🌿🕉️
dust sarir me hote hai. dusto ke sarir ko vinash parakram se kar sakte hai. bal ka pariman hi parakram kablata hai.
kablata ki jagah kahlata hai
आत्मा पर सुन्दर विवेचना
धन्यवाद
क्या ज्योति बिंदु है आत्मा?
❤
तो आचार्य जी फिर तो मुक्त आत्मा हमें प्रेरित कर सकता है
नहीं कर सकता
आत्मा में बल होता है , शरीर में नहीं तो शरीर कमजोर होने पर या थकान होने पर बल क्यों नहीं रहता
आत्मा परमात्मा का अंश है। तो परमात्मा के सभी गुण आत्मा में है।
आई पी सी ३७६फिल्म आत्मा पर बनी हुई है अंकित आचार्य जी आप इस फिल्म को देख कर कुछ जानकारी दे फिल्म के निर्माता एस प्रभाकर जी है
Aatma ka abhyas keseaorkisparkarkurty henaoratmaksniwaskhanhe kisiwedwgyrasezaher kren
Aacharya ji Agar Sharir ke sadhan ke Atma Koi Karya kar sakti hai ki nahin
Namaste Acharya ji kya mukti ka bhi time hota h .use kya fir se janam milta h
Hello kya Atma Sadar Ke bagair Bhi Koi Karya kar sakti hai Magar Sharir ke Vivah Apne gun Bataye hain ya gudbud Sharir Ke Bhi Rahte
Meri atma kam sukh se door hoti nahi kya kre
आचार्य जी क्या भीषण शक्ति हमारे स्वतंत्रता सैनानी,देश की सीमा पर जवानों या युद्ध में लड़ने वाले शूरबीरों की आत्म शक्ति की परिचायक हो सकती है?
Kya yah Sabhi shaktiyan Bagad Sabhi Ke Atma kam Karti Hai ine sakti ho Se Kya Sharir avashyak hai agar Sharir avashyak Hai To fir yah Mukti Kaisi aur Agar Mukti Mein Sharir Nahin Hai To Mukti Prasad sabhi shaktiyon ka fayda kya
Vdo डाउनलोड nhi ho rha h guru ji
आत्मा देख व महसूस कर सकती ह…भुगतभोगी ?
Para prakrti apara prakriti kaya hay
भाषण शब्द उचित लग रहा है
मुझे एक बात बताओ मरे हुए की आत्मा जिंनदा इंसान को मार सकता है क्या
आत्मा के बारे में आपकी आपकी राय सही नहीं है आपकी बातें और सही हो सकती है इनमें से कोई भी गुण आत्मा के गुण नहीं है
Matlb kya mukti ke bad fir kbhi aatma janam nhi leti ya fir kuch time bad fir se janam milta h
भीषण ही होगा। स्मामी जी गलती कर ही नहीं सकते।
🤣🤣🤣गजब की गप्पे
आचार्य जी एक शब्द के अनेक अर्थ होते है क्या पता भीषण शब्द ही अपने आप मे आत्मा के किसी गुण को बता रहा हो और जिस लेखक ने सर्वप्रथम सत्यार्थ प्रकाश लिखा था तो उसका अध्ययन स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने जरूर किया होगा क्योकि स्वामी जी कभी भी किसी दूसरे मनुष्य पर पूर्ण विश्वास नही करते थे वह हर एक विषय की स्वय जांच करके तब स्वीकृति देते थे हाँ यह तो हो सकता है कि बाद वाले लेखको से कोई गलती भूलवश हो गयी हो
Itna Fekta kyon hai ?
तेरे को बकवास लग रहा है ? तेरे पास बुद्धि होता समझने के लिए तो ऐसे बोलता ही नही
Aatma hai hi nahi, sakti ka sawal hi nahi utpann ho sakta, jhoot bolana band karo,
Bahut badi bakwas
बुद्धिहीन मूर्ख कही के इतना स्पष्ट समझाए आचार्य जी तेरे को समझ नही आया जो बकवास बता रहा है
Phier bhi soonta rahta hoh djakaas 😡
Pranam Aacharya ji
Ram
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