नही नही ऐसा मत कहीए ये रूपांतरण नही है करके. अगर ध्यान करने से किसी का सेक्स कुछ समय के लिए ही रूक जाता होतो यह रूपांतरण है ही. सेक्स रूकने का( ऊस वक्त ही सही )मतलब सेक्स की कुछ शक्ति यां जो कि अराजकता पैदा करती है ऊनमेसे कुछ शक्तियां शरीर से बाहर गयी है. और बची-खुची इतर सेक्स की शक्तियां आपके अंदर मायूस होकर मौजूद हैं. ध्यान के बाद भलेही कुछ शक्तियां वापस शरीर मे प्रवेश करे मगर कुछ शक्तियां हमेशा-हमेशा के लिए ही बाहर हो जाती है. फिर फिर ध्यान करनेसे फिर फिर वापस आनेवाली सेक्स की शक्तियां कम-से-कम होती चली जाएगी. इनके रिप्लेसमेंट मे दैवी शक्तियां प्रवेश करती चली जायेगी. शरीर के अंदर हमेशा-हमेशा के लिए स्थिर होती जाएगी. जरूर जरूर एक वक्त आही जाता है के अध्यात्म का यह पथिक हमेशा-हमेशा के लिए सेक्स से मुक्त हो जाता है. सेक्स तबतकही कर सकते हो जबतक पथिक ने परमात्मा के सीमा मे पूर्ण रूप से प्रवेश अभी भी नही किया हो और वह भी नियोजनबद्ध एवं आध्यात्मको आगे बढाने के हिसाब से कम प्रमाणमे हो. एकबार परमात्मा के क्षेत्र मे प्रवेश हो गया तो सेक्स छूट जाता है या फिर तुम ही सहजता से ही सही या थोड़ी सी तकलीफमेही सही ऐसा-वैसा ही मगर सेक्स को छोड देते हो.
🙏❤🙏❤🙏
Thank you gurudev
u r really spiritually geneous sir
apne karmo me poornathv
hee moksh ka dwaar hai
ye baath mere dil chooliya
thnk u so much 🙏
Satya ke raste chalne ki himmat aur prem me doobne ki himmat jaruri he
very nice swamijii
अच्छा या बुरा द्वन्द्वात्मकता रहित। नमस्कार।
Ok
Thanks swami G
Shashank Aanand video dekhne k baad kuj swal hote hao logo k una k jwab bhi diya jaye plz aur swal kaha pooshe jaye yeh bhi btaaa dijye
Explained in an amazing way thank you so much Swamiji Jai Ho _/\_
We must listen Osho directly.... and protect ourselves from all stupid explanations by Shashank and other such kind of Osho bussiness managers.
Sakha....Osho ki deshna ka matlab kya hai....kya hai unki deshna...
Thank you
Thank you very nice speech
Shashank kyun dukan mein dukan khool rahe ho?
I want to meet u
Aap ka ashram kha hea
Thanx,
नही नही ऐसा मत कहीए ये रूपांतरण नही है करके. अगर ध्यान करने से किसी का सेक्स कुछ समय के लिए ही रूक जाता होतो यह रूपांतरण है ही. सेक्स रूकने का( ऊस वक्त ही सही )मतलब सेक्स की कुछ शक्ति यां जो कि अराजकता पैदा करती है ऊनमेसे कुछ शक्तियां शरीर से बाहर गयी है. और बची-खुची इतर सेक्स की शक्तियां आपके अंदर मायूस होकर मौजूद हैं. ध्यान के बाद भलेही कुछ शक्तियां वापस शरीर मे प्रवेश करे मगर कुछ शक्तियां हमेशा-हमेशा के लिए ही बाहर हो जाती है. फिर फिर ध्यान करनेसे फिर फिर वापस आनेवाली सेक्स की शक्तियां कम-से-कम होती चली जाएगी. इनके रिप्लेसमेंट मे दैवी शक्तियां प्रवेश करती चली जायेगी. शरीर के अंदर हमेशा-हमेशा के लिए स्थिर होती जाएगी. जरूर जरूर एक वक्त आही जाता है के अध्यात्म का यह पथिक हमेशा-हमेशा के लिए सेक्स से मुक्त हो जाता है. सेक्स तबतकही कर सकते हो जबतक पथिक ने परमात्मा के सीमा मे पूर्ण रूप से प्रवेश अभी भी नही किया हो और वह भी नियोजनबद्ध एवं आध्यात्मको आगे बढाने के हिसाब से कम प्रमाणमे हो. एकबार परमात्मा के क्षेत्र मे प्रवेश हो गया तो सेक्स छूट जाता है या फिर तुम ही सहजता से ही सही या थोड़ी सी तकलीफमेही सही ऐसा-वैसा ही मगर सेक्स को छोड देते हो.
Nirmal Anand Imotional Gita I
very nice swamijiii
wah re wah bandar ki kahani haas haas ke pet ma dard ho raha hai