संत भगवान आपके चरणों में मेरा सादर प्रणाम आपकी अमृत रूपी वाणी के द्वारा राम रूपी कथा रस अमृत पान करके ह्रदय गदगद हो गया आपकी वाणी ने हमारी आत्मा को ठाकुर जी के चरणों में लाकर बिठा दिया जय जय राम कथा जय श्री राम कथा जय हो मेरे गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज की जय जुगल सरकार श्री सिया रामचंद्र भगवान की जय
जय श्री राम आप भक्तों के दिल में हमेशा रहोगे । आपने रामायण सीरियल मे जो योगदान दिया है हम सब कई जन्मों तक आपके आभारी रहेंगे। आपने संपूर्ण रामायण गीत के माध्यम से भी प्रस्तुत किया है हमने सुना है बहुत सुनकर बहुत अच्छा लगा। भगवान श्री राम की आप पर हमेशा बनी रहे श्री राम जी से यही विनती करता हूं । जय श्री राम
सर आपके सूर स्वर एंव रामायण कथा सुनकर मन खुशी से झुम पडता है भगवान के प्रति मेरे मन में आगाध प्रेम जाग उठता है दुनिया की सबसे ज्यादा खुशी रामायण महाभारत गीता के पाठ करने मुझे मिलता है । जय जय श्री राम जय हर हर महादेव
राम नाम सुखदाई होते हैं इस लिए बार बार राम महिमा सुनना ओर गाना चाहिए गन्योर सुनने से मनुष्य का कल्याण होता है गाने वाले कोटि कोटि धन्य बाद भगवान आप कोलोगो के कल्याण हमेशा गए रहे
dadushree ki bharpae koe nahi kar sakta,ek alag singing divine singing connect to autometic with the god...aapko sat sat naman aap sarir se hamare beech se chale gaye hai per atma se ham sab ke beech sadev rahege..
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मन मुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि । बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार । जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर, रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1) महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी, कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2) हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे, शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3) विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर, प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4) सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा, भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5) लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये, रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6) सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें, सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7) यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते, तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8) तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना, जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9) प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं, दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10) रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे, सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11) आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे, भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12) नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा, संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13) सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा, और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14) चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा, साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15) अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता, राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16) तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें, अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17) और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं, संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18) जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि, जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19) जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा, तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20) पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप, राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय । अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय, मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम
आपकी आवाज सबको मंत्रमुग्ध कर देती है आपके जैसे श्रेष्ठ बहुत युगो के बाद धरती पर अवतरित होते हैं धन है आपके माता-पिता जिन्होंने आप जैसे राम भक्तों को जन्म दिया जय श्री राम🌹🙏
आपकी आवाज में इतना अच्छा लगता है श्री राम के गीत की मैं आध्यात्मिक दुनिया में पहुंच जाता हूं!! लगता है दिन भर सुनता रहूं और इनको अपने कंठो में बिठा लूं और दिनभर गाता रहूं जय श्री राम..!!🙏🙏❤️❤️❤️
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मनमुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि । बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार । जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर, रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1) महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी, कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2) हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे, शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3) विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर, प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4) सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा, भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5) लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये, रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6) सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें, सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7) यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते, तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8) तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना, जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9) प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं, दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10) रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे, सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11) आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे, भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12) नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा, संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13) सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा, और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14) चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा, साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15) अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता, राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16) तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें, अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17) और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं, संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18) जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि, जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19) जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा, तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20) पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप, राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय । अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय, मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
आपकी मधुर वाणी प्रसंसा करते हैं और आप की मधुर वाणी सुन कर मेराम जन्म सफ़ल हुआ आप का दास आप को पणराम करता है मै आपको मै आपने गरू देव आप को मनता हूँ आपका पूत्र आप को परणाम प्रणाम करता हूँ सौरभ सूर्यवंश
क्या गाय हैं बहुत खूब बहुत खूब बहुत सुंदर दिल को छू जाने वाले राम भजन यह भजन मन करता है कि बार-बार सुने जय श्री राम दादा को प्रणाम कोटि कोटि प्रणाम जय श्री राम जय जय राम जय हो
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मनमुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि । बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार । जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर, रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1) महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी, कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2) हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे, शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3) विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर, प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4) सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा, भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5) लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये, रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6) सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें, सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7) यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते, तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8) तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना, जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9) प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं, दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10) रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे, सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11) आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे, भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12) नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा, संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13) सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा, और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14) चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा, साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15) अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता, राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16) तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें, अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17) और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं, संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18) जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि, जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19) जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा, तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20) पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप, राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय । अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय, मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
इस अमृततुल्य भजन को कोटि कोटि नमन श्री रवींद्र जी जैन को कोटि कोटि नमन आपके मुख से श्री राम कथा स्वयं कृपानिधान श्रीराम जी भगवान सुनते हे जय सिया राम जय श्री राम🚩🚩
रामायण का सहज गान करने के लिए कोटि-कोटि 🙏धन्यवाद🙏 अतः आप से सविनय निवेदन है कि आप महाभारत का भी ऐसे ही एक सहज गायन करे जिससे की समाज मे भक्ति और ज्ञान को बढ़ावा मिल सके जिससे की लोग सत्य पथ का अनुसरण कर सके 🙏धन्यवाद🙏
Ravindra ji apako sat sat Naman aapke bhajan gayan Se aisa mahasush hota hai jaise sakshat bhagawan birajmaan ho aap aur aapki maa ko Sat Sat asankh naman bhagawan aapaki bhakati sada banaye rakhe aapko anginat Ram Ram sitaram aap sat sat naman charan sparash lakahn lal
आप जैसा गीत संगीत गाने वाले प्रभु विरले में ही देते है, आप पर भगवान श्री राम जी की साक्षात कृपा है। आप पूर्वज के दिव्य शक्ति का अवतरण हुआ। है। जय श्री सीता राम 🙏🏼🚩
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मनमुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि । बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार । जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर, रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1) महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी, कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2) हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे, शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3) विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर, प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4) सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा, भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5) लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये, रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6) सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें, सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7) यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते, तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8) तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना, जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9) प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं, दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10) रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे, सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11) आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे, भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12) नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा, संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13) सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा, और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14) चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा, साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15) अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता, राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16) तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें, अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17) और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं, संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18) जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि, जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19) जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा, तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20) पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप, राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय । अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय, मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
हे रविन्द्र जी! आप अजर अमर है,भगवान क्षीर सागर बैकून्ठ पति ने आपको पुन: इस धरतीलोक पर प्रभु की कथा का गान करने हेतू भेज दिया होगा ।।।कलयुग शेष है अभी और कल्कि अवतार बाकी है ।।।।।
जिस प्रकार कृष्ण चरित्र गाने वाले भक्त कवियों में महात्मा सूरदास जी का स्थान सर्व श्रेष्ठ है उसी प्रकार रामचरित का गान करने श्री रवीन्द्र जैन का स्थान सर्व श्रेष्ठ है।। जय श्री राम।। संतोष कुमार
Aur Ram ji ne apko chuna ye divya katha jan jan ke hruday tak pahuchane ko....🙏Dhanya hain ap aur Dhanya shree Ram....ek bhakti parayan aur ek bhakt parayan...🌺🌺🙏
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम नारायण नारायण
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मनमुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि । बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार । जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर, रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1) महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी, कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2) हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे, शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3) विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर, प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4) सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा, भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5) लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये, रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6) सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें, सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7) यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते, तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8) तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना, जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9) प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं, दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10) रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे, सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11) आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे, भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12) नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा, संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13) सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा, और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14) चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा, साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15) अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता, राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16) तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें, अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17) और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं, संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18) जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि, जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19) जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा, तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20) पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप, राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय । अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय, मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
जै श्री राम🙏🙏🙏 आप जैशा न कोई गायन होगा रामायण का na Koi बनेगा आप जैशा rvindra जैन जी को मेरा चरण स्पर्श नमः jai sre 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏राम🙏🙏🙏 राम राम राम नाम बिना अधूरा है जीवन
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मन मुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि । बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार । जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर, रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1) महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी, कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2) हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे, शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3) विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर, प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4) सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा, भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5) लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये, रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6) सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें, सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7) यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते, तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8) तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना, जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9) प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं, दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10) रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे, सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11) आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे, भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12) नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा, संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13) सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा, और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14) चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा, साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15) अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता, राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16) तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें, अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17) और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं, संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18) जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि, जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19) जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा, तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20) पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप, राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय । अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय, मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
jai shree ram jai shree ram jai shree Ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram .....
जो सब पर कृपा करे उसे ईश्वर कहते है,
जो ईश्वर को भी जन्म दें उसे मां कहते है।
ऎसी माता जी को मेरा प्रणाम जिसने आप को जन्म दिया ( ravendra Jain)
👍👍
Dear Sir/Mam
Request you to kindly share MTD/ FTD ach on below 12 parameters on daily basis.
1. CASA Retail (lacs)
FTD
MTD
2. CASA NTB Retail (Lacs)
FTD
MTD
3. Ind RTD (lacs)
FTD
MTD
4. HV CASA NOA
FTD
MTD
5. Assets (lacs)
FTD
MTD
6. Axis Direct Subscription noa
FTD
MTD
7 .Mapped Book (lace)
FTD
MTD
8. Credit Cards
FTD
MTD
9. Merchant Acquiring
FTD
MTD
10. LI WPC (lacs)
FTD
MTD
11. GI WPC (Lacs)
FTD
MTD
12. Mutual Fund (Lacs)
FTD
MTDDear Sir/Mam
Request you to kindly share MTD/ FTD ach on below 12 parameters on daily basis.
1. CASA Retail (lacs)
FTD
MTD
2. CASA NTB Retail (Lacs)
FTD
MTD
3. Ind RTD (lacs)
FTD
MTD
4. HV CASA NOA
FTD
MTD
5. Assets (lacs)
FTD
MTD
6. Axis Direct Subscription noa
FTD
MTD
7 .Mapped Book (lace)
FTD
MTD
8. Credit Cards
FTD
MTD
9. Merchant Acquiring
FTD
MTD
10. LI WPC (lacs)
FTD
MTD
11. GI WPC (Lacs)
FTD
MTD
12. Mutual Fund (Lacs)
FTD
MTD
X
संत भगवान आपके चरणों में मेरा सादर प्रणाम आपकी अमृत रूपी वाणी के द्वारा राम रूपी कथा रस अमृत पान करके ह्रदय गदगद हो गया आपकी वाणी ने हमारी आत्मा को ठाकुर जी के चरणों में लाकर बिठा दिया जय जय राम कथा जय श्री राम कथा जय हो मेरे गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज की जय जुगल सरकार श्री सिया रामचंद्र भगवान की जय
L paan kabhi piya है
दादू की रचना और मीठी आवाज के हम तो पागल हो गए बार बार सुनते हैं फिर भी उत्सुकता और बढ़ ती जाती है अमर रहेंगे दादू के गीत सादर प्रणाम
🎉🎉o ooo999Qqo१
Kkkkkkkkkkkkkkkk qqq😊
Jay shree Ram
जय श्री राम
@@dattatrayakumbhar8298 m.
F
आज दिवाली के पर्व पर राम की नाम की महिमा सुनकर मन शांत और प्रसन्न हुआ आपकी आवाज अदभुत है गुरुजी प्रणाम आपको ❤️❤️
जय श्री राम आप भक्तों के दिल में हमेशा रहोगे । आपने रामायण सीरियल मे जो योगदान दिया है हम सब कई जन्मों तक आपके आभारी रहेंगे। आपने संपूर्ण रामायण गीत के माध्यम से भी प्रस्तुत किया है हमने सुना है बहुत सुनकर बहुत अच्छा लगा। भगवान श्री राम की आप पर हमेशा बनी रहे श्री राम जी से यही विनती करता हूं । जय श्री राम
अति सुन्दर प्रस्तुति। एक एक शब्द सत्य है। 10:53 जय जय सिया राम
मिट्टी में मिल गये वो " बादशाह " जिन्हें खुद पर गुमान था वो "पत्थर" भी नहीं डूबा जिस पर प्रभु श्री राम का नाम था।।
जय श्री राम✨💐♥️
Jay shree Ram Jai shree ram
@@gabbaryadav7662s
Jai shree Ram ⛳⛳
ये ईश्वर की देन नहीं तो क्या है न कभी एैसा हुआ न कभी एैसा होगा(साक्षात ईश्वर के ये अवतार है)
Beta kya tum bhi iswarke awtaar ho .sant raho warna ling muh me chala jaaiga
❤
Chhotu
सर आपके सूर स्वर एंव रामायण कथा सुनकर मन खुशी से झुम पडता है भगवान के प्रति मेरे मन में आगाध प्रेम जाग उठता है दुनिया की सबसे ज्यादा खुशी रामायण महाभारत गीता के पाठ करने मुझे मिलता है ।
जय जय श्री राम
जय हर हर महादेव
Jay shree ram jai hanuman
Jai shree Ram Ram ji
Ram katha ki tarah aap bhi mahan gayak hn Ravinder jain ji. You are legendary singer, may God bless you sir. 🙏🙏
राम नाम सुखदाई होते हैं इस लिए बार बार राम महिमा सुनना ओर गाना चाहिए गन्योर सुनने से मनुष्य का कल्याण होता है गाने वाले कोटि कोटि धन्य बाद भगवान आप कोलोगो के कल्याण हमेशा गए रहे
*आधुनिक भारत के सूरदास है रविंद्र जैन जी
अहो भाग्य जो में इन्हें सुन पाया* ।
dadushree ki bharpae koe nahi kar sakta,ek alag singing divine singing connect to autometic with the god...aapko sat sat naman aap sarir se hamare beech se chale gaye hai per atma se ham sab ke beech sadev rahege..
Apki aawaj se aesa lagta hai ki ram katha swayam mere hanumanji suna rahe ho
Jai siya ram
ramayan me hanuman jiko inhone hi awaz diya h
साक्षात माँ सरस्वती जैन साहब की वाणी पर विराजमान हो कर प्रभु के ये सब भजन गाये है
बोलो जय श्री राम
जय कारा विरबजरंगी
M
i hai 🎉e🎉 sir ne sir ki e es @@rambabukurmi2831
आपका भजन सुनकर हम धन्य हुए हैं हमे राम रतन धन प्राप्त हुआ जय सिया राम जय जय हनुमान।
सच्ची भजन सम्राट हैं आप आपकी वाणी और आपको साक्षात नमन
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मन मुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि ।
बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार ।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर,
रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1)
महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी,
कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2)
हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे,
शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3)
विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर,
प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4)
सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा,
भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5)
लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये,
रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6)
सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें,
सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7)
यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते,
तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8)
तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना,
जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9)
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं,
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10)
रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे,
सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11)
आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे,
भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12)
नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा,
संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13)
सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा,
और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14)
चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा,
साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15)
अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता,
राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16)
तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें,
अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17)
और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं,
संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18)
जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि,
जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19)
जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा,
तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20)
पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप,
राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय
उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय ।
अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय,
मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम
आपकी आवाज सबको मंत्रमुग्ध कर देती है आपके जैसे श्रेष्ठ बहुत युगो के बाद धरती पर अवतरित होते हैं धन है आपके माता-पिता जिन्होंने आप जैसे राम भक्तों को जन्म दिया जय श्री राम🌹🙏
धन नहीं "धन्य "है ध्यान दिजीए।।
नाम रूप में को बड़ा है आज भी प्रश्न यही खड़ा है
Jay shree Ram 🙏🙏🙏
उचित विचार है।
बहुत सुंदर, सुमधुर, कर्णप्रिय आवाज, भक्ति भाव भरी काव्यात्मक रामकथा हेतु श्री रवींद्र जैन का हार्दिक आभार।जय श्री सीताराम
बहुत दिनों से ढूंढ रहा था इस सुरीले गायक को आज मिल गया 🔥🔥🔥🔥👍🏻
Same ❤
सुन के मन को तस्सली मिलती है मुझे गर्व है अपने हिंदू धर्म पर jai shree 🚩 ram
Pp p tiyla bidia ump kase pta ni to get the
1%qqq
@@sunilrai9067 MATLAB
very nice
@@Straightfitt 9oooooo
Aap की aavaj amar है, jab भी naye generation ke log सुनेंगे, unhe shant pradaan karegi.
Jai shri ram
Kya likha hai teek se likh
आपकी आवाज में इतना अच्छा लगता है श्री राम के गीत की मैं आध्यात्मिक दुनिया में पहुंच जाता हूं!!
लगता है दिन भर सुनता रहूं और इनको अपने कंठो में बिठा लूं और दिनभर गाता रहूं जय श्री राम..!!🙏🙏❤️❤️❤️
रविंद्र जैन जी के चरणों में कोटि-कोटि नमन आप भी प्रभु श्रीराम से कम नहीं है आपकी आवाज सुन कर दिल शांत हो जाता है हमारे लिए आप भी युग मार्गदर्शक
Aap logo ki wajah se ajj hame yah ram kahani soonne ka moka mila is ke liye dhanywab
Tere baap ne kabhi नहीं sunaya tha
आपके चरणों मे बारम्बार नमन दादा🙏❤️
मैं तो निशब्द हो गया हूं दादू आपके मुख से श्री राम नाम वर्णन सुन के❤
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मनमुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि ।
बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार ।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर,
रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1)
महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी,
कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2)
हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे,
शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3)
विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर,
प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4)
सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा,
भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5)
लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये,
रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6)
सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें,
सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7)
यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते,
तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8)
तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना,
जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9)
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं,
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10)
रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे,
सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11)
आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे,
भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12)
नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा,
संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13)
सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा,
और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14)
चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा,
साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15)
अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता,
राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16)
तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें,
अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17)
और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं,
संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18)
जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि,
जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19)
जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा,
तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20)
पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप,
राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय
उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय ।
अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय,
मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
जय श्री राम, रविन्द्र जैन जी की आवाज़ में जो मिट्ठास है वो हमे जीवन में भक्ति का एक अलग ही आनंद देती
जय श्री राम जय हनुमान
Hari kripa se hi sambhab hai
Jay shree raam. Sat sat naman ravindra jain ji ko
😊😊😊
जय हो दिव्य रचना हुई है प्रभु की हृदय को भाव विभोर कर दिया है जय श्री हरि की वाह प्रभु क्या
आनंद है जय श्री राम 🚩🙏🚩
Jay shreemadram ji . Jo bhi ram ki sharan me aata he wahi param guni or gyani ho jata he . Aap bhi mahan ho gye Jain ji
Pujya daduji apke shri muk se bhajan sunkar lagti hey jese atma me sama gai.....Dhanya ho ap.Ap jese santji ke jarurat hey desh ko.....💐💟👣💟👣💟👣💟👣💟👣💟💐
Ram Naam say preeta mujhay mare guru or Ravindra Jain ne Kiya mara koti koti pranaam .aap pr ram ji ki sada kripa rahe
आपकी मधुर वाणी प्रसंसा करते हैं और आप की मधुर वाणी सुन कर मेराम जन्म सफ़ल हुआ
आप का दास आप को पणराम करता है मै आपको मै आपने गरू देव आप को मनता हूँ
आपका पूत्र आप को परणाम प्रणाम करता हूँ
सौरभ सूर्यवंश
क्या गाय हैं बहुत खूब बहुत खूब बहुत सुंदर दिल को छू जाने वाले राम भजन यह भजन मन करता है कि बार-बार सुने जय श्री राम दादा को प्रणाम कोटि कोटि प्रणाम जय श्री राम जय जय राम जय हो
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मनमुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि ।
बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार ।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर,
रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1)
महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी,
कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2)
हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे,
शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3)
विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर,
प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4)
सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा,
भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5)
लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये,
रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6)
सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें,
सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7)
यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते,
तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8)
तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना,
जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9)
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं,
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10)
रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे,
सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11)
आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे,
भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12)
नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा,
संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13)
सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा,
और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14)
चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा,
साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15)
अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता,
राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16)
तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें,
अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17)
और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं,
संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18)
जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि,
जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19)
जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा,
तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20)
पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप,
राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय
उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय ।
अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय,
मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
इस अमृततुल्य भजन को कोटि कोटि नमन श्री रवींद्र जी जैन को कोटि कोटि नमन आपके मुख से श्री राम कथा स्वयं कृपानिधान श्रीराम जी भगवान सुनते हे जय सिया राम जय श्री राम🚩🚩
रामायण का सहज गान करने के लिए कोटि-कोटि 🙏धन्यवाद🙏
अतः आप से सविनय निवेदन है कि आप महाभारत का भी ऐसे ही एक सहज गायन करे जिससे की समाज मे भक्ति और ज्ञान को बढ़ावा मिल सके जिससे की लोग सत्य पथ का अनुसरण कर सके 🙏धन्यवाद🙏
Ravindra ji apako sat sat Naman aapke bhajan gayan Se aisa mahasush hota hai jaise sakshat bhagawan birajmaan ho aap aur aapki maa ko Sat Sat asankh naman bhagawan aapaki bhakati sada banaye rakhe aapko anginat Ram Ram sitaram aap sat sat naman charan sparash lakahn lal
Jay Shri Ram ji Jay Shri Ravindra Baba ji ki Jay 🙏🙏🙏🙏🙏
आप जैसा गीत संगीत गाने वाले प्रभु विरले में ही देते है, आप पर भगवान श्री राम जी की साक्षात कृपा है।
आप पूर्वज के दिव्य शक्ति का अवतरण हुआ। है।
जय श्री सीता राम 🙏🏼🚩
जय श्री राम बहुत ही अच्छी आवाज है रविंद्र जी राम आप पर कृपा करें
आपके गाने मे कोई कुछ अलग ही बात है भक्तिमय मन हो जाता है
आपके द्वारा गाय की रामायण कानों में ऐसा रसगुल्ला है की सुनते सुनते मन नहीं भरता, जय श्री राम 🙏🌹💐🌸
दिल को छू लेने वाला भजन श्री राम कथा राम राम जी
आप एक महान आत्मा हर बंद जाना हम आपका सादर नमन करते हैं जय श्री राम
यदि नाम की महिमा इतनी बड़ी है तो जिन्हे साक्षात भक्तवत्सल के दर्शन हुए थे उनको कितना पुण्य मिला होगा ये किसी भी प्रकार से वर्णित करना असंभव है।
भगवान के प्रतिनिधि श्री रविन्द्र जी जैन को नमन
Jay. Shiree. 🙏Ram🙏🚩🙏. Jay. Sitaptey. Ki
आप को बहुत बहुत धन्यवाद जो आप ने राम राम का संकीदन
मुझे संगीत बहुत पसंद
Wow inki awaj seede dil ko touch krti h ......mai kafi din se inhe search kr rhi thi
जय श्री राम बहुत ही सुंदर भजन है
अमेजिंग गाते रविन्द्र जैन मन को शांति मिलता हैं इनका आवाज़ सुन कर
हमारे प्रिय संगीत वाद्य हमारे गायक कार रविंद्र जैन जी को सादर प्रणाम 🙏🙏
तेरी........m. ... .k. c......
हे कलयुग के अवतारी पुरुष दादू आप कलयुग के तुलसीदास जी हैं जयश्री राम सत सत नमन धन्यवाद आर जे गुर्प
Ravindra Jain ji ap bahut mahan h ? AP bhi ek bhgwan jysa ek avatar h & bahut sundar awaj hai
आप कलीकाल में भी अपनी मधुर वाणी में राम काज कर रहें हैं राम कृपा आप पर अदभुत हैं जय जय श्री राम🙏🚩
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मनमुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि ।
बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार ।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर,
रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1)
महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी,
कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2)
हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे,
शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3)
विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर,
प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4)
सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा,
भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5)
लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये,
रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6)
सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें,
सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7)
यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते,
तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8)
तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना,
जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9)
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं,
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10)
रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे,
सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11)
आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे,
भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12)
नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा,
संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13)
सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा,
और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14)
चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा,
साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15)
अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता,
राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16)
तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें,
अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17)
और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं,
संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18)
जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि,
जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19)
जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा,
तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20)
पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप,
राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय
उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय ।
अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय,
मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
हे रविन्द्र जी! आप अजर अमर है,भगवान क्षीर सागर बैकून्ठ पति ने आपको पुन: इस धरतीलोक पर प्रभु की कथा का गान करने हेतू भेज दिया होगा ।।।कलयुग शेष है अभी और कल्कि अवतार बाकी है ।।।।।
Issue achha singer to Maine sapne me bhi Nahi Dekha tha Mai Apka bahut t Bada bhakti hun Ravindra Jain Ji Jai Shree ram. Har Har mahadev
जय श्री राम🙏🚩
जय श्री राम भक्त हनुमान जी महाराज की जय🙏🚩
श्री रविन्द्र जैन जी आप सदा अमर रहे🙏🚩
Shri Ram-katha ki trha hi aapji ki,ye amrit-vaani es jhaan m Amar ujala laayegi,aapke Shri charno me koti koti naman h ji, Jai Shri Ram ❤❤❤❤❤
जिस प्रकार कृष्ण चरित्र गाने वाले भक्त कवियों में महात्मा सूरदास जी का स्थान सर्व श्रेष्ठ है उसी प्रकार रामचरित का गान करने श्री रवीन्द्र जैन का स्थान सर्व श्रेष्ठ है।। जय श्री राम।। संतोष कुमार
Jai shree ram
SANTOSH GUPTA जे म्धथछ
bilkul sahi bath boli h sir ji aap ne ravindra jain ji ki aawaj me ramayan sunthei h tho lahtha h ek bar or ek bar or sunthei h
Jay Shri Ram.....💐👣💐👣💐💟💟💟💐👣💐👣💐
@@maheshkhinchi6988 sahi khaa aapne
मेरे राम जैसा दूसरा कोई नही 💖💖 जय सियाराम 💖💖
रविन्द्र जी जैन आप साक्छात ईश्वर के परम भक्त हो
श्री सीताराम सरकार की जय हो जय हो रविंद्र जी की जय हो जो इतनी भागवत प्रेमी यह बोल छवि राम जी की दर्शाई गाना के माध्यम से ह्रदय से आभार राम राम जी
अद्भुत , कथा पात्र कवीराम
रामचरित मानस को प्रणाम
संत कबीर दास जी महाराज जैसे रविन्द्र जैन जी को नमन करते हैं धन्यवाद
Rajendra saraf ap ko sadar pradam karata hu
Ravindra jain ji ko bahut bahut dhanyavaad ki unho ne ye bhajan itni shraddha aur sumaddhur awaz me kiya. Nobody can match him
Shree Rama charitra ko Namaska🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🙏🙏🙏🙏Siyaram Katha sunker Mann bhave mayur ho gyaaaa ..
जय हो बाबा Ravindra jain जी की
Jai shree ram sab par apni kripa banay rakhiye mere ram🙏🙏
इक चाहत है मेरी राम 💖 तुम्हारी चाहत में मिट जाने की 💖💖 जय सियाराम 💖💖
Kisi kisi ki awaj me hi bhakti hoti hai, wese hi inki awaj h, jyese bas bhajan ke liye hi hai inki awaj. Jai sri ram🙏
जय श्रीराम, जय श्रीराम, जय श्रीराम
अद्भूत, आपको कोटि कोटि नमन।
The real healing voice and the powerful healing name of prabhu shree ram
Jajaseriram
Bho.............
कोटि कोटि प्रणाम भगवान स्वरूप श्री रविंद्र जी जैन महाराज का जय हो प्रभु जय श्री राम
1111
Jai shree ram Jai Jai Siya ram Apke Charno me to Swarg hai Ravindra Jain Maharaj
I am proud of my hindu religion.... 🙏Jai shree ram jai hanuman ji
जिस गीत को भी आपने आवाज दिया ओ अमर हो गए।
Amar ho gye aap
Amazing voice
सत्य वचन
O*
सत सत नमन। आपकी आवाज वाह क्या कहना मन प्रफुलित हो जाता है। जय श्रीरामजी।
जय श्री राम 🥰 बहुत-बहुत धन्यवाद आपका रविन्द्र जैन जी 😊❤
Aur Ram ji ne apko chuna ye divya katha jan jan ke hruday tak pahuchane ko....🙏Dhanya hain ap aur Dhanya shree Ram....ek bhakti parayan aur ek bhakt parayan...🌺🌺🙏
JAI SIYARAM❤️🙏
JAI SHREE LAXMAN❤️🙏
JAI SHREE HANUMAN❤️🙏
आप जैसे महामानव को सादर नमन 🙏🙏
जय सियाराम🤝🍊जय श्री राम🤝🍊🍎
राम की कथा सुनाने के लिए आपको कोटि-कोटि धन्यवाद जय श्री राम जय श्री कृष्णा राधे राधे आप धन्य हो
Jai sitaram
सादर प्रणाम रविन्द्र जी राम कथा सुनाने के लिये
नमो राघवाय🙏🙏💐💐 जय श्री सीता राम👏👏👏👏👌👌👌👌
सुनकर मन खुसी से भर गया जय बालाजी महाराज 🙏🙏🙏
श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम,श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम,श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम,श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम,श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम,श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम,श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम,श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम,श्री,राम,जय,राम,जय,जय,राम,श्री,राम,जय,राम,जय,जय,राम,श्री,राम,जय,राम,जय,जय,राम,श्री,राम,जय,राम,जय,जय,राम,श्री,राम,जय,राम,जय,जय,राम,श्री,राम,जय,राम,जय,जय,राम ,श्री,राम,जय,राम,जय,जय,राम,श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम,श्रीराम,जय,राम,जय,जय,राम
श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम
Aapki bi
JAI 🙏 Ho shiree 🙏
Ravindr jen ji
Aapko bi koti koti pranam 🙏🙏 Bhagwan Aapko sukhi rakhe
Verry verry Nice 👌 song 👌🏻🙏✅✅🙏🙏🙏🙏
Apke shri charon me koti koti pranam.Jay Shri Ram......💐👣💐👣💐👣💐
🙏🌹❤️🌿🔱🕉️ जय सियाराम जय जय सियाराम भज मन गोविंद भज मन राम गंगा तुलसी शालीग्राम जय राधे कृष्ण🙏🌹❤️🌿🔱🕉️
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम नारायण नारायण
Kash is yug me ye vaps aaye or ese hi ramayan ki mhima sunaye
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मनमुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि ।
बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार ।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर,
रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1)
महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी,
कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2)
हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे,
शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3)
विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर,
प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4)
सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा,
भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5)
लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये,
रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6)
सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें,
सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7)
यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते,
तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8)
तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना,
जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9)
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं,
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10)
रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे,
सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11)
आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे,
भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12)
नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा,
संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13)
सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा,
और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14)
चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा,
साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15)
अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता,
राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16)
तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें,
अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17)
और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं,
संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18)
जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि,
जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19)
जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा,
तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20)
पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप,
राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय
उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय ।
अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय,
मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
जै श्री राम🙏🙏🙏 आप जैशा न कोई गायन होगा रामायण का na Koi बनेगा आप जैशा rvindra जैन जी को मेरा चरण स्पर्श नमः jai sre 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏राम🙏🙏🙏 राम राम राम नाम बिना अधूरा है जीवन
जै🌹🌹 श्री राम🌹🌹🌹 🙏🙏🙏🙏🙏
श्री गुरू चरण सरोज रज, निज मन मुकुरि सुधारि, बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि ।
बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवन कुमार, बल बुद्धि विदद्या देहु, हरहु कलेश विकार ।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर,
रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1)
महावीर विक्रम बजरंगी कुमति निवारि सुमति के संगी,
कंचन बरन विराज सुवेशा, कानन कुंडलि कुंचित केशा । (2)
हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेउ साजे,
शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजग वंदन । (3)
विदद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर,
प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया । (4)
सूक्ष्म रूप सिंअहि दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा,
भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5)
लाये संजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये,
रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई । (6)
सहस बदन तुमरो जस गावे, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें,
सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नारद शारद सहित अहीसा । (7)
यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहीं सके तहां ते,
तुम उपकारि सुग्रीवहिं कीन्हा, राममिलाय राज पद दीन्हा । (8)
तुमरो मंत्र विभषण माना, लंकेश्वर भये सब जगजाना,
जुग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यों ताहिं मधुर फल जानू । (9)
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं,
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10)
रामदुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे,
सबसुख लहें तुमारि शरणा, तुम रक्ष काहु को डर ना । (11)
आपन तेज संभारो आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे,
भूत पिशाच निकट नहिं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12)
नासे रोग हरे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा,
संकट से हनुमान छुडावें, मन क्रम वचन ध्यान जो लावे । (13)
सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा,
और मनोरथ जो कोई लावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14)
चारों जुग प्रताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा,
साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन रामदुलारे । (15)
अष्टसिद्धि नव निधि के दाता, असवर दीन जानकी माता,
राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुवर के दासा । (16)
तुमरे भजन राम खो पावें, जनम जनम के दुख बिसरावें,
अंतकाल रघुवर पुरजाई, जहां जन्म हरिभक्ति कहाई । (17)
और देवता चित्त न धरहिं, हनुमत सेई सर्वसुख करहिं,
संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमरे हनुमत बलवीरा । (18)
जय जय हनुमंत गुसाई, कृपा करो गुरूदेव की नाहि,
जो शतबार पाठ करकोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19)
जो यह पढे हनुमान चालीसा, होये सिद्ध साखि गोरीसा,
तुलसीदास सदा हरिचेरा, कीजे नाथ हृदयमंह डेरा । (20)
पवनतनय संकट हरण मंगल मूरति रूप,
राम लखन सीता सहित हृदय बसहुं सुय भूप । सियावर रामचन्द्र जी की जय
उमापति महादेव जी की जय, गुसाईं तुलसीदास जी की जय, बोलो भाई सब संतन की जय ।
अंबेमात की जय, चण्डीमाई की जय, सिद्धबाबा महराज की जय, भूतेश्वर धाम की जय,
मददी वाले हनुमान जी की जय, दक्षिण मुखी हनुमान जी की जय, पंचमुखी हनुमान जी की जय ।
jai shree ram jai shree ram jai shree Ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram jai shree ram .....
Ko
Bhos......ki... ..aage bhi to bol
रविन्द्र जैन जी आप को कोटि कोटि प्रणाम ।मैं आप की यह कथा सुबह मंदिर में लगाया करता हूं
great................ salute to Great legend Ravindra Jain
Can you take my l
राम राम जय राजा राम🙏 राम राम जय सीता राम🙏
सोचने लगे ये आँगूठी उनकी है
जीत नहीं सकता उनसे कोई तृभुवन में
अगर किसी को यह लाइन मेले तो बता देने
जय सिया राम 🚩
जय श्री राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
राम रामाय रामाय रमे राम मनोरमे सहस्र नाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने॥
Prabhuji app Bhagwan Ramji ke nagar se aye hai so app aur app ki madhur vani ko sat sat pranam jai shriram
अमर वाणी , रविन्द्र जैन जी आप भी अवतारी मानव हैं, जब तक मानव का अस्तित्व है तब तक मानव आप की वाणी का रसपान करता रहेगा ।
।। जय सिया राम ।।