Mayawati के साथ प्रकाश अंबेडकर भी BJP के साथी, महाराष्ट्र में क्या किया खेला | Politics
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- Опубліковано 25 вер 2024
- #mayawati #prakashambedkar #maharashtra #bjp
महाराष्ट्र में प्रकाश अंबेडकर बीजेपी के किस तरह से सहयोगी बने देखिए उद्भव ठाकरे कांग्रेस को हरवा दी छह सीट मायावती यूपी बिहार में नीतीश और महाराष्ट्र में प्रकाश अंबेडकर बने बीजेपी के सहयोगी
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बहन जी आगे बढ़ो हम तुम्हारे साथ हैं
4 p.m. ko America , China and Russia ka editor banana chahiye .......
This 4 p.m. is having super knowledge. 4 p.m. should be send on sun to observe is there any chance for world to make abode like earth .Because this 4.p.m. is no 1 intelligent man on entire earth
कांग्रेस और बीजेपीदोनों एक ही हैं कांग्रेस बीजेपी की भी टीम है और बीजेपी कांग्रेस की भी टीम है दोनों एक दूसरे की पूरक परिया हैं
हम महाराष्ट्र के अंदर सिर्फ आदरणीय ॲड.प्रकाश आंबेडकर सहाब के साथ ही थे साथ ही रहेंगे.
जब कांग्रेस व इंडिया गठबंधन । बासपा व दलितों की राजनीति खत्म करना चहाती हैं । तो बासपा व दलितों की जितनी भी पार्टी हैं। उन्हें बीजेपी व NDA से गठबंधन करके । बी टीम बताने वालो को धूल चटानी चाहिए
😂😂😂😂😂😂😂
मायावती खुद अपनी पार्टी की बलि दे चुकी है सत्ता धारी पार्टी के खिलाफ बोलने से जनाधार बढ़ता है मायावती के भतीजा ने भाजपा को आतंकी पार्टी कह दिया तो मायावती ने अपने भतीजा को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया। India गठबन्धन में मिल जाती तो 2019 की तरह 10-12 सीट जीत जाती
Congress ने SC ST के बहुत गरीब लोगों को टिकट दी है उनमे से कुछ सांसद भी बन गये भरतपुर से संज ना जाटव है 25 साल 10 महिना उम्र हैं पति पुलिस में कांस्टेबल है
Jisko kisi ke chunaav ladne se haarne ka dar hai use chunaav nahin ladna chahiye BAHAN JI & PRAKASH AMBEDKAR jindabad
प्रकाश जी और मायावती जी 2029 में आएंगे जी पूरी जनमत से
इनकी जमानत जब्त हो जायेगी।
बीजेपी ही आएगी क्योंकि bsp खुद आयेगी नही और को आने नही देगी
Dono ka satya nash ho jaayega
लोकतांत्रिक देश में सभी लोगों को चुनाव लड़ने का किसी भी राजनीति दल से अथवा निर्दली पूरा अधिकार है,एक लोकसभा में कम से कम 15 से 20 लोग चुनाव लड़ते हैं, जिस कांग्रेस का इन्होने ठेका ले रखा है वही दिल्ली हिमाचल प्रदेश मध्य प्रदेश उत्तराखंड समेत देश के 12 राज्यों में शून्य सीटों पर अटक गई है ,इनको शून्य ,,सीटों की पहली समीक्षा करनी चाहिए जो कि यह नहीं कर रहे हैं,,
लगता है ये भी दलाल मीडिया है इसलिए इन जगहों का समीक्षा नहीं करेंगे।
बहन कुमारी मायावती जी जिंदाबाद बीएसपी जिंदाबाद जय भीम
जय भीम जय भारत
बीजेपी और कॉंग्रेस दोनों इक ही पार्टी है
क्या मायावती को और ओवैसी को चुनाव नही लड़ना चाहिए,
इसके बारे में कांग्रेस और इंडिया गठबंधन को सोचना चाहिए।
साथियो जय मूलनिवासी
राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन के लिए बामसेफ, भारत मुक्ती मोर्चा से जुडे
अगर बहनजी और प्रकाश आंबेडकरजी मे इतनी ताकत है तो फिर इंडिया गठबंधन ने इनकी ताकत का सही इस्तेमाल क्यों नही किया ? युपी मे अगर सपा और कांग्रेस ना लडते तो बसपा 60 सिटे आसानी जीतते यह बात आप क्यो नही कहते जनाब ?
❤❤❤❤sahi kaha bhai
Agree 💯
बहन जी आगे बढ़ो
पंजाब में केजरीवाल और काँग्रेस इंडिया गठबंधन में होने के बावजूद सभी सीटों पर एक दूसरे के खिलाफ लड़े।
ममता बैनर्जी भी बंगाल में कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ी। क्यों????
वहाँ BJP रेस से बाहर थी
AAP ko samjhnaa bht mushkil
बीजेपी बंगाल 10 सीट है बेटा@@laxminarayanchaudhary5307
ईसलिए तकि अपोझिशन के वोट भी इंडिया गठबंधन को मिले,और अगर ये साथ में लडते तो बिजेपी जादा सिट जितने कि संभावना थी
Prakash ambedkar mayavati ne BJP ke sath jana chahiye
बिलकुल सही कहा रहे आप.....
लड़ना था तो दमखम से लड़ते। लेकिन नहीं। न जीतेंगे न जीतने देंगे।
ये पैसे पर बिकने वाले लोग हैं
संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में खतरे में था क्योंकि महाराष्ट्र में प्रकाश राव अंबेडकर थे और उत्तर प्रदेश में बहनजी थीं ।
बाकी मध्य प्रदेश में संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 29/29 जीत लेती है।
बिहार में संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां एनडीए 30/40 जीत लेता है।
उत्तराखंड में भी संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 5/5 जीत लेती है।
दिल्ली में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 7/7 जीत लेती है ।
छत्तीसगढ़ में भी संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां भाजपा 10/11 जीत लेती है ।
उड़ीसा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 20/21 जीत लेती है ।
अरुणाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 2/2 जीत लेती है ।
आंध्र प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां एनडीए 21/25 जीत लेता है ।
असम में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 10/14 जीत लेती है ।
गुजरात में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 25/26 जीत लेती है ।
हिमाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 4/4 जीत लेती है ।
झारखंड में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/14 जीत लेती है ।
कर्नाटक में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 17/28 और एनडीए ने 19/28 जीत ली ।
राजस्थान में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 14/25 जीत गई ।
तेलंगाना में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/17 जीत लेती है। कांग्रेस ने भी इतनी ही जीती थी।
त्रिपुरा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 2/2 जीत ली ।
इस प्रकार सिद्ध होता है कि संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में ही खतरे में था क्योंकि ये लोग यहां पर स्वतंत्र दलित राजनीति को खत्म करना चाहते थे और उनका संविधान का मुद्दा इन्ही दोनों राज्यों तक सीमित था । बाकी देश ने इस मुद्दे को बुरी तरह नकार दिया था। चुल्ल दलितों को ही लगी थी बस ।
इंडिया गठबंधन का बड़ा फैसला ।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों तक किया अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन का एलान ।
धरने प्रदर्शन की बड़ी वजह आई सामने ।
सुप्रिया श्रीनेत ने बताया चूंकि बीएसपी, वंचित बहुजन अघाड़ी और एआईएमआईएम के कारण इंडिया गठबंधन चुनाव नही जीत पाता इसलिए चुनाव आयोग से करेगा इनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग ।
उन्होंने आगे बताया कि अगर चुनाव आयोग इनके चुनाव लड़ने पर रोक नही लगाता है तो कांग्रेस इसको संयुक्त राष्ट्र संघ ले जाएगी तथा संयुक्त राष्ट्र संघ से अपील करेगी कि इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों के अलावा सभी दलों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का आदेश भारत निर्वाचन आयोग को दे ।
अगर भारत निर्वाचन आयोग ऐसा नहीं करता है तो भारत पर आर्थिक, व्यापारिक एवं सामरिक प्रतिबंध लगा दिए जाएं ।
सपा एवं शिवसेना सहित तमाम दलों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है और धरने प्रदर्शन में शामिल होने पर सहमति जताई है।
BSP JINDABAD Prakash Ambedkar ji jindabad
कांग्रेस ने सही तरीके से ना बहन जी को और ना प्रकाश आंबेडकर को से बात की उनको लग रहा था की हवा हवाई में हम जीत जाएंगे
Karte kya Saudebazi kar rahe the fifty percent seats thali me paros dete kya Majubran akale lade B S pVote katua party nani
Mayawathi ambedkar naam ke he
Maharashtra Mayavati aur Prakash Ambedkar ka gatbandhan होना चाहिये अभी Maharashtra me vidhansabha ke chunav hai.
चंद्रशेखर को इंडिया गठबंधन में क्यों नहीं लिया गया क्या वह भी बीजेपी की B टीम थी बात यह है कि कांग्रेस कभी भी किसी भी दलित नेता को इंडिपेंडेंस पसंद नहीं करते
Right
Only Prakash Ambedkar Saheb ❤❤❤
यथार्थ आधारित विवेचना, एक दिन पिछाड़ी और Minority को साथ होना है
Bahut behtar bat hai
Great analysis dear
Kaika analysis, inn ko kuch akal hai nahi kuch bhi bakwass karne aa jate. India mai kya 2 party system hai jo pappu ko bachane ke liye dusre communities ke log chunav ladna chod de. Jisko pappu ke yaha dari bichani hai bichaye hamko kyu apni bakwass salla dere ho.
The Bharat Show dekho ek baar
इंडिया गठबंधन का बड़ा फैसला ।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों तक किया अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन का एलान ।
धरने प्रदर्शन की बड़ी वजह आई सामने ।
सुप्रिया श्रीनेत ने बताया चूंकि बीएसपी, वंचित बहुजन अघाड़ी और एआईएमआईएम के कारण इंडिया गठबंधन चुनाव नही जीत पाता इसलिए चुनाव आयोग से करेगा इनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग ।
उन्होंने आगे बताया कि अगर चुनाव आयोग इनके चुनाव लड़ने पर रोक नही लगाता है तो कांग्रेस इसको संयुक्त राष्ट्र संघ ले जाएगी तथा संयुक्त राष्ट्र संघ से अपील करेगी कि इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों के अलावा सभी दलों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का आदेश भारत निर्वाचन आयोग को दे ।
अगर भारत निर्वाचन आयोग ऐसा नहीं करता है तो भारत पर आर्थिक, व्यापारिक एवं सामरिक प्रतिबंध लगा दिए जाएं ।
सपा एवं शिवसेना सहित तमाम दलों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है और धरने प्रदर्शन में शामिल होने पर सहमति जताई है।
Really U R telling truth & fact Rashid Zaheer Saheb
Great man and great patrakar
इंडिया गठबंधन का बड़ा फैसला ।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों तक किया अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन का एलान ।
धरने प्रदर्शन की बड़ी वजह आई सामने ।
सुप्रिया श्रीनेत ने बताया चूंकि बीएसपी, वंचित बहुजन अघाड़ी और एआईएमआईएम के कारण इंडिया गठबंधन चुनाव नही जीत पाता इसलिए चुनाव आयोग से करेगा इनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग ।
उन्होंने आगे बताया कि अगर चुनाव आयोग इनके चुनाव लड़ने पर रोक नही लगाता है तो कांग्रेस इसको संयुक्त राष्ट्र संघ ले जाएगी तथा संयुक्त राष्ट्र संघ से अपील करेगी कि इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों के अलावा सभी दलों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का आदेश भारत निर्वाचन आयोग को दे ।
अगर भारत निर्वाचन आयोग ऐसा नहीं करता है तो भारत पर आर्थिक, व्यापारिक एवं सामरिक प्रतिबंध लगा दिए जाएं ।
सपा एवं शिवसेना सहित तमाम दलों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है और धरने प्रदर्शन में शामिल होने पर सहमति जताई है।
काँग्रेस का..दलाल पत्राकर.. जातीवादी मनुवादी मानसिकता का.. पत्रकार उसे ग्रेट बोलते हो.. इससे पता चलता हैं आप कितने ग्रेट हो😂😂
कांशीराम जिंदाबाद कुमारी मायावती जी जिंदाबाद आकाश आनंद जिंदाबाद बहुजन समाज पार्टी जिंदाबाद
सही से चुनाव और मतगणना हो भाजपा को 10 सीटें जीतना मुश्किल हो जायेगा यह चुनाव आयोग की देन है भाजपा सत्ता में है
मीडिया और चुनाव आयोग
Sahi Baat hai
दलित दलित से ही घिन करता
इंडिया गठबंधन का बड़ा फैसला ।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों तक किया अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन का एलान ।
धरने प्रदर्शन की बड़ी वजह आई सामने ।
सुप्रिया श्रीनेत ने बताया चूंकि बीएसपी, वंचित बहुजन अघाड़ी और एआईएमआईएम के कारण इंडिया गठबंधन चुनाव नही जीत पाता इसलिए चुनाव आयोग से करेगा इनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग ।
उन्होंने आगे बताया कि अगर चुनाव आयोग इनके चुनाव लड़ने पर रोक नही लगाता है तो कांग्रेस इसको संयुक्त राष्ट्र संघ ले जाएगी तथा संयुक्त राष्ट्र संघ से अपील करेगी कि इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों के अलावा सभी दलों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का आदेश भारत निर्वाचन आयोग को दे ।
अगर भारत निर्वाचन आयोग ऐसा नहीं करता है तो भारत पर आर्थिक, व्यापारिक एवं सामरिक प्रतिबंध लगा दिए जाएं ।
सपा एवं शिवसेना सहित तमाम दलों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है और धरने प्रदर्शन में शामिल होने पर सहमति जताई है।
जय भीम जय संविधान जय भारत जय बसपा
Very nice sir Thanks
Thanks
अरे पत्रकार भाई india गठबंधन दलितों की पार्टियों को क्यों नही गठबंधन में मिलाया से कौन बताएगा? आप लोग लाल बुझक्कड हो सब जानते हो बताओ असल स्वार्थी क्या ये सवर्ण पार्टियां नही है?
Baat to sahi he...
जय भीम जय संविधान नमो बुद्धाय नमो गुरुवे
यह सत्य प्रतीत होता है । प्रकाश अंबेडकर खुद अपना सीट भी नहीं जीत पाए लेकिन इंडिया गठबंधन को नुकसान तो कर दिया ।
उन्हें अंबेडकर जी के सिद्धांतो को बचाए रखना है तो इंडिया गठबंधन के साथ बिना टफ कंडीशन के शामिल होना चाहिए ।
खुशी होती अगर वो इंडिया के साझा उम्मीदवार होते और आज संसद में देखे जाते ।
Abe jb congress ke sath gathbandhan me the tb unki jitne ki lid kitni thi iski jankari nikal akola me congress ke voter kaise kya bjp ke trf mud jate hai ...baba sahab ko harani wali congress hi thi or aaj bhi Bala sahab ko harane wali congress hi hai
Kon Kon 2024me rahul Gandhi Ko pm dekhna chahte hain 😊
Koi nahi dekhna chahta us pappu ko.
Brahmi parties cong aur BJ ko kewal bahujan virodhi hi jitana chahte he. Ravish Kumar Pandey jese patrakar bhi apni jaati ko hi aage badhane me lage rahte he
Bhok me 😡😡😡😡😡😡😡 only prakash ambedkar
Rahul Gandhi p m banege
Sapna Sapna hi Rah gaya 😜😜😜
Continue your mission.
ये प्रकाश आंबेडकर साहब का काम ही है, एसलीये इंनोने ठाकरेसे 14 सीट की डिमांड कर रहे थे
भारत के संविधान का मूल ढांचा नही बदल सकता है
48 seat मांगी होंगी
14 तो आप गलत बता रहे हो
खुद 21 सिट लढी ऑर 11 सिट हारे
😂😂JO.EK.SIT.NAHI.ZITSAKTA.WO.14.SIT.MANGE.TO.KUN.DEGA
@@bilalshaikh4133 कोंसे new channel मे देखा seat बोले ऐसा हे तो तू लडके दिखा
Right sir 100%
मेरा समर्थन चंद्रशेखर रावण को और मायावती की असलियत पर और वीडियो डालें लोगों को उनकी असलियत समझाइए जाए
इंडिया गठबंधन का बड़ा फैसला ।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों तक किया अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन का एलान ।
धरने प्रदर्शन की बड़ी वजह आई सामने ।
सुप्रिया श्रीनेत ने बताया चूंकि बीएसपी, वंचित बहुजन अघाड़ी और एआईएमआईएम के कारण इंडिया गठबंधन चुनाव नही जीत पाता इसलिए चुनाव आयोग से करेगा इनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग ।
उन्होंने आगे बताया कि अगर चुनाव आयोग इनके चुनाव लड़ने पर रोक नही लगाता है तो कांग्रेस इसको संयुक्त राष्ट्र संघ ले जाएगी तथा संयुक्त राष्ट्र संघ से अपील करेगी कि इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों के अलावा सभी दलों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का आदेश भारत निर्वाचन आयोग को दे ।
अगर भारत निर्वाचन आयोग ऐसा नहीं करता है तो भारत पर आर्थिक, व्यापारिक एवं सामरिक प्रतिबंध लगा दिए जाएं ।
सपा एवं शिवसेना सहित तमाम दलों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है और धरने प्रदर्शन में शामिल होने पर सहमति जताई है।
चंद्रशेखर आजाद पुराना भाजपाई है आरएसएस का नेता है यह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का छात्र नेता रहा है भाजपा में छात्र राजनीति की शुरुआत भाजपा से की उसके बाद समाजवादी पार्टी में कार्यकर्ता बनकर काम किया है
मायावती जी जिंदाबाद
विश्लेषण शानदार
@thebharatshow dekh lo vaham nikal jayega
आप हमेशा अपनी औलाद को भी अपणा पेट भरणे के लिए किसी को भी गुलाम बना सकते हो🙏ग्रेट
जय भीम जय बहनजी मायावतीजीं
आपकी जो जो पार्टी इंडिया गठबंधन में है उसकी सीट हर चुनाव में बढ़ेंगे देश की जनता उनको बहुत आगे ले जाएगी और नीतीश कुमार मायावती इन सब को जनता खत्म कर देगी
संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में खतरे में था क्योंकि महाराष्ट्र में प्रकाश राव अंबेडकर थे और उत्तर प्रदेश में बहनजी थीं ।
बाकी मध्य प्रदेश में संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 29/29 जीत लेती है।
बिहार में संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां एनडीए 30/40 जीत लेता है।
उत्तराखंड में भी संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 5/5 जीत लेती है।
दिल्ली में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 7/7 जीत लेती है ।
छत्तीसगढ़ में भी संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां भाजपा 10/11 जीत लेती है ।
उड़ीसा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 20/21 जीत लेती है ।
अरुणाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 2/2 जीत लेती है ।
आंध्र प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां एनडीए 21/25 जीत लेता है ।
असम में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 10/14 जीत लेती है ।
गुजरात में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 25/26 जीत लेती है ।
हिमाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 4/4 जीत लेती है ।
झारखंड में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/14 जीत लेती है ।
कर्नाटक में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 17/28 और एनडीए ने 19/28 जीत ली ।
राजस्थान में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 14/25 जीत गई ।
तेलंगाना में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/17 जीत लेती है। कांग्रेस ने भी इतनी ही जीती थी।
त्रिपुरा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 2/2 जीत ली ।
इस प्रकार सिद्ध होता है कि संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में ही खतरे में था क्योंकि ये लोग यहां पर स्वतंत्र दलित राजनीति को खत्म करना चाहते थे और उनका संविधान का मुद्दा इन्ही दोनों राज्यों तक सीमित था । बाकी देश ने इस मुद्दे को बुरी तरह नकार दिया था। चुल्ल दलितों को ही लगी थी बस ।
Beta tum jaise logo ko hi andhbhakt bola jata hai
Mayavati to khatam h
@@palabhakar6664tum bs din me tare dekhte rho bsp koi party nhi mission hai u understand 💙💙🐘🐘💙💙
जनता तो खतम करेगी, बीएसपी को खत्म कर दिया, नितीस को देश का भविष्य (देश का नेता माना जाता था??) अब क्या उपमा मिली है आप सभी जानते हैं,,,
मायावती और प्रकाश अम्बेडकर दलित समाज के अभिशाप है ।कही ना कही अपना स्वार्थ साध रहे है।लानत है उन पर।
Chup be apna dimaak apne pass rakho. Hume congRSS aur BJP dono ko vote nahi karna hamare liye yahi hamari party hai tumko jis party ke yaha dari bichani hai bichao dusro ko faltu ka gyan na do.
Aur ek baat, ye desh ka chunav tha ki bas UP aur Maharashtra ka jo sabko yahi do pradesho se 100% strike rate chahiye. Kabhi BJP ki A team congRSS par bhi dyan do ki kaise usne BJP ko Orissa, Bengal, GJ, MP, RJ CG, etc pardesho ko direct jitane ki madat ki.
Mayawati ji ki Aaj ki rajniti ko criticize Kiya ja sakta he. Lekin Jo unhe aur Prakash Ambedkar ji ko BJ ki b team kahkar jhuta badnaam kare, wo dalito ka subhchintak kabhi nahi ho sakta. Kyuki dalito ko sar uthakar chalna unhi ne sikhaya.
Sp cong jese dalit virodhi sangathan kisi bhi dalit party ke saath gathbandhan nahi karna chahte the, wo chandarshekhar ji ke liye ek seat tak nahi chhor sake.
@@subodh0001Jindagi bahar esse hi bethe rahoge..
Sarkar ya to CONGRESS chlayegi ya BJP..
😂😂
मायावती जी और प्रकाश जी अगर चुनाव न लड़े जरूरी नहीं कि कांग्रेस को ही वोट जाए
कांग्रेसी चम्मचे BSP और VBA लड़ेगे
सही कहा आपने
इंडिया गठबंधन का बड़ा फैसला ।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों तक किया अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन का एलान ।
धरने प्रदर्शन की बड़ी वजह आई सामने ।
सुप्रिया श्रीनेत ने बताया चूंकि बीएसपी, वंचित बहुजन अघाड़ी और एआईएमआईएम के कारण इंडिया गठबंधन चुनाव नही जीत पाता इसलिए चुनाव आयोग से करेगा इनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग ।
उन्होंने आगे बताया कि अगर चुनाव आयोग इनके चुनाव लड़ने पर रोक नही लगाता है तो कांग्रेस इसको संयुक्त राष्ट्र संघ ले जाएगी तथा संयुक्त राष्ट्र संघ से अपील करेगी कि इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों के अलावा सभी दलों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का आदेश भारत निर्वाचन आयोग को दे ।
अगर भारत निर्वाचन आयोग ऐसा नहीं करता है तो भारत पर आर्थिक, व्यापारिक एवं सामरिक प्रतिबंध लगा दिए जाएं ।
सपा एवं शिवसेना सहित तमाम दलों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है और धरने प्रदर्शन में शामिल होने पर सहमति जताई है।
अब तो हमारा नेत चंद्रशेखर आजाद है।
मायावती जिन्दाबाद,
मायावती को हर सीट पर तब तक चुनाव लड़ना चाहिए।
जब तक उनकी पार्टी का CM/PM नहीं बन जाता।
बिन बुलाए गठबंधन में शामिल होना जरूरी है क्या?
Bahen is the great leader of India .
she will return again.
Right
Jai Bheem Jai Bharat vote and Sports BSP jindabad jindabad jindabad jindabad
प.बंगाल, ओडिशा, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश मे काँग्रेस ने दी BJP को संजीवनी...
बहुत खूब अति सुन्दर हकीकत हेतु जहीर साहब को आदाब
इंडिया गठबंधन का बड़ा फैसला ।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों तक किया अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन का एलान ।
धरने प्रदर्शन की बड़ी वजह आई सामने ।
सुप्रिया श्रीनेत ने बताया चूंकि बीएसपी, वंचित बहुजन अघाड़ी और एआईएमआईएम के कारण इंडिया गठबंधन चुनाव नही जीत पाता इसलिए चुनाव आयोग से करेगा इनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग ।
उन्होंने आगे बताया कि अगर चुनाव आयोग इनके चुनाव लड़ने पर रोक नही लगाता है तो कांग्रेस इसको संयुक्त राष्ट्र संघ ले जाएगी तथा संयुक्त राष्ट्र संघ से अपील करेगी कि इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों के अलावा सभी दलों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का आदेश भारत निर्वाचन आयोग को दे ।
अगर भारत निर्वाचन आयोग ऐसा नहीं करता है तो भारत पर आर्थिक, व्यापारिक एवं सामरिक प्रतिबंध लगा दिए जाएं ।
सपा एवं शिवसेना सहित तमाम दलों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है और धरने प्रदर्शन में शामिल होने पर सहमति जताई है।
Rashid Ji Supreme Patrakar
संविधान के रक्षक बन गये भक्षक माया वती प्रकाश आंबेडकर 🙏
संविधान नहीं बदल सकता है उल्लू
संविधान नहीं बदल सकता था है
संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में खतरे में था क्योंकि महाराष्ट्र में प्रकाश राव अंबेडकर थे और उत्तर प्रदेश में बहनजी थीं ।
बाकी मध्य प्रदेश में संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 29/29 जीत लेती है।
बिहार में संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां एनडीए 30/40 जीत लेता है।
उत्तराखंड में भी संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 5/5 जीत लेती है।
दिल्ली में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 7/7 जीत लेती है ।
छत्तीसगढ़ में भी संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां भाजपा 10/11 जीत लेती है ।
उड़ीसा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 20/21 जीत लेती है ।
अरुणाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 2/2 जीत लेती है ।
आंध्र प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां एनडीए 21/25 जीत लेता है ।
असम में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 10/14 जीत लेती है ।
गुजरात में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 25/26 जीत लेती है ।
हिमाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 4/4 जीत लेती है ।
झारखंड में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/14 जीत लेती है ।
कर्नाटक में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 17/28 और एनडीए ने 19/28 जीत ली ।
राजस्थान में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 14/25 जीत गई ।
तेलंगाना में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/17 जीत लेती है। कांग्रेस ने भी इतनी ही जीती थी।
त्रिपुरा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 2/2 जीत ली ।
इस प्रकार सिद्ध होता है कि संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में ही खतरे में था क्योंकि ये लोग यहां पर स्वतंत्र दलित राजनीति को खत्म करना चाहते थे और उनका संविधान का मुद्दा इन्ही दोनों राज्यों तक सीमित था । बाकी देश ने इस मुद्दे को बुरी तरह नकार दिया था। चुल्ल दलितों को ही लगी थी बस ।
Axa tumhe lagta hai congress bachaegi samvidhan jisne apne karyakal me sabse jyada chhedkhani ki hai samvidhan ke sath ek bar sarkar to banne do congress ki fir dekhna abhi vo apni khoyi hui jagir vapas lana chah rahe hai isliye samvidhan aur baba sahab ki yad a rahi congress ko kyoki uska manuvadi voter bjp ke sath hai isliye congress samvidhan ka lollypop dikhakar tum jaiso ko apne pale me la Rahi hai
Congress ne 80 se zyada amendment kiya apne tenure mein
Bhujan samaj party jindabad
इन गद्दारों ने खूब पैसा लिया है अलग-अलग लड़ने को इंडिया में भी नहीं आये इसी बात के सैकड़ों करोड़ डकारे, समाज जाये भाड़ में।
😂😂 भाई इसका दादा अम्बेडकर भी अंग्रेज का दलाल था संघी ओर जिन्ना के साथ खानदानी गद्दार हे ये समझे
Absolutly
संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में खतरे में था क्योंकि महाराष्ट्र में प्रकाश राव अंबेडकर थे और उत्तर प्रदेश में बहनजी थीं ।
बाकी मध्य प्रदेश में संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 29/29 जीत लेती है।
बिहार में संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां एनडीए 30/40 जीत लेता है।
उत्तराखंड में भी संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 5/5 जीत लेती है।
दिल्ली में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 7/7 जीत लेती है ।
छत्तीसगढ़ में भी संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां भाजपा 10/11 जीत लेती है ।
उड़ीसा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 20/21 जीत लेती है ।
अरुणाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 2/2 जीत लेती है ।
आंध्र प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां एनडीए 21/25 जीत लेता है ।
असम में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 10/14 जीत लेती है ।
गुजरात में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 25/26 जीत लेती है ।
हिमाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 4/4 जीत लेती है ।
झारखंड में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/14 जीत लेती है ।
कर्नाटक में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 17/28 और एनडीए ने 19/28 जीत ली ।
राजस्थान में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 14/25 जीत गई ।
तेलंगाना में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/17 जीत लेती है। कांग्रेस ने भी इतनी ही जीती थी।
त्रिपुरा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 2/2 जीत ली ।
इस प्रकार सिद्ध होता है कि संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में ही खतरे में था क्योंकि ये लोग यहां पर स्वतंत्र दलित राजनीति को खत्म करना चाहते थे और उनका संविधान का मुद्दा इन्ही दोनों राज्यों तक सीमित था । बाकी देश ने इस मुद्दे को बुरी तरह नकार दिया था। चुल्ल दलितों को ही लगी थी बस ।
Bhok me ja only prakash ambedkar 😡😡😡😡😡
संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में खतरे में था क्योंकि महाराष्ट्र में प्रकाश राव अंबेडकर थे और उत्तर प्रदेश में बहनजी थीं ।
बाकी मध्य प्रदेश में संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 29/29 जीत लेती है।
बिहार में संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां एनडीए 30/40 जीत लेता है।
उत्तराखंड में भी संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 5/5 जीत लेती है।
दिल्ली में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 7/7 जीत लेती है ।
छत्तीसगढ़ में भी संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां भाजपा 10/11 जीत लेती है ।
उड़ीसा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 20/21 जीत लेती है ।
अरुणाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 2/2 जीत लेती है ।
आंध्र प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां एनडीए 21/25 जीत लेता है ।
असम में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 10/14 जीत लेती है ।
गुजरात में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 25/26 जीत लेती है ।
हिमाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 4/4 जीत लेती है ।
झारखंड में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/14 जीत लेती है ।
कर्नाटक में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 17/28 और एनडीए ने 19/28 जीत ली ।
राजस्थान में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 14/25 जीत गई ।
तेलंगाना में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/17 जीत लेती है। कांग्रेस ने भी इतनी ही जीती थी।
त्रिपुरा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 2/2 जीत ली ।
इस प्रकार सिद्ध होता है कि संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में ही खतरे में था क्योंकि ये लोग यहां पर स्वतंत्र दलित राजनीति को खत्म करना चाहते थे और उनका संविधान का मुद्दा इन्ही दोनों राज्यों तक सीमित था । बाकी देश ने इस मुद्दे को बुरी तरह नकार दिया था। चुल्ल दलितों को ही लगी थी बस ।
जय जय जय जय भीम
बीएसपी BJP की बी टीम है इनको जनता ने तीन बार नकार दिया है
B team nahi hai Ed se fati hai Sampatti itni bana li madam ne
Agar EC darr hai to India ko karna tha taki vo bas jayega or bjp v har jati. @@HasteRahi-ho8ke
संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में खतरे में था क्योंकि महाराष्ट्र में प्रकाश राव अंबेडकर थे और उत्तर प्रदेश में बहनजी थीं ।
बाकी मध्य प्रदेश में संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 29/29 जीत लेती है।
बिहार में संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां एनडीए 30/40 जीत लेता है।
उत्तराखंड में भी संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 5/5 जीत लेती है।
दिल्ली में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 7/7 जीत लेती है ।
छत्तीसगढ़ में भी संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां भाजपा 10/11 जीत लेती है ।
उड़ीसा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 20/21 जीत लेती है ।
अरुणाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 2/2 जीत लेती है ।
आंध्र प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां एनडीए 21/25 जीत लेता है ।
असम में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 10/14 जीत लेती है ।
गुजरात में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 25/26 जीत लेती है ।
हिमाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 4/4 जीत लेती है ।
झारखंड में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/14 जीत लेती है ।
कर्नाटक में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 17/28 और एनडीए ने 19/28 जीत ली ।
राजस्थान में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 14/25 जीत गई ।
तेलंगाना में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/17 जीत लेती है। कांग्रेस ने भी इतनी ही जीती थी।
त्रिपुरा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 2/2 जीत ली ।
इस प्रकार सिद्ध होता है कि संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में ही खतरे में था क्योंकि ये लोग यहां पर स्वतंत्र दलित राजनीति को खत्म करना चाहते थे और उनका संविधान का मुद्दा इन्ही दोनों राज्यों तक सीमित था । बाकी देश ने इस मुद्दे को बुरी तरह नकार दिया था। चुल्ल दलितों को ही लगी थी बस ।
Best
ये दोनों वर्तमान में बहुजनो के दुश्मन हैं, अपनी अकड़ के कारण कितना नुकसान किया अब तक
संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में खतरे में था क्योंकि महाराष्ट्र में प्रकाश राव अंबेडकर थे और उत्तर प्रदेश में बहनजी थीं ।
बाकी मध्य प्रदेश में संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 29/29 जीत लेती है।
बिहार में संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां एनडीए 30/40 जीत लेता है।
उत्तराखंड में भी संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 5/5 जीत लेती है।
दिल्ली में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 7/7 जीत लेती है ।
छत्तीसगढ़ में भी संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां भाजपा 10/11 जीत लेती है ।
उड़ीसा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 20/21 जीत लेती है ।
अरुणाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 2/2 जीत लेती है ।
आंध्र प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां एनडीए 21/25 जीत लेता है ।
असम में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 10/14 जीत लेती है ।
गुजरात में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 25/26 जीत लेती है ।
हिमाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 4/4 जीत लेती है ।
झारखंड में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/14 जीत लेती है ।
कर्नाटक में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 17/28 और एनडीए ने 19/28 जीत ली ।
राजस्थान में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 14/25 जीत गई ।
तेलंगाना में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/17 जीत लेती है। कांग्रेस ने भी इतनी ही जीती थी।
त्रिपुरा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 2/2 जीत ली ।
इस प्रकार सिद्ध होता है कि संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में ही खतरे में था क्योंकि ये लोग यहां पर स्वतंत्र दलित राजनीति को खत्म करना चाहते थे और उनका संविधान का मुद्दा इन्ही दोनों राज्यों तक सीमित था । बाकी देश ने इस मुद्दे को बुरी तरह नकार दिया था। चुल्ल दलितों को ही लगी थी बस ।
अब दलितों को खुद ही आगे आना होगा सब दलित नेता सिर्फ अपना थैला भर रहे हैं जै जै बाबा साहेब ऐक अलग चीज थे
छोटी परिवारवादी एसटी और एससी की पार्टियाँ जब तक ख़तम नहीं होंगी, तब तक एससी एसटी का कल्याण नहीं होगा
Sahi kah rahe ho jb 1980 ke phle jb sc st ka koi rajnitik vajud nahi tha TB sc st well educated aur mahlo me Raha krte the bhikari to 1980 ke bad Banna suru hue hai
Tum pakka general category se hoge aur congres ke andhbhakt isliye Aisa bol rhe ho congress aur upper cast vali sabhi partiyan yahi chahti hai but mat bhulo beta jb tk bsp 🐘 hai aur ham jaise educated dalit Yuva hai tb tumhara ye sapna pura nahi hoga 🐘🐘💙💙🐘
इंडिया गठबंधन का बड़ा फैसला ।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों तक किया अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन का एलान ।
धरने प्रदर्शन की बड़ी वजह आई सामने ।
सुप्रिया श्रीनेत ने बताया चूंकि बीएसपी, वंचित बहुजन अघाड़ी और एआईएमआईएम के कारण इंडिया गठबंधन चुनाव नही जीत पाता इसलिए चुनाव आयोग से करेगा इनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग ।
उन्होंने आगे बताया कि अगर चुनाव आयोग इनके चुनाव लड़ने पर रोक नही लगाता है तो कांग्रेस इसको संयुक्त राष्ट्र संघ ले जाएगी तथा संयुक्त राष्ट्र संघ से अपील करेगी कि इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों के अलावा सभी दलों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का आदेश भारत निर्वाचन आयोग को दे ।
अगर भारत निर्वाचन आयोग ऐसा नहीं करता है तो भारत पर आर्थिक, व्यापारिक एवं सामरिक प्रतिबंध लगा दिए जाएं ।
सपा एवं शिवसेना सहित तमाम दलों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है और धरने प्रदर्शन में शामिल होने पर सहमति जताई है।
Kya bakwas karte ho
बहुजन के भरोसे कांग्रेस हे
हमारे दलित समाज को तबाह भी मायावती ,प्रकाश अंबेडकर ने किया।😢
इंडिया गठबंधन का बड़ा फैसला ।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों तक किया अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन का एलान ।
धरने प्रदर्शन की बड़ी वजह आई सामने ।
सुप्रिया श्रीनेत ने बताया चूंकि बीएसपी, वंचित बहुजन अघाड़ी और एआईएमआईएम के कारण इंडिया गठबंधन चुनाव नही जीत पाता इसलिए चुनाव आयोग से करेगा इनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग ।
उन्होंने आगे बताया कि अगर चुनाव आयोग इनके चुनाव लड़ने पर रोक नही लगाता है तो कांग्रेस इसको संयुक्त राष्ट्र संघ ले जाएगी तथा संयुक्त राष्ट्र संघ से अपील करेगी कि इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों के अलावा सभी दलों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का आदेश भारत निर्वाचन आयोग को दे ।
अगर भारत निर्वाचन आयोग ऐसा नहीं करता है तो भारत पर आर्थिक, व्यापारिक एवं सामरिक प्रतिबंध लगा दिए जाएं ।
सपा एवं शिवसेना सहित तमाम दलों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है और धरने प्रदर्शन में शामिल होने पर सहमति जताई है।
ऐसा कहणे वाले थोडा तरी विचार करून बोल काँग्रेस ची चातुगिरी बंद करो.
I was at that shivaji rally. I agree with your views about prakash ambedkar
बहुत सही विश्लेषण है आपका ।
The Bharat Show dekho ek baar
इंडिया गठबंधन का बड़ा फैसला ।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों तक किया अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन का एलान ।
धरने प्रदर्शन की बड़ी वजह आई सामने ।
सुप्रिया श्रीनेत ने बताया चूंकि बीएसपी, वंचित बहुजन अघाड़ी और एआईएमआईएम के कारण इंडिया गठबंधन चुनाव नही जीत पाता इसलिए चुनाव आयोग से करेगा इनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग ।
उन्होंने आगे बताया कि अगर चुनाव आयोग इनके चुनाव लड़ने पर रोक नही लगाता है तो कांग्रेस इसको संयुक्त राष्ट्र संघ ले जाएगी तथा संयुक्त राष्ट्र संघ से अपील करेगी कि इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों के अलावा सभी दलों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का आदेश भारत निर्वाचन आयोग को दे ।
अगर भारत निर्वाचन आयोग ऐसा नहीं करता है तो भारत पर आर्थिक, व्यापारिक एवं सामरिक प्रतिबंध लगा दिए जाएं ।
सपा एवं शिवसेना सहित तमाम दलों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है और धरने प्रदर्शन में शामिल होने पर सहमति जताई है।
Very good
Prakash ambedkar bahot paise lete bjp aur pure Maharashtra mei unke candidate khade krte ,its bjp b team, they had golden chance with india gatbandhan , unke 3 seats ajate theee but money talks
Pappu sejyada koi paisa nahi leta BJP se akhirkhar M.K Gandhi aur Nehru ne hi toh banaya RSS BJP ko.
फिर भी महाराष्ट्र मे bjp ki कम सीट आती है l
Excellent
Parkas Ambedkar Aagar 5..ya 3.. cite Lelete To Jit jate Aab Wo Vote Katwa Ban Gaye
Muslims apna gyan apne pass rakhe. Khudne toh toh Pak aur Bangladesh le liya aur hamko faltu ka gyan dere.
@@subodh0001 Aabe Muje kinu Bata Raha Tu muje Kiya Lena PAK aor Bangladesh se Aor Tu bi Aapna Geyan Ya Mat Matte Tujme Himmat hai To Modi se Lad samja
@@mohdfarmanansari5395 Tu apna faltu ka gyan Prakash Ambedkar ne kya karna chaiye batara na isliye tumare so called intellectual class, Nawab, Zameendar jo ki RSS se 1000 saalo se mile hue the unhone kya karna chahiye woh batara hu. Khud tumhare so called intellectual class ne duniyabhar ke kand kare(Partition) aur hame gyan dera hame kya karna chahiye aur kitni seat ladna chahiye toh.
@@subodh0001 ..Aabe Baba BIM Raw Ambedkar ka Ham bi bhot samman karte Hai samja
@@mohdfarmanansari5395 Accha tere likhne se dhikra hai. Bhim ko Bim bolra tere Allah ko kuch bolu kya? Aur samman bolnese nahi kruti se dikhna chahiye. Aur jo tune aur iss dalal patrakar ne Prakash Ambedkar ke liye kaha usse nahi dikhra. Uss dalal patrakar Rashid Zaheer awkaad ke bahar bolra us MC ko tameez nahi aur chala hame binmagi advice karne. Aur baat ghum firke wahi aati, tum Pak, Bangladesh leke baithe ho aur hamse chahte ki hum chunav bhi na lade aisa doglapan late kaha se ho?
इनके अपने, अपने स्वार्थ ने बीजेपी को फिर मोका दे दिया.. क्या, कहे और किससे कहे..
संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में खतरे में था क्योंकि महाराष्ट्र में प्रकाश राव अंबेडकर थे और उत्तर प्रदेश में बहनजी थीं ।
बाकी मध्य प्रदेश में संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 29/29 जीत लेती है।
बिहार में संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां एनडीए 30/40 जीत लेता है।
उत्तराखंड में भी संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 5/5 जीत लेती है।
दिल्ली में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 7/7 जीत लेती है ।
छत्तीसगढ़ में भी संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां भाजपा 10/11 जीत लेती है ।
उड़ीसा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 20/21 जीत लेती है ।
अरुणाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 2/2 जीत लेती है ।
आंध्र प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां एनडीए 21/25 जीत लेता है ।
असम में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 10/14 जीत लेती है ।
गुजरात में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 25/26 जीत लेती है ।
हिमाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 4/4 जीत लेती है ।
झारखंड में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/14 जीत लेती है ।
कर्नाटक में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 17/28 और एनडीए ने 19/28 जीत ली ।
राजस्थान में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 14/25 जीत गई ।
तेलंगाना में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/17 जीत लेती है। कांग्रेस ने भी इतनी ही जीती थी।
त्रिपुरा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 2/2 जीत ली ।
इस प्रकार सिद्ध होता है कि संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में ही खतरे में था क्योंकि ये लोग यहां पर स्वतंत्र दलित राजनीति को खत्म करना चाहते थे और उनका संविधान का मुद्दा इन्ही दोनों राज्यों तक सीमित था । बाकी देश ने इस मुद्दे को बुरी तरह नकार दिया था। चुल्ल दलितों को ही लगी थी बस ।
इंडिया गठबंधन का बड़ा फैसला ।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों तक किया अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन का एलान ।
धरने प्रदर्शन की बड़ी वजह आई सामने ।
सुप्रिया श्रीनेत ने बताया चूंकि बीएसपी, वंचित बहुजन अघाड़ी और एआईएमआईएम के कारण इंडिया गठबंधन चुनाव नही जीत पाता इसलिए चुनाव आयोग से करेगा इनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग ।
उन्होंने आगे बताया कि अगर चुनाव आयोग इनके चुनाव लड़ने पर रोक नही लगाता है तो कांग्रेस इसको संयुक्त राष्ट्र संघ ले जाएगी तथा संयुक्त राष्ट्र संघ से अपील करेगी कि इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों के अलावा सभी दलों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का आदेश भारत निर्वाचन आयोग को दे ।
अगर भारत निर्वाचन आयोग ऐसा नहीं करता है तो भारत पर आर्थिक, व्यापारिक एवं सामरिक प्रतिबंध लगा दिए जाएं ।
सपा एवं शिवसेना सहित तमाम दलों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है और धरने प्रदर्शन में शामिल होने पर सहमति जताई है।
मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश ......में कौन हराया इंडी गठबंधन को
संजीवनी वगेरा कूच्छ नहीं. ओ लोग BJP के लिए ही काम करते हैं। बस समाज के आंखों पर काली पट्टी बांध दी है। इसीलिए उन्हें पता नहीं चलता है।
Sahi baat hai.
Ye dono jababdar ahi
Mayawati aur parkash bjp arty ke vip log jo bjp ko internal help karte hai dono ko dalit janta se kuch lena dena nahi hai jai bhim
इंडिया गठबंधन का बड़ा फैसला ।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों तक किया अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन का एलान ।
धरने प्रदर्शन की बड़ी वजह आई सामने ।
सुप्रिया श्रीनेत ने बताया चूंकि बीएसपी, वंचित बहुजन अघाड़ी और एआईएमआईएम के कारण इंडिया गठबंधन चुनाव नही जीत पाता इसलिए चुनाव आयोग से करेगा इनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग ।
उन्होंने आगे बताया कि अगर चुनाव आयोग इनके चुनाव लड़ने पर रोक नही लगाता है तो कांग्रेस इसको संयुक्त राष्ट्र संघ ले जाएगी तथा संयुक्त राष्ट्र संघ से अपील करेगी कि इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों के अलावा सभी दलों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का आदेश भारत निर्वाचन आयोग को दे ।
अगर भारत निर्वाचन आयोग ऐसा नहीं करता है तो भारत पर आर्थिक, व्यापारिक एवं सामरिक प्रतिबंध लगा दिए जाएं ।
सपा एवं शिवसेना सहित तमाम दलों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है और धरने प्रदर्शन में शामिल होने पर सहमति जताई है।
चंद्रशेखर को एक भी सीट क्यों नहीं दी इलेक्शन से पहले तो चंद्रशेखर को उठा के घूम रहे थे साथ में वह सिर्फ मायावती के खिलाफ चंद्रशेखर का इस्तेमाल कर रहे थे किचन चंद्रशेखर का कद बड़ा हो गया साइड लाइन कर दिया
मैं खुद नहीं पता कि मायावती कभी बीजेपी आंदोलन से नहीं निकली काशीराम जी ने यह आंदोलन खड़ा किया था जेपी आंदोलन अलग है
मायवती हमेशा bjp की मदद करती है 😢😢😢
संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में खतरे में था क्योंकि महाराष्ट्र में प्रकाश राव अंबेडकर थे और उत्तर प्रदेश में बहनजी थीं ।
बाकी मध्य प्रदेश में संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 29/29 जीत लेती है।
बिहार में संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां एनडीए 30/40 जीत लेता है।
उत्तराखंड में भी संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 5/5 जीत लेती है।
दिल्ली में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 7/7 जीत लेती है ।
छत्तीसगढ़ में भी संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां भाजपा 10/11 जीत लेती है ।
उड़ीसा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 20/21 जीत लेती है ।
अरुणाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 2/2 जीत लेती है ।
आंध्र प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां एनडीए 21/25 जीत लेता है ।
असम में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 10/14 जीत लेती है ।
गुजरात में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 25/26 जीत लेती है ।
हिमाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 4/4 जीत लेती है ।
झारखंड में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/14 जीत लेती है ।
कर्नाटक में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 17/28 और एनडीए ने 19/28 जीत ली ।
राजस्थान में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 14/25 जीत गई ।
तेलंगाना में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/17 जीत लेती है। कांग्रेस ने भी इतनी ही जीती थी।
त्रिपुरा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 2/2 जीत ली ।
इस प्रकार सिद्ध होता है कि संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में ही खतरे में था क्योंकि ये लोग यहां पर स्वतंत्र दलित राजनीति को खत्म करना चाहते थे और उनका संविधान का मुद्दा इन्ही दोनों राज्यों तक सीमित था । बाकी देश ने इस मुद्दे को बुरी तरह नकार दिया था। चुल्ल दलितों को ही लगी थी बस ।
संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में खतरे में था क्योंकि महाराष्ट्र में प्रकाश राव अंबेडकर थे और उत्तर प्रदेश में बहनजी थीं ।
बाकी मध्य प्रदेश में संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 29/29 जीत लेती है।
बिहार में संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां एनडीए 30/40 जीत लेता है।
उत्तराखंड में भी संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 5/5 जीत लेती है।
दिल्ली में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 7/7 जीत लेती है ।
छत्तीसगढ़ में भी संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां भाजपा 10/11 जीत लेती है ।
उड़ीसा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 20/21 जीत लेती है ।
अरुणाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 2/2 जीत लेती है ।
आंध्र प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां एनडीए 21/25 जीत लेता है ।
असम में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 10/14 जीत लेती है ।
गुजरात में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 25/26 जीत लेती है ।
हिमाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 4/4 जीत लेती है ।
झारखंड में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/14 जीत लेती है ।
कर्नाटक में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 17/28 और एनडीए ने 19/28 जीत ली ।
राजस्थान में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 14/25 जीत गई ।
तेलंगाना में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/17 जीत लेती है। कांग्रेस ने भी इतनी ही जीती थी।
त्रिपुरा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 2/2 जीत ली ।
इस प्रकार सिद्ध होता है कि संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में ही खतरे में था क्योंकि ये लोग यहां पर स्वतंत्र दलित राजनीति को खत्म करना चाहते थे और उनका संविधान का मुद्दा इन्ही दोनों राज्यों तक सीमित था । बाकी देश ने इस मुद्दे को बुरी तरह नकार दिया था। चुल्ल दलितों को ही लगी थी बस ।
काँग्रेस +बीजेपी को वोट चाएये sc+St+Obc के लेकिन उसक नेतृव नही चाईये।
कांग्रेस में सब उच्वर्णीय है और बीजेपी में भी
उच्वर्णीय है कांग्रेस ने 70 साल तक राज किया और बीजेपी ने 20 साल तक राज किया
तब कुछ नहीं कहा अब अंबेडकर वाद के विरोध में बीजेपी और कांग्रेस इसलिए प्रकाश अंबेडकर और मायावती अकिली लडाई
मै महाराष्ट्र से हूं और विषेश प्रकाश आंबेडकर के निर्वाचन क्षेत्र से हु
कौम को बेजता है थरड कलास है पकया
संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में खतरे में था क्योंकि महाराष्ट्र में प्रकाश राव अंबेडकर थे और उत्तर प्रदेश में बहनजी थीं ।
बाकी मध्य प्रदेश में संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 29/29 जीत लेती है।
बिहार में संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां एनडीए 30/40 जीत लेता है।
उत्तराखंड में भी संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 5/5 जीत लेती है।
दिल्ली में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 7/7 जीत लेती है ।
छत्तीसगढ़ में भी संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां भाजपा 10/11 जीत लेती है ।
उड़ीसा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 20/21 जीत लेती है ।
अरुणाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 2/2 जीत लेती है ।
आंध्र प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां एनडीए 21/25 जीत लेता है ।
असम में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 10/14 जीत लेती है ।
गुजरात में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 25/26 जीत लेती है ।
हिमाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 4/4 जीत लेती है ।
झारखंड में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/14 जीत लेती है ।
कर्नाटक में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 17/28 और एनडीए ने 19/28 जीत ली ।
राजस्थान में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 14/25 जीत गई ।
तेलंगाना में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/17 जीत लेती है। कांग्रेस ने भी इतनी ही जीती थी।
त्रिपुरा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 2/2 जीत ली ।
इस प्रकार सिद्ध होता है कि संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में ही खतरे में था क्योंकि ये लोग यहां पर स्वतंत्र दलित राजनीति को खत्म करना चाहते थे और उनका संविधान का मुद्दा इन्ही दोनों राज्यों तक सीमित था । बाकी देश ने इस मुद्दे को बुरी तरह नकार दिया था। चुल्ल दलितों को ही लगी थी बस ।
इंडिया गठबंधन का बड़ा फैसला ।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों तक किया अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन का एलान ।
धरने प्रदर्शन की बड़ी वजह आई सामने ।
सुप्रिया श्रीनेत ने बताया चूंकि बीएसपी, वंचित बहुजन अघाड़ी और एआईएमआईएम के कारण इंडिया गठबंधन चुनाव नही जीत पाता इसलिए चुनाव आयोग से करेगा इनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग ।
उन्होंने आगे बताया कि अगर चुनाव आयोग इनके चुनाव लड़ने पर रोक नही लगाता है तो कांग्रेस इसको संयुक्त राष्ट्र संघ ले जाएगी तथा संयुक्त राष्ट्र संघ से अपील करेगी कि इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों के अलावा सभी दलों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का आदेश भारत निर्वाचन आयोग को दे ।
अगर भारत निर्वाचन आयोग ऐसा नहीं करता है तो भारत पर आर्थिक, व्यापारिक एवं सामरिक प्रतिबंध लगा दिए जाएं ।
सपा एवं शिवसेना सहित तमाम दलों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है और धरने प्रदर्शन में शामिल होने पर सहमति जताई है।
जबान संभाल के बोल.
बहन जी इज ए ग्रेट लीडर,
🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘🐘
ये दोनों नींबू के बीज की तरह है को गाँव के लिए बनी खीर को ना खाएँगे और ना किसी को खाने देंगे ???
संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में खतरे में था क्योंकि महाराष्ट्र में प्रकाश राव अंबेडकर थे और उत्तर प्रदेश में बहनजी थीं ।
बाकी मध्य प्रदेश में संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 29/29 जीत लेती है।
बिहार में संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां एनडीए 30/40 जीत लेता है।
उत्तराखंड में भी संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 5/5 जीत लेती है।
दिल्ली में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 7/7 जीत लेती है ।
छत्तीसगढ़ में भी संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां भाजपा 10/11 जीत लेती है ।
उड़ीसा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 20/21 जीत लेती है ।
अरुणाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 2/2 जीत लेती है ।
आंध्र प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां एनडीए 21/25 जीत लेता है ।
असम में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 10/14 जीत लेती है ।
गुजरात में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 25/26 जीत लेती है ।
हिमाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 4/4 जीत लेती है ।
झारखंड में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/14 जीत लेती है ।
कर्नाटक में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 17/28 और एनडीए ने 19/28 जीत ली ।
राजस्थान में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 14/25 जीत गई ।
तेलंगाना में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/17 जीत लेती है। कांग्रेस ने भी इतनी ही जीती थी।
त्रिपुरा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 2/2 जीत ली ।
इस प्रकार सिद्ध होता है कि संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में ही खतरे में था क्योंकि ये लोग यहां पर स्वतंत्र दलित राजनीति को खत्म करना चाहते थे और उनका संविधान का मुद्दा इन्ही दोनों राज्यों तक सीमित था । बाकी देश ने इस मुद्दे को बुरी तरह नकार दिया था। चुल्ल दलितों को ही लगी थी बस ।
Aap sahi.kah.rshe.h
इन तीनों की असलियत पुरी तरह से देश के लोगों के सामने आनी चाहिए ता के अगली बार जनता इनको बिल्कुल ही नकार दे
इंडिया गठबंधन का बड़ा फैसला ।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों तक किया अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन का एलान ।
धरने प्रदर्शन की बड़ी वजह आई सामने ।
सुप्रिया श्रीनेत ने बताया चूंकि बीएसपी, वंचित बहुजन अघाड़ी और एआईएमआईएम के कारण इंडिया गठबंधन चुनाव नही जीत पाता इसलिए चुनाव आयोग से करेगा इनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग ।
उन्होंने आगे बताया कि अगर चुनाव आयोग इनके चुनाव लड़ने पर रोक नही लगाता है तो कांग्रेस इसको संयुक्त राष्ट्र संघ ले जाएगी तथा संयुक्त राष्ट्र संघ से अपील करेगी कि इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों के अलावा सभी दलों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का आदेश भारत निर्वाचन आयोग को दे ।
अगर भारत निर्वाचन आयोग ऐसा नहीं करता है तो भारत पर आर्थिक, व्यापारिक एवं सामरिक प्रतिबंध लगा दिए जाएं ।
सपा एवं शिवसेना सहित तमाम दलों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है और धरने प्रदर्शन में शामिल होने पर सहमति जताई है।
Jaybm🙏🤞👏♥️♥️♥️💙💙💙💐💐💐💐👑🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
BJP के ये दोनो B टिम है संविधान बचाव मे उनका कोई भी योगदान नही रहा इसकी नोंद इतिहास लेगा😭😭😭
संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में खतरे में था क्योंकि महाराष्ट्र में प्रकाश राव अंबेडकर थे और उत्तर प्रदेश में बहनजी थीं ।
बाकी मध्य प्रदेश में संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 29/29 जीत लेती है।
बिहार में संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां एनडीए 30/40 जीत लेता है।
उत्तराखंड में भी संविधान खतरे में नही था । वहां भाजपा 5/5 जीत लेती है।
दिल्ली में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 7/7 जीत लेती है ।
छत्तीसगढ़ में भी संविधान खतरे में नही था क्योंकि वहां भाजपा 10/11 जीत लेती है ।
उड़ीसा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 20/21 जीत लेती है ।
अरुणाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 2/2 जीत लेती है ।
आंध्र प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां एनडीए 21/25 जीत लेता है ।
असम में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भाजपा 10/14 जीत लेती है ।
गुजरात में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 25/26 जीत लेती है ।
हिमाचल प्रदेश में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 4/4 जीत लेती है ।
झारखंड में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/14 जीत लेती है ।
कर्नाटक में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 17/28 और एनडीए ने 19/28 जीत ली ।
राजस्थान में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 14/25 जीत गई ।
तेलंगाना में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा 8/17 जीत लेती है। कांग्रेस ने भी इतनी ही जीती थी।
त्रिपुरा में भी संविधान खतरे में नही था, वहां भी भाजपा ने 2/2 जीत ली ।
इस प्रकार सिद्ध होता है कि संविधान सिर्फ महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में ही खतरे में था क्योंकि ये लोग यहां पर स्वतंत्र दलित राजनीति को खत्म करना चाहते थे और उनका संविधान का मुद्दा इन्ही दोनों राज्यों तक सीमित था । बाकी देश ने इस मुद्दे को बुरी तरह नकार दिया था। चुल्ल दलितों को ही लगी थी बस ।
बीजेपी की B टीम BSP नहीं है l जो उसके साथ गठबंधन किए हैं उनको b टीम बोलो BSP को नहीं l
बहन जी आप संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं
दलित पिछड़े ओ बी सी मूलनिवासियों और आदिवासियों को अपने समाज के मनुवादियों को पहचानने की बुहत ज़रूरत है जैसे चिराग़ पासवान रामदास आठवले गुरु प्रकाश ओमप्रकाश राजभर जीतनराम मांझी नीतीश कुमार के सी त्यागी मायावती प्रकाश अंबेडकर आदि 👈👈
ये तो ओबैसी जी को भी बी टीम कहते है क्या आपको ऐसा लगता है।
वाह मसूद जी आपने तो सभी दलित समाज के नेताओं को ही मनुवादी दी बता दिया
मसूद जी राजनीति का षड्यंत्र समझिए यह दलित और मुसलमान को आपस में लड़ाने की साजिश है
इंडिया गंठबंधन से निवेदन है कि वो बसपा के लिए 'रोना न रोए '
रोना हैं तो इनके लिए रोए
1.बहन मायावती जी इंडिया गठबंधन में आई तो हम गठबंधन छोड़ देंगे (अखिलेश यादव जी और रामगोपाल यादव ने कहा)
2.बहन मायावती जी को हमने इंडिया गठबंधन में शामिल होने के लिए बुलाया ही नहीं है (लालू यादव जी पत्रकारों का सवाल का जवाब देते हुए कहा)
3.नीतीश कुमार जी लखनऊ आए तो अखिलेश यादव जीने नीतीश कुमार जी के सामने यह शर्त रख दी कि आप बहन मायावती जी से नहीं मिलोगे
4. नीतीश कुमार जी को प्रधानमंत्री पद से रोकने के लिए अरविंद केजरीवाल जी और ममता बनर्जी ने मल्लिका अर्जुन खड़गे जी को प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा जबकि सच्चाई आज यह है संसदीय दल का नेता श्रीमती सोनिया गांधी जी को चुना गया है और विपक्ष का नेता राहुल गांधी जी को चुना गया है आज खड़गे यूजलेस हो चुके हैं आज खड़गे जी किसी गिनती में नहीं है जो कल तक खड़गे को प्रधानमंत्री बना रहे थे दलितों को ये बात कभी समझ नहीं आएगी उनका 'यूज एंड थ्रो ' हुआ है।
5. महाराष्ट्र में महा विकास अगाडी में श्री प्रकाश अंबेडकर जी को गठबंधन में शामिल न कर यह वहां भी हारे। श्री प्रकाश अंबेडकर जी आखिरी वक्त तक इंडिया गठबंधन में शामिल होने की कोशिश करते रहे लेकिन श्री शरद पवार और उद्धव ठाकरे की वजह से उन्हें शामिल नहीं किया गया आज नतीजा सबके सामने हैं।
6.आज यह प्रमाणित हो चुका है बहन मायावती जी और श्री प्रकाश अंबेडकर जी एक भी सीट नहीं जीत पाए हो लेकिन इन दोनों नेताओं को नजर अंदाज करने के कारण ही एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों हारे है बहन मायावती जी और श्री प्रकाश आंबेडकर जी के राजनीतिक कद ने इंडिया गठबंधन और एनडीए गठबंधन दोनों के अहंकार को चकनाचूर कर दिया
Note: राजनीति में मंजिल मिलने पर ही खुश हुआ जाता है और सच्चाई यह है कि खुश कोई दल नहीं है कोई हारकर दुखी है कोई जीतकर दुखी है क्योंकि मंजिल किसी को नहीं मिली। अगर आप निष्पक्ष तरीके से आकलन करोगे तो पाओगे 2024 के लोकसभा आमचुनाव में सभी हारे हैं जीता कोई नहीं है यह इस चुनाव की वास्तविकता है पर इसे स्वीकार कोई नहीं करेगा सब अपने पक्ष के हिसाब से गुणा भाग करेंगे और कुछ नहीं
प्रकाश आंबेडकर सहाबकी बराबरी इन्से मत कर.तरी औकात नाही है.
इंडिया गठबंधन में बहन जी नहीं आई तो क्या हुआ चंद्रशेखर रावण को तो लेना चाहिए था आज का युवा नेता उसके साथ सभी लोगतो हैं
Good
बाबा तेरा मिशन अधूरा हम सब मिलकर करेंगे पूरा
बसपा का बहुत नुकसान हो रहा है लोगों को आगे बढ़कर बहन जी को वोट करना चाहिए
❤❤
अगर उत्तर प्रदेश में सपा और कांग्रेस चुनाव न लड़े तो बीएसपी अकेले अपने दम पर 60 सीटर की शक्ति
आप लोगो का मतलब इंडिया में सिर्फ दो ही पार्टी चुनाव लड़े। फिर तो इसे तानाशाही कहेंगे क्या ऐसे ही संविधान और लोकतंत्र बचाएंगे विपक्ष वाले दूसरी पार्टी को चुनाव ना लड़ने देकर इस हिसाब से तो कांग्रेस को उड़ीसा में नहीं लड़ना चाहिए था
Bahanji jindabad
ISI tarah bahan ji aur prakash Ambedkar apni apni jagah chunav ladte rahe aur jitne ke liye koshish karte rahen
Bhai Satya kahani aapane aap na
आपकी टिप्पणी पोस्ट बहुत सुन्दर है
MP , Rajsthan , Utrakhand Himanchal ,मे कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली वह तो BJPऔर कांग्रेस में तो सीधी लड़ाई थी बल्कि वहाँ तो कांग्रेस तो बहुत बुरी तरह से हारी।
मायावती को INDIA गठबन्धन में लाने के लिए अंतिम दिन तक बहुत कोशिश हुई परन्तु वो अपनी जिद पर अड़ी रही।
गठबन्धन में आ जाती तो 10-15 सीट जीत जाती
कोई कोशिश नहीं हुयी l अखिलेश यादव जी ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर मायावती इंडिया गठबंधन में शामिल होंगी तो वो गठबंधन से निकल जायेगे l