सादर सस्नेह दण्डवत प्रणाम ❤️❤️🙇♀️🙇♀️🙇♀️🌹🌹🌹जिज्ञासा =तड़प,जीने के लिए अनिवार्य आवश्यकता.... यही विरह हैं..... बहुत सुंदर.... ह्रदय को असीम शांति देते हैं हर शब्द ❤️🙇♀️
अमर सत्य वचन ❤❤ पर क्या कोई इस ज्ञान को जानकर समझकर अप्लाई कर सकता है !! कृपया का विषय है स्वतः कृपया निर्भय हर कोई होना चाहता पर क्या हो सकता है सच कहा महाराज जी ने विरले ही होते ऐसे लोग
🙏 bahut khub kaha apne gurudew 🙏🙏🙏 matalb apne astitw ko mitana aur mai hu ka bodh hona hi mukti hai moksh hai aur ye isi sharir me rahakr janan hai ki mai hu
Yeh,vidio Kai bar sunne yogya he,ek bar me budhdhi me nahi utregi,uter bhi gai he to ise pakka karne ke liye Kai bar sunna parega,aur avdhut Gita me bhi yahi kha gya he,per samagh me ab aaya he,is vidio ko sunne ke bad,itna shudh gyan pahli bar Mila he,thank you universe,is vidio ko mere pas bhejne ke liye.thank you
बहन जी प्रणाम्🌹🌹🌹🌹आपको हंसानन्द जी महाराज का अड्रेस पता होगा कृपया मुझे बताने कि कृपा करेँ।मै आपके प्रती बहुत आभारी रहुङ्गा।l plz plz my humble request..
🙏दंडवत प्रणाम महाराज जी🙏 महाराजी आपके सत्संग ने यह प्रतीत करा दिया कि कही कुछ नही है पर अपने इतने साधरण ऒर कम शव्दों में इक्छा , भूत , भविष्य ,वर्तमान ओर मुक्ति मोक्ष को समझाया आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
🙏दंडवत प्रणाम महाराज जी🙏 महाराज जी सत्संग में आपके बहुत आनंद आया और आपने एक ही सत्संग में लगभग लगभग आपने बहुत ही जटिल प्रश्नो का समाधान कर दिया अब आपसे निवेदन है कि यदि अगला वीडियो आए तो वह मृत्यु पर ही रहे आपकी चरणों में नमन🙏🙏
🙏parnam maharaj ji aapne bahut hi ache se samjhaya h ki vayktibhav ka visarjan hi mukti h pura ka pura khel hi vayktibhav ka hona h aapka hirdya se abhar🙏
Prnam maharaj ji 🙏 Pura adhyatm hi kisi Mukti Vishesh ko paane ke liye hi Kartey aa rehe hain , sadhu aur sant aaj aap ke dwara Mukti ka Swarup spasht kartey hi aankho ke saamne se Mukti (shabd) spasht ho gaya, aapka hriday se aabhaar.
प्रणाम महाराज जी🙏 | बोहोत ही अच्छी तरह से समझाया महाराज जी आपने की अंश हमेशा अंशी कि ओर बहता है, आत्म तत्व जो होता है वह सत चित्त आनन्द होता है चूँकि वह आनन्द है इसलिए उसका अंशी जीव यानी हम सदैव आनन्द कि मांग करता रहता है , इसी आनन्द को वह कभी किसी को गाली देने में, कभी स्त्री में, कभी कारोबार नौकरी आदि कि उन्नति में, कभी शराब में मतलब हर क्षण किसी ना किसी चीज में खोजता रहता है किन्तु स्थायी आनन्द उसे नहीं मिलता तो दुखी रहता है 🙏
इतनी सरलता से इतने जटिल सवालों का समाधान किया आपने ऐसा महसूस हुआ जैसे जन्मों की भटकान को ही विसर्जित कर दिया हो ।हमने कई वक्ताओं की विडिओ दस दस बार सुनी लेकिन समझ में नहीं आया आपको कोटी कोटी नमन धन्यवाद ।आज मुझे ऐसा प्रतीत हुआ कि मैंने अपने व्यक्तित्व भाव का विसर्जन या कहो कि तर्पण कर दिया ।🙏🙏🌹🌹👏👏👏
आपने पूरा इंसान जाति को एक नया जीवन का उद्देश्य दिया है आपका बात केवल वही व्यक्ति समझ सकता है जिसका विवेक जागृत हो चुका जो शरीर का तो कम शेयर करता है मगर स्वयं निर्विचार में रहता है आप इंसान को ऐसा समझाइए एक मोबाइल के भतीजे से मोबाइल में आज का डेट में हर प्रकार का जो भी हम सर्च मारते हैं मोबाइल में सब कुछ आता है मगर उसको हम लोग सिर्फ डाउनलोड करते जाते और उसके वजह से लास्ट में फोन का एक लिमिटेड होता है उसे लिमिट के बाद फोन हैंग करना चालू कर तो वैसे ही हर इंसान को जैसे डाउनलोड किया है फिर डिलीट करना आना चाहिए डिलीट नहीं करता जाएगा फॉर्मेट नहीं मारते जाएगा तो फिर खाली नहीं होगा उसी तरह मोबाइल के बाद ही हर इंसान को फॉर्मेट खाली करना सीखना चाहिए हर इंसान को तब जाकर निर्विचार को प्राप्त
प्रणाम महाराज जी! व्यक्ति है नहीं फिर भी ये 'है ' ऐसा प्रतीत होता है...यही माया है! भूत और भविष्य की कल्पना और इन दोनों कल्पनाओं से उठती एक और कल्पना कि कोई व्यक्ति कहीं है...आपका ग्यान अतर्क्य है अकाट्य है...सादर नमन! 🙏
प्रणाम! वीडियो देखने के लिए धन्यवाद। कृपया अपने प्रश्न और सुझाव हमें नीचे दिए गए ईमेल पते पर भेजें ताकि हम महाराज जी द्वारा आपको विस्तृत समुचित उत्तर उपलब्ध करवा सके: ईमेल आईडी: satya_ki_aur@yahoo.com सत्य की ओर - हंसानंद जी महाराज
Baat to thik h samjh wali bhi h saaf bhi hai lekin man ko abbhyaas hua h wasna ka dhan ka aur jab Vivek se dekhta hu to wasna me koi sukh n dikhta lekin jab Vivek n hota tab ladkiyo me dekh kr man ko sakoon milta hai dhan me mza aata h lekin jab Vivek gyaan hota h to man n hota vichar edge udhr n jaate lekin baar baar wasna aati h utni time main kuch n kr pta
सादर सस्नेह वंदन 🙏🙏🙏🌹🌹🌹यह अमृत रसधार यु ही बरसाते रहें। धन्यवाद 🥰🙏
सादर सस्नेह दण्डवत प्रणाम ❤️❤️🙇♀️🙇♀️🙇♀️🌹🌹🌹जिज्ञासा =तड़प,जीने के लिए अनिवार्य आवश्यकता.... यही विरह हैं..... बहुत सुंदर.... ह्रदय को असीम शांति देते हैं हर शब्द ❤️🙇♀️
Om shanti
Pranaam Prabhu
Hariom Tatsat namah Shivay
Thank u Sir, eye opening video.Very logical
Dhanyvad guruji koti koti Naman 🙏🙏🙏🙏🙏
अमर सत्य वचन ❤❤
पर क्या कोई इस ज्ञान को जानकर समझकर अप्लाई कर सकता है !!
कृपया का विषय है स्वतः कृपया
निर्भय हर कोई होना चाहता पर क्या हो सकता है सच कहा महाराज जी ने विरले ही होते ऐसे लोग
🙏 bahut khub kaha apne gurudew 🙏🙏🙏 matalb apne astitw ko mitana aur mai hu ka bodh hona hi mukti hai moksh hai aur ye isi sharir me rahakr janan hai ki mai hu
स्वामीजी के श्री चरणों में नमन 🙏🏻
🌼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Nice❤❤
Yeh,vidio Kai bar sunne yogya he,ek bar me budhdhi me nahi utregi,uter bhi gai he to ise pakka karne ke liye Kai bar sunna parega,aur avdhut Gita me bhi yahi kha gya he,per samagh me ab aaya he,is vidio ko sunne ke bad,itna shudh gyan pahli bar Mila he,thank you universe,is vidio ko mere pas bhejne ke liye.thank you
दिनभर सुनती हुँ आपको
बहन जी प्रणाम्🌹🌹🌹🌹आपको हंसानन्द जी महाराज का अड्रेस पता होगा कृपया मुझे बताने कि कृपा करेँ।मै आपके प्रती बहुत आभारी रहुङ्गा।l plz plz my humble request..
🙏दंडवत प्रणाम महाराज जी🙏
महाराजी आपके सत्संग ने यह प्रतीत करा दिया कि कही कुछ नही है पर अपने इतने साधरण ऒर कम शव्दों में इक्छा , भूत , भविष्य ,वर्तमान ओर मुक्ति मोक्ष को समझाया आपका बहुत बहुत धन्यवाद
🙏
Great work guru dhanyvad 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
अद्भुत हैं आप 🌹
🙏दंडवत प्रणाम महाराज जी🙏
महाराज जी सत्संग में आपके बहुत आनंद आया और आपने एक ही सत्संग में लगभग लगभग आपने बहुत ही जटिल प्रश्नो का समाधान कर दिया
अब आपसे निवेदन है कि यदि अगला वीडियो आए तो वह मृत्यु पर ही रहे आपकी चरणों में नमन🙏🙏
🙏parnam maharaj ji aapne bahut hi ache se samjhaya h ki vayktibhav ka visarjan hi mukti h pura ka pura khel hi vayktibhav ka hona h aapka hirdya se abhar🙏
Prnam maharaj ji 🙏
Pura adhyatm hi kisi Mukti Vishesh ko paane ke liye hi Kartey aa rehe hain , sadhu aur sant aaj aap ke dwara Mukti ka Swarup spasht kartey hi aankho ke saamne se Mukti (shabd) spasht ho gaya, aapka hriday se aabhaar.
प्रणाम महाराज जी🙏 | बोहोत ही अच्छी तरह से समझाया महाराज जी आपने की अंश हमेशा अंशी कि ओर बहता है, आत्म तत्व जो होता है वह सत चित्त आनन्द होता है चूँकि वह आनन्द है इसलिए उसका अंशी जीव यानी हम सदैव आनन्द कि मांग करता रहता है , इसी आनन्द को वह कभी किसी को गाली देने में, कभी स्त्री में, कभी कारोबार नौकरी आदि कि उन्नति में, कभी शराब में मतलब हर क्षण किसी ना किसी चीज में खोजता रहता है किन्तु स्थायी आनन्द उसे नहीं मिलता तो दुखी रहता है 🙏
इतनी सरलता से इतने जटिल सवालों का समाधान किया आपने ऐसा महसूस हुआ जैसे जन्मों की भटकान को ही विसर्जित कर दिया हो ।हमने कई वक्ताओं की विडिओ दस दस बार सुनी लेकिन समझ में नहीं आया आपको कोटी कोटी नमन धन्यवाद ।आज मुझे ऐसा प्रतीत हुआ कि मैंने अपने व्यक्तित्व भाव का विसर्जन या कहो कि तर्पण कर दिया ।🙏🙏🌹🌹👏👏👏
वहह्ह्ह्ह
🙏🙏🙏🙏🙏
नमन प्रभु
Hariom. Guruji
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
आपने पूरा इंसान जाति को एक नया जीवन का उद्देश्य दिया है आपका बात केवल वही व्यक्ति समझ सकता है जिसका विवेक जागृत हो चुका जो शरीर का तो कम शेयर करता है मगर स्वयं निर्विचार में रहता है आप इंसान को ऐसा समझाइए एक मोबाइल के भतीजे से मोबाइल में आज का डेट में हर प्रकार का जो भी हम सर्च मारते हैं मोबाइल में सब कुछ आता है मगर उसको हम लोग सिर्फ डाउनलोड करते जाते और उसके वजह से लास्ट में फोन का एक लिमिटेड होता है उसे लिमिट के बाद फोन हैंग करना चालू कर तो वैसे ही हर इंसान को जैसे डाउनलोड किया है फिर डिलीट करना आना चाहिए डिलीट नहीं करता जाएगा फॉर्मेट नहीं मारते जाएगा तो फिर खाली नहीं होगा उसी तरह मोबाइल के बाद ही हर इंसान को फॉर्मेट खाली करना सीखना चाहिए हर इंसान को तब जाकर निर्विचार को प्राप्त
" मौन " ही राम-राज्य है।
प्रणाम महाराज जी!
व्यक्ति है नहीं फिर भी ये 'है ' ऐसा प्रतीत होता है...यही माया है!
भूत और भविष्य की कल्पना और इन दोनों कल्पनाओं से उठती एक और कल्पना कि कोई व्यक्ति कहीं है...आपका ग्यान अतर्क्य है अकाट्य है...सादर नमन! 🙏
Dandvat pranam maharaj jee 🙏🙏
स्वामीजी के दर्शन का सौभाग्य कब मिलेगा?
Make video on the paap puny what is right and wrong Why all Sansara burning in good and bad right and wrong clearfy please
🙏
आपसे बात हो सकती है क्या
प्रणाम!
वीडियो देखने के लिए धन्यवाद। कृपया अपने प्रश्न और सुझाव हमें नीचे दिए गए ईमेल पते पर भेजें ताकि हम महाराज जी द्वारा आपको विस्तृत समुचित उत्तर उपलब्ध करवा सके:
ईमेल आईडी: satya_ki_aur@yahoo.com
सत्य की ओर - हंसानंद जी महाराज
Baat to thik h samjh wali bhi h saaf bhi hai lekin man ko abbhyaas hua h wasna ka dhan ka aur jab Vivek se dekhta hu to wasna me koi sukh n dikhta lekin jab Vivek n hota tab ladkiyo me dekh kr man ko sakoon milta hai dhan me mza aata h lekin jab Vivek gyaan hota h to man n hota vichar edge udhr n jaate lekin baar baar wasna aati h utni time main kuch n kr pta
🙏🙏🙏🙏