मैं बहुत पहले खाना खाने एक ढाबे पर गया। उसके बाहर शाकाहारी लिखा हुआ था ,मेरे दो साथी भी थे। मैं ऐसे ही दायें बायें देखने लगा और कहा जो खाना था, बह नहीं हैं,तो फोरन कहने लगा नॉन बैज भी मिल जाएगा।मेरा तो कहना है,कि ढाबे के बाहर उनके फोन नम्बर भी होने चाहिए। ताकि ग़लत व्यबहार को सुचित किया जा सके।कहीं भी कोई नशा इत्यादि पर नकेल कसनी चाहिए।
मैं बहुत पहले खाना खाने एक ढाबे पर गया। उसके बाहर शाकाहारी लिखा हुआ था ,मेरे दो साथी भी थे। मैं ऐसे ही दायें बायें देखने लगा और कहा जो खाना था, बह नहीं हैं,तो फोरन कहने लगा नॉन बैज भी मिल जाएगा।मेरा तो कहना है,कि ढाबे के बाहर उनके फोन नम्बर भी होने चाहिए। ताकि ग़लत व्यबहार को सुचित किया जा सके।कहीं भी कोई नशा इत्यादि पर नकेल कसनी चाहिए।
Vikramaditya Singh is right. Accountability must be taken for framing Town Vending Committees. There is nothing bad to implement it.
विक्रमादित्य राजा वीरभद्र सिंह जी का वेटा है वह राजाओं की तरह सोच समझकर वोलते हैं सच्चाई वोलता है काग्रेस प्रदेश के प्रति ईमानदार सोच रखनी चाहिए