पांडे जी आपका बहुत बहुत आभार आपने कुमाऊं के इतिहासिक रस्यारा गांव के बारे में वहां के निवासियों द्वारा बहुत अच्छी अच्छी जानकारी दी। आपके वीडियो के माध्यम से बहुत ज्ञानवर्धक , उपयोगी और महत्वपूर्ण जानकारी मिली बहुत ही अच्छा लगा सुखद अहसास हुआ। आपका प्रस्तुतिकरण भी सराहनीय है। पहाड़ से पलायन उचित नहीं है यह सही है, लेकिन इसका दूसरा पहलू भी गांव वालों ने बताया कि अभी भी पहाड़ों के गांवो में शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, आवागमन के साधनों की बहुत ही कमी है । फसलें, साग सब्जियां, फल फूल आदि जंगली जानवरों और बंदतो के आतंक के कारण चौपट हो गई हैं। इसलिए पहाड़ से पलायन विवशता और मजबूरी बन गई है। यही हाल मेरे गांव कनालबुंगा तहसील सोमेश्वर का भी है। पहाड़ से पलायन से मैं भी बहुत्व दुखी हूं। लेकिन करें क्या ? इस विकट समस्या से निजात पाना अकेले गांव वालो के बस की बात नहीं है। इसके लिए तो उत्तराखंड सरकार को शीघ्र एक ठोस नीति बनाकर इन समस्याओं के निवारण हेतु तुरंत सकारात्मक प्रयास करने होंगे। इतनी सुंदर वीडियो के लिए आपको बहुत बहुत बधाई देता हूं। समस्त ग्रामवासियों का भी हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं । आपकी नई ऐसी ही सुन्दर और रोचक नई वीडियो की प्रतीक्षा करूंगा पांडे जी सादर नमस्कार। शमशेर सिंह फर्त्याल, जयपुर ,9785000235
आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपने कुमाऊं के इतिहास के एक पन्ने से हमें अवगत करवाया । इसी तरह आप हमारे कुमाऊं के इतिहास के पन्नों से हमें जानकारियां देते रहेंगे । धन्यवाद जय भारत जय देवभूमि ।
बहुत सुंदर वीडियो। हम भी चम्पावत के सिमल्टा गाँव से कुछ सौ साल पहले विस्थापित हैं। रस्यारा के पाण्डे भी हमारे ही भाई बंधु होंगे। बहुत अच्छा लगा जानकारी पाकर।
बहुत अच्छी वीडियो बनाई है अपने लक्ष्य सेन के गांव के आगे से महीने में हम एक दो बार तो गुजरते ही है पर पता आज आपके माध्यम से चला, बोरारो शब्द का तातपर्य,व चन्द राजाओ के भोजन दरोगा आदि ऐतिहासिक जानकारी बहुत अच्छी लगी । अब आते है पहाड़ियों के सबसे बड़े दुर्भाग्य पर यहां से बड़ी बड़ी हस्तियां पैदा हुवी है चाहे खेल जगत हो प्रसासनिक ,राजनैतिक आदि आदि पर उन लोगों के मन मे अपनी मातृभूमि के लिए कुछ करने का ख्याल बहुत कम लोगो के मन मे आया माना कि मंजिल पाने के लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया परन्तु थोड़ा अपनी जन्मभूमि को आगे बढ़ाने के लिए भी किया जाता तो यहां जो बर्तमान में रह रहे है और आगे बढ़ने के लिए संघर्षरत है उन्हें मद्त ,प्रेरणा मिलती पहाड़ का विकाश होता ,पहाड़ की हमारी विरासत सदैव जिंदा रहती पर हमारा पहाड़ी तो दो चार साल बाहर रह लेता है तो अपने बच्चों को पहाड़ी बोलना तक नही सिखाता ।
सादर प्रणाम आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।सोमेश्वर घाटी के रसयारा गांव के बारे में जानकारी देने के लिए ।मे सोमेश्वर से हूं लेकिन मुझे पहली बार पता चला कि लक्ष्य सेन का गांव भी यही है ।
धन्यवाद । आपने बहुत ही सुन्दर तरीक़े से आज हमारे गाँव के दर्शन कराये हैं पूरा बचपन जैसे आँखों के आगे से दौड़ने लगा सारी यादे ताज़ा हो गयीं वो राश्ते , गधेरे, मनसा नदी , माँ का मंदिर , गोलजू , वो मिट्टी की ख़ुशबू भी में महसूस कर रहा था आपकी वीडियो से जन्मस्थान बाख़ली , चाचा जी आदि सभी के दर्शन करवा दिये आपने आपको बहुत बहुत धन्यवाद आगे भी इसी तरह से आप ज्ञानवर्धक वीडियो बनाते रहेंगे मेरी बहुत बहुत सुभकामनाएं आपको मुझे भी लगता है रोज़गार के अलावा जंगली जानवर एक प्रमुख कारण हो गये हैं आजकल लोगों का गाँव से मोहभंग होने का
ये व लोग हैं जो अपने घर बार छोड़कर कहीं जाना ही नहीं चाहते हैं कुछ कर्मठ लोग भी हैं यही पर बहुत कुछ कर भी रहे हैं मजबुरीया भी है छोड़ने वालों की भी मजबुरी है सोमेश्वर है तो एक स्वर्ग निचे बहुत सुंदर सार भी है सानदार बसा हुआ है
आपकी वीडियो के माध्यम से हमे अपने पुरखों के बारे में जानने अवसर मिलता है और साथ ही अपनी संस्कृति विरासत धर्म रीति रिवाज तीज त्यौहार खान पान तथा अपने पहाड़ की आज के परिपेक्ष्य में जटिल भौगोलिक विषमता का परिचय भी देखने को मिलता। में भी सोमेश्वर विधान सभा का नागरिक हूं
बहुत सुंदर भईया कितनी अच्छी जानकारी पूरा गांव दिखाया सच मैं भईया मैं भी रो पड़ी मेरे भईया आप बहुत अच्छे है भईया आप बागेश्वर से आगे दशोली भी जाएगा भईया वहा पर भी बहुत लंबी बाखली है पाठको की
*Being living in Ghaziabad (Delhi NCR region) since 1998 now finally we are planning to build our home in Almora uttrakhand, here(gzb) we have our house too but now it literally feels like disconnected to our roots, bcz of my govt. job, We had to shift here cause we had no option, but now i am going to resign and will spend rest of my life in Almora in my hometown*
Pandey जी आपने अपने यूट्यूब के माध्यम से बचपन की तथा मेरी जन्मभूमि की,वहाँ की संस्कृति की याद ताज़ा कर दी I दिल खुस भी हुआ, gad gad भी I क्यूँ न हो कहा है जननी janmbhumisch swargadapi gariyashi. रहा सवाल palayan ka, यह सवाल अवर्णनीय है I आपका हृदय से स्वागत है I
कृपया आपने चनेल के माध्यम से सरकार के ध्यान मे निम्न 3 बिंदुओं को लाने का प्रयत्न करे: (1) बाघ (2) वानर और (3) वाराह यदि सरकार इन तीन जंगली जानवरों से मुक्ति दिला दे तो पहाड़ फिर से आबाद हो सकते हैं। मैं एक स्थानीय व्यक्ति हूँ। बचपन मे हम रात भर खेत सीचने के लिए बाहर रहते थे। भूत के अलावा किसी जानवर का दर नहीं था। खेती से ही जीवन या[एन होता था। हमने सूअर पहली बार हल्द्वानी मे देखा था। मेरे को ये लगता है की सरकार ही नहीं चाहती है के लोग यहाँ रहें। यह किसी सरकारी नीति के अंतर्गत भी हो सकता है। पुनः अनुरोध है कि आप सभी स्तरों पर इस समस्या को उठायेंगे।
🙏 आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपने हमारे गावं के बारे मै इतनी अच्छी जानकरि दी 🙏मेरि जन्म भूमि भी रस्यारा गावं है लक्ष्य सेन और चिराग सेन मेरे ताऊजी के लड़के है 🥰आपका ❤️से धन्यवाद आपके वीडिओ के द्वारा आपने घर और अपने गावं की झलक देखने को मिली 🙏❤️
भाई साहब जी रोजगार पहाड़ों पर पहले चाहिए तभी पलायन रुकेगा दुसरी बात नशा भी यहां दुशमन जो लोग घर पर है भी वो नशे के आदि है पहाड़ को जानवर और नशा भी खा गया जानवरों के आंतक से लोग परेशान है बंदर तो अगर आप घर नही है तो रसोई की रोटी तक निकाल ले जाते है
भाई साहब नमस्कार, बहुत शानदार, सुंदर व ज्ञानवर्धक प्रस्तुति, ब्लॉग देखना शुरू करने से पहले लगा कि यह 34 मिनट का बहुत लंबा वीडियो है लेकिन देखते-देखते ऐसा लगा कि जैसे 10 मिनट में ही समाप्त हो गया बहुत बेहतरीन व शानदार वीडियोग्राफी। जो आपने चंद्रसेन जी के बारे में बताया कि वह बांग्लादेश से आए थे बांग्लादेश का नाम सुनते ही कुछ और ध्यान में आया, अब नहीं बताऊंगा वरना आप नाराज हो जाएंगे। बहरहाल आप जो कह रहे थे कि यह इसे बनाने में आप को सबसे ज्यादा मजा आया लेकिन यकीन मानिए हमें देखने में भी बहुत मजा आया।
कलेजे में इतनी नफरत जब भरी हो तो कुछ अच्छा बुरा नही सूझता। सेन वैद्य पूर्वी बंगाल से आये थे, वो हिन्दू थे। आपके दिमाग की क्या गन्दगी बाहर आना चाहती है ये में समझ रहा हूँ सब
Jungali janvaron ka Kuchh karna padega Nahin to aise hi Hamare Pahad ka Khan Pan ki samagri bhi looked Ho Jaenge Kabhi karega hi Kaun Aise mein aur aaj ke Samay Mein Koi ghar ka kam kheti Barish karna Nahin Chahta Sab Bahar ko hi chale Jaate Hain
जब ऐसे सुंदर, सम्पन्न गांव का ये हाल है तो और दुर्गम अभावग्रस्त गांवों का अंजाम होगा।
बहुत बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
भावुक कर देने वाला विडियों है।
पांडे जी आपका बहुत बहुत आभार आपने कुमाऊं के इतिहासिक रस्यारा गांव के बारे में वहां के निवासियों द्वारा
बहुत अच्छी अच्छी जानकारी दी। आपके वीडियो के माध्यम से बहुत ज्ञानवर्धक , उपयोगी और महत्वपूर्ण जानकारी मिली बहुत ही अच्छा लगा सुखद अहसास हुआ। आपका प्रस्तुतिकरण भी सराहनीय है। पहाड़ से पलायन उचित नहीं है यह सही है, लेकिन इसका दूसरा पहलू भी गांव वालों ने बताया कि अभी भी पहाड़ों के गांवो में शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, आवागमन के साधनों की बहुत ही कमी है । फसलें, साग सब्जियां, फल फूल आदि जंगली जानवरों और बंदतो के आतंक के कारण चौपट हो गई हैं। इसलिए पहाड़ से पलायन विवशता और मजबूरी बन गई है। यही हाल मेरे गांव कनालबुंगा तहसील सोमेश्वर का भी है। पहाड़ से पलायन से मैं भी बहुत्व दुखी हूं। लेकिन करें क्या ? इस विकट समस्या से निजात पाना अकेले गांव वालो के बस की बात नहीं है। इसके लिए तो उत्तराखंड सरकार को शीघ्र एक ठोस नीति बनाकर इन समस्याओं के निवारण हेतु तुरंत सकारात्मक प्रयास करने होंगे। इतनी सुंदर वीडियो के लिए आपको बहुत बहुत बधाई देता हूं। समस्त ग्रामवासियों का भी हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं । आपकी नई ऐसी ही सुन्दर और रोचक नई वीडियो की प्रतीक्षा करूंगा पांडे जी सादर नमस्कार।
शमशेर सिंह फर्त्याल, जयपुर
,9785000235
आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपने कुमाऊं के इतिहास के एक पन्ने से हमें अवगत करवाया । इसी तरह आप हमारे कुमाऊं के इतिहास के पन्नों से हमें जानकारियां देते रहेंगे । धन्यवाद जय भारत जय देवभूमि ।
Bhai sahab Durga bhavan hamara hai... Bahut achha laga.
Ek din aayega..
jab sab pahar wapas aa jayenge..
Bhot jaldi wo wakt aayega❤jay sri ram❤
Very nice ilike it😮
बहुत सुंदर वीडियो। हम भी चम्पावत के सिमल्टा गाँव से कुछ सौ साल पहले विस्थापित हैं। रस्यारा के पाण्डे भी हमारे ही भाई बंधु होंगे। बहुत अच्छा लगा जानकारी पाकर।
बहुत अच्छी जानकारी दी di धन्यवाद
श्री मान जी नमस्कार बहुत ही बढ़िया जानकारी दी है। आप द्वारा बहुत ही अच्छी जानकारी दी जाती है। बहुत बहुत धन्यवाद ❤
बहुत ही अच्छा और सुंदर लगी
RASYARAGAON ke bare mai Jaankari dene ke liye daniyabad.
AAJADI ki ladai mai shamil Mahapurush ko sat sat Naman❤️❤️🙏🙏
बहुत सुन्दर जानकारी दी पांडे जी लक्ष चिराग सेन का भी यही गाँव है बहुत बहुत धन्यवाद
नवीन चंद पांडे जी हमारे कोर्स मैड थे हमने एक साथ 10वी तक पढ़ाई मंसारी नाला चौड़ा से की थी
Bhut hi achhi baat kahi Pandey ji ne
Sankar ji k pujary hai mairay mamaji or someshwar mahadevji k🙏🙏🌹🌹🙏🙏
Aapke vidio dekhkar Dil bhr jata hai bahut, Aacha bhi lagta hai or mujhe Garv bhi hota h ke me eshee dev bhoomi ka Rahane wala hun Jai ho Golu je ❤❤
बहुत अच्छी वीडियो बनाई है अपने लक्ष्य सेन के गांव के आगे से महीने में हम एक दो बार तो गुजरते ही है पर पता आज आपके माध्यम से चला, बोरारो शब्द का तातपर्य,व चन्द राजाओ के भोजन दरोगा आदि ऐतिहासिक जानकारी बहुत अच्छी लगी ।
अब आते है पहाड़ियों के सबसे बड़े दुर्भाग्य पर यहां से बड़ी बड़ी हस्तियां पैदा हुवी है चाहे खेल जगत हो प्रसासनिक ,राजनैतिक आदि आदि पर उन लोगों के मन मे अपनी मातृभूमि के लिए कुछ करने का ख्याल बहुत कम लोगो के मन मे आया माना कि मंजिल पाने के लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया परन्तु थोड़ा अपनी जन्मभूमि को आगे बढ़ाने के लिए भी किया जाता तो यहां जो बर्तमान में रह रहे है और आगे बढ़ने के लिए संघर्षरत है उन्हें मद्त ,प्रेरणा मिलती पहाड़ का विकाश होता ,पहाड़ की हमारी विरासत सदैव जिंदा रहती पर हमारा पहाड़ी तो दो चार साल बाहर रह लेता है तो अपने बच्चों को पहाड़ी बोलना तक नही सिखाता ।
बहुत ही सुंदर बहुत ही अच्छा लगा जी❤
मास्टर लक्क्ष पान्डे के कितने बड़े और कितने नेक बिचार है ❤❤
❤ bohot sunder
बहुत सुंदर 👌 हम भी सोमेश्वर से है
सुन्दर अति उत्तम वाह ।बहुत बहुत धन्यवाद। हमारे गाँव की यात्रा व जानकारी से अवगत कराने के लिए। जय हिंद जय रस्यारा गांव ।
सादर प्रणाम आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।सोमेश्वर घाटी के रसयारा गांव के बारे में जानकारी देने के लिए ।मे सोमेश्वर से हूं लेकिन मुझे पहली बार पता चला कि लक्ष्य सेन का गांव भी यही है ।
धन्यवाद ।
आपने बहुत ही सुन्दर तरीक़े से आज हमारे गाँव के दर्शन कराये हैं
पूरा बचपन जैसे आँखों के आगे से दौड़ने लगा
सारी यादे ताज़ा हो गयीं
वो राश्ते , गधेरे, मनसा नदी , माँ का मंदिर , गोलजू , वो मिट्टी की ख़ुशबू भी में महसूस कर रहा था आपकी वीडियो से
जन्मस्थान बाख़ली , चाचा जी आदि सभी के दर्शन करवा दिये आपने
आपको बहुत बहुत धन्यवाद
आगे भी इसी तरह से आप ज्ञानवर्धक वीडियो बनाते रहेंगे
मेरी बहुत बहुत सुभकामनाएं आपको
मुझे भी लगता है रोज़गार के अलावा जंगली जानवर एक प्रमुख कारण हो गये हैं आजकल लोगों का गाँव से मोहभंग होने का
Bhai buhot badhiya,, 💗❤️💖💓
आज तक हमै इस गांव की ऐसी जानकरी नही थी जबकि हम यही सोमेश्वर के नजदीक के है
Bhut bdiya
बहुत सुन्दर, धन्यवाद।
Love from rasayara gaon ❤️
Very nice blogging sir
Bahut achchi kosi hai sir bahut- bahut dhanywad
ये व लोग हैं जो अपने घर बार छोड़कर कहीं जाना ही नहीं चाहते हैं कुछ कर्मठ लोग भी हैं यही पर बहुत कुछ कर भी रहे हैं मजबुरीया भी है छोड़ने वालों की भी मजबुरी है सोमेश्वर है तो एक स्वर्ग निचे बहुत सुंदर सार भी है सानदार बसा हुआ है
बहुत ही सुन्दर रिर्पोटिग ।😊😊
जय ज्वाला माता जी की जय हो जय हो
nice presentation🎉
बहुत सुंदर भाई साहब❤
Bhout khooooob ❤❤❤❤❤❤
Is video mei pura goan nahi dikhaya hai ye mandir ke samne wala pahad bhi is gaon ka hi hai jahan bhi bohot log rehte hai
Very nice
आपकी वीडियो के माध्यम से हमे अपने पुरखों के बारे में जानने अवसर मिलता है और साथ ही अपनी संस्कृति विरासत धर्म रीति रिवाज तीज त्यौहार खान पान तथा अपने पहाड़ की आज के परिपेक्ष्य में जटिल भौगोलिक विषमता का परिचय भी देखने को मिलता। में भी सोमेश्वर विधान सभा का नागरिक हूं
इस वीडियो को शेयर कीजिए
बहुत सुंदर से समझाया जय जला देवी को प्रणाम🙏🙏 🎉🎉
Bahut acche bhai
बहुत सुंदर भईया कितनी अच्छी जानकारी पूरा गांव दिखाया सच मैं भईया मैं भी रो पड़ी मेरे भईया आप बहुत अच्छे है भईया आप बागेश्वर से आगे दशोली भी जाएगा भईया वहा पर भी बहुत लंबी बाखली है पाठको की
वहां किसी का सम्पर्क नम्बर देना
Jai Maa jwala. Ji.
*Being living in Ghaziabad (Delhi NCR region) since 1998 now finally we are planning to build our home in Almora uttrakhand, here(gzb) we have our house too but now it literally feels like disconnected to our roots, bcz of my govt. job, We had to shift here cause we had no option, but now i am going to resign and will spend rest of my life in Almora in my hometown*
हम भी सोमेश्वर से ही है।। बहुत अच्छी वीडियो हैं।।👍😍😍😍
please share maximum this video
Kumaun ka itihas apne aap m baooooot bada or Vishaal h 👏😌 jo hmari janam bhumi h karm bhumi h 🙏🏻❤️❤️💯
ढेर सारी जानकारी देने के लिए धन्यवाद। बहुत बढ़िया ब्लाग।
Jai ho
Bhut sunder vedio👍👍❤❤
Pandey जी आपने अपने यूट्यूब के माध्यम से बचपन की तथा मेरी जन्मभूमि की,वहाँ की संस्कृति की याद ताज़ा कर दी I दिल खुस भी हुआ, gad gad भी I क्यूँ न हो कहा है जननी janmbhumisch swargadapi gariyashi. रहा सवाल palayan ka, यह सवाल अवर्णनीय है I आपका हृदय से स्वागत है I
अति सुन्दर
Jai Ho super ❤️❤️🙏
Mera sasural ❤
Good
बहुत बहुत अच्छी लगी ये विडियो
Very nice presentation
Nice to explore our village ❣️😎
So nice
बहुत सुंदर विडियो
Naveen ji pranam aapne too verasat ko shabala hai bahut hi sarahaneye
My village RASYARAGAON
thanks for this amazing presentation ❤
please share this important video
@@afellowtraveller sure♥️
Jai Mata ki 🙏
@@afellowtravellerJay.. East.. Daiv.. Narsig.. Daiwata.. Kee.. Jay.. Ho..... Mujhe.. Aapka.. No.. Chahiye..... Up.. Kanpur...
जय माँ ज्वाला मांता ⚘️🙏⚘️
❤❤
आपने हमें अपने ही गांव से रूबरू करवाया आपका बहुत बहुत धन्यवाद
nice ❤❤
9027745814 par msz kijiye please
जय माँ 🙏❤️जय मांता दी🙏⚘️
Bhai ke sathsath mari bhi aankhe nam ho gayi
aap kaha se ho?
Kumauo se hi hu Roji Roti ki wajah se Delhi mai
Sir mansari Nala chaura me sewarat rahane ke Karan Rasera Gawan ki Yad a gai
Super
Aapke video's ka wait karte h ham log puri family
ok plz इस वीडियो को खूब शेयर कीजिए
Sir Bora jaati ke baare me btaye please
कृपया आपने चनेल के माध्यम से सरकार के ध्यान मे निम्न 3 बिंदुओं को लाने का प्रयत्न करे:
(1) बाघ (2) वानर और (3) वाराह
यदि सरकार इन तीन जंगली जानवरों से मुक्ति दिला दे तो पहाड़ फिर से आबाद हो सकते हैं।
मैं एक स्थानीय व्यक्ति हूँ। बचपन मे हम रात भर खेत सीचने के लिए बाहर रहते थे। भूत के अलावा किसी जानवर का दर नहीं था। खेती से ही जीवन या[एन होता था। हमने सूअर पहली बार हल्द्वानी मे देखा था। मेरे को ये लगता है की सरकार ही नहीं चाहती है के लोग यहाँ रहें। यह किसी सरकारी नीति के अंतर्गत भी हो सकता है। पुनः अनुरोध है कि आप सभी स्तरों पर इस समस्या को उठायेंगे।
Bhi shab puranathal berinag ki ve blogging kerke dikhana
mujhe waha kisi ka number do
🙏 आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपने हमारे गावं के बारे मै इतनी अच्छी जानकरि दी 🙏मेरि जन्म भूमि भी रस्यारा गावं है लक्ष्य सेन और चिराग सेन मेरे ताऊजी के लड़के है 🥰आपका ❤️से धन्यवाद आपके वीडिओ के द्वारा आपने घर और अपने गावं की झलक देखने को मिली 🙏❤️
इस वीडियो को उन तक भी पहुँचाने का कष्ट करें plz
भाई साहब जी रोजगार पहाड़ों पर पहले चाहिए तभी पलायन रुकेगा दुसरी बात नशा भी यहां दुशमन जो लोग घर पर है भी वो नशे के आदि है पहाड़ को जानवर और नशा भी खा गया जानवरों के आंतक से लोग परेशान है बंदर तो अगर आप घर नही है तो रसोई की रोटी तक निकाल ले जाते है
भाई साहब नमस्कार,
बहुत शानदार, सुंदर व ज्ञानवर्धक प्रस्तुति, ब्लॉग देखना शुरू करने से पहले लगा कि यह 34 मिनट का बहुत लंबा वीडियो है लेकिन देखते-देखते ऐसा लगा कि जैसे 10 मिनट में ही समाप्त हो गया बहुत बेहतरीन व शानदार वीडियोग्राफी।
जो आपने चंद्रसेन जी के बारे में बताया कि वह बांग्लादेश से आए थे बांग्लादेश का नाम सुनते ही कुछ और ध्यान में आया, अब नहीं बताऊंगा वरना आप नाराज हो जाएंगे।
बहरहाल आप जो कह रहे थे कि यह इसे बनाने में आप को सबसे ज्यादा मजा आया लेकिन यकीन मानिए हमें देखने में भी बहुत मजा आया।
कलेजे में इतनी नफरत जब भरी हो तो कुछ अच्छा बुरा नही सूझता।
सेन वैद्य पूर्वी बंगाल से आये थे, वो हिन्दू थे।
आपके दिमाग की क्या गन्दगी बाहर आना चाहती है ये में समझ रहा हूँ सब
बंगाल में और मिथिला के तिरहुत में कर्नाटक आंध्र से आये सेन वंश के राजाओं ने शासन किया था
हमारे गांव दियारी का भी वीडियो बनाएं
ये कहाँ है , पूरा एड्रेस और वहां किसी का नम्बर भेजें
भ्या पहाड़ी में बोलना त भल लागण
Jungali janvaron ka Kuchh karna padega Nahin to aise hi Hamare Pahad ka Khan Pan ki samagri bhi looked Ho Jaenge Kabhi karega hi Kaun Aise mein aur aaj ke Samay Mein Koi ghar ka kam kheti Barish karna Nahin Chahta Sab Bahar ko hi chale Jaate Hain
Very nice👍👏
अति सुन्दर
जय ज्वाला माता जी की जय हो जय हो