मध्यमहेश्वर मंदिर की यात्रा।

Поділитися
Вставка
  • Опубліковано 11 лют 2025
  • उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित मध्यमहेश्वर मंदिर पंच केदार मंदिरों में द्वितीय केदार के रूप में प्रसिद्ध है। मध्यमहेश्वर मंदिर में भगवान शिव के पेट (नाभि) की पूजा की जाती है। मध्यमहेश्वर मंदिर के अलावा पंच केदार मंदिरों में प्रथम केदार के रूप में केदारनाथ, तृतीय केदार के रूप में तुंगनाथ, चतुर्थ केदार के रूप में रुद्रनाथ और पांचवें और अंतिम केदार के रूप में कल्पेश्वर को पूजा जाता है।
    मध्यमहेश्वर मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए वर्ष में सिर्फ 06 महीने ही खुले रहते है। सर्दियों के मौसम में मध्यमहेश्वर मंदिर के कपाट अत्यधिक बर्फ़बारी की वजह से बंद कर दिए जाते है। पांचो केदार मंदिरों में सिर्फ केदारनाथ मंदिर ही एक ऐसा मंदिर है जिसकी यात्रा के लिए आपको पंजीकरण करवाना जरुरी है, बाकी के चारों केदार मंदिर की यात्रा आप बिना किसी पंजीकरण के करवा सकते है।
    समुद्रतल से 3497 मीटर (11473 फ़ीट ) की ऊंचाई पर स्थित मध्यमहेश्वर मंदिर का ट्रेक एक माध्यम श्रेणी का ट्रेक माना जाता है। मध्यमहेशश्वर मंदिर तक पहुँचने के बाद आप मंदिर से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बुढ़ा मध्यमहेशश्वर का ट्रैक जरूर करें। बुढ़ा मध्यमहेशश्वर से हिमालय की चौखम्बा पर्वतश्रृंखला के बेहद शानदार दृश्य दिखाई देते है।
    #bolenath
    #kedarnath
    #सावन
    #मद्महेश्वर
    #वायरल_वीडियो
    #firstvlog

КОМЕНТАРІ • 21