गीत के बोल - इखि ई पिरथिमा ये हि जलम मां, इखि ई पिरथिमा ये हि जलम मां देखि त छैं च कख देखि होलि, रुपसि बांद ज्वा बसिगे मन मां, रुपसि बांद ज्वा बसिगे मन मां देखि त छैं च कख देखि होलि- कख देखि होलि .. सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? इखि ई पिरथिमा ये हि जलम मां, देखि त छैं च कख देखि होलि रुपसि बांद ज्वा बसिगे मन मां, देखि त छैं च कख देखि होलि - कख देखि होलि .. सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? चोरी काखड़ि, बिरानि सगोड़ीकि सी - छै वा , चोरी काखड़ि, बिरानि सगोड़ीकि सी - छै वा सवादि येनि कि पैणेकि पकोड़ि सी - छै वा काड़ों का बोटूमा हिंसारे गुन्दसि, पिंडाळू पातुमा उंसिकी बुन्दसि - कख देखि होलि सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? दाना दिवाना कि ब्योवाकि गांणि सी - छै वा , दाना दिवाना कि ब्योवाकि गांणि सी - छै वा रुड़्यूं का घामूमा छोय्याको पांणि सी छै वा बादळु बीचमा जूनी झलक्क सी, दाता का मुक्क मा मंगत्याकि टक्क सी - कख देखि होलि सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू , कि बैम रै होलू ? ह्यूंदि का दिनूमां घामै निवात्ति सी - छै वा , ह्यूंदि का दिनूमां घामै निवात्ति सी - छै वा बाला का मनैकि स्यांणि दुद भात्ति सी - छै वा मरच्यांणा खाणामा खीर जन मिट्ठि सी , दूर परदेस मा घोरैकि चिट्ठी सी - कख देखि होलि सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? ब्यो बर्यात्युं मां स्याळि सी गाळि सी - छै वा , ब्यो बर्यात्युं मां स्याळि सी गाळि सी - छै वा नाति नत्येणों पर दादी अंग्वालि सी - छै वा भूखा का अगाड़ी भोजने थालि सी, चौका तिराळि नारंगि डालि सी - कख देखि होलि सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सूनैकि गौलिमा मोत्युंकि माला सी - छै वा , सूनैकि गौलिमा मोत्युंकि माला सी - छै वा पांणिकि तौलिमा जूनि सौंडल्या सी - छै वा औंसिकि घनाघोर राति मुछ्यालि सी - अंधेरा मन मां आसै उज्यालि सी - कख देखि होलि सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? इखि ई पिरथिमा ये हि जलम मां, देखि त छैं च कख देखि होलि रुपसि बांद ज्वा बसिगे मन मां, देखि त छैं च कख देखि होलि - कख देखि होलि .. सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? गीत का पद्यानुवाद इसी धरती पर इसी जनम में, देखा तो है पर देखा कहाँ रूपसी जो बसी है मन में, देखा तो है पर देखा कहाँ, देखा कहाँ स्वप्न है ये, या है ये वहम…. पराये के घर से चोरी ककड़ी सी है वो, भूखे को दान में मिली पकौड़ी सी है वो, काटे भरे पेड़ में हिसालू की फून्द, पिंडालू के पात में ओस की बूँद स्वप्न है ये, या है ये वहम…. दीवाने बूढ़े के शादी के सपने सी है वो, गरमी की धूप में ठंडे पानी सी है वो, काले बादल में चांदनी की झलक, दाता को तकते भिखारी की ललक स्वप्न है ये, या है ये वहम…. सरदी के महीने की गुनगुनी धूप सी है वो, दूध की बच्चे को लगी भूख सी है वो, मिर्च खाने के बाद मिली खीर जैसी, परदेश में राँझा को मिली हीर जैसी स्वप्न है ये, या है ये वहम…. शादी में साली की प्यारी गाली सी है वो, दादी की गोद में मिली खुशहाली सी है वो, भूखे के आगे ज्यों भोजन की थाली, आँगन की कोने में नाँरगी की डाली स्वप्न है ये, या है ये वहम…. सोने से गले में मोती की माला सी है वो, पानी के बर्तन में चांद की छ्टा सी है वो, घने अंधकार में जलती मशाल सी, अंधेरे मन में आस के उजाले सी स्वप्न है ये, या है ये वहम… इसी धरती पर इसी जनम में, देखा तो है पर देखा कहाँ रूपसी जो बसी है मन में, देखा तो है पर देखा कहाँ, देखा कहाँ स्वप्न है ये, या है ये वहम…..
श्री नेगी जी, आपके गीतों में गढ़-कुमौं के सुख, दुःख, बिरह, मिलन, वियोग आदि सभी भाव का समागम समान रूप से है। ऐसा ठेठपन कहीं और देखने को नहीं मिलता और न ही मिल पायेगा। आपके गीतों का संग्रह हमारे लिए एक सर्वोच्च कृति (masterpiece) के समान है इस विशाल संग्रह के लिए हम आपके आभारी हैं। आप जुग-जुग जियां
जू भी लेखड़ूँ च अपड़ी बोली म लेख्या कारा तभी अंक्वेकी नेगी जी क गीतों थे होरी भल्लू काम काज होलु अर नेगी जी कु जियु भी भिगोलु उँकि लेखनी फरी घाम जन ताती भी लगेली हो ❤❤❤❤म्यार गढ़ रत्न नेगी दा जौँ थे पदम् श्री त नी मीलू राजनीती का बाना... पर हमर जियु म उउंकू सदनी ***पदम् श्री --*सदनी रालू जौल अपड़ गीतों मे ठेठ अपड़ी बोली नि छोड़ी जो शब्द हम कए मनिखी जनदा भी नि छोँ कतगा आई कतगा गयीं उउंकू नो हम गढ़वाली कुमों अर सारा उत्तराखंड देश विदेश म ऊँचा ढय्या (हिमालय) जन च नेगी दा गीतेर रे
Sath me music dene walo ko bhot bhot naman dil se mera jo itni mehnat krte h background m pr naam kamm aata pr me sabki ijjat wa sabki ek manta hu sabko dil bhar k pyaar mera
Negi ji ke jyadatar gaano me negi ji khud hi geet sangeet dete h vse hi is gaane me bhi negi ji ne khud sangeet diya hai va khud hi is gaane ko likha h or gaya bhi h
मुझे english talking भी आसान सी लगती है। लेकिन गर्व इस बात का है कि मैं नेगी जी के गीतों के शब्दार्थ/भावार्थ/ प्रयुक्त विभिन्न अलंकारों को सटीक समझ सकता हूं। और खुद को भाग्यवान मानता हूं कि मैं गढ़वाली हूं, वरना नेगी जी के लोकगायन से अछूता रह जाता।🙏🙏 जटिल शब्दों में मां मेरी शिक्षिका हुआ करती थी। 😥
Aaj m sangliya palla dhumakot ka ladka is gaon k is gane ko sun raha hu m china m rehta hu par aaj apne gaon ki yad bahut aati hai aur Negi ji usme Jan dal dete hai apne past ko nahi bhulna chaie
Uttrakhand hamare purvajon ki ek amulya dharohar h Hamare liye jo swarg se bhi sunder h isliye hume apne baccho ko uttarakhand ki sanskriti jaroor shikhani chahiye
जब मैं कक्षा 10 मे था तो हमारी हिंदी की मैडम ने हमे उपमा अलंकार के बारे में बताया था जहां एक चीज की तुलना दूसरे चीज से की जाती है इस अलंकार का गढ़वाली बोली में सबसे अच्छा उदारहण यह गीत है नेगी जी आपको शत शत नमन 🙏🙏
Sadar pranam garhratan shree negi ji ko mera apke barabar nahi koi dunia me ap nirale sur samrath or mere pass word nahi apke liye hunme toh apna bhagwan apko maan liya apke geet sunke jo praan mila waww woh kahi or mill hi nahi sakta me singing krta sab apke geeto se prerna mili amar raho ap hmesa i love uhhhhh
गीत के बोल -
इखि ई पिरथिमा ये हि जलम मां, इखि ई पिरथिमा ये हि जलम मां
देखि त छैं च कख देखि होलि,
रुपसि बांद ज्वा बसिगे मन मां, रुपसि बांद ज्वा बसिगे मन मां
देखि त छैं च कख देखि होलि- कख देखि होलि ..
सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ?
इखि ई पिरथिमा ये हि जलम मां, देखि त छैं च कख देखि होलि
रुपसि बांद ज्वा बसिगे मन मां,
देखि त छैं च कख देखि होलि - कख देखि होलि ..
सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ?
सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ?
चोरी काखड़ि, बिरानि सगोड़ीकि सी - छै वा , चोरी काखड़ि, बिरानि सगोड़ीकि सी - छै वा
सवादि येनि कि पैणेकि पकोड़ि सी - छै वा
काड़ों का बोटूमा हिंसारे गुन्दसि, पिंडाळू पातुमा उंसिकी बुन्दसि - कख देखि होलि
सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ?
दाना दिवाना कि ब्योवाकि गांणि सी - छै वा , दाना दिवाना कि ब्योवाकि गांणि सी - छै वा
रुड़्यूं का घामूमा छोय्याको पांणि सी छै वा
बादळु बीचमा जूनी झलक्क सी, दाता का मुक्क मा मंगत्याकि टक्क सी - कख देखि होलि
सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू , कि बैम रै होलू ?
ह्यूंदि का दिनूमां घामै निवात्ति सी - छै वा , ह्यूंदि का दिनूमां घामै निवात्ति सी - छै वा
बाला का मनैकि स्यांणि दुद भात्ति सी - छै वा
मरच्यांणा खाणामा खीर जन मिट्ठि सी , दूर परदेस मा घोरैकि चिट्ठी सी - कख देखि होलि
सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ?
ब्यो बर्यात्युं मां स्याळि सी गाळि सी - छै वा , ब्यो बर्यात्युं मां स्याळि सी गाळि सी - छै वा
नाति नत्येणों पर दादी अंग्वालि सी - छै वा
भूखा का अगाड़ी भोजने थालि सी, चौका तिराळि नारंगि डालि सी - कख देखि होलि
सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ?
सूनैकि गौलिमा मोत्युंकि माला सी - छै वा , सूनैकि गौलिमा मोत्युंकि माला सी - छै वा
पांणिकि तौलिमा जूनि सौंडल्या सी - छै वा
औंसिकि घनाघोर राति मुछ्यालि सी - अंधेरा मन मां आसै उज्यालि सी - कख देखि होलि
सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ?
इखि ई पिरथिमा ये हि जलम मां, देखि त छैं च कख देखि होलि
रुपसि बांद ज्वा बसिगे मन मां, देखि त छैं च कख देखि होलि - कख देखि होलि ..
सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ?
सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ? सुपिन्यु ह्वै होलू, कि बैम रै होलू ?
गीत का पद्यानुवाद
इसी धरती पर इसी जनम में, देखा तो है पर देखा कहाँ
रूपसी जो बसी है मन में, देखा तो है पर देखा कहाँ, देखा कहाँ
स्वप्न है ये, या है ये वहम….
पराये के घर से चोरी ककड़ी सी है वो, भूखे को दान में मिली पकौड़ी सी है वो,
काटे भरे पेड़ में हिसालू की फून्द, पिंडालू के पात में ओस की बूँद
स्वप्न है ये, या है ये वहम….
दीवाने बूढ़े के शादी के सपने सी है वो, गरमी की धूप में ठंडे पानी सी है वो,
काले बादल में चांदनी की झलक, दाता को तकते भिखारी की ललक
स्वप्न है ये, या है ये वहम….
सरदी के महीने की गुनगुनी धूप सी है वो, दूध की बच्चे को लगी भूख सी है वो,
मिर्च खाने के बाद मिली खीर जैसी, परदेश में राँझा को मिली हीर जैसी
स्वप्न है ये, या है ये वहम….
शादी में साली की प्यारी गाली सी है वो, दादी की गोद में मिली खुशहाली सी है वो,
भूखे के आगे ज्यों भोजन की थाली, आँगन की कोने में नाँरगी की डाली
स्वप्न है ये, या है ये वहम….
सोने से गले में मोती की माला सी है वो, पानी के बर्तन में चांद की छ्टा सी है वो,
घने अंधकार में जलती मशाल सी, अंधेरे मन में आस के उजाले सी
स्वप्न है ये, या है ये वहम…
इसी धरती पर इसी जनम में, देखा तो है पर देखा कहाँ
रूपसी जो बसी है मन में, देखा तो है पर देखा कहाँ, देखा कहाँ
स्वप्न है ये, या है ये वहम…..
Waw 🤗👩🎓🙏❤️
Ye apne khud se likha or hindi translate b khud hi kiya
@@daring_ashiq Nahi bhai
Great sir ji
Shukriya bahuguna ji 😊
श्री नेगी जी,
आपके गीतों में गढ़-कुमौं के
सुख, दुःख, बिरह, मिलन,
वियोग आदि सभी भाव का
समागम समान रूप से है। ऐसा
ठेठपन कहीं और देखने को
नहीं मिलता और न ही मिल
पायेगा।
आपके गीतों का संग्रह हमारे
लिए एक सर्वोच्च कृति
(masterpiece) के समान है
इस विशाल संग्रह के लिए हम
आपके आभारी हैं।
आप जुग-जुग जियां
Ready room room r
जू भी लेखड़ूँ च अपड़ी बोली म लेख्या कारा तभी अंक्वेकी नेगी जी क गीतों थे होरी भल्लू काम काज होलु अर नेगी जी कु जियु भी भिगोलु उँकि लेखनी फरी घाम जन ताती भी लगेली हो ❤❤❤❤म्यार गढ़ रत्न नेगी दा जौँ थे पदम् श्री त नी मीलू राजनीती का बाना... पर हमर जियु म उउंकू सदनी ***पदम् श्री --*सदनी रालू
जौल अपड़ गीतों मे ठेठ अपड़ी बोली नि छोड़ी जो शब्द हम कए मनिखी जनदा भी नि छोँ
कतगा आई कतगा गयीं
उउंकू नो हम गढ़वाली कुमों अर सारा उत्तराखंड देश विदेश म ऊँचा ढय्या (हिमालय) जन च
नेगी दा
गीतेर रे
Naye garhwali generation is gaaane ka lufttt uthaate hue 👀....
Chori kakadi, birani sagodi se cheeee vaaa ❤❤❤❤❤
Jab man bhut dukhi ho na to negi ji ke purane gane sun ke sukun aaha 😊
My favourite singer Negi ji
Negi ji ke sabhi gane bhut sunder h
उत्तराखंड के सांस्कृतिक राजदूत नेगी जी को शत शत नमन है। ईश्वर उनकी आवाज हमे हमेशा सुनाता रहे ऐसी प्रार्थना है 💐🙏
Bahut hi Sundar aur Jivan Ki Har baten Yad Aati Hai
Dil Chu gya❤
ये गाना यूट्यूब कि अलावा किसी भी प्लेटफार्म पर नहीं मिलता, मन करता है इसको लूप पर लगाकर छोड़ दूँ !! सलाम है नरेंद्र नेगी जी को 💐💐
नया साल के दिन पहले यही गाना सुना ❤❤
नेगी जी का गाना कु सुनके मे तो सचई सुपनेव का कवे जनदु 👌👌💐💐💐
नेगी जी जैसा कोई नहीं हुआ आजतक ना होगा
Sath me music dene walo ko bhot bhot naman dil se mera jo itni mehnat krte h background m pr naam kamm aata pr me sabki ijjat wa sabki ek manta hu sabko dil bhar k pyaar mera
Negi ji ke jyadatar gaano me negi ji khud hi geet sangeet dete h vse hi is gaane me bhi negi ji ne khud sangeet diya hai va khud hi is gaane ko likha h or gaya bhi h
Negi g likhte b khud hi h music b khud hi dete h or gaate bhi h..
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मुझे english talking भी आसान सी लगती है। लेकिन गर्व इस बात का है कि मैं नेगी जी के गीतों के शब्दार्थ/भावार्थ/ प्रयुक्त विभिन्न अलंकारों को सटीक समझ सकता हूं। और खुद को भाग्यवान मानता हूं कि मैं गढ़वाली हूं, वरना नेगी जी के लोकगायन से अछूता रह जाता।🙏🙏 जटिल शब्दों में मां मेरी शिक्षिका हुआ करती थी। 😥
All time great..... lovely song by Narendra Singh Negi ji ❤❤❤
Hum hamesa negii
K karjdaar rahenge koti koti pranam Negi Ji ko
Aaj m sangliya palla dhumakot ka ladka is gaon k is gane ko sun raha hu m china m rehta hu par aaj apne gaon ki yad bahut aati hai aur Negi ji usme Jan dal dete hai apne past ko nahi bhulna chaie
नेगी जी के द्वारा इस गाने में लिए गए एक-एक शब्द नेगी जी की महानता को दर्शाते हैं।
Narendra Singh negiji and our old garhwali songs are everygreen ❣️❣️🔥🔥.. jai devbhoomi bhoomi .. jai garh bhoomi
शब्द हि नि छी रे latta तारीफ़ काना को रे
Uttrakhand hamare purvajon ki ek amulya dharohar h Hamare liye jo swarg se bhi sunder h isliye hume apne baccho ko uttarakhand ki sanskriti jaroor shikhani chahiye
🎶Negi jii, negi jii...🎧🎼🔥
Beautiful song as ever sang by negi ji and love this actor we should teach our tradition to our kids also.
जब मैं कक्षा 10 मे था तो हमारी हिंदी की मैडम ने हमे उपमा अलंकार के बारे में बताया था जहां एक चीज की तुलना दूसरे चीज से की जाती है इस अलंकार का गढ़वाली बोली में सबसे अच्छा उदारहण यह गीत है
नेगी जी आपको शत शत नमन 🙏🙏
Negi ji ke gaane sun ke pyaar me padne ko man karta he❤
Very very very nice song 🌹🌷🌹🌹 beautiful location ❤️❤️❤️❤️ from Almora 🍀🌱🌿🌴🌲☘️🍀🌻☘️🍀
JAY HO JAY HO JAI HO JAI NEGI DA
Aati sunder geet ❤
Negi Ji ke geet sangeet humsa uttrakhand sanskrit samaj Aur logoin kee ek dharoher rahegi!!🙏🙏
Feeling is Great for Dear Friends
And Good bless you with negi ji
एक एक शब्द हीरे सा जड़ा हुआ ❤️...नेगी जी 🙏❤️
BINA AAPKE GEETON KE NAHI REH SAKTE................JAY HO
Jay Negi ji old is gold
Mujhe ye song acha lagta ❤❤❤
❤❤nice👍
Thanks
Abundant of figure of speech Simile
Awesome poetry
आपकी लेखनी को शत शत नमन नेगी जी
भेरी भेरी भेरी नाईस सोग गडवाली
Sadar pranam garhratan shree negi ji ko mera apke barabar nahi koi dunia me ap nirale sur samrath or mere pass word nahi apke liye hunme toh apna bhagwan apko maan liya apke geet sunke jo praan mila waww woh kahi or mill hi nahi sakta me singing krta sab apke geeto se prerna mili amar raho ap hmesa i love uhhhhh
Nic negi jii aapka ye song mst hai
Soulful voice
Hamesha negi ji hamari dil mai rahiji
Mja aa gaya
Sundar geet ❣️
जय हो नेगी जी
My favorite negi ji lalakar
Old is always gold naredarji songs
Melodius ❤song😢😢
Reality❤❤❤
Great❤
Kya bat hai negi da aapla bilul satik song banyu cha Chuyalu par 😂😂😂😂😂
How grateful I m to Rakesh sir, really thx a lot for this song
Meri rana😘
Great singer negi Ji 🙏
Jai Uttarakhand
Bahut hi sundar geet
Old is gold❤❤
Negi ji koti koti Naman 👌👌
Avishmaniya geet
धन्य हैं नैगी जी
सुंदर गीत
Sat sat naman karta hu negi ji ko
Negi ji the naman
नरेंद्र सिंह नेगी जी के सुपरहिट सौ बार भी सुनो तो काम
Supnyo ve holu ki behm re holu😍
Supnyo..😜
supniyo whe holu
Mansi dhoundiyal
Beham re holuuuu
Mansi dhoundiyal 🤩
Narendra Singh Negi ji ko Mera sat sat naman...🙏🙏🙏🙏🙏
Nice song N.S.Negi ji
AmeZing
Beautiful song nice acting
Heart touching 💓💜 song ...
Hi I m from 6 no puliya dehradun🙏🙏🙏🙏💌
बहुत सुन्दर
बहुत सुदर
LOVE U.....................
Negi ji jaise singer na they na saayab kabhi honge
Negi ji apka bahut bahut धन्यावाद ❤❤❤
Bhagwan kasam narendra singh negi ke hane hi garhwal ko jodte hai....narendra singh negi ke gane garhwal ki ekta ke liye bahut jaruri hai...
जय दैव भूमि जय उतराखण
A1†
JAY HO
*कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहाँ रहते हैं कृपया अपनी संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा दें नहीं तो यह विलुप्त हो जाएगा। जय उत्तरखंड जय देवभूमि*
Sahi h ji
❤❤❤❤
Aap kidhar rahte ho
@@earlyageexperience9486ye songh 25 saal purana hai
8@@earlyageexperience9486
Beautiful lyrics + Great Voice 😍😍😍😍
LOVE U NEGI DA.....................
2024 main kon kon sun raha hai 😅😅😅
Mai
Main v sun raha hu miss my home😢😢
😅
Me to sunta hu 🤗🤗
21 4 2024 time 21 55
Always awesome
🙏🙏🙏🙏🙏👍
👏👏
बहुत बढिया
Beautiful song!
Ultimate song....
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Nice song❤️❤️
Song 🎵
Love this song so much and miss someone who belong to my heart beats 💔💔❤️💔💔
Big fan
Very nice 👌
Gajab
Super