तू मेरा चांद मैं तेरी चांदणी.सूरया. मैं तेरा राग तू मेरी रागिनी. श्याम कुमारजी फिल्म दिल्लगी 1948. ओ जाने वाले बालमवा लौट के आ लौट के आ. जा मैं ना तेरा बालम वा बेवफ़ा बेवफ़ा. 1943 की सुपर फिल्म रतन. क्या गाया था श्यामजी और अमीरबाई कर्नाटकी ने आज भी तरो ताजा है ये गीत. 81 साल बीत चुके इस फिल्म को. श्यामजी को विनम्र श्रद्धांजली अर्पण करके उनकी स्मृति में श्रद्धा के फूल 💐 🌹 🌷⚘☘🍀🍁🥀.
Sirji eh song ho jane wale balamwa laitke aa eh Shayam kumar ne nahi oh Shamkumar jo filmon me khalnayk ka kaam karte the unhone gaya hy aur film me hasua abhineta Mehmud ke pitaji Mumtaz aur uzuri par folmaya gaya tha
Shyam sundar Chadda ji apne daur ke mahan kalakar they par ek hadse mein unka asamay nidhan ho gaya , ye dukh kabhi kum nahi ho sakta , inhe vinamra shraddhanjali.
He was very close and dear friend of my father Shri NLBali before and after partition They were together at Rawalpindi and at Bombay after partition After his horse fall death during shooting his family went back to Pakistan because his wife was Muslim and she prefer that
देव आनंदने कभी बडा अदाकार होने का दावा नहीं किया, ना ही उन के फॅन्सने. वो एक स्टार थे. दिलिप कुमार ट्रेजेडी रोल अच्छे कर लेते थे पर मर्दाना जोशवाले रोल वो कभी नहीं कर पाये. दिलिपकुमार की कदकाठी एक दुबले पतले आदमी की थी. श्याम चढ्ढा एक उंचे कद के और मजबूत बदन के मालिक थे. अदाकार भी वो अच्छे ही थे. जब उनका देहांत हुवा वो अपने करिअर के चरम पर थे. काश उनके साथ वो हादसा पेश ना आता तो वो कमसे कम दिलिपकुमार, राज कपूर की तो छुट्टी जरूर करते थे. देव आनंद का स्टाईल तथा उनकी फिल्में अलग किस्म की थी. उन पर श्याम के होनेसे शायद ही कुछ फर्क पडता.
श्याम जी का चेहरा बहुत हद तक उनके काफी बाद हुए निकाह फिल्म के मशहूर एक्टर दीपक पाराशर से मिलता है !! 😊🤠
Very handsome and smart actor. Very sad that he died so early.❤
Indeed Actor Singer Shyam ji was a Brilliant Hero.
श्याम की 3 सुपर हिट फिल्में अब तक देख चुका हूं. बाजार, पतंगा तथा दिल्लगी.
❤❤❤❤
तू मेरा चांद मैं तेरी चांदणी.सूरया. मैं तेरा राग तू मेरी रागिनी. श्याम कुमारजी फिल्म दिल्लगी 1948. ओ जाने वाले बालमवा लौट के आ लौट के आ. जा मैं ना तेरा बालम वा बेवफ़ा बेवफ़ा. 1943 की सुपर फिल्म रतन. क्या गाया था श्यामजी और अमीरबाई कर्नाटकी ने आज भी तरो ताजा है ये गीत. 81 साल बीत चुके इस फिल्म को. श्यामजी को विनम्र श्रद्धांजली अर्पण करके उनकी स्मृति में श्रद्धा के फूल 💐 🌹 🌷⚘☘🍀🍁🥀.
Sirji eh song ho jane wale balamwa laitke aa eh Shayam kumar ne nahi oh Shamkumar jo filmon me khalnayk ka kaam karte the unhone gaya hy aur film me hasua abhineta Mehmud ke pitaji Mumtaz aur uzuri par folmaya gaya tha
My favourite songs 🙏🙏
Thanks for clarifying the distinction between Shyam and Shyam Kumar.
Before this I was not aware of this personality except that he was a handsome film actor. Thanks for this valuable information.
कहानी दिल को दर्द दें गई
बाद मे शयाम कुमार नाम का दुसरा ऐकटर आया जो फुल ओर पथथर फीलम मे देखा हे
Shyam sundar Chadda ji apne daur ke mahan kalakar they par ek hadse mein unka asamay nidhan ho gaya , ye dukh kabhi kum nahi ho sakta , inhe vinamra shraddhanjali.
Very nice introduction and memorable photos and video clips
Thanx for sharing 😊
श्याम जी को भारतीय दर्शन भूल नहींपाएंगे नहींपाएंगे
गाणे हिट तो फिल्म हिट, फिर कोई भी हिरो हिट।
Indeed it was tragic!
Life finished very early.
देव आनंद से कोई मुकाबला नहीं है।
😂😂
Nice information, I wasn't aware of it, thanks for sharing.
Mai Tera chaand tu meri chandani!!
Watched Patanga many times. SA Manto has written about him in great detail in his book stars from another sky.
Very nice 👍 Video 🎉
Thank you for this presentation.
ये बात मैने अपनी किताब में लिखी थी और उनकी और सुरैया की फ़िल्म दिल्लगी मैने देखी थी रीपीट आई तब देखी थी
Me unki Dillagi, Bazar,Patanfa or shabistan jaysi film dekh Chuka hun. Bahut handsom or talented the. Very sad of that accident
Nice video 👍
Bahut dukhad
Nice
Sad story of a such a handsome person. May his soul to peace
Shyam Sunder Chadha nam tha.
Please show us photograph of old character actors Champak Lal & Hari Shukla . Also let us know their biographies. Thank you .
श्याम जी के बारे में अदभुत जानकारी मिली विवेक वाकई बहुत सुंदर कलाकार थे
कहानी सुनकर बहुत दुख हुआ।
😊❤ AUSTRALIA 🇦🇺
He was very close and dear friend of my father Shri NLBali before and after partition They were together at Rawalpindi and at Bombay after partition After his horse fall death during shooting his family went back to Pakistan because his wife was Muslim and she prefer that
देव आनंदने कभी बडा अदाकार होने का दावा नहीं किया, ना ही उन के फॅन्सने. वो एक स्टार थे. दिलिप कुमार ट्रेजेडी रोल अच्छे कर लेते थे पर मर्दाना जोशवाले रोल वो कभी नहीं कर पाये. दिलिपकुमार की कदकाठी एक दुबले पतले आदमी की थी. श्याम चढ्ढा एक उंचे कद के और मजबूत बदन के मालिक थे. अदाकार भी वो अच्छे ही थे. जब उनका देहांत हुवा वो अपने करिअर के चरम पर थे. काश उनके साथ वो हादसा पेश ना आता तो वो कमसे कम दिलिपकुमार, राज कपूर की तो छुट्टी जरूर करते थे. देव आनंद का स्टाईल तथा उनकी फिल्में अलग किस्म की थी. उन पर श्याम के होनेसे शायद ही कुछ फर्क पडता.
Very good ingormationd. Please also write some information on Vedi, Film director
धोडे सवारी मे जान गवाइ थी शायमने
Maine bhi suna tha
Mere father ne bataya tha.
श्याम जी को मेरी ओर से भाविनी श्रद्धांजलि
🎉
Sham ji ke bachon ko khan kar bete ko apne pita ka dharam apnana chahie .apne chacha aur but se milna chahie
Shyam ke saath USKI BIBI NE INSAF NAHI KIYA.
Plz improve your Urdu pronunciation
श्याम जी ने महाजन 30 वर्ष की उम्र में अनेकउपलब्धियां को छुआ
Ab samajh aaya ki Tahir Raj Bhaseen ko inka role kyu diya gaya Manto film mein..
Dhamki siyalkot wale
Film shabistan ki shooting main ghode se ghr gaye thry
सर जानकारी देने के लिए धन्यवाद