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HISTORY OF SHRI DOOM DEVTA MAHARAJ GUTHAN l श्री डोम देवता महाराज का इतिहास l

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  • Опубліковано 18 сер 2024
  • HISTORICAL BACKGROUND OF SHRI DOOM DEVTA MAHARAJ 🚩
    SOURCE: Shimla Deities📍
    This information we get from the official Instagram page of Shimla deities.
    श्री डोम देवता महाराज का इतिहास🚩
    लोक कथाओं के अनुसार बहुत वर्ष पूर्व शूरा नाम का व्यक्ति था, जो रितेश रियासत के गांव शरा के रहने वाले थे। काफी वृद्ध अवस्था में भी उसकी कोई संतान नहीं थी। इसीलिए वह अपनी पत्नी के साथ हिमरी गांव में बस गया। संतान न होने के दुःख से दोनो ने माता हाटकोटी से एक संतान का बर (वरदान) मांगा। जिसके पश्चात उनके घर एक तेजस्वी पुत्र का जन्म हुआ, जो बाद में डूम देवता से प्रख्यात हुए। देवता साहिब को माता हाटकोटी का वरपुत्र कहा जाता है।
    दुर्भाग्यपूर्ण, जब बालक करीब 10 साल का हुआ, तो उसके माता-पिता चल बसे । इसके बाद बालक अकेले रहने लगा और दरकोटी के राणा के अधीन नौकर बन कर रहने लगा, जिसमें उन्हें गाय, भेड़-बकरियां चराने का काम दिया गया। इस काम में बालक को कभी भी खेलने का कोई समय नहीं मिलता था और बाल्यकाल खेलने का समय होता है।
    परन्तु वे चमत्कारी थे। उन्हे बाल्यकाल में अपनी शक्तियों का ज्यादा ज्ञान नही था, वे अपनी शक्तियों से सभी भेड़, बकरियों, गायों को शांत बिठा कर के स्वयं खेलते थे। कुछ समय से सभी भेड़, बकरियों, गायों कुछ भी नहीं खा रही थी, क्योंकि वे बालक की शक्तियों से स्तब्ध थी। इस कारण से उनकी दूध देने की क्षमता में भी कमी आ गई। जब राणा की पत्नी ने इस बात की पड़ताल की तो उसे ज्ञात हुआ कि, बालक ऐसा करता है। वह सभी पशुओं को बिठा कर स्वयं खेलता है। उसने राणा से कहा की, इस बालक को नौकरी से निकाल दो, उसके कारण ही ये सब हो रहा है। राणा ने छोटा बालक समझ कर रानी की बात टाल दी। एक दिन बालक ने रानी से खाना मांगा तो रानी ने उसे ताना मार कर कहा, "खाना तो ऐसे मांग रहा है जैसे तूने नंदू द्वाल का सर काट कर ला लिया हो" (उस समय के मशहूर खूंद टाहु थे और वहां के एक व्यक्ति नंदू द्वाल जिसकी दुश्मनी दरकोटी के राणा साहब के साथ थी),
    बालक ने ये बात मन में ठान ली कि वह अब इस काम को कर कर ही वापस लौटेगा ।
    वह बालक टाहु के लिए रवाना हो गया। टाहु पहुंचने पर वह पूछता है कि, नंदू द्वालड का घर कहां है, तो सबने उससे नंदू द्वाल का घर दिखाया। उनके घर में उनकी पत्नी थी तो बालक ने पूछा की नंदू द्वाल जी कहां है में उन्हें जानता हूं और उनसे मिलना चाहता हूं। उनकी पत्नी ने बिना कुछ जाने जवाब दिया की वे लकड़ियां काटने जंगल गए है। बालक ने कहा की मैं उनसे वही जंगल में भेट करूंगा। जंगल में उन्हे जब नंदू द्वाल मिले तो बालक ने बड़ी चालाकी से कहा कि आप मुझे नही जानते, आपकी पत्नी मुझे जानती है, में उनका रिश्तेदार हूं। तो नंदू द्वाल जी ने भी उनकी को मान लिया और दोनो तंबाकू पीने के लिए बैठ गए। बालक ने कहा आप पहले तंबाकू पीजिए उसके बाद मैं पी लूंगा। जैसे ही नंदू द्वाल तंबाकू पीने के लिए झुका, तो बालक ने बिना विलम्ब किए उसकी गर्दन को धड़ से अलग कर दिया। इसके पश्चात वे उस सर को लेकर दरकोटि के राणा की सभा में उपस्थित हो गए। जिससे राणा और उसकी पत्नी अचंभित हो गए क्योंकि टाहु खूंद बहुत शक्तिशाली था। एक तरफ उनके मन में खुशी थी और दूसरी ओर एक डर, कि अब उन्हें अग्ली चुनौती के लिए भी तैयार रहना होगा। राणा की पत्नी ने प्रेम सद्भाव से बालक को बाड़ी घी का भोजन करवाया और बालक से कहा की तुम यहां से चले जाओ, टाहु से लोग तुम्हें ढूंढने आते ही होंगे। तो बालक हिमरी कि ओर रवाना हुआं । धीरे-धीरे बालक बड़ा हुआ और एक शक्तिशाली पुरुष बन गया, जो एक माहिर धनोर्धर था।
    ऐसा माना जाता है जिस समय तुर्कों का राज हुआ करता था, उस समय देवता दिल्ली एक प्रतियोगिता में गए। देवता साहब को ठोडा (धनुष-बाण) में रुचि थी। वे दिल्ली गए। उन्होंने वहां काफी अच्छा प्रदर्शन किया और प्रतियोगिता में जीत प्राप्त की, उन्हें भेट स्वरूप दो बड़े सोने से भरे चरू दिए गए, महारानी ने उन्हे सोने की माला भेंट की और वे दिल्ली से वापिस हिमरी के लिए रवाना हुए। इधर रजाणा और कुमारसैन के बीच गृहकलेश के कारण दोनों में युद्ध छिड़ा था और रजाणा के राणा ने डूम देवता को अपने पक्ष से युद्ध करने के लिए कहा, वे मान गए और युद्ध के लिए चले गए। इससे कुमारसैन बार-बार पराजित होता रहा, जिससे वहां के राणा ने किसी लाह्मा से पूछा की, हमारे यूं बार-बार युद्ध हार जाने का क्या कारण है? तो लामा ने बताया कि जब तक डूम देवता रजाणा की तरफ से युद्ध कर रहे है उन्हे हराना मुश्किल है, तुम्हे सबसे पहले उन्हें हराना होगा।
    उन्होंने लामा से अभिमंत्रित एक निषेद वस्तुओ का बाण बनाया, और वो बाण उन पर चलाने को कहा, जैसे ही उनको वो बाण लगा, उनकी मृत्यु हो गई। इसके पश्चात वे देवत्व को प्राप्त हुए अर्थात उन्हें कुछ समय के पश्चात देवता के रूप में पूजना प्रारंभ हुआ। देवता के मुख्य मंदिर गुठान में बनाया गया। जहां उन्होंने अपने जीते हुए सोने के चरु दबाये थे।
    #doomdevta #doomdevtaguthan #domdevta #devbhoomi #himachalpradesh #shimladeities

КОМЕНТАРІ • 21

  • @pahadicultureusa285
    @pahadicultureusa285 2 місяці тому +6

    जय श्री 18 ठकुराई 22 रियासतों व 7 खुंद के महाराजा डोम देवता महाराज गुठान 🚩🙏

  • @savitrikashyap5780
    @savitrikashyap5780 Місяць тому +2

    🌹🌹🙏🙏जय हो डोम देवता guthan, जै ho doom devta humri aap ji sda jay ho, जय जय कार ho. Sbki raksha krna देवा.🌹👏👏🌹🌺🌺💐💐💐

  • @organic4243
    @organic4243 4 години тому

    ❤jai ho dooom davta ki davta goli Naag nawer... Kull ist ji davta goli naag ji ke sath bhe
    Doom dvata hai
    Or davta doom ji sath maa kot kali hai
    Or davt goli naag ji ke sath be maa kot kaali hai..
    Or meri kull ki. Mamta hai
    Jay maa kot kaali ❤

  • @inderthakur6537
    @inderthakur6537 Місяць тому

    Jai doom devta ji

  • @prikshit7059
    @prikshit7059 Місяць тому

    Jai doom nanu ji Maharaj ji ki❤

  • @user-sq8vm2dp2y
    @user-sq8vm2dp2y 3 місяці тому +1

    Jai doom shretta maharaj 💌🙏🔱🙏💌

  • @deepaksager-fj8pe
    @deepaksager-fj8pe 2 місяці тому

    jay dom devta guthan❤❤

  • @pahadicultureusa285
    @pahadicultureusa285 3 місяці тому

    Jai dom devta🙏❤️

  • @MissMonaPlay
    @MissMonaPlay 3 місяці тому

    Jai Dom Maharaj ji 🙏🙏

  • @kakutoshutfe
    @kakutoshutfe 3 місяці тому

    Jai doom devta ji🙏

  • @devrajhimral2288
    @devrajhimral2288 4 місяці тому

    Jai ho Doom Vevta ji ke

  • @VinayVinaykumar-qq9ex
    @VinayVinaykumar-qq9ex 2 місяці тому

  • @deepaksager-fj8pe
    @deepaksager-fj8pe 2 місяці тому

    ❤❤❤

  • @ankitsharma3358
    @ankitsharma3358 4 місяці тому

    ❤❤❤❤

  • @pahari3528
    @pahari3528 3 місяці тому +2

    Mere paas bhi ek devta ki story

  • @witch7969
    @witch7969 2 місяці тому +1

    Nandu tawalh not dawal

  • @Lakshmahantvlogs
    @Lakshmahantvlogs 4 місяці тому

    ❤❤❤