रोगी -रोग परीक्षा , निदानपञ्चक With simple mnemonics

Поділитися
Вставка
  • Опубліковано 22 гру 2024
  • Hi I'm Vicky
    I'm making these videos as simple as I can, so everyone may understand .
    About this video : Rogi Rog pariksha with easy Ayurveda with Vicky.
    Different types of pariksha of rogi and nidan panchak.
    Nidan purvrup rup upshay and samprapti.
    आयुर्वेदाचार्यों ने रोग की परीक्षा हेतु निदानपञ्चक का वर्णन किया है। आयुर्वेद के अनुसार, रोग की परीक्षा (रोग का ज्ञान) इन पांच उपायों से होता है -
    (१) निदान (etiology),
    (२) पूर्वरूप (prodromal symptoms),
    (३) रूप (symptoms),
    (४) उपशय (therapeutic suitability),
    (५) सम्प्राप्ति (pathogenesis)।
    इन पांच उपायों को निदानपञ्चक कहते हैं।
    निदान- रोग के कारण को निदान कहते हैं।
    पूर्वरूप - रोग उत्पन्न होने के पहले जो लक्षण होते हैं उन्हें पूर्वरूप कहा जाता है।
    रूप - उत्पन्न हुए रोगों के चिह्नों को लक्षण या रूप कहते हैं।
    उपशय - औषध, अन्न व विहार के परिणाम में सुखप्रद उपयोग को उपशय कहते हैं।
    सम्प्राप्ति - रोग की अति प्रारम्भिक अवस्था से लेकर रोग के पूर्ण रूप से प्रगट होने तक, रोग के क्रियाकाल (pathogenesis) की छः अवस्थायें होती हैं।
    This is my 7th video or Mai koshis karunga ki BAMS k sabhi subject Par video bana sakhu.
    Plz subscribe my channel , like , share more and more
    And plz comment down below your doubt and topic and give your suggestions for next video.
    .............................................................................................
    Follow me on instagram and ask your doubts.
    My insta : / v_i_c_k_y_11_06

КОМЕНТАРІ • 73