कबीर, नौ मन सुत उलझिया ऋषि रहे झख मार। सतगुरू ऐसा सुलझा दे उलझे ना दुजी बार।। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण सतगुरु है।और पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी ही है।
*🙏🏽 सतगुरुदेव की जय 🙏🏽* *बन्दीछोड कबीर साहेब की जय* *बन्दीछोड गरीबदास जी महाराज की जय* *स्वामी रामदेवानंद जी महाराज की जय* *🙇🏽♂️ बन्दीछोड सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय 🙇🏽♂️* *📚 यथार्थ भक्ति बोध* *📚 नित्य-नियम का सरलार्थ* *📚 "शिष्य की आधीनता"* *🍁 वाणी :-* यों आधीन होवै शिष्य जबहीं। शिष्य पर कृपा करै गुरु तबहीं।।(6) *➡️ सरलार्थ :- इस अमृतवाणी में परमेश्वर कबीर जी ने अपने कृपा पात्र भक्त को समझाया है जो गुरु पद पर विराजमान है। कहा है कि जिस समय शिष्य उपरोक्त वाणियों में वर्णित आचरण वाला तथा आधीन (दास भाव वाला विनम्र) हो जाए, तब गुरु उस शिष्य पर कृपा करे अर्थात् दीक्षा देवे।(6)* *🙇🏽♂️ सत साहेब 🙇🏽♂️*
,मानव समाज में वतर्मान में हो रहे बलात्कार, यौन उत्पीड़न के अपराधों तथा चोरी-डाके, भ्रष्टाचार के अपराधों को समूल समाप्त करने का एकमात्र विकल्प संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग विचार तथा उनके अनुयायियों का शिष्ट व्यवहार तथा शालीनता को मानव समाज के सामने परोसना है।
He malik bandi chhod sadguru rampal ji bhagwan ji humare dukho ka nibaran karne bale parmeshwar aap ho mera dil se koti koti parmatma he ❤️❤️❤️🙏🙏🙏✨✨✨✨🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️💕💕💕💕💕❤️❤️🙏🙏🙏🙏💕💕🙏🙏🙏💕💕💕🙏🙏🙏🙏🙏🙏
संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि विश्व के सभी प्राणी वास्तविक परमेश्वर कबीर जी की सतभक्ति करे, समाज में कोई भी प्राणी दुखी न हो, हर समस्या का समाधान हो। धरती स्वर्ग समान बन जाए। #AimOfSantRampalJi
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस पर अद्भुत जानकारी परमात्मा कबीर जी केशव बंजारा(व्यापारी) रुप में नौ लाख बैलों के ऊपर बोरे(थैले) में भर-भर कर पका पकाया भोजन अपने सतलोक से लेकर आए व एक लाख सेवादार भी साथ लाए। तथा काशी में दिव्य विशाल भंडारा कराया था।
संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य भारत को सोने की चिड़िया बनाने का है। जहाँ सर्व धर्म, जाति के लोग प्रेम, भाईचारे के साथ रहें, जहाँ सभी सुखी रहें, सबको समान न्याय मिले, जहाँ किसी का शोषण न हो।
#AlKhidr_In_Islam 🔖अल-खिद्र(खिज्र) स्वयं कबीर परमेश्वर ही हैं। वही जिंदा पीर रूप में मुस्लिम देशों में अपने सत्य ज्ञान का प्रचार किया करते थे। अल-खिद्र(कबीर परमात्मा) आज अलग-अलग सभ्यताओं में विभिन्न नामों से जाना व पूजा जाता है। Last Prophet Sant Rampal Ji
सर्व धर्म के पवित्र शास्त्र प्रमाणित करते हैं कि सर्व सृष्टी रचनहार सर्व पाप विनाशक, सर्व शक्तिमान, अविनाशी परमात्मा मानव सदृश शरीर में आकार में है तथा सत्यलोक में रहता है। उसका नाम अल्लाह कबीर है।
"सर्व शक्तिमान परमेश्वर कबीर" पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है। - ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3
🌾भक्तिहीन प्राणी को यम के दूत पकड़कर ले जाते हैं और नरक मे डाल देते हैं। नरक के बाद वे प्राणी चौरासी लाख योनियों में जाते हैं। अगर आपको इन सब दुखों से बचना है तो सतभक्ति करो। वर्तमान में सतभक्ति संत रामपाल जी महाराज जी ही दे रहे हैं। जिससे सभी प्रकार के रोग कष्ट दूर होते हैं।
*" सत् साहेब और डण्डवत प्रणाम गुरूदेवजी रामपालजी महाराजजी को पहुचे, जयहो बन्दी छोड़ की । गुरूदेवजी ::-- चूक हमारी बकसहु स्वामी। विनती मानहु अन्तर यामी।। हौं प्रभु मैं तुव दास अधीना। तुव आज्ञा ते हौंऊँ न भीना।। सतगुरू मैं आधीन तुम्हारा। तुम भवसागर तारन हारा।। चौरासी सों कीन्ह उबारा। बहुरि जन्म नहीं होय हमारा।। सबसे श्रेष्ठ गुरू कहँ मानै। गुरू सिखापन सत जानै।।
#AimOfSantRampalJi संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि युवाओं का नैतिक व आध्यात्मिक उत्थान हो। हर व्यक्ति ईमानदारी से कार्य करे। कोई किसी को ठगे नहीं। कबीर परमेश्वर जी की वाणी है - कबीर, आप ठगाईये, और न ठगिये कोय। आप ठगाये सुख होत है, और ठगे दुःख होय।।
सत भक्त जी आप ये बताएं कि एक सत गुरु को जो माया से रहित हो एक आलीशान महल बनाने कि जरूरत क्यों पढ़ी जिसमे लांखो का वाथरूम स्विमिंग पूल सिकोर्टिगार्ड जो हथियार से लैस होते थे सतगुरु कबीर जी ने तो अपनी बाणी में ये भी कहा है कबिर सिस्य ऐसा चाहिये गुरु को सब कुछ देय ओर गुरु ऐसा चाहिये सिस्य से कुछ न ले कबीर जी तो खुद कपड़ा बुन कर अपना तथा अपने जीवन का निर्वाह करते थे और उन्होंने मूर्ति पूजा का भी विरोध किया करते थे उस समय ये कागज की फ़ोटो नही हुआ करती थी उस समय अगर ये कागज की फोटो होती तो क्या कबिर जी अपने फोटो अपने सिसयों को नाम उपदेश देते समय देते और अपनी फोटो से पहले माया का बख्शा पहले रखवाते जो नाम दान केन्द्रों में रखा होता है जिसे दान पात्र कहते है भक्तोँ से पूछो तो कहते है संत राम पाल जी की लीला थी बरवाला कांड फिर उनके लिए बड़ी बड़ी रैली निकालते है फिर कहते है उनके साथ अन्याय हुआ उनको फसाया गया फिर उनके लिए महंगे बकिल किये जाते है फीस पर में तो इस संसार में नीच ब्यक्ति हूं जो काम क्रोध मोह लोभ हँकारी हूँ आप तो एक सत भक्त सज्जन है मेरा उद्देश्य निदा नही है जो सुना देखा वही लिखा आप मेरी बातों का उत्तर दे अगर मूर्ति को जल चढ़ाना या तिलक लगाना पूजा है तो तो फ़ोटो के आगे प्रणाम करना दीपक जलाना क्या है कबीर जी ने अपनी बाणी में ये भी बताया है मन के मते न चलिये मन के मते ऐनक जो मन पर सबार है सो साधु कोई एक या नीच ब्यक्ति समझ कर छोड़ दे
सत्संग से ही मानव को उसके जीवन का वास्तविक उद्देश्य का ज्ञान होता है। जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा।कबीरा साधु दर्शन राम के, मुख पर बसे सुहाग। दर्श उन्हीं के होते हैं, जिनके पूर्ण भाग।
कबीर,अगम निगम को खोज ले, बुद्धि विवेक विचार। उदय अस्त का राज मिले, तो भी बिन नाम बेगार।।ऋग्वेद में सृष्टि रचना का प्रमाण ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 90 मंत्र 2 पूर्ण पुरुष कविर्देव सबसे बड़ा है, अर्थात सर्वशक्तिमान है तथा सर्व ब्रह्मण्ड उसी के अंश मात्र पर ठहरे हुए हैं।
परमात्मा साकार है व सहशरीर है (प्रभु राजा के समान दर्शनीय है) यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15, यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 - 3
श्रीमद्भगवत गीता चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद) का संक्षिप्त रूप है। दूसरे शब्दों में गागर में सागर है। चारों वेदों में अठारह हजार (18000) श्लोक (मंत्र) हैं। उनको गीता में 574 श्लोकों में लिखा है। जिस कारण से गीता में सांकेतिक शब्द अधिक हैं। वैसे तो गीता में सात सौ (700) श्लोक हैं। जिनमें 574 काल ब्रह्म ने श्री कृष्ण के मुख से कहे हैं, शेष श्लोक संजय तथा अर्जुन के कहे हैं जो ज्ञान से संबंधित नहीं हैं। गीता के सांकेतिक शब्दों को हिन्दू धर्म के धर्मगुरू समझ नहीं पाए। जिस कारण से शब्दों के अर्थों का अनर्थ किया है। उदाहरण के लिए गीता अध्याय 18 श्लोक 66 में ‘‘व्रज’’ शब्द है। उसका अर्थ है जाना, जाओ, चले जाना, दूर जाना। सर्व गीता अनुवादकों ने व्रज का अर्थ ‘‘आना’’ किया है। आप प्रत्येक अनुवादक के किए अनुवाद में इस श्लोक को देखें। एस्कोन वालों ने तो कमाल कर रखा है। गीता अध्याय 18 श्लोक 66 के शब्दार्थ पहले लिखे हैं, नीचे अनुवाद किया है। ‘‘व्रज’’ शब्द का अर्थ तो किया है ‘‘जाओ’’, परंतु अनुवाद में कर दिया ‘‘मेरी शरण में आओ।’’
सतगुरु देव की जय सतगुरु के दरबार में कमी काहे के ना हम समझदारसतगुरु देव की जय सतगुरु के दरबार में कमी काहे के ना हम समझ पड़ती मायसतगुरु देव की जय सतगुरु के दरबार में कमी काहे के नाहन सामोद भारतीय
Jai ho bandi chod jagatguru sant rampal ji pramatma ki jai ho
Sat sahib ji
कबीर,
गुरु गोविंद दोनों खड़े,
किसके लागू पाए।
बलिहारी गुरु आपने,
जिन गोविंद दिया मिलाए।।
वेद बताते हैं पूर्ण परमात्मा की सतभक्ति से रोगियों के रोग नाश होते हैं और संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों को ये लाभ मिल भी रहे हैं।
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान की जय हो 🙏🌹👣🌹🙏🙇🏻
कबीर, नौ मन सुत उलझिया ऋषि रहे झख मार।
सतगुरू ऐसा सुलझा दे उलझे ना दुजी बार।।
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण सतगुरु है।और पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी ही है।
कबीर , गुरु जी तुम ना बिसरो लाख लोग मिल जाहि , हमसे तुमको बहुत हैं, तुमसे हमको नाही ।।
धीरे धीरे रे मन धीरे धीरे सब होय माली सींचे सौ घड़ा तब ऋतु फल होय सब्र का फल मीठा होता है
*🙏🏽 सतगुरुदेव की जय 🙏🏽*
*बन्दीछोड कबीर साहेब की जय*
*बन्दीछोड गरीबदास जी महाराज की जय*
*स्वामी रामदेवानंद जी महाराज की जय*
*🙇🏽♂️ बन्दीछोड सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय 🙇🏽♂️*
*📚 यथार्थ भक्ति बोध*
*📚 नित्य-नियम का सरलार्थ*
*📚 "शिष्य की आधीनता"*
*🍁 वाणी :-*
यों आधीन होवै शिष्य जबहीं। शिष्य पर कृपा करै गुरु तबहीं।।(6)
*➡️ सरलार्थ :- इस अमृतवाणी में परमेश्वर कबीर जी ने अपने कृपा पात्र भक्त को समझाया है जो गुरु पद पर विराजमान है। कहा है कि जिस समय शिष्य उपरोक्त वाणियों में वर्णित आचरण वाला तथा आधीन (दास भाव वाला विनम्र) हो जाए, तब गुरु उस शिष्य पर कृपा करे अर्थात् दीक्षा देवे।(6)*
*🙇🏽♂️ सत साहेब 🙇🏽♂️*
Sat saheb mere data mere parmatma ji Sat saheb 🙏🌹🌹🙏😭😭😭😭😭😭😭😭😭
पूर्ण परमात्मा संत रामपाल जी महाराज है यह कबीर साहिब के अवतार हैं
परमात्मा के सभी भक्तों आत्माओं को सत्संग
,मानव समाज में वतर्मान में हो रहे बलात्कार, यौन उत्पीड़न के अपराधों तथा चोरी-डाके, भ्रष्टाचार के अपराधों को समूल समाप्त करने का एकमात्र विकल्प संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग विचार तथा उनके अनुयायियों का शिष्ट व्यवहार तथा शालीनता
को मानव समाज के सामने परोसना है।
वेदों में प्रमाण है कबीर साहेब भगवान है।।।
अद्भुत ज्ञान
He malik bandi chhod sadguru rampal ji bhagwan ji humare dukho ka nibaran karne bale parmeshwar aap ho mera dil se koti koti parmatma he ❤️❤️❤️🙏🙏🙏✨✨✨✨🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️💕💕💕💕💕❤️❤️🙏🙏🙏🙏💕💕🙏🙏🙏💕💕💕🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sat guru dev ki Jay
कबीर, सुन्दर देही देख कर, उपजत है अनुराग।
चाम ना होता देही पर, तो जीवत खाते काग।।
सत साहिब
संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि विश्व के सभी प्राणी वास्तविक परमेश्वर कबीर जी की सतभक्ति करे, समाज में कोई भी प्राणी दुखी न हो, हर समस्या का समाधान हो। धरती स्वर्ग समान बन जाए।
#AimOfSantRampalJi
Mere malik dya bnaye rkhna apni beti pr
Bandichod Satguru Rampal Ji Maharaj ki charna mein das ka koti koti dandavat pranam, das ko charna mein rakhna Malik.
Jai Ho mere Malik ki
Bandichhod parmedhwar ki jai. Sat Sahib ji
Sat guru dev ki Jay sant ram pall ji mharaj ki Jay Sat kabir shahib ki Jay
जय हो बन्दी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की जय हो सत साहेब जी
सतगुरु देव की जय सतगुरु के दरबार में कमी काहे की नाही हंसा मोज पावे नहीकोई चूक चाकरी माहीसतगुरूदेव की जय सत साहेब
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस पर अद्भुत जानकारी
परमात्मा कबीर जी केशव बंजारा(व्यापारी) रुप में नौ लाख बैलों के ऊपर बोरे(थैले) में भर-भर कर पका पकाया भोजन अपने सतलोक से लेकर आए व एक लाख सेवादार भी साथ लाए। तथा काशी में दिव्य विशाल भंडारा कराया था।
जय सतगुरु मिलते ही नहीं जाते नरक द्वार नरक द्वार में दूध सब करते खींचातानी उनसे कबु ना छूटता फिरता चारो खानी।।
Kabir is supreme God
*#TrueWorship_TrueHappiness*
*Sant Rampal Ji Maharaj*
संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य भारत को सोने की चिड़िया बनाने का है। जहाँ सर्व धर्म, जाति के लोग प्रेम, भाईचारे के साथ रहें, जहाँ सभी सुखी रहें, सबको समान न्याय मिले, जहाँ किसी का शोषण न हो।
Guru ji ke charanon mein koti koti dandvat pranam
जय हो
#AlKhidr_In_Islam
🔖अल-खिद्र(खिज्र) स्वयं कबीर परमेश्वर ही हैं। वही जिंदा पीर रूप में मुस्लिम देशों में अपने सत्य ज्ञान का प्रचार किया करते थे। अल-खिद्र(कबीर परमात्मा) आज अलग-अलग सभ्यताओं में विभिन्न नामों से जाना व पूजा जाता है।
Last Prophet Sant Rampal Ji
मानुष जन्म पाए कर जो नहीं रटे हरि नाम जैसे कुआं जल बिना बनवाया किस काम
Purn permatma ke cherno Mai koti koti dendwat pernam
Kabir is God
True spiritual knowledge given by saint rampal ji maharaj
सर्व धर्म के पवित्र शास्त्र प्रमाणित करते हैं कि सर्व सृष्टी रचनहार सर्व पाप विनाशक, सर्व शक्तिमान, अविनाशी परमात्मा मानव सदृश शरीर में आकार में है तथा सत्यलोक में रहता है। उसका नाम अल्लाह कबीर है।
Ko
🙏🙏🙏🙏🙇🙇
"सर्व शक्तिमान परमेश्वर कबीर"
पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है। - ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3
🌾भक्तिहीन प्राणी को यम के दूत पकड़कर ले जाते हैं और नरक मे डाल देते हैं। नरक के बाद वे प्राणी चौरासी लाख योनियों में जाते हैं। अगर आपको इन सब दुखों से बचना है तो सतभक्ति करो। वर्तमान में सतभक्ति संत रामपाल जी महाराज जी ही दे रहे हैं। जिससे सभी प्रकार के रोग कष्ट दूर होते हैं।
AJMER DAS
🌷🍀🌷🍀🌷🍀🌷🍀🌷🍀🌷🍀🌷
SANT RAMPAL G MAHARAJ AAP
KO HAR TIME DADWAT PARNAM
🌷🍀🍀🌷KABIR IS GOD 🌷🍀🍀🌷
👌👌👌👌👌
Sat sahed ji 🙏
Purn parmatma ki jay ho
Koti koti dandwat prnam MALIK 🙇🙇🙇....
Bhagwan Rampal Ji Maharaj ji ki Jay ho
Sat saheb ji ki
Sant rampal ji Maharaj ji ke cherno Mai koti koti dendwat petnam
Purn permatma kerpa kro Malik dukh dur kro Malik Sanket mochan kest hrn ho mangle krn na kabir
सिर सौंपा गुरु देव को, सफल होया ये शीश।
नितानंद इस शीश पर ,आप बसे जगदीश।।🙏🙇
सत साहेब
Sat saheb gi 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
हे बंदी छोड़ 🙏
Sat saheb je mire prmata peta ram pal je guru div ej prm peta sat saheb je
🙏🙏🙏❣️❣️❣️🌺🌺💥💫💫💫💥💥🌺🌺💐🌹🌹🥀🥀🥀🌹🌹💐💐🌺💥💫💫❣️💕💕💞💞✨✨💘💘⭐⭐⭐⭐⭐💘💘✨✨✨💞💞💞💕💕❣️❣️💫💫💫💫💫💫💥💥💥🌺
कोटी कोटी प्रणाम बन्दी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज
ल्य%
Very nice satang
परमात्मा के वाणी का लाभ उठावे जी
Ok
बंदीछोड़ सतगुरु रामपालजी भगवान जी की सदा ही जय हो🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙇♂️🙇♂️🙇♂️🙇♂️🙇♂️🙇♂️🙇♂️🙇♂️🙇♂️🙇♂️
नाइस सत्संग
*" सत् साहेब और डण्डवत प्रणाम गुरूदेवजी रामपालजी महाराजजी को पहुचे, जयहो बन्दी छोड़ की । गुरूदेवजी ::-- चूक हमारी बकसहु स्वामी। विनती मानहु अन्तर यामी।। हौं प्रभु मैं तुव दास अधीना। तुव आज्ञा ते हौंऊँ न भीना।। सतगुरू मैं आधीन तुम्हारा। तुम भवसागर तारन हारा।। चौरासी सों कीन्ह उबारा। बहुरि जन्म नहीं होय हमारा।। सबसे श्रेष्ठ गुरू कहँ मानै। गुरू सिखापन सत जानै।।
Atdaaasaaq
@@mehandarchahvan5230
aloocaloo
सत् साहेब बन्दिछोड सतगुरु पुर्ण पर्मातमा सन्त रामपाल जी मुझ निच दासको सदा सर्वदा आपकी ही चरणोमे रखे रहन सत् साहेब।
#AimOfSantRampalJi
संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि युवाओं का नैतिक व आध्यात्मिक उत्थान हो।
हर व्यक्ति ईमानदारी से कार्य करे। कोई किसी को ठगे नहीं।
कबीर परमेश्वर जी की वाणी है -
कबीर, आप ठगाईये, और न ठगिये कोय।
आप ठगाये सुख होत है, और ठगे दुःख होय।।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
हे प्रमातमा आप का गयान सही ह ये काल बहुत खतरनाक ह मलिक इसे आप ही बचा सकते हो आप हम पर रहम करो मालिक जय हो पुर्ण प्रमातमा कि
😭😭😭😭malik i miss you😭😭😭
सत भक्त जी आप ये बताएं कि एक सत गुरु को
जो माया से रहित हो एक आलीशान महल बनाने कि जरूरत क्यों पढ़ी जिसमे लांखो का वाथरूम स्विमिंग पूल सिकोर्टिगार्ड जो हथियार से लैस होते थे
सतगुरु कबीर जी ने तो अपनी बाणी में ये भी कहा है
कबिर सिस्य ऐसा चाहिये गुरु को सब कुछ देय
ओर गुरु ऐसा चाहिये सिस्य से कुछ न ले
कबीर जी तो खुद कपड़ा बुन कर अपना तथा
अपने जीवन का निर्वाह करते थे और उन्होंने
मूर्ति पूजा का भी विरोध किया करते थे उस समय ये कागज की फ़ोटो नही हुआ करती थी उस समय अगर ये कागज की फोटो होती तो क्या कबिर जी अपने फोटो अपने सिसयों को नाम उपदेश देते समय देते और अपनी फोटो से पहले माया का बख्शा पहले रखवाते जो नाम दान केन्द्रों में रखा होता है जिसे दान पात्र कहते है
भक्तोँ से पूछो तो कहते है संत राम पाल जी की लीला थी बरवाला कांड फिर उनके लिए बड़ी बड़ी रैली निकालते है फिर कहते है उनके साथ अन्याय हुआ उनको फसाया गया फिर उनके लिए महंगे बकिल किये जाते है फीस पर
में तो इस संसार में नीच ब्यक्ति हूं जो काम क्रोध मोह लोभ हँकारी हूँ
आप तो एक सत भक्त सज्जन है मेरा उद्देश्य निदा नही है जो सुना देखा वही लिखा आप
मेरी बातों का उत्तर दे
अगर मूर्ति को जल चढ़ाना या तिलक लगाना पूजा है तो तो फ़ोटो के आगे प्रणाम करना दीपक जलाना क्या है
कबीर जी ने अपनी बाणी में ये भी बताया है
मन के मते न चलिये मन के मते ऐनक जो मन पर सबार है सो साधु कोई एक
या नीच ब्यक्ति समझ कर छोड़ दे
सत्संग से ही मानव को उसके जीवन का वास्तविक उद्देश्य का ज्ञान होता है।
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा।कबीरा साधु दर्शन राम के, मुख पर बसे सुहाग।
दर्श उन्हीं के होते हैं, जिनके पूर्ण भाग।
कबीर,अगम निगम को खोज ले, बुद्धि विवेक विचार। उदय अस्त का राज मिले, तो भी बिन नाम बेगार।।ऋग्वेद में सृष्टि रचना का प्रमाण
ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 90 मंत्र 2
पूर्ण पुरुष कविर्देव सबसे बड़ा है,
अर्थात सर्वशक्तिमान है तथा सर्व ब्रह्मण्ड उसी के अंश मात्र पर ठहरे हुए हैं।
Satguru Sharan mein Aaye ge I aaetalebla Jo Masters kami suli ho kante metal ja
मानुष जन्म दुर्लभ है मिले ना बारंबार तरुवर से पत्ता टूट गया वह ना लगता डाल
🙇🙇🙇🙇
परमात्मा साकार है व सहशरीर है (प्रभु राजा के समान दर्शनीय है)
यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15, यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 - 3
Ssg
Very Nice Sat sang .
श्रीमद्भगवत गीता चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद) का संक्षिप्त रूप है। दूसरे शब्दों में गागर में सागर है। चारों वेदों में अठारह हजार (18000) श्लोक (मंत्र) हैं। उनको गीता में 574 श्लोकों में लिखा है। जिस कारण से गीता में सांकेतिक शब्द अधिक हैं। वैसे तो गीता में सात सौ (700) श्लोक हैं। जिनमें 574 काल ब्रह्म ने श्री कृष्ण के मुख से कहे हैं, शेष श्लोक संजय तथा अर्जुन के कहे हैं जो ज्ञान से संबंधित नहीं हैं। गीता के सांकेतिक शब्दों को हिन्दू धर्म के धर्मगुरू समझ नहीं पाए। जिस कारण से शब्दों के अर्थों का अनर्थ किया है। उदाहरण के लिए गीता अध्याय 18 श्लोक 66 में ‘‘व्रज’’
शब्द है। उसका अर्थ है जाना, जाओ, चले जाना, दूर जाना। सर्व गीता अनुवादकों ने व्रज का अर्थ ‘‘आना’’ किया है। आप प्रत्येक अनुवादक के किए अनुवाद में इस श्लोक को देखें। एस्कोन वालों ने तो कमाल कर रखा है। गीता अध्याय 18 श्लोक 66 के शब्दार्थ पहले लिखे हैं, नीचे अनुवाद किया है। ‘‘व्रज’’ शब्द का अर्थ तो किया है ‘‘जाओ’’, परंतु अनुवाद में कर दिया ‘‘मेरी शरण में आओ।’’
Sat
Sabkix rampal de dega to aadmi kyu parisram Karna jo aap r se miljayga to kyu Chahiye Jo kux bhakti Jo Mila parisram kyu
Sadi mat karo lekin aako aasram me sab kus ho rahahe
दुःख में सुमरण सब करे, सुख में करे ना कोई|
सुख में सुमरण सब करे, तो दुःख काये को होय||🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Bandi chhor satguru rampal ji mahraj ji ki jai ho 🙏🙏🙏🙇🙇
कबीर, गुरु मानुष करि जानते,
ते नर कहिये अंध।होय दुखी संसार में,
आगे यमका फंद।
Bandi chore sat guru rampal ji Maharaj ji ki jai ho
Sant rampal ji Maharaj ji ke cherno Mai koti koti dendwat pernam
बंदी छोड़ सतगुरु दयालु संत रामपाल जी महाराज जी की जय हो। 🙏🙏🙏🙏🙏
अपना पंजा ना हटाना दाता 😭😭😭😭😭
मेहर करना हे बंदी छोड़ परमात्मा जी
सत साहेब 🙏🙏
Sat saibij shr rampaliji Maharaj bandi chhodi naman kotti kotti kotti kotti Naman
भगवान कबीर साहब है
🙇🙇🙇
🙏🙏🙏🙏🙏
🙏
Amazing spiritual knowledge
अनंत कोटि ब्रह्मांड के मालिक सतगुरु रामपाल जी भगवान के चरणों में दास की कोटि कोटि दंडवत प्रणाम सत साहिब जी
सत साहेब जी
Sat saheb ji🙏🌹
Sat bhakti se hi Kalyan sambhav hai
Sant rampal ji maharaj is real god on earth🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
साचा शब्द कबीर का, सुन सुन लागे आग ।
अज्ञानी सौ जल जल मरै ,ज्ञानी जाय जाग
❤️❤️❤️❤️❤️❤️
सतगुरु देव की जय सतगुरु के दरबार में कमी काहे के ना हम समझदारसतगुरु देव की जय सतगुरु के दरबार में कमी काहे के ना हम समझ पड़ती मायसतगुरु देव की जय सतगुरु के दरबार में कमी काहे के नाहन सामोद भारतीय
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