आनंद और सुख कहाँ है ? Guru Divine Pramila bhagwan vaani | Paramgyan

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  • Опубліковано 18 вер 2024
  • 🌷हर कार्य प्रभु की शक्ति से होता है, उस शक्ति को मानकर खुद को प्रभु का हेल्पिंग हैंड बनाना है ।
    🌷वेदांत को अगर एक शब्द में कहा जाये तो वो है , ” नम्रता ” ।
    🌷गुरु के वचन जीवन मे पहले सुन ने है, फिर कहने है, तभी जीवन मे लग पाएंगे, सुनत, कहत, रहत , गत पावे, तभी अपनी निष्ठा को पा सकेंगे ।
    🌷ब्रह्म नैष्ठि मतलब जिसको ब्रह्म का निश्चय हो,,, और ब्रह्म स्त्रोत्रि मतलब ब्रह्म को अपनी वाणी के माध्यम से बता भी सके ।
    🌷शुक्राने सतगुरु जी के हरि ॐ ।

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