जिला अस्पताल मे हाजिरी लगा कर प्राइवेट क्लिनिक चलाते थे हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर गौरव राय

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  • Опубліковано 1 жов 2024
  • #ब्रेकिंग न्यूज बलिया
    #बलिया : जिला अस्पताल बलिया के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर गौरव राय पर अब तक बड़ी करवाई, जिला अस्पताल मे हाजिरी लगा कर अपने आवाज पर प्राइवेट क्लिनिक चलाते थे डॉक्टर साहब, जिलाधिकारी के पास मिली शिकायत के बाद सीडीओ बलिया ने सिटी मजिस्ट्रेट के साथ जाँच मे निकले जिसमे डॉक्टर साहब सरकारी अस्पताल मे हाजिरी लगा कर बाहर प्रैक्टिस करते दिखे जिसमे सिटी मजिस्ट्रेट बलिया द्वारा डॉक्टर गौरव राय का प्राइवेट हॉस्पिटल सील कर दिया गया।
    सूत्रों के अनुसार और शोशल मिडिया पर वायरल वीडियो एवं न्यूज के अनुसार डॉक्टर गौरव राय और सिटी मजिस्ट्रेट के साथ काफ़ी बहस हुई।
    आपको बता दे सिटी मजिस्ट्रे इंद्रकांत द्विवेदी ने बताया की जिलाधिकारी के यहाँ मिली थी शिकायत। जिला मे सरकारी डॉक्टर जो हॉस्पिटल का समय है उस समय हॉस्पिटल मे बैठ कर अपने अपने आवास या बाहर प्राइवेट प्रैक्टिस करते है उसी क्रम मे जिलाधिकारी ने सीडीओ से जाँच कराई।
    आपको बता दे की जिला अस्पताल के डॉक्टर गौरव राय ने इस वीडियो मे सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़ा करते हुए आरोप लगाया की हॉस्पिटल की एक्सरे मशीन, सिटी स्कैन मशीन तक आपलोग ठीक नही करवाते है जिसकी वजह से हमलोगों को तीन तीन सौ रूपये मे इलाज करने के लिए बाहर से एक्सरे करवाया जाता है, वहज डॉक्टर राय ने सीडीओ बलिया को बताया की डाक्टरों के लिए आपके पास सरकारी आवास तक उपलब्ध नही है तो क्या डॉक्टर ड्यूटी करने के बाद सड़क पर आराम करेगा
    , डॉक्टरों को शौचालय करने के शौचालय तक उपलब्ध नही है जिला अस्पताल मे और लगातार 12 घंटे की ड्यूटी करने के बाद विश्राम करने का कोई व्यस्था भी नही है, पहले अपने हॉस्पिटल की व्यस्था को तो सुधारिये फिर डॉक्टर को,
    वहीं इस वीडियो मे डॉक्टर के सवालों से फसते दिखे अधिकारी और बिना जवाब दिये वहाँ से जाते नजर आये और जाँच करने आये अधिकारी ने डॉक्टर से बोलते दिख सामने डॉक्टर साहब को बोलते दिख रहे है की सिस्टम मे होकर सिस्टम का विरोध कर रहे हो।
    सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया की जाँच मे आने के बाद अवैध रूप से चल रहे अल्ट्रासॉउन्ड भुवनेश्वरी,महाबीर समेत चार अन्य को भी सीज किया गया।
    आपको बता दे की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेवती के क्षेत्र मे बीते महीने अवैध रूप से चल रहे भगवती अल्ट्रासॉउन्ड को जिला नोडल द्वारा लगातार शिकायत मिलने के बाद दूसरी बार सील कर दिया गया था लेकिन कुछ महीने बाद फिर से भगवती अल्ट्रासॉउन्ड के संचालक द्वारा उसी जगह ओम अल्ट्रासॉउन्ड के नाम से चलाया जा रहा था, महज तीन या चार महीने चलने के बाद अब ओम अल्ट्रासॉउन्ड का नाम बदलकर पुनः आदर्श अल्ट्रासॉउन्ड के नाम से चलाया जा रहा है।
    वहीं पूर्व के शिकायतकर्ताओ द्वारा स्वास्थ्य विभाग पर आरोप लगाया गया की आखिर एक सील अल्ट्रासॉउन्ड किस तरिके से पुनः चलाया जा सकता है, क्या इसमें जिला के स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत है या चोरी से अपने दबंगई के बल पर आदर्श के नाम पूर्व मे सील भगवती अल्ट्रासॉउन्ड के संचालक द्वारा पुनः अल्ट्रासॉउन्ड सेंटर चलाया जा रहा है।
    क्या सिस्टम की कमियों को सिस्टम के लोगों को अवगत कराना सिस्टम के विरोध की श्रेणी मे आता है.....?
    डाक्टरों द्वारा इस प्रकार के किये जा रहे कार्य को लेकर आपकी क्या राय है, कमेंट बॉक्स मे जरूर बताएंगे।
    पिन्टू तलवार
    तहसील अध्यक्ष बांसडीह
    राष्ट्रीय पत्रकार संघ भारत

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