यदि हम मन का उचित रूप से उपयोग करें, तो हम समझ सकते हैं कि कैसे ईश्वर मन एवं बुद्धि से परे हैं; तथा कैसे उनके वास्तविक स्वरूप को केवल अन्तर्ज्ञान की शक्ति द्वारा ही जाना जा सकता है। हमें मन एवं बुद्धि के केन्द्र - अधिचेतन मन - के द्वारा ही ब्रह्म - चैतन्य को जानना होगा। प्रभु का अनन्त स्वरूप मनुष्य को अन्तर्ज्ञानात्मक अधिचैतन्य के माध्यम से ही दिखता है। ध्यान में अनुभूत आनन्द समस्त सृष्टि में व्याप्त अनन्त आनन्द की उपस्थिति को उद्घाटित करता है। ध्यान में देखा जाने वाला प्रकाश वह सूक्ष्म प्रकाश है, जिससे हमारा गोचर ब्रह्माण्ड निर्मित हुआ है। इस प्रकाश को देखने के बाद, मनुष्य सृष्टि की समस्त वस्तुओं के साथ अपने एकत्व का अनुभव करता है।
ऊं नमो भगवते योगानंदाय
ऊं नमो भगवते नित्यानंदाय
thanks
परम गुरु योगानंद अमर गुरु योगानंद नमोस्तुते नमोस्तुते नमोस्तुते ❤
Jai Gurudave Ji 🙏🏻
यदि हम मन का उचित रूप से उपयोग करें, तो हम समझ सकते हैं कि कैसे ईश्वर मन एवं बुद्धि से परे हैं; तथा कैसे उनके वास्तविक स्वरूप को केवल अन्तर्ज्ञान की शक्ति द्वारा ही जाना जा सकता है। हमें मन एवं बुद्धि के केन्द्र - अधिचेतन मन - के द्वारा ही ब्रह्म - चैतन्य को जानना होगा। प्रभु का अनन्त स्वरूप मनुष्य को अन्तर्ज्ञानात्मक अधिचैतन्य के माध्यम से ही दिखता है। ध्यान में अनुभूत आनन्द समस्त सृष्टि में व्याप्त अनन्त आनन्द की उपस्थिति को उद्घाटित करता है। ध्यान में देखा जाने वाला प्रकाश वह सूक्ष्म प्रकाश है, जिससे हमारा गोचर ब्रह्माण्ड निर्मित हुआ है। इस प्रकाश को देखने के बाद, मनुष्य सृष्टि की समस्त वस्तुओं के साथ अपने एकत्व का अनुभव करता है।
🙏
Jai Guru.❤🙏🏻
Aum Jai Gurudev 🙏❤️🙏
Jai Guruji ❤
Dhanyawad 🙏
NAMAN GURU DEV ... ❤️❤️❤️🇳🇵🇳🇵🇳🇵
@@shabnammukhiya6393
Jai Guru ji
Jai Napal
❤❤❤❤
Jai gurudev 🙏🙏🙏🙏🙏💐
🙏
Jay Gurudev 🙏 🙏 ❤❤
Jai Gurudev! 🙏