परलोक के प्रभु सुलभता से भूलोक में कैसे प्राप्त होते हैं | Radheshyam Das

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  • Опубліковано 4 лис 2024

КОМЕНТАРІ • 16

  • @udaykulkarni6027
    @udaykulkarni6027 Рік тому +1

    Hari Bol Hare Krishna Prabhuji Dandavat Pranam 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹

  • @atulagawane7047
    @atulagawane7047 Рік тому +1

    हरे कृष्ण कोटि कोटि दंडवत प्रणाम प्रभुजी 💐🙏

  • @nityakishoredas7942
    @nityakishoredas7942 Рік тому +1

    Hare Krishna HG Radhey Shyam Prabhu Ji Dandvat Pranam Please Accept Our Most Humble Obeisances At Your Lotus Feet 🙏🙏🙏

  • @hemalatalonkar765
    @hemalatalonkar765 Рік тому

    Hare krishn Hare krishn🙏🙏🙏

  • @JainandanSahu-q9c
    @JainandanSahu-q9c Рік тому

    Hare Krishna Prabhu ❤

  • @ananthalakshmiveeravalli3993

    Hare Krishna Prabhuji please kindly accept my humble obeisances to your lotus feet 🙏🏼

  • @loantej6207
    @loantej6207 Рік тому

    Hare Krishna 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @yashwantpawar833
    @yashwantpawar833 Рік тому

    HG Radhey Shyam prabhuji ki Jai 🙏💐🌷

  • @ashwinichourey6460
    @ashwinichourey6460 Рік тому

    Hare Krishna prabhuji Dandavat Pranam pls accept my Humble obeisance in ur Lotus feet...prabhuji I have question...that some time we feel very down in Bhakti and and not feeling interest in Hari Katha, heart is not ready for chant,and some time feel so much interest in Hari katha and so prabhuji i just want to know why we face this kind of problem..दण्डवत प्रणाम YS Ashwini chourey from Indore

    • @RadheshyamDasDevotionalvideos
      @RadheshyamDasDevotionalvideos  Рік тому

      @ashwini - That is simply trick of our Mind. Don't listen to Mind. Listen to Guru and Srila Prabhupada's lectures and books. Regularly hear and read such spiritual subjectmatter. Then mind will be purified and you'll always be super enthusiastic! HK Ys Radheshyam das

    • @ashwinichourey6460
      @ashwinichourey6460 Рік тому

      @@RadheshyamDasDevotionalvideos Thanks Prabhuji for ur such wonderful reply...this is your Humality Prabhuji...in such tight schedule you...tack out some time and replied on our question...I'm so greatful to have ur Association..दण्डवत प्रणाम YS Ashwini chourey

    • @RadheshyamDasDevotionalvideos
      @RadheshyamDasDevotionalvideos  Рік тому

      @@ashwinichourey6460 - Haribol! ys Radheshyam das

  • @ZeshanKhan-pj4hz
    @ZeshanKhan-pj4hz Рік тому

    हरे कृष्णा सर भगवान कहते की जो लगातार मेरा स्मरण करेगा उसके लिए मे सुलभ हो जाहुँगा सर सुलभ होने का मतलब क्या होता है क्या आप बता सकते है

    • @RadheshyamDasDevotionalvideos
      @RadheshyamDasDevotionalvideos  Рік тому

      @ZeshanKhan - सुलभ का मतलब है कि आपको हिमालय पर जाकर तपस्या नहीं करनी है। तुम्हें बड़े-बड़े यज्ञ करने की आवश्यकता नहीं है। आपको योग के जटिल आसन करने की ज़रूरत नहीं है। आप बस हरे कृष्ण का जप कर सकते हैं, कृष्ण की पूजा कर सकते हैं, गीता और भागवतम का अध्ययन कर सकते हैं और कृष्ण के एक साधारण शुद्ध भक्त बन सकते हैं और भगवान के पास वापस जा सकते हैं। हरे कृष्णा। आपका दास राधेश्याम दास

  • @ZeshanKhan-pj4hz
    @ZeshanKhan-pj4hz Рік тому

    हरे कृष्णा सर एक बार मे रस राज दास का लेक्चर सुना था वो बोले की हम अगर inattentive होकर पौधों मे पानी दे और मुख्य शाखा को इग्नोर कर दे तो क्या होगा बहुत सारे खर पतवार उगने लगे उसी तरह हम inattentive होकर chanting करे तो उसमे भी बहुत सारे खर पतवार उगने लगेगे जैसे काम क्रोध मोह लोभ और अहंकार सबसे dangerous है काम काम ऐसा नही उत्पन्न होता है उसके पीछे का इतिहास है वो है attachment होना पढ़ता है attachment होगा तभी lust होगा या लव होगा मा को बच्चे के प्रति लस्ट इस तरह से होता है की मा बच्चे को गलत राह मे जाने से 😂रोकती नही वो अंधी हो जाती बच्चे के प्रति attachment ऐसे ही नही होता उसका भी इतिहास है वो है repeatative contemplation बार बार उसका contemplation करना और contemplation ऐसे नही होता है उसका भी इतिहास है वो है prolong association यानी लम्बे समय तक उसका संग करना तो root csuse है वो है absorbtion absorbtion कैसे होता है material world me जिसके प्रति ज्यादा समय दिया उसीका स्मरण होगा चाहे पुत्र के रूप गाड़ी के रूप मे या भगवान् के रूप मे सर इस्कॉन के रस राज दास बोले material world me जिसके प्रति ज्यादा समय दिया उसीका स्मरण होगा चाहे पुत्र के रूप गाड़ी के रूप मे या भगवान् के रूप मे इसका कुछ उदाहरण देकर बता है सर

    • @RadheshyamDasDevotionalvideos
      @RadheshyamDasDevotionalvideos  Рік тому +1

      @Zeshan Khan - यह सत्य है कि किसी वस्तु का लंबे समय तक साथ रहने से मन में संस्कार उत्पन्न हो जाते हैं। साथ ही, यदि किसी का मन कृष्ण से जुड़ जाता है, तो ऐसा मन चारों ओर की बुरी संगति से भी अप्रभावित हो जाता है। उदाहरण के लिए, कमल गंदे पानी से घिरा होता है, लेकिन उससे खराब नहीं होता। इसी तरह भीष्म हस्तिनापुर में प्रतिदिन दुर्योधन, दु:शासन, कर्ण, शकुनि आदि को देखते थे, लेकिन प्रदूषित नहीं होते थे। अक्रूर को कंस का मंत्री बनना पड़ा, लेकिन कृष्ण के प्रति उनकी भक्ति शुद्ध रही। इसलिए जो व्यक्ति पारिवारिक जीवन में है, उसे उन्नत भक्तों से कृष्ण के बारे में सुनना चाहिए और जप, भागवत सुनना, सेवा करना, देवता की पूजा करना, दान देना, बुरी संगति से बचना और कृष्ण मंदिर में जाने के प्रति गहरा लगाव विकसित करना चाहिए। इस प्रकार, किसी को किसी बात की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। कृष्ण ध्यान रखेंगे. हरे कृष्णा। आपका दास राधेश्याम दास