APJ Abdul Kalam डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम,भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक,का जीवन संघर्ष

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  • Опубліковано 17 вер 2024
  • डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम, भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक, का जीवन संघर्ष, प्रेरणा और देश सेवा का प्रतीक है। उनका पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलआबदीन अब्दुल कलाम था। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता जैनुलआबदीन एक नाविक थे और उनकी माँ, आशियम्मा, एक गृहिणी थीं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सामान्य थी, लेकिन फिर भी उनके माता-पिता ने उन्हें अच्छी शिक्षा दिलाने का पूरा प्रयास किया।
    प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
    अब्दुल कलाम का बचपन कठिनाइयों से भरा था। वे एक छोटे से गाँव में पले-बढ़े, जहाँ सीमित संसाधन थे। इसके बावजूद, उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रामेश्वरम के एक स्थानीय स्कूल में प्राप्त की। बचपन से ही वे एक उत्साही छात्र थे और गणित और विज्ञान में विशेष रुचि रखते थे। उन्होंने अपने स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज में प्रवेश लिया, जहाँ से उन्होंने भौतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
    इसके बाद, उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। यहां उन्होंने विमान निर्माण और अंतरिक्ष विज्ञान में विशेष ज्ञान प्राप्त किया। MIT में उनके शोध कार्यों ने उन्हें एक बेहतरीन वैज्ञानिक बनने की दिशा में प्रेरित किया।
    वैज्ञानिक करियर की शुरुआत
    अब्दुल कलाम ने अपने करियर की शुरुआत 1958 में भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में एक वैज्ञानिक के रूप में की। यहां उन्होंने एक छोटे हेलीकॉप्टर के डिजाइन और विकास पर काम किया, लेकिन उन्हें इस काम से संतोष नहीं मिला। इसके बाद, उन्होंने 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में स्थानांतरित कर दिया, जहां वे 'स्ल्वार्न' प्रोजेक्ट के निदेशक बने।
    ISRO में कलाम ने भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV-III) के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस यान के माध्यम से भारत ने 1980 में 'रोहिणी' उपग्रह को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था, जिससे देश को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में वैश्विक मान्यता मिली।
    मिसाइल मैन के रूप में ख्याति
    अब्दुल कलाम को भारत के मिसाइल मैन के रूप में जाना जाता है। उन्होंने भारत के अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने भारत के प्रमुख मिसाइलों का विकास किया, जिनमें पृथ्वी, अग्नि, आकाश, त्रिशूल और नाग शामिल हैं। इन मिसाइलों के विकास ने भारत को एक मजबूत सामरिक शक्ति के रूप में स्थापित किया।
    उनकी सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि 'इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम' (IGMDP) थी, जिसे उन्होंने 1983 में शुरू किया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत को स्वदेशी मिसाइल तकनीक में आत्मनिर्भर बनाना था। उनकी अगुवाई में, भारत ने स्वदेशी तकनीक पर आधारित कई मिसाइलों का विकास किया, जिसने देश की रक्षा क्षमता को बहुत अधिक बढ़ाया।
    पोखरण परमाणु परीक्षण
    अब्दुल कलाम का एक और महत्वपूर्ण योगदान 1998 के पोखरण-II परमाणु परीक्षणों में था। वे इस परीक्षण के प्रमुख वैज्ञानिक थे। इन परीक्षणों ने भारत को एक पूर्ण परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र के रूप में स्थापित किया। इस परीक्षण के बाद भारत की सामरिक शक्ति में अभूतपूर्व वृद्धि हुई और यह दुनिया के प्रमुख परमाणु शक्ति संपन्न देशों की कतार में खड़ा हो गया। कलाम ने इन परीक्षणों के सफल संचालन के लिए महत्वपूर्ण तकनीकी और वैज्ञानिक मार्गदर्शन प्रदान किया।
    राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल
    2002 में, डॉ. अब्दुल कलाम को भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया। वे बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के सीधे राष्ट्रपति पद पर पहुंचने वाले दुर्लभ व्यक्तियों में से एक थे। उनका कार्यकाल 2002 से 2007 तक रहा। राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने जनता के बीच अपनी सरलता और विनम्रता के लिए व्यापक लोकप्रियता हासिल की। उन्हें 'पीपुल्स प्रेसीडेंट' के रूप में जाना जाने लगा, क्योंकि उन्होंने देश के युवाओं और बच्चों के साथ विशेष संबंध बनाए।
    राष्ट्रपति भवन में अपने कार्यकाल के दौरान, कलाम ने देश के विकास के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की शुरुआत की। उन्होंने 'इंडिया 2020' विज़न की परिकल्पना की, जिसमें भारत को 2020 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में कदम उठाए गए। उनका मानना था कि भारत को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करनी चाहिए और इसके लिए उन्होंने कई वैज्ञानिक परियोजनाओं को समर्थन दिया।
    सेवानिवृत्ति और शैक्षिक योगदान
    राष्ट्रपति पद से सेवानिवृत्त होने के बाद, अब्दुल कलाम ने अपना जीवन शिक्षा और युवाओं को प्रेरित करने में समर्पित कर दिया। उन्होंने देशभर में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों का दौरा किया और छात्रों से संवाद किया। वे छात्रों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में करियर बनाने के लिए प्रेरित करते रहे और उन्हें स्वप्न देखने और उन्हें पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करते रहे।
    कलाम ने कई प्रेरणादायक पुस्तकें भी लिखीं, जिनमें 'विंग्स ऑफ़ फ़ायर', 'इंडिया 2020', 'इग्नाइटेड माइंड्स', और 'टारगेट 3 बिलियन' शामिल हैं। इन पुस्तकों में उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों, वैज्ञानिक उपलब्धियों और देश के विकास के प्रति अपनी दृष्टि को साझा किया।

КОМЕНТАРІ • 1

  • @SiroyaNarendar-vw7th
    @SiroyaNarendar-vw7th 6 днів тому

    70,sal india apnaye ticchar mile guru bike kapde n badle b,j,p, kopi kare