|| श्रीमद्भगवद्गीता ज्ञानामृत || ३:२७ || SRIMADBHAGVADGITA GYANAMRIT ||

Поділитися
Вставка
  • Опубліковано 10 лют 2025
  • प्रकृते: क्रियमाणानि गुणै: कर्माणि सर्वश: |
    अहंकारविमूढात्मा कर्ताहमिति मन्यते ||

КОМЕНТАРІ •