A go dangwa Maria gogo ale sanam dharti ren manwa ku dayawale Isor baba 😹 sarhama johar pope Francis papa ji johar mission India Bible College Ranchi Jharkhand
श्री तुलसी चालीसा ॥दोहा॥ जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥ श्री हरि शीश बिरजिनी, देहु अमर वर अम्ब। जनहित हे वृन्दावनी अब न करहु विलम्ब॥ ॥चौपाई॥ धन्य धन्य श्री तलसी माता। महिमा अगम सदा श्रुति गाता॥ हरि के प्राणहु से तुम प्यारी। हरीहीँ हेतु कीन्हो तप भारी॥ जब प्रसन्न है दर्शन दीन्ह्यो। तब कर जोरी विनय उस कीन्ह्यो॥ हे भगवन्त कन्त मम होहू। दीन जानी जनि छाडाहू छोहु॥ सुनी लक्ष्मी तुलसी की बानी। दीन्हो श्राप कध पर आनी॥ उस अयोग्य वर मांगन हारी। होहू विटप तुम जड़ तनु धारी॥ सुनी तुलसी हीँ श्रप्यो तेहिं ठामा। करहु वास तुहू नीचन धामा॥ दियो वचन हरि तब तत्काला। सुनहु सुमुखी जनि होहू बिहाला॥ समय पाई व्हौ रौ पाती तोरा। पुजिहौ आस वचन सत मोरा॥ तब गोकुल मह गोप सुदामा। तासु भई तुलसी तू बामा॥ कृष्ण रास लीला के माही। राधे शक्यो प्रेम लखी नाही॥ दियो श्राप तुलसिह तत्काला। नर लोकही तुम जन्महु बाला॥ यो गोप वह दानव राजा। शङ्ख चुड नामक शिर ताजा॥ तुलसी भई तासु की नारी। परम सती गुण रूप अगारी॥ अस द्वै कल्प बीत जब गयऊ। कल्प तृतीय जन्म तब भयऊ॥ वृन्दा नाम भयो तुलसी को। असुर जलन्धर नाम पति को॥ करि अति द्वन्द अतुल बलधामा। लीन्हा शंकर से संग्राम॥ जब निज सैन्य सहित शिव हारे। मरही न तब हर हरिही पुकारे॥ पतिव्रता वृन्दा थी नारी। कोऊ न सके पतिहि संहारी॥ तब जलन्धर ही भेष बनाई। वृन्दा ढिग हरि पहुच्यो जाई॥ शिव हित लही करि कपट प्रसंगा। कियो सतीत्व धर्म तोही भंगा॥ भयो जलन्धर कर संहारा। सुनी उर शोक उपारा॥ तिही क्षण दियो कपट हरि टारी। लखी वृन्दा दुःख गिरा उचारी॥ जलन्धर जस हत्यो अभीता। सोई रावन तस हरिही सीता॥ अस प्रस्तर सम ह्रदय तुम्हारा। धर्म खण्डी मम पतिहि संहारा॥ यही कारण लही श्राप हमारा। होवे तनु पाषाण तुम्हारा॥ सुनी हरि तुरतहि वचन उचारे। दियो श्राप बिना विचारे॥ लख्यो न निज करतूती पति को। छलन चह्यो जब पारवती को॥ जड़मति तुहु अस हो जड़रूपा। जग मह तुलसी विटप अनूपा॥ धग्व रूप हम शालिग्रामा। नदी गण्डकी बीच ललामा॥ जो तुलसी दल हमही चढ़ इहैं। सब सुख भोगी परम पद पईहै॥ बिनु तुलसी हरि जलत शरीरा। अतिशय उठत शीश उर पीरा॥ जो तुलसी दल हरि शिर धारत। सो सहस्त्र घट अमृत डारत॥ तुलसी हरि मन रञ्जनी हारी। रोग दोष दुःख भंजनी हारी॥ प्रेम सहित हरि भजन निरन्तर। तुलसी राधा में नाही अन्तर॥ व्यन्जन हो छप्पनहु प्रकारा। बिनु तुलसी दल न हरीहि प्यारा॥ सकल तीर्थ तुलसी तरु छाही। लहत मुक्ति जन संशय नाही॥ कवि सुन्दर इक हरि गुण गावत। तुलसिहि निकट सहसगुण पावत॥ बसत निकट दुर्बासा धामा। जो प्रयास ते पूर्व ललामा॥ पाठ करहि जो नित नर नारी। होही सुख भाषहि त्रिपुरारी॥ ॥दोहा॥ तुलसी चालीसा पढ़ही तुलसी तरु ग्रह धारी। दीपदान करि पुत्र फल पावही बन्ध्यहु नारी॥ सकल दुःख दरिद्र हरि हार ह्वै परम प्रसन्न। आशिय धन जन लड़हि ग्रह बसही पूर्णा अत्र॥ लाही अभिमत फल जगत मह लाही पूर्ण सब काम। जेई दल अर्पही तुलसी तंह सहस बसही हरीराम॥ तुलसी महिमा नाम लख तुलसी सूत सुखराम। मानस चालीस रच्यो जग महं तुलसीदास॥
✝️✝️✝️✝️🔛Merry Christmas all my 🎅🎅🎅🏻🎅🎅🎅🎅..friends and nice song thank you so much Stephan sir🕺 & guddy mam💃 for this song and .........💘❤💓💔we love you 💒💒💒💒💒💒
Didi adi jelen' somoe badem doho ket'. Amak' seren' anjom lagit' tangible re menak' lea. Hoping for new Romantic, cultural, religious song and festival song. Ilove your sweet voice. Hope you will very soon come back. Thanks..
Nit habic a, Joto khon sweet ar soros seren maran din bakhrate. Noa reak video, music ar lyric hon adi napay. E ya maran din ban jokhen hon anjom sana kan. Arhon nawanak benao ben boeha ar misra. Adi soros aran taben. Adi sarhao.
Hiii di Thanks lots to provide us Christmas song. It was very much impressed me. For this Christmas 2019 also provide us so that this Christmas also we may celebrate Christmas with new song. Please so so hard work and release soon in time.
श्री ललिता माता चालीसा ॥चौपाई॥ जयति जयति जय ललिते माता। तव गुण महिमा है विख्याता॥ तू सुन्दरी, त्रिपुरेश्वरी देवी। सुर नर मुनि तेरे पद सेवी॥ तू कल्याणी कष्ट निवारिणी। तू सुख दायिनी, विपदा हारिणी॥ मोह विनाशिनी दैत्य नाशिनी। भक्त भाविनी ज्योति प्रकाशिनी॥ आदि शक्ति श्री विद्या रूपा। चक्र स्वामिनी देह अनूपा॥ ह्रदय निवासिनी-भक्त तारिणी। नाना कष्ट विपति दल हारिणी॥ दश विद्या है रुप तुम्हारा। श्री चन्द्रेश्वरी नैमिष प्यारा॥ धूमा, बगला, भैरवी, तारा। भुवनेश्वरी, कमला, विस्तारा॥ षोडशी, छिन्न्मस्ता, मातंगी। ललितेशक्ति तुम्हारी संगी॥ ललिते तुम हो ज्योतित भाला। भक्त जनों का काम संभाला॥ भारी संकट जब-जब आये। उनसे तुमने भक्त बचाए॥ जिसने कृपा तुम्हारी पायी। उसकी सब विधि से बन आयी॥ संकट दूर करो माँ भारी। भक्त जनों को आस तुम्हारी॥ त्रिपुरेश्वरी, शैलजा, भवानी। जय जय जय शिव की महारानी॥ योग सिद्दि पावें सब योगी। भोगें भोग महा सुख भोगी॥ कृपा तुम्हारी पाके माता। जीवन सुखमय है बन जाता॥ दुखियों को तुमने अपनाया। महा मूढ़ जो शरण न आया॥ तुमने जिसकी ओर निहारा। मिली उसे सम्पत्ति, सुख सारा॥ आदि शक्ति जय त्रिपुर प्यारी। महाशक्ति जय जय, भय हारी॥ कुल योगिनी, कुण्डलिनी रूपा। लीला ललिते करें अनूपा॥ महा-महेश्वरी, महा शक्ति दे। त्रिपुर-सुन्दरी सदा भक्ति दे॥ महा महा-नन्दे कल्याणी। मूकों को देती हो वाणी॥ इच्छा-ज्ञान-क्रिया का भागी। होता तब सेवा अनुरागी॥ जो ललिते तेरा गुण गावे। उसे न कोई कष्ट सतावे॥ सर्व मंगले ज्वाला-मालिनी। तुम हो सर्व शक्ति संचालिनी॥ आया माँ जो शरण तुम्हारी। विपदा हरी उसी की सारी॥ नामा कर्षिणी, चिन्ता कर्षिणी। सर्व मोहिनी सब सुख-वर्षिणी॥ महिमा तव सब जग विख्याता। तुम हो दयामयी जग माता॥ सब सौभाग्य दायिनी ललिता। तुम हो सुखदा करुणा कलिता॥ आनन्द, सुख, सम्पत्ति देती हो। कष्ट भयानक हर लेती हो॥ मन से जो जन तुमको ध्यावे। वह तुरन्त मन वांछित पावे॥ लक्ष्मी, दुर्गा तुम हो काली। तुम्हीं शारदा चक्र-कपाली॥ मूलाधार, निवासिनी जय जय। सहस्रार गामिनी माँ जय जय॥ छ: चक्रों को भेदने वाली। करती हो सबकी रखवाली॥ योगी, भोगी, क्रोधी, कामी। सब हैं सेवक सब अनुगामी॥ सबको पार लगाती हो माँ। सब पर दया दिखाती हो माँ॥ हेमावती, उमा, ब्रह्माणी। भण्डासुर कि हृदय विदारिणी॥ सर्व विपति हर, सर्वाधारे। तुमने कुटिल कुपंथी तारे॥ चन्द्र- धारिणी, नैमिश्वासिनी। कृपा करो ललिते अधनाशिनी॥ भक्त जनों को दरस दिखाओ। संशय भय सब शीघ्र मिटाओ॥ जो कोई पढ़े ललिता चालीसा। होवे सुख आनन्द अधीसा॥ जिस पर कोई संकट आवे। पाठ करे संकट मिट जावे॥ ध्यान लगा पढ़े इक्कीस बारा। पूर्ण मनोरथ होवे सारा॥ पुत्र-हीन संतति सुख पावे। निर्धन धनी बने गुण गावे॥ इस विधि पाठ करे जो कोई। दुःख बन्धन छूटे सुख होई॥ जितेन्द्र चन्द्र भारतीय बतावें। पढ़ें चालीसा तो सुख पावें॥ सबसे लघु उपाय यह जानो। सिद्ध होय मन में जो ठानो॥ ललिता करे हृदय में बासा। सिद्दि देत ललिता चालीसा॥ ॥दोहा॥ ललिते माँ अब कृपा करो सिद्ध करो सब काम। श्रद्धा से सिर नाय करे करते तुम्हें प्रणाम॥
श्री अम्बा(दुर्गा)माता की आरती "जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी तुम को निस दिन ध्यावत, मैयाजी को निस दिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवजी . बोलो जय अम्बे गौरी .. माँग सिन्दूर विराजत टीको मृग मद को मैया टीको मृगमद को उज्ज्वल से दो नैना चन्द्रवदन नीको बोलो जय अम्बे गौरी .. कनक समान कलेवर रक्ताम्बर साजे मैया रक्ताम्बर साजे रक्त पुष्प गले माला कण्ठ हार साजे बोलो जय अम्बे गौरी .. केहरि वाहन राजत खड्ग कृपाण धारी मैया खड्ग कृपाण धारी सुर नर मुनि जन सेवत तिनके दुख हारी बोलो जय अम्बे गौरी .. कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती मैया नासाग्रे मोती कोटिक चन्द्र दिवाकर सम राजत ज्योति बोलो जय अम्बे गौरी .. शम्भु निशम्भु बिडारे महिषासुर धाती मैया महिषासुर धाती धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती बोलो जय अम्बे गौरी .. चण्ड मुण्ड शोणित बीज हरे मैया शोणित बीज हरे मधु कैटभ दोउ मारे सुर भय दूर करे बोलो जय अम्बे गौरी .. ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी मैया तुम कमला रानी आगम निगम बखानी तुम शिव पटरानी बोलो जय अम्बे गौरी .. चौंसठ योगिन गावत नृत्य करत भैरों मैया नृत्य करत भैरों बाजत ताल मृदंग और बाजत डमरू बोलो जय अम्बे गौरी .. तुम हो जग की माता तुम ही हो भर्ता मैया तुम ही हो भर्ता भक्तन की दुख हर्ता सुख सम्पति कर्ता बोलो जय अम्बे गौरी .. भुजा चार अति शोभित वर मुद्रा धारी मैया वर मुद्रा धारी मन वाँछित फल पावत देवता नर नारी बोलो जय अम्बे गौरी .. कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती मैया अगर कपूर बाती माल केतु में राजत कोटि रतन ज्योती बोलो जय अम्बे गौरी .. माँ अम्बे की आरती जो कोई नर गावे मैया जो कोई नर गावे कहत शिवानन्द स्वामी सुख सम्पति पावे बोलो जय अम्बे गौरी .."
श्री गंगा चालीसा ॥दोहा॥ जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग। जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग॥ ॥चौपाई॥ जय जय जननी हराना अघखानी। आनंद करनी गंगा महारानी॥ जय भगीरथी सुरसरि माता। कलिमल मूल डालिनी विख्याता॥ जय जय जहानु सुता अघ हनानी। भीष्म की माता जगा जननी॥ धवल कमल दल मम तनु सजे। लखी शत शरद चंद्र छवि लजाई॥ वहां मकर विमल शुची सोहें। अमिया कलश कर लखी मन मोहें॥ जदिता रत्ना कंचन आभूषण। हिय मणि हर, हरानितम दूषण॥ जग पावनी त्रय ताप नासवनी। तरल तरंग तुंग मन भावनी॥ जो गणपति अति पूज्य प्रधान। इहूं ते प्रथम गंगा अस्नाना॥ ब्रह्मा कमंडल वासिनी देवी। श्री प्रभु पद पंकज सुख सेवि॥ साथी सहस्त्र सागर सुत तरयो। गंगा सागर तीरथ धरयो॥ अगम तरंग उठ्यो मन भवन। लखी तीरथ हरिद्वार सुहावन॥ तीरथ राज प्रयाग अक्षैवेता। धरयो मातु पुनि काशी करवत॥ धनी धनी सुरसरि स्वर्ग की सीधी। तरनी अमिता पितु पड़ पिरही॥ भागीरथी ताप कियो उपारा। दियो ब्रह्म तव सुरसरि धारा॥ जब जग जननी चल्यो हहराई। शम्भु जाता महं रह्यो समाई॥ वर्षा पर्यंत गंगा महारानी। रहीं शम्भू के जाता भुलानी॥ पुनि भागीरथी शम्भुहीं ध्यायो। तब इक बूंद जटा से पायो॥ ताते मातु भें त्रय धारा। मृत्यु लोक, नाभा, अरु पातारा॥ गईं पाताल प्रभावती नामा। मन्दाकिनी गई गगन ललामा॥ मृत्यु लोक जाह्नवी सुहावनी। कलिमल हरनी अगम जग पावनि॥ धनि मइया तब महिमा भारी। धर्मं धुरी कलि कलुष कुठारी॥ मातु प्रभवति धनि मंदाकिनी। धनि सुर सरित सकल भयनासिनी॥ पन करत निर्मल गंगा जल। पावत मन इच्छित अनंत फल॥ पुरव जन्म पुण्य जब जागत। तबहीं ध्यान गंगा महं लागत॥ जई पगु सुरसरी हेतु उठावही। तई जगि अश्वमेघ फल पावहि॥ महा पतित जिन कहू न तारे। तिन तारे इक नाम तिहारे॥ शत योजन हूं से जो ध्यावहिं। निशचाई विष्णु लोक पद पावहीं॥ नाम भजत अगणित अघ नाशै। विमल ज्ञान बल बुद्धि प्रकाशे॥ जिमी धन मूल धर्मं अरु दाना। धर्मं मूल गंगाजल पाना॥ तब गुन गुणन करत दुख भाजत। गृह गृह सम्पति सुमति विराजत॥ गंगहि नेम सहित नित ध्यावत। दुर्जनहूं सज्जन पद पावत॥ उद्दिहिन विद्या बल पावै। रोगी रोग मुक्त हवे जावै॥ गंगा गंगा जो नर कहहीं। भूखा नंगा कभुहुह न रहहि॥ निकसत ही मुख गंगा माई। श्रवण दाबी यम चलहिं पराई॥ महं अघिन अधमन कहं तारे। भए नरका के बंद किवारें॥ जो नर जपी गंग शत नामा। सकल सिद्धि पूरण ह्वै कामा॥ सब सुख भोग परम पद पावहीं। आवागमन रहित ह्वै जावहीं॥ धनि मइया सुरसरि सुख दैनि। धनि धनि तीरथ राज त्रिवेणी॥ ककरा ग्राम ऋषि दुर्वासा। सुन्दरदास गंगा कर दासा॥ जो यह पढ़े गंगा चालीसा। मिली भक्ति अविरल वागीसा॥ ॥दोहा॥ नित नए सुख सम्पति लहैं। धरें गंगा का ध्यान। अंत समाई सुर पुर बसल। सदर बैठी विमान॥ संवत भुत नभ्दिशी। राम जन्म दिन चैत्र। पूरण चालीसा किया। हरी भक्तन हित नेत्र॥
Thank u 4 this beautiful song n may god give u lots of love n blessings......n both of u r my favourite singers....
A go dangwa Maria gogo ale sanam dharti ren manwa ku dayawale Isor baba 😹 sarhama johar pope Francis papa ji johar mission India Bible College Ranchi Jharkhand
Adi moj.... Very very reflective and meditative!!!
Adi napae serin, ar ho next Christmas lagit seren nonka gi napae2 serin ,seren' Ben noa gi inak nehor 👍
😊😊😊
Praise the Lord Brother and sister, adi moj siring 👍👍👍
God bless you both. जिस प्रभु येशु काम हमने नही कर पाया आपने किया।ईश्वर को धन्यवाद।
Adeeeeee. ..napayyyyyyyy God blesssss you. ✋✋✋✋💝
Cot utar re Isorak' mahima.. manwa kore suluk... adi monj seren.. Johar dear Singsrs Guddi & stephan.. may God bless all of you...
Guddy didhi according to you, as sweet voice as you stephen sir is also best(again i came to watch in 2021)
Adi Adi Aima sarhaw. Adi moj isor orohe sarhaw serin' .👌
So wonderful and sweet voice song my dear Sister.
I love you sister may God bless you more and more for good singing.
Adi napae sereń....hope to see more of your collections.
Adi Napai sereń.
God bless both of you ✋
अडी अडी नपाय सेरेच् दीदी 👌👌👌😘😘😘 your voice is so sweet 😊😊😊
Adi mojgi
Guddy di Marandiñ seren benao katec afuime 2024 ❤❤❤❤
Praise the Lord. I love you 😘♥️❤️ Jesus ❤️❤️💗
Adi napay sirin bohyaku. .raska marang din. .dulur jisu raja janam akan. ..:3😄😊😘💞💕
Adi moj seren' 👍
Very nice song Christmas
Hi you
Guddy di niya bar ho nonka nak video gi agui Ben❤️❤️❤️❤️may god bless you
Very nice song, Stephen bro.and sis. Guddy
Happy Christmas Merry Christmas Adi Napay sereng l love this song ............ Thanks .Amen
adi napay sirin ...Merry Christmas and Happy new year 2019..
Beautiful music and adi moj lyrics... Sereñañ se chet’ marangdin re 😁😊
Stephan da and guddy di adi napae seren may god bless you all team
Adi.. napae seren' dada.....nonkan seren' lagite adi.. adi.. sarhaw...
Guddi didi ur voice and Stephen da voice so ,,..... matching I came to watch in 2021(oct-nov).when Will u release another song
Adi napay guddy Didi ar Stephan Dada barra din bakhara siric adi adi adi adi sarhaw (in sec khon marran re,,,, raska barra din)
Thank you so much Jesus for everything ✝️✝️✝️✝️✝️ may God bless you all and your team ✝️✝️✝️✝️
Praise the lord, abenak Isorak Bhor abenma🙋♂️🙋♂️🙋♂️🙋♂️🙋♂️
So nice song And heart touching ..peace of the world
Joy jisu dide adi moj video
Very very nice
Ai napai video❤❤❤
Happy christmas all of you.Guddy your voice is so sweet.....
Adi moj seren r video do...💝💝💝💝💖💖💞💞👍👍👍👍
What a wonderful and Beautiful Song Sister...👏👏👏
Stephen da you are superb
We want more Christmas dong seren.
❤nice song.. praise the lord
Adi moj adi napay guddy di & Stephan da
Wow very nice song.thank you so much for your song.
Adi moj Serin'. Probhu ape sanam koe goro are bhorape ma.
Guddy didi, adi gi moc giya amak serin do r ho nonka gi,, nice nice video r songs teyar ben, insec khon aima sarhao tahena
Guddy didi adi moj siring arang tam. Adi adi sarhaw.
Happy Christmas 🎄
Stephan guddy
Raska siring,
Raska din,
Tihin bara din.
Happy Christmas 🌟 Stephen g and guddy g
श्री तुलसी चालीसा
॥दोहा॥
जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी।
नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥
श्री हरि शीश बिरजिनी, देहु अमर वर अम्ब।
जनहित हे वृन्दावनी अब न करहु विलम्ब॥
॥चौपाई॥
धन्य धन्य श्री तलसी माता। महिमा अगम सदा श्रुति गाता॥
हरि के प्राणहु से तुम प्यारी। हरीहीँ हेतु कीन्हो तप भारी॥
जब प्रसन्न है दर्शन दीन्ह्यो। तब कर जोरी विनय उस कीन्ह्यो॥
हे भगवन्त कन्त मम होहू। दीन जानी जनि छाडाहू छोहु॥
सुनी लक्ष्मी तुलसी की बानी। दीन्हो श्राप कध पर आनी॥
उस अयोग्य वर मांगन हारी। होहू विटप तुम जड़ तनु धारी॥
सुनी तुलसी हीँ श्रप्यो तेहिं ठामा। करहु वास तुहू नीचन धामा॥
दियो वचन हरि तब तत्काला। सुनहु सुमुखी जनि होहू बिहाला॥
समय पाई व्हौ रौ पाती तोरा। पुजिहौ आस वचन सत मोरा॥
तब गोकुल मह गोप सुदामा। तासु भई तुलसी तू बामा॥
कृष्ण रास लीला के माही। राधे शक्यो प्रेम लखी नाही॥
दियो श्राप तुलसिह तत्काला। नर लोकही तुम जन्महु बाला॥
यो गोप वह दानव राजा। शङ्ख चुड नामक शिर ताजा॥
तुलसी भई तासु की नारी। परम सती गुण रूप अगारी॥
अस द्वै कल्प बीत जब गयऊ। कल्प तृतीय जन्म तब भयऊ॥
वृन्दा नाम भयो तुलसी को। असुर जलन्धर नाम पति को॥
करि अति द्वन्द अतुल बलधामा। लीन्हा शंकर से संग्राम॥
जब निज सैन्य सहित शिव हारे। मरही न तब हर हरिही पुकारे॥
पतिव्रता वृन्दा थी नारी। कोऊ न सके पतिहि संहारी॥
तब जलन्धर ही भेष बनाई। वृन्दा ढिग हरि पहुच्यो जाई॥
शिव हित लही करि कपट प्रसंगा। कियो सतीत्व धर्म तोही भंगा॥
भयो जलन्धर कर संहारा। सुनी उर शोक उपारा॥
तिही क्षण दियो कपट हरि टारी। लखी वृन्दा दुःख गिरा उचारी॥
जलन्धर जस हत्यो अभीता। सोई रावन तस हरिही सीता॥
अस प्रस्तर सम ह्रदय तुम्हारा। धर्म खण्डी मम पतिहि संहारा॥
यही कारण लही श्राप हमारा। होवे तनु पाषाण तुम्हारा॥
सुनी हरि तुरतहि वचन उचारे। दियो श्राप बिना विचारे॥
लख्यो न निज करतूती पति को। छलन चह्यो जब पारवती को॥
जड़मति तुहु अस हो जड़रूपा। जग मह तुलसी विटप अनूपा॥
धग्व रूप हम शालिग्रामा। नदी गण्डकी बीच ललामा॥
जो तुलसी दल हमही चढ़ इहैं। सब सुख भोगी परम पद पईहै॥
बिनु तुलसी हरि जलत शरीरा। अतिशय उठत शीश उर पीरा॥
जो तुलसी दल हरि शिर धारत। सो सहस्त्र घट अमृत डारत॥
तुलसी हरि मन रञ्जनी हारी। रोग दोष दुःख भंजनी हारी॥
प्रेम सहित हरि भजन निरन्तर। तुलसी राधा में नाही अन्तर॥
व्यन्जन हो छप्पनहु प्रकारा। बिनु तुलसी दल न हरीहि प्यारा॥
सकल तीर्थ तुलसी तरु छाही। लहत मुक्ति जन संशय नाही॥
कवि सुन्दर इक हरि गुण गावत। तुलसिहि निकट सहसगुण पावत॥
बसत निकट दुर्बासा धामा। जो प्रयास ते पूर्व ललामा॥
पाठ करहि जो नित नर नारी। होही सुख भाषहि त्रिपुरारी॥
॥दोहा॥
तुलसी चालीसा पढ़ही तुलसी तरु ग्रह धारी।
दीपदान करि पुत्र फल पावही बन्ध्यहु नारी॥
सकल दुःख दरिद्र हरि हार ह्वै परम प्रसन्न।
आशिय धन जन लड़हि ग्रह बसही पूर्णा अत्र॥
लाही अभिमत फल जगत मह लाही पूर्ण सब काम।
जेई दल अर्पही तुलसी तंह सहस बसही हरीराम॥
तुलसी महिमा नाम लख तुलसी सूत सुखराम।
मानस चालीस रच्यो जग महं तुलसीदास॥
Adi napai sereng god bless you sister and brother
Guddy bahan,boeha s .tudu abenak herem ar lithur aran nutum adi sarhao johar.🙏
So sweet voice of songs.
May God bless both of you
Adi moj seren adi raska bujhao kana merry Christmas
happy Christmas didi and thaanks for the nice song.
Very Nice Christmas Video Seren'Stephan Da+Goddy Di🌹 👍👍🌺👌👌🌹🎂✝️🎂🌹
Happy Christmas guddy and Stephen.ok thanks see again.
Wa guddy didi aadi moch gana tam...
✝️✝️✝️✝️🔛Merry Christmas all my 🎅🎅🎅🏻🎅🎅🎅🎅..friends and nice song thank you so much Stephan sir🕺 & guddy mam💃 for this song and .........💘❤💓💔we love you 💒💒💒💒💒💒
Somlal Murmu
Somalia Murmu
তাই ঐ বিয়ে ভালো লাগে মনে হয়
Didi adi jelen' somoe badem doho ket'. Amak' seren' anjom lagit' tangible re menak' lea.
Hoping for new Romantic, cultural, religious song and festival song. Ilove your sweet voice. Hope you will very soon come back. Thanks..
I have liked this song, praise the Lord always.
adi moj adi napay ar saote ape joto ko murmu Star pahata khon happy Christmas .
Super song gi guddy didi ar Stephan dada
Adi Adi sarhow boyha , raska maran din isorak dular jauwge aben songe tahen ma
Guddy Didi आयमा आयमा सरहाव
We wish you a happy Christmas
Saiman Marandi
Adi moj adi adi sarhow. Guddy Didi .marang din .happy merry Christmas
Very nice song guddy didi happy Christmas and and happy new year 2019
Adi smart
Very nice song
Good bless you 🎄🎄🎄🎄🍨🎻Adi Napay Siren
Happy Christmas all of u very nice song
Hi
Very Nice Guddy जी.☝☝☝☝☝☝
raska maran din didi r dada adi moj songs very sweet jisus tomk ashirbad koruk
Abena sereng te isore sarhaw ma amen
Merry Christmas di dal moj seren
Adi moj seren' stephan da & guddy di . Thanks ..
Happy Christmas to all viewers and tudu creation team 😄😊
Adi moj seren kan kiya Raju Dada
MAY GOD BLESS YOU ALL PRAISE THE LORD
there is no any other word ,symbol and any effort to destroy this universal religion . hallelujah praise the lord Amen
plz try to published new christian song for 2019 before december
Ppp
So sweet voice of song may God bless both of you ❤❤
Jisu bakra serengj adi super (kolkata)
Jiban Mandi
Is saal ko bhi chahiye. Guddy hembrom ji i like it.
Happy Christmas
Adi napai pe Benawaakda jisu masiyak' seren' se video ho moj ge nice
Aboua santal somaj pea dobaw keda
Amdo tinak' com owarakat'
jisu manao kate santar agg joro alom hatao aaa.........
@@StephanTuduOfficial ape nowa British aa dorom pea manaw da
Amem manalea ado?
@@bhagirathsoren6495 hor kanabon santal dhorom bon manawa
adi adi moj jisu siring...✌✌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
Ạḍi napae rạṛ,katha ar nagamiạ sereń. Aema sarhao didi (Guddy Hembrom).
Adi moj seren didi ar dada nowa seren anjom kate adi raskan aywkaw keda
Nit habic a, Joto khon sweet ar soros seren maran din bakhrate. Noa reak video, music ar lyric hon adi napay. E ya maran din ban jokhen hon anjom sana kan. Arhon nawanak benao ben boeha ar misra. Adi soros aran taben. Adi sarhao.
Very nice song 👌 God bless you sister and brother 🙏
Ayma sarhao💯
Hiii di
Thanks lots to provide us Christmas song. It was very much impressed me.
For this Christmas 2019 also provide us so that this Christmas also we may celebrate Christmas with new song.
Please so so hard work and release soon in time.
श्री ललिता माता चालीसा
॥चौपाई॥
जयति जयति जय ललिते माता। तव गुण महिमा है विख्याता॥
तू सुन्दरी, त्रिपुरेश्वरी देवी। सुर नर मुनि तेरे पद सेवी॥
तू कल्याणी कष्ट निवारिणी। तू सुख दायिनी, विपदा हारिणी॥
मोह विनाशिनी दैत्य नाशिनी। भक्त भाविनी ज्योति प्रकाशिनी॥
आदि शक्ति श्री विद्या रूपा। चक्र स्वामिनी देह अनूपा॥
ह्रदय निवासिनी-भक्त तारिणी। नाना कष्ट विपति दल हारिणी॥
दश विद्या है रुप तुम्हारा। श्री चन्द्रेश्वरी नैमिष प्यारा॥
धूमा, बगला, भैरवी, तारा। भुवनेश्वरी, कमला, विस्तारा॥
षोडशी, छिन्न्मस्ता, मातंगी। ललितेशक्ति तुम्हारी संगी॥
ललिते तुम हो ज्योतित भाला। भक्त जनों का काम संभाला॥
भारी संकट जब-जब आये। उनसे तुमने भक्त बचाए॥
जिसने कृपा तुम्हारी पायी। उसकी सब विधि से बन आयी॥
संकट दूर करो माँ भारी। भक्त जनों को आस तुम्हारी॥
त्रिपुरेश्वरी, शैलजा, भवानी। जय जय जय शिव की महारानी॥
योग सिद्दि पावें सब योगी। भोगें भोग महा सुख भोगी॥
कृपा तुम्हारी पाके माता। जीवन सुखमय है बन जाता॥
दुखियों को तुमने अपनाया। महा मूढ़ जो शरण न आया॥
तुमने जिसकी ओर निहारा। मिली उसे सम्पत्ति, सुख सारा॥
आदि शक्ति जय त्रिपुर प्यारी। महाशक्ति जय जय, भय हारी॥
कुल योगिनी, कुण्डलिनी रूपा। लीला ललिते करें अनूपा॥
महा-महेश्वरी, महा शक्ति दे। त्रिपुर-सुन्दरी सदा भक्ति दे॥
महा महा-नन्दे कल्याणी। मूकों को देती हो वाणी॥
इच्छा-ज्ञान-क्रिया का भागी। होता तब सेवा अनुरागी॥
जो ललिते तेरा गुण गावे। उसे न कोई कष्ट सतावे॥
सर्व मंगले ज्वाला-मालिनी। तुम हो सर्व शक्ति संचालिनी॥
आया माँ जो शरण तुम्हारी। विपदा हरी उसी की सारी॥
नामा कर्षिणी, चिन्ता कर्षिणी। सर्व मोहिनी सब सुख-वर्षिणी॥
महिमा तव सब जग विख्याता। तुम हो दयामयी जग माता॥
सब सौभाग्य दायिनी ललिता। तुम हो सुखदा करुणा कलिता॥
आनन्द, सुख, सम्पत्ति देती हो। कष्ट भयानक हर लेती हो॥
मन से जो जन तुमको ध्यावे। वह तुरन्त मन वांछित पावे॥
लक्ष्मी, दुर्गा तुम हो काली। तुम्हीं शारदा चक्र-कपाली॥
मूलाधार, निवासिनी जय जय। सहस्रार गामिनी माँ जय जय॥
छ: चक्रों को भेदने वाली। करती हो सबकी रखवाली॥
योगी, भोगी, क्रोधी, कामी। सब हैं सेवक सब अनुगामी॥
सबको पार लगाती हो माँ। सब पर दया दिखाती हो माँ॥
हेमावती, उमा, ब्रह्माणी। भण्डासुर कि हृदय विदारिणी॥
सर्व विपति हर, सर्वाधारे। तुमने कुटिल कुपंथी तारे॥
चन्द्र- धारिणी, नैमिश्वासिनी। कृपा करो ललिते अधनाशिनी॥
भक्त जनों को दरस दिखाओ। संशय भय सब शीघ्र मिटाओ॥
जो कोई पढ़े ललिता चालीसा। होवे सुख आनन्द अधीसा॥
जिस पर कोई संकट आवे। पाठ करे संकट मिट जावे॥
ध्यान लगा पढ़े इक्कीस बारा। पूर्ण मनोरथ होवे सारा॥
पुत्र-हीन संतति सुख पावे। निर्धन धनी बने गुण गावे॥
इस विधि पाठ करे जो कोई। दुःख बन्धन छूटे सुख होई॥
जितेन्द्र चन्द्र भारतीय बतावें। पढ़ें चालीसा तो सुख पावें॥
सबसे लघु उपाय यह जानो। सिद्ध होय मन में जो ठानो॥
ललिता करे हृदय में बासा। सिद्दि देत ललिता चालीसा॥
॥दोहा॥
ललिते माँ अब कृपा करो सिद्ध करो सब काम।
श्रद्धा से सिर नाय करे करते तुम्हें प्रणाम॥
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আমাদের গ্রামে এক জন মাসি হতো সেচ্ছায় পুরুষ এ চরে যেতো বলে
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श्री अम्बा(दुर्गा)माता की आरती
"जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
तुम को निस दिन ध्यावत, मैयाजी को निस दिन ध्यावत
हरि ब्रह्मा शिवजी .
बोलो जय अम्बे गौरी ..
माँग सिन्दूर विराजत टीको मृग मद को
मैया टीको मृगमद को
उज्ज्वल से दो नैना चन्द्रवदन नीको
बोलो जय अम्बे गौरी ..
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर साजे
मैया रक्ताम्बर साजे
रक्त पुष्प गले माला कण्ठ हार साजे
बोलो जय अम्बे गौरी ..
केहरि वाहन राजत खड्ग कृपाण धारी
मैया खड्ग कृपाण धारी
सुर नर मुनि जन सेवत तिनके दुख हारी
बोलो जय अम्बे गौरी ..
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती
मैया नासाग्रे मोती
कोटिक चन्द्र दिवाकर सम राजत ज्योति
बोलो जय अम्बे गौरी ..
शम्भु निशम्भु बिडारे महिषासुर धाती
मैया महिषासुर धाती
धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती
बोलो जय अम्बे गौरी ..
चण्ड मुण्ड शोणित बीज हरे
मैया शोणित बीज हरे
मधु कैटभ दोउ मारे सुर भय दूर करे
बोलो जय अम्बे गौरी ..
ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी
मैया तुम कमला रानी
आगम निगम बखानी तुम शिव पटरानी
बोलो जय अम्बे गौरी ..
चौंसठ योगिन गावत नृत्य करत भैरों
मैया नृत्य करत भैरों
बाजत ताल मृदंग और बाजत डमरू
बोलो जय अम्बे गौरी ..
तुम हो जग की माता तुम ही हो भर्ता
मैया तुम ही हो भर्ता
भक्तन की दुख हर्ता सुख सम्पति कर्ता
बोलो जय अम्बे गौरी ..
भुजा चार अति शोभित वर मुद्रा धारी
मैया वर मुद्रा धारी
मन वाँछित फल पावत देवता नर नारी
बोलो जय अम्बे गौरी ..
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती
मैया अगर कपूर बाती
माल केतु में राजत कोटि रतन ज्योती
बोलो जय अम्बे गौरी ..
माँ अम्बे की आरती जो कोई नर गावे
मैया जो कोई नर गावे
कहत शिवानन्द स्वामी सुख सम्पति पावे
बोलो जय अम्बे गौरी .."
श्री गंगा चालीसा
॥दोहा॥
जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग।
जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग॥
॥चौपाई॥
जय जय जननी हराना अघखानी। आनंद करनी गंगा महारानी॥
जय भगीरथी सुरसरि माता। कलिमल मूल डालिनी विख्याता॥
जय जय जहानु सुता अघ हनानी। भीष्म की माता जगा जननी॥
धवल कमल दल मम तनु सजे। लखी शत शरद चंद्र छवि लजाई॥
वहां मकर विमल शुची सोहें। अमिया कलश कर लखी मन मोहें॥
जदिता रत्ना कंचन आभूषण। हिय मणि हर, हरानितम दूषण॥
जग पावनी त्रय ताप नासवनी। तरल तरंग तुंग मन भावनी॥
जो गणपति अति पूज्य प्रधान। इहूं ते प्रथम गंगा अस्नाना॥
ब्रह्मा कमंडल वासिनी देवी। श्री प्रभु पद पंकज सुख सेवि॥
साथी सहस्त्र सागर सुत तरयो। गंगा सागर तीरथ धरयो॥
अगम तरंग उठ्यो मन भवन। लखी तीरथ हरिद्वार सुहावन॥
तीरथ राज प्रयाग अक्षैवेता। धरयो मातु पुनि काशी करवत॥
धनी धनी सुरसरि स्वर्ग की सीधी। तरनी अमिता पितु पड़ पिरही॥
भागीरथी ताप कियो उपारा। दियो ब्रह्म तव सुरसरि धारा॥
जब जग जननी चल्यो हहराई। शम्भु जाता महं रह्यो समाई॥
वर्षा पर्यंत गंगा महारानी। रहीं शम्भू के जाता भुलानी॥
पुनि भागीरथी शम्भुहीं ध्यायो। तब इक बूंद जटा से पायो॥
ताते मातु भें त्रय धारा। मृत्यु लोक, नाभा, अरु पातारा॥
गईं पाताल प्रभावती नामा। मन्दाकिनी गई गगन ललामा॥
मृत्यु लोक जाह्नवी सुहावनी। कलिमल हरनी अगम जग पावनि॥
धनि मइया तब महिमा भारी। धर्मं धुरी कलि कलुष कुठारी॥
मातु प्रभवति धनि मंदाकिनी। धनि सुर सरित सकल भयनासिनी॥
पन करत निर्मल गंगा जल। पावत मन इच्छित अनंत फल॥
पुरव जन्म पुण्य जब जागत। तबहीं ध्यान गंगा महं लागत॥
जई पगु सुरसरी हेतु उठावही। तई जगि अश्वमेघ फल पावहि॥
महा पतित जिन कहू न तारे। तिन तारे इक नाम तिहारे॥
शत योजन हूं से जो ध्यावहिं। निशचाई विष्णु लोक पद पावहीं॥
नाम भजत अगणित अघ नाशै। विमल ज्ञान बल बुद्धि प्रकाशे॥
जिमी धन मूल धर्मं अरु दाना। धर्मं मूल गंगाजल पाना॥
तब गुन गुणन करत दुख भाजत। गृह गृह सम्पति सुमति विराजत॥
गंगहि नेम सहित नित ध्यावत। दुर्जनहूं सज्जन पद पावत॥
उद्दिहिन विद्या बल पावै। रोगी रोग मुक्त हवे जावै॥
गंगा गंगा जो नर कहहीं। भूखा नंगा कभुहुह न रहहि॥
निकसत ही मुख गंगा माई। श्रवण दाबी यम चलहिं पराई॥
महं अघिन अधमन कहं तारे। भए नरका के बंद किवारें॥
जो नर जपी गंग शत नामा। सकल सिद्धि पूरण ह्वै कामा॥
सब सुख भोग परम पद पावहीं। आवागमन रहित ह्वै जावहीं॥
धनि मइया सुरसरि सुख दैनि। धनि धनि तीरथ राज त्रिवेणी॥
ककरा ग्राम ऋषि दुर्वासा। सुन्दरदास गंगा कर दासा॥
जो यह पढ़े गंगा चालीसा। मिली भक्ति अविरल वागीसा॥
॥दोहा॥
नित नए सुख सम्पति लहैं। धरें गंगा का ध्यान।
अंत समाई सुर पुर बसल। सदर बैठी विमान॥
संवत भुत नभ्दिशी। राम जन्म दिन चैत्र।
पूरण चालीसा किया। हरी भक्तन हित नेत्र॥
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Aide napai ge ar moj ,👍😇
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Adi mojj Guddy hembrom song