पापाजी अच्छे नसीब वाले हैं जो उनके बच्चे समझ गए और सुधार कर लिया । कुछ पापा ऐसे भी हैं जिनके बच्चे सुधरे ही नहीं । बिगड़े हुए समाज का अच्छा चित्रण है ।
यह आज के समाज की सत्यता है आज की पीढ़ी अपने पति पत्नी बच्चे तक में ही सीमित रह गई है बुजुर्गो को बोझ समझने लगी है यह आज का यथार्थ है दिल को छू लिया यह telefilm बहुत बहुत धन्यवाद सभी पात्रों को एक नया संदेश समाज में देने के लिए बहुत बहुत आभार 🎉✅💯💐💐
एक समय ऐसा आता है जब व्यक्ति सबको बोझ लगने लगता है. लेकिन वह इतना विवश होता है कि सबकुछ सहन करना पड़ता है, कुछ कह नहीं सकता. उस के बच्चे उसे मूर्ख समझते हैं. उसे किसी मामले में बोलने तक नहीं दिया जाता. यदि उसका कोई हमउम्र या दोस्त ना हो तो अपना दुख किसी से कह भी नहीं सकता और घुट-घुट कर मृत्यु का इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं रहता. शारीर के सभी अंग बेकार हो जाते हैं . इसलिए पूरी तरह सन्तान पर ही आश्रित हो जाता है और जैसे वह रखते हैं वैसे रहकर जीवन का शेष समय बिताना पड़ता है.
बुजुर्ग भगवान होते है परेशान करें तो भी थोड़ा धैर्य रखकर , अपना भविष्य देखे, जो उनके साथ कर रहें है, वहीं ब्यवहार, us उम्र में अपने साथ चाहेंगे क्या ? उनका कमरा कभी न छीने, और उनको भी खाने क़ि मेज पर जगह दे.
मैं इस telefilm को लगभग 100 बार देख चुका हूं. परन्तु फिर भी बोर नहीं होता. मैं प्रतिदिन इसे देखता हूं. हर बार लगता है कि पहली बार देख रहा हूँ. देखते समय लगता है इस फिल्म का पापा जी मैं ही हूँ.
Dil ko touch karne wali h ye telefilm aaj hmare samaj ke har ghar ki yahi kahani single aurat ya aadmi akela reh jata h young logon ka ek din esa hi aana h papaji ne saari Umar family ke liye sab Kiya h ab old papa ji ko samajhne ko koi taiyaar nahi h ki family members ke pyar samajhne ki jarurat h jara sabar ki jarurat h unki mout ke baad shradh karne se koi punye nahi hoga ❤❤❤
Jai Mata Di.Bahut chhoti soch hai inki.Budhapa sabhi ke zindagi ka abhin pal hai atah aadar samman ke sath buzurgon ke sath vyavhar karna chahiye,aisa karne se unka bharpur aashirwad aur prem milega,Hardik dhanyavad aur shubhkamnaye.🙏🙏👍🙏
ये फिल्म अपने समय से आगे है। जैसा की इस फिल्म में चित्रण किया गया आज से कम से कम 10 वर्ष पूर्व, आज बिल्कुल वैसा ही हो रहा है। समस्त टीम को हृदय से आभार! 🙏🏾
बहुत ही मार्मिक😢 मै तो इस बात पे रोना आ रहा था की बेचारा छोटू भी बाबूजी को छोड़कर चला गया और अपनी तंख्वाह लिए बिना लेकिन अंतिम सीन देखकर संतोष मिला... घरके हर सदस्य को ये कहानी जरूर देखना चाहिए😢😢
कहानी का प्रत्येक किरदार बेहतरीन भूमिका अदा किया है l आधुनिक समाज की सच्चाई दर्शाती यह telefilm दिल की गहराई में उतर गई ❤❤अधिकांश घरों की आज यही कहानी है l अन्त में बेहतरीन सन्देश देती हुई युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा प्रद साबित हो, यही कामना है l साथ ही छोटू जैसे किरदार को जीवन दान देना और भी महत्वपूर्ण सन्देश देता है l सभी कलाकारों को हार्दिक साधुवाद ❤बधाई ,अनन्त शुभकामनाएं
मेरी नजर में इस टेलीफिल्म को कोई-न-कोई विशिष्ठ पुरुस्कार मिलना ही चाहिए। क्योंकि आज के तथाकथित समाज के मुह पर एक तमाचा है । इस फिल्म के सभी कलाकारों को दिल से धन्यवाद
क्योंकि मैं भी एक वृद्ध हूँ, यह telefilm मेरे दिल को इतना छु गई कि मैं इसे प्रतिदिन देखता हूं. परन्तु कुछ घरों के बुजुर्ग ऐसे भी देखे हैं कि बेटे-बहुओं को टॉर्चर करते हैं. न जाने भगवान की क्या माया है कि जहां सास-ससुर अच्छे हैं वहां बेटे-बहु अच्छे नहीं होते और जहां बेटे-बहु अच्छे होते हैं वहीं सास -ससुर अच्छे नहीं होते.
Sahi bat jha bete bhu acche vha sas sasur kharab or iska opposite bhi Snko thoda2 adjust krna chahiye taki parivar sahi salamat bna rhe koi dukhi na rhe
लेखक , कहानी के अंत में आदर्शवादी तत्त्व से मुंह फेर नहीं पाए, इसलिए अंततः गांधीजी के हृदय परिवर्तन संबंधी विचार बेटे तथा बहुओं में पूरी तरह से दिखाए गए हैं। परंतु कहानी का अंत समाज की नंगी वास्तविकता से कोसो दूर हैं , क्योंकि बुजुर्गो की इस समस्या का अंत शायद उनकी मृत्यु के साथ ही खत्म होता । अगर इसी नंगी वास्तविकता को दर्शाया जाता तो कहानी हमारे मन को कई ज्यादा मरोडती और बुजुर्गो की संवेदना समझने में ज्यादा मददगार होती।
बहुत सुन्दर मैसेज है इसमें, बुढ़ापा बचपन का पुरागमन होता है जिसे प्यार, दुलार बचपन की वही सब हठ चाहिए क्योंकि दिल इस अवस्था में बच्चा बन जाता है, आमीन जी व चन्द्रा बिष्ट जी का बहुत जानदार अभिनय, व अन्य सभी का भी! आज के जैसे हालात चल रहे हैं, ऐसे धारावाहिक बनने की ज़रूरत है, क्योंकि अपने बुजुर्गों के प्रति सामाज का कुछ लोग बहुत अपमान और दुख देते हैं!, 👍👍
Meri Umer 42 sal se jyda hai pitaji ke Jane ke bad akelapan mehsoos hota hai kash mere mata orr pita dono humesha mere sath rehte tau main duniya sabse jyada khush naseeb insan hota
Or kuch log maa bap k hote huye unki kadar nhi krte .pesa aate hi maa bap ko side kar dete h nhi pta kya wife Puri Umar sath degi maa bap sath chor dete h .unka khyal jada rkhna chahiye .lekin kuch log nhi samjte .
जो व्यक्ति अपने माता-पिता की पुछ पृछ और मीठे शब्दों से उनके मान सम्मान बहुमान को हम सबकों जिन्दा रखना ही चाहिए जिसने वृद माता पिता की सेवा सम्मान नही किया उसने कितने ही महल बनाये हो कितनी ज्ञही बड़ी डिग्री हासिल की हो कितने-कितने बड़े पदों पर बैठा हो जन्मदाता की सैवा बिन कुछ नही किया उसकी उपलब्धियां ज़ीरो है ये समझने की ज़रुरत है सख्त जरुरत है कहीं हम भी दुनियां की इस भीड़ में हम भी टेलीफिल्म मे दिखाया है ऐसा ना हो शिक्षा असली वही है जो बुढ़े होते बुजुर्गो का विशेष ध्यान रखना सिखायें।
Godbless ...wonderfully presented in a short film....BLESS US humans universe please...we all be better...loving caring n serving our near dear ...with high esteem n deep respect
Apni marzi se kahan apne safar ke ham hai.. Pahle har chij thi apni : magar ab ye lagta hai apne hi ghar me kisi aur ke ghar ke ham hai... Rukh havao ke jidhar ka ; uther ke ham hai... (Jahjit singh)
बड़े अच्छे लोग हैं। इन्हें तो शर्म भी आती हैऔर वो भी इतनी जल्दी। पता नहीं कितने लोग इस मुगालते में जीवन गुजार/गंवा देते हैं कि एक दिन चमत्कार होगा और सब ठीक हो जाएगा।
शायद हम सब को यह लगता है कि बड़े बुजुर्गों को समय पर खाना मिल जाए यही काफी है लेकिन उनके साथ समय बिताना भी उतना ही जरूरी है जितना कि खाना यह बात हम सबको समझ में होगी
Very nice story with amoral message to the society that elderly members of the family should be not only served food but they should be properly looked after with due care' love and respect so that we may lead our life happily with their blessings
This telefilm showing the true and brutal face of life, especially when a person become old and without his wife, like the main character of this film... Life is lonely at this old age when children are busy their life, have no time for their olders. But this is the reality of life that at this old age people need more care, attention, love and a person with whom they can share their feelings... Thanks to doordarshan for uploading this beautiful film... Reminding me the golden era of doordarshan 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Mata pitaa naukar ya paltu janvar nhi hoty ki unkail dukhayo ijjat pyar unka bhi adhikar h sda godbless sab unki kripaxashirvad hota h hm na bhuly kbhi
Bilkul sahi baat hai kahi bujurag sahi hai kahi galat bahut kum Ghar hi aisey hai jha dono sahi h agar under standing se Ghar chale to swarag ki kya jarurat hai ❤
दोस्तों माता पिता की वैल्यू ज़ब पता चलती हैँ ज़ब वो जा चुके होते हैँ... मेरे माँ पिता जी को गए दो साल बीत गए लेकिन मेरे लिए समय रुक सा गया हैँ हर समय उनकी याद 😢😢
पापाजी अच्छे नसीब वाले हैं जो उनके बच्चे समझ गए और सुधार कर लिया । कुछ पापा ऐसे भी हैं जिनके बच्चे सुधरे ही नहीं । बिगड़े हुए समाज का अच्छा चित्रण है ।
यह आज के समाज की सत्यता है आज की पीढ़ी अपने पति पत्नी बच्चे तक में ही सीमित रह गई है बुजुर्गो को बोझ समझने लगी है यह आज का यथार्थ है दिल को छू लिया यह telefilm बहुत बहुत धन्यवाद सभी पात्रों को एक नया संदेश समाज में देने के लिए बहुत बहुत आभार 🎉✅💯💐💐
very touching
एक समय ऐसा आता है जब व्यक्ति सबको बोझ लगने लगता है. लेकिन वह इतना विवश होता है कि सबकुछ सहन करना पड़ता है, कुछ कह नहीं सकता. उस के बच्चे उसे मूर्ख समझते हैं. उसे किसी मामले में बोलने तक नहीं दिया जाता. यदि उसका कोई हमउम्र या दोस्त ना हो तो अपना दुख किसी से कह भी नहीं सकता और घुट-घुट कर मृत्यु का इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं रहता. शारीर के सभी अंग बेकार हो जाते हैं . इसलिए पूरी तरह सन्तान पर ही आश्रित हो जाता है और जैसे वह रखते हैं वैसे रहकर जीवन का शेष समय बिताना पड़ता है.
❤
बुजुर्ग भगवान होते है परेशान करें तो भी थोड़ा धैर्य रखकर , अपना भविष्य देखे, जो उनके साथ कर रहें है, वहीं ब्यवहार, us उम्र में अपने साथ चाहेंगे क्या ?
उनका कमरा कभी न छीने, और उनको भी खाने क़ि मेज पर जगह दे.
समाज को एक सुन्दर संदेश देती telefilm🙏
बहुत सुंदर और आजकल के हर बुजुर्गो की हकीकत है।।मन को छू लिया 😊
कितना मार्मिक अभिनय और कथा, बुढापा सब पर आता है,उमर का आदर करना चाहिए, इंसानियत बड़ी चीज है अपने कर्मो का सबको इसी जन्म में मिल जाता है❤❤❤
मैं इस telefilm को लगभग 100 बार देख चुका हूं. परन्तु फिर भी बोर नहीं होता. मैं प्रतिदिन इसे देखता हूं. हर बार लगता है कि पहली बार देख रहा हूँ. देखते समय लगता है इस फिल्म का पापा जी मैं ही हूँ.
Kitne saal kay budhay totay ho tum
Reality of life so much like me 🙏❤️
Aur beta apka kaisa hai sir.
Aur mujhe lgta h ki chotu me hu....mere ghr Wale bhi din bhr mujse kaam karwate h😭
Apna ilaaz karwao papa ji. You are mentally stuck in 90s😅
Bhut hi sundar h telefilm .bhut jyaada achhi or shikshapradd👍
बहुत ही ऐमोशनल कहानी
वाह अंत में आंसू आ गये।
बहुत ही सफल कहानी।
Dil ko andr tk hila diya is film ne..aapka chenl pr bahut gyanvrdhk khaniya h.suprbh 👌👌👌👌👌
हम पढ़कर डिग्री वाले तो बन गए मगर इंसान न बन सके ,
Dil ko touch karne wali h ye telefilm aaj hmare samaj ke har ghar ki yahi kahani single aurat ya aadmi akela reh jata h young logon ka ek din esa hi aana h papaji ne saari Umar family ke liye sab Kiya h ab old papa ji ko samajhne ko koi taiyaar nahi h ki family members ke pyar samajhne ki jarurat h jara sabar ki jarurat h unki mout ke baad shradh karne se koi punye nahi hoga ❤❤❤
बहुत ही प्ररेणा दायक प्रस्तुति है दिल को छू गई
अंत में ही सही अच्छा हुआ,,, भगवान करे सबके साथ अच्छा हो
Jai Mata Di.Bahut chhoti soch hai inki.Budhapa sabhi ke zindagi ka abhin pal hai atah aadar samman ke sath buzurgon ke sath vyavhar karna chahiye,aisa karne se unka bharpur aashirwad aur prem milega,Hardik dhanyavad aur shubhkamnaye.🙏🙏👍🙏
ये फिल्म अपने समय से आगे है। जैसा की इस फिल्म में चित्रण किया गया आज से कम से कम 10 वर्ष पूर्व, आज बिल्कुल वैसा ही हो रहा है। समस्त टीम को हृदय से आभार! 🙏🏾
बहुत ही मार्मिक😢
मै तो इस बात पे रोना आ रहा था की बेचारा छोटू भी बाबूजी को छोड़कर चला गया और अपनी तंख्वाह लिए बिना लेकिन अंतिम सीन देखकर संतोष मिला... घरके हर सदस्य को ये कहानी जरूर देखना चाहिए😢😢
कहानी का प्रत्येक किरदार बेहतरीन भूमिका अदा किया है l आधुनिक समाज की सच्चाई दर्शाती यह telefilm दिल की गहराई में उतर गई ❤❤अधिकांश घरों की आज यही कहानी है l अन्त में बेहतरीन सन्देश देती हुई युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा प्रद साबित हो, यही कामना है l साथ ही छोटू जैसे किरदार को जीवन दान देना और भी महत्वपूर्ण सन्देश देता है l सभी कलाकारों को हार्दिक साधुवाद ❤बधाई ,अनन्त शुभकामनाएं
मेरी नजर में इस टेलीफिल्म को कोई-न-कोई विशिष्ठ पुरुस्कार मिलना ही चाहिए। क्योंकि आज के तथाकथित समाज के मुह पर एक तमाचा है । इस फिल्म के सभी कलाकारों को दिल से धन्यवाद
प्रेरणास्पद फिल्म का सुखद अंत भा गया।
🇮🇳🍁💐🌹♥️🥰🙏दूरदर्शन का समय सदाबहार था एक टीवी एक चैनल एक परिवार ।🙏🌹💐🍁🇮🇳
फिल्म तो मैंने बहुत देखा है पर इस तरह का हृदय स्पर्शी फिल्म पहली बार देखा है
बहुत ही अच्छी कहानी है देखकर मुझे भी रोना आ गया है ❤❤❤❤❤🙏 सभी का घरपरिवार सुखी रहे 🙏
Bahut Sunder Kahani Sach Me Aaj Kal Aise He Hota Hai 👌👌👍👍🙏🏻
बहुत बहुत सुंदर सराहनीय प्रयास मानवता का
सुन्दर प्रस्तुति ,बहुत बड़ी सीख देती है ये पटकथा
क्योंकि मैं भी एक वृद्ध हूँ, यह telefilm मेरे दिल को इतना छु गई कि मैं इसे प्रतिदिन देखता हूं. परन्तु कुछ घरों के बुजुर्ग ऐसे भी देखे हैं कि बेटे-बहुओं को टॉर्चर करते हैं. न जाने भगवान की क्या माया है कि जहां सास-ससुर अच्छे हैं वहां बेटे-बहु अच्छे नहीं होते और जहां बेटे-बहु अच्छे होते हैं वहीं सास -ससुर अच्छे नहीं होते.
YEAH TOO INSAAN KE APNE HAATH MEIN HEIN KAISE JEENA HEIN ISKE LIYE KUCH NIYAM REQUIRE HEIN
😮
😮
@@anilkumarjain7485❤
Sahi bat jha bete bhu acche vha sas sasur kharab or iska opposite bhi
Snko thoda2 adjust krna chahiye taki parivar sahi salamat bna rhe koi dukhi na rhe
बहुत सुंदर कहानी इसी तरह हर घर में सद्बुद्धि दे भगवान हर इंसान को🎉 बुजुर्गों का सम्मान करें
Samajhadari hai.👍👍
Bahut hi pyari film mery to end mai ansu hi nahi rukay superb
Apne hi ghar m apno ko hi jb bhoj lagne lgo to us taqlif ki koi सीमा नहीं होती
Bhaut hi badiya tali film ha rona aa gaya hai dil se 👍👍 hai
बहुत बढ़िया बुढापे में पति पत्नी का साथ नही छूटना चाहिय मगर यह सम्भव नही
Nice story 58:46
Awesome Doordarshan plays are very good with moral values. No obscene or vulgarity. Thanks
बिल्कुल सही कहा ,सब कुछ बच्चों को दे दो लेकिन उनसे दो वक्त की रोटी नहीं खिलाई जाती बनाकर।
लेखक , कहानी के अंत में आदर्शवादी तत्त्व से मुंह फेर नहीं पाए, इसलिए अंततः गांधीजी के हृदय परिवर्तन संबंधी विचार
बेटे तथा बहुओं में पूरी तरह से दिखाए गए हैं।
परंतु कहानी का अंत समाज की नंगी वास्तविकता से कोसो दूर हैं , क्योंकि बुजुर्गो की इस समस्या का अंत शायद उनकी मृत्यु के साथ ही खत्म होता ।
अगर इसी नंगी वास्तविकता को दर्शाया जाता तो कहानी हमारे मन को कई ज्यादा मरोडती और बुजुर्गो की संवेदना समझने में ज्यादा मददगार होती।
आपने समाज के मर्म को अच्छे से समझा है ।
बहुत सुन्दर मैसेज है इसमें, बुढ़ापा बचपन का पुरागमन होता है जिसे प्यार, दुलार बचपन की वही सब हठ चाहिए क्योंकि दिल इस अवस्था में बच्चा बन जाता है, आमीन जी व चन्द्रा बिष्ट जी का बहुत जानदार अभिनय, व अन्य सभी का भी! आज के जैसे हालात चल रहे हैं, ऐसे धारावाहिक बनने की ज़रूरत है, क्योंकि अपने बुजुर्गों के प्रति सामाज का कुछ लोग बहुत अपमान और दुख देते हैं!, 👍👍
Very nice pics
दिल छू लेने वाले मार्मिक पल, सुंदर प्रेस्तुति
Meri Umer 42 sal se jyda hai pitaji ke Jane ke bad akelapan mehsoos hota hai kash mere mata orr pita dono humesha mere sath rehte tau main duniya sabse jyada khush naseeb insan hota
Khushnasib or Amir bhi jisne apne maa papa ko bhagwan ke roop me Puja cahe jaise halat ho whi asli insan h or apke mata pita dur ni hmesha sath hai
बुजुर्ग माता पिता उस पेड़ की तरह होते है जिसकी छांव में बैठकर जीवन का आनंद ओर खुशियां मिलती है ।
माता पिता के आशीर्वाद से बड़ा कुछ नहीं।
Or kuch log maa bap k hote huye unki kadar nhi krte .pesa aate hi maa bap ko side kar dete h nhi pta kya wife Puri Umar sath degi maa bap sath chor dete h .unka khyal jada rkhna chahiye .lekin kuch log nhi samjte .
समाज के लिए एक प्रेरणा दायक कहानी है बहुत ही सुन्दर 🙏
बहुत ही सुंदर टेली फिल्म ❤❤
बहुत ही सुंदर संदेश ❤❤
Bahut badhiya story hai
Ye telefilm to sabko jaroor dekhni chahiye
जो व्यक्ति अपने माता-पिता की पुछ पृछ और मीठे शब्दों से उनके मान सम्मान बहुमान को हम सबकों जिन्दा रखना ही चाहिए जिसने वृद माता पिता की सेवा सम्मान नही किया उसने कितने ही महल बनाये हो कितनी ज्ञही बड़ी डिग्री हासिल की हो कितने-कितने बड़े पदों पर बैठा हो जन्मदाता की सैवा बिन कुछ नही किया उसकी उपलब्धियां ज़ीरो है ये समझने की ज़रुरत है सख्त जरुरत है कहीं हम भी दुनियां की इस भीड़ में हम भी टेलीफिल्म मे दिखाया है ऐसा ना हो शिक्षा असली वही है जो बुढ़े होते बुजुर्गो का विशेष ध्यान रखना सिखायें।
Godbless ...wonderfully presented in a short film....BLESS US humans universe please...we all be better...loving caring n serving our near dear ...with high esteem n deep respect
Bahut badhiya kahani aur prastutikaran. Dhanyawad ji.
Bahut hi prernadayak kahani
Bahut badhiya ❤❤ mera dil khush hua aur to roya bhi
Apni marzi se kahan apne safar ke ham hai.. Pahle har chij thi apni : magar ab ye lagta hai apne hi ghar me kisi aur ke ghar ke ham hai... Rukh havao ke jidhar ka ; uther ke ham hai... (Jahjit singh)
❤nice nice story harekrishna thxz
Very nice story isko majak mat samjo aise bahot log honge isliye her bujurg aadmi ne apni sehat aur money bachana chahiye jo budape me kam aayenge
जीवन की मार्मिक सच्चाई
बहुत सुन्दर.....
Bahut hi behtareen story
What master pieces we used to watch. Life lessons, realisation, character building ❤❤❤❤❤
बहुत सुंदर, रूला दीया
Bahut hi badiya aise OR telefilms upload kre please
Very matured end . Great
Wife ke marne ke baad hi husband ko uski ahmiyat pata chalti he🙏🙏
Why so late
Sahi kaha aapne
End bhut achha tha sbse achhi bat y heki bchho ko apni glti Ka ahsas hogya
बड़े अच्छे लोग हैं। इन्हें तो शर्म भी आती हैऔर वो भी इतनी जल्दी।
पता नहीं कितने लोग इस मुगालते में जीवन गुजार/गंवा देते हैं कि एक दिन चमत्कार होगा और सब ठीक हो जाएगा।
Very nice story, should be given award
शायद हम सब को यह लगता है कि बड़े बुजुर्गों को समय पर खाना मिल जाए यही काफी है लेकिन उनके साथ समय बिताना भी उतना ही जरूरी है जितना कि खाना यह बात हम सबको समझ में होगी
Right
Bahut ghron men to bahuon ko khana bhi time par nahi diya jata
@@mysweetcollection1186 000000000000000000000000000000000000000⁰000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000
@@ruchisaxena6136 lléà ред.
🙏🙏🙏🙏🥰🥰🥰🥰🙏🙏🙏🙏
Namaste , yes Badiya film hai , sabhi ko watch karni chahiye.
Very nice story with amoral message to the society that elderly members of the family should be not only served food but they should be properly looked after with due care' love and respect so that we may lead our life happily with their blessings
Bahut proud of this family
sahi kha apne
Aankhe 😢bhar aayi is episode ko dekh kar
This telefilm showing the true and brutal face of life, especially when a person become old and without his wife, like the main character of this film... Life is lonely at this old age when children are busy their life, have no time for their olders. But this is the reality of life that at this old age people need more care, attention, love and a person with whom they can share their feelings... Thanks to doordarshan for uploading this beautiful film... Reminding me the golden era of doordarshan 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
इतनी आसानी से लोग नही बदलते इन्सान चला जाता है।
Bohut khobchurat Kahane.
Burhan pe sabhi ko ek sahara ke jorurot hai ,, very nice story,,
सुन्दर, मार्मिक एवं ह्रदय स्पर्शी। वर्तमान का यथार्थ।
बिल्कुल आज की परिस्थितियों का सही चित्रण ।🙏
द ग्रेट, बेस्ट बीडियो आज तक मैं ऐसा बीडियो नहीं देखा था ❤
Bahut sundar picture❤❤🙏🏻🙏🏻
Dil ko çchugya🎉
अति सुंदर पटकथा, लाजवाब 👌👌
Very touching & educative story. Thankyou.
मार्मिक स्क्रिप्ट भावुक अभिनय
wah bahut acchi film hai. thanks a lot
अतिशय सुंदर
Bahut hi sundar🙏
Very nice story ji ❤❤❤❤very imotional story 😢
अंत में जब छोटू वापस आ गया तो खुशी के आंसू छलक पड़े मेरी आंखों में. . . 😭
Mata pitaa naukar ya paltu janvar nhi hoty ki unkail dukhayo ijjat pyar unka bhi adhikar h sda godbless sab unki kripaxashirvad hota h hm na bhuly kbhi
बेहतरीन प्रस्तुति
Bilkul sahi baat hai kahi bujurag sahi hai kahi galat bahut kum Ghar hi aisey hai jha dono sahi h agar under standing se Ghar chale to swarag ki kya jarurat hai ❤
❤ बहुत ही शिक्षाप्रद
End is superb.👍🙏
Aajkal Samaj ke liye Achcha chitran Kiya🙏🙏
Jindagi me akele rehna bahut mushkil hai umer Kay is wakt me dard ko batnay wala humdard chaiye
Bahut achhi kahani hai
Really heart touching story 🙏🏼
बहुत ही अच्छी फ़िल्म है!
Beautiful . If the women of the house are caring such problems do not arise. With this I mean of both generations.
दोस्तों माता पिता की वैल्यू ज़ब पता चलती हैँ ज़ब वो जा चुके होते हैँ... मेरे माँ पिता जी को गए दो साल बीत गए लेकिन मेरे लिए समय रुक सा गया हैँ हर समय उनकी याद 😢😢
Super.der aay drust aay.
bahut bdhiya
Ghar gharki Kahani superb family short movie🙏👍✌️👌
Bahut acchi story