इस माँग के पीछे की कहानी का कोई ऐतिहासिक आधार नहीं है। जो इतिहासिक सत्य है वो इस प्रकार है आज का जो यह राई का बाग़ रेलवे स्टेशन है किसी वक्त में इस जगह पर जोधपुर रियासत का शुथलखाना था यानि रियासत के ऊंट इस जगह पर रहते थे और ऊंट की देखभाल राईके करते थे, चूंकि जगह दरबार की थी परन्तु राईका लोग रहते थे। इस जगह पर महाराजा जसवंत सिंह जी की महारानी शेखावतजी की बडारण "राई" ने जोधपुर का " राई का बाग पैलेस" शुरू में बनाया था(सिर्फ एक छोटा मकान), यह बडारण, महाराजा जसवंत सिंहजी की रानी की दासी थी। राजस्थान की सभी रियासतों में कई बडारणो का व्यक्तित्व महत्वपूर्ण रहा है , जयपुर महाराजा का महल "रामबाग" भी किसी जमाने में एक बडारण का मकान था, ये इतिहासिक सत्य है जो पद्म श्री लक्ष्मी कुमारी चुण्डावत नें भी "गिर ऊंचा ऊंचा गढ़ा" में लिखा है परन्तु अब ये कुछ भी कहा जा सकता है.. अब बात आसारानाडा की है तो दुर्गादासजी राठौड़ के पिता आसकरणजी जिनके जागीर का मुख्य गाँव सालवा जिसके पास में उन्होंने नाडा खुदवाया जिसका नाम आसा रा नाडा रखा ( जो करणोंतों के प्रमाणित इतिहास में लिखा है ) और राईकाबाग पैलेस महाराजा जसवंतसिंहजी द्वितीय नें बनवाया जहाँ उनसे लेकर महाराजा उम्मेदसिंहजी तक की चार पीढ़ियों का निवास रहा है तत्पश्चात उम्मेद भवन के बाद तीन पीढ़ियों से वहाँ रह रहे है ये सब प्रमाणित और मेहरानगढ़ स्थित पुस्तक प्रकाश में समकालीन ग्रंथों में दर्ज है बाकी जो लोग कहते है वो सब काल्पनिक है जिसका कोई इतिहासिक आधार नहीं है।
ये सब जाति होने का नुकसान है, अगर जाति नहीं होती तो ऐसा नही होता। हमारे देश के लोग जाति को बढ़ावा देते है बजाए उसको खतम करने के । एक ही देश के लोग है , एक ही जिले की लोग होकर दूसरे को उसकी जाति पुछेंगे । जाति किसी भी देश को तोड़ने का वास्तविक हथियार है, जिसका दंश हमारा देश सदियों से झेल रहा है।
जाति नही भाई बात घर की हे जब हमने सरकार को अपनी जमीन दी तो वहा हमारा नाम तो हो सकता हे ना भाई ,,,हम वहा क्या कब्ज़ा थोड़ी कर रहे हे सिर्फ नाम,,,,,राईका बाग,,,,
हम सब हिंदू है,जातियों में बंट गए,इसलिए हमारे देश का नाश हो रहा है ,हम सब हिंदू भाई भाई। But, ये सही नाम राईका बाग था ,परंतु इसे किसी विशेष जाति के नेताओ ने राई का बाग नाम करवा दिया। तो, ये तो बाड़ को बाड़ खाने के जैसी बात हो गई।
हमारा नाम हमारा नारा ❤❤❤❤❤हम हमारा हक मांगते है किसी से भिख नहीं
जय देवासी समाज
Thank you Dinesh ji❤❤
Thank you Dinesh Bohra ji❤
हमारा मान हमारा स्वाभिमान,,राईका बाग
राईका बाग हमारा है
देश में राइको का खास योग दान रहा है नाम कारण होना चहिए
आपणो समाज आपणो गोरव
जय जय राईका समाज ❤❤
Thank u dinesh ji ❤
Thank you dinhes bhora ji
Thank you dinesh ji
Thank you Dinesh Ji
❤❤ thanks Dinesh ji
Aapne hmare aawaj ko buland kiya
धन्यवाद दिनेश जी
Thank you so much dinesh ji
जय देवासी राईका रेबारी समाज 🚩
देवासी समाज मर्यादा मे हे तो जलदी कार्रवाई होनी वरना आज भी राजस्थान मे सरकार बनाने मे बहुत हे
Jay dewasi samaj❤❤❤
आभार ❤❤❤❤
धन्यवाद वाद दिनेश जी ❤
Dg g
Thanks you sa
Raika bagh hamara h 😈🦅👑 Rabarii 🦁
Thank you Dinesh ji 🎉
इस माँग के पीछे की कहानी का कोई ऐतिहासिक आधार नहीं है।
जो इतिहासिक सत्य है वो इस प्रकार है आज का जो यह राई का बाग़ रेलवे स्टेशन है किसी वक्त में इस जगह पर जोधपुर रियासत का शुथलखाना था यानि रियासत के ऊंट इस जगह पर रहते थे और ऊंट की देखभाल राईके करते थे, चूंकि जगह दरबार की थी परन्तु राईका लोग रहते थे।
इस जगह पर महाराजा जसवंत सिंह जी की महारानी शेखावतजी की बडारण "राई" ने जोधपुर का " राई का बाग पैलेस" शुरू में बनाया था(सिर्फ एक छोटा मकान),
यह बडारण, महाराजा जसवंत सिंहजी की रानी की दासी थी। राजस्थान की सभी रियासतों में कई बडारणो का व्यक्तित्व महत्वपूर्ण रहा है , जयपुर महाराजा का महल "रामबाग" भी किसी जमाने में एक बडारण का मकान था,
ये इतिहासिक सत्य है जो पद्म श्री लक्ष्मी कुमारी चुण्डावत नें भी "गिर ऊंचा ऊंचा गढ़ा" में लिखा है परन्तु अब ये कुछ भी कहा जा सकता है..
अब बात आसारानाडा की है तो दुर्गादासजी राठौड़ के पिता आसकरणजी जिनके जागीर का मुख्य गाँव सालवा जिसके पास में उन्होंने नाडा खुदवाया जिसका नाम आसा रा नाडा रखा ( जो करणोंतों के प्रमाणित इतिहास में लिखा है ) और राईकाबाग पैलेस महाराजा जसवंतसिंहजी द्वितीय नें बनवाया जहाँ उनसे लेकर महाराजा उम्मेदसिंहजी तक की चार पीढ़ियों का निवास रहा है तत्पश्चात उम्मेद भवन के बाद तीन पीढ़ियों से वहाँ रह रहे है ये सब प्रमाणित और मेहरानगढ़ स्थित पुस्तक प्रकाश में समकालीन ग्रंथों में दर्ज है बाकी जो लोग कहते है वो सब काल्पनिक है जिसका कोई इतिहासिक आधार नहीं है।
Jay ho Rabari Samaj
Thank you 😊👍
🏳️🚩🏳️🚩🏳️🚩❤️❤️❤️❤️💯💯
😊
Raika bag hamara hai
❤❤❤❤🎉🎉🎉
Bilkul jayaj hai mange
❤❤
Tx sir
Ram Ram sa दिनेशजी Ko
Thanks ❤
❤❤❤❤❤❤
na pesa chahiye ,,na dolat ,,sirf nam chahiye,,,, राईका बाग,,,
कॉल रवसा
Dinesh namaskar ji
देवासि नही,, राईका बोलो
Aaj ratan ji dewasi kyu nhai aye aur karan rabari kyu nhai aye
ये सब जाति होने का नुकसान है, अगर जाति नहीं होती तो ऐसा नही होता। हमारे देश के लोग जाति को बढ़ावा देते है बजाए उसको खतम करने के । एक ही देश के लोग है , एक ही जिले की लोग होकर दूसरे को उसकी जाति पुछेंगे । जाति किसी भी देश को तोड़ने का वास्तविक हथियार है, जिसका दंश हमारा देश सदियों से झेल रहा है।
जाति नही भाई बात घर की हे जब हमने सरकार को अपनी जमीन दी तो वहा हमारा नाम तो हो सकता हे ना भाई ,,,हम वहा क्या कब्ज़ा थोड़ी कर रहे हे सिर्फ नाम,,,,,राईका बाग,,,,
हम सब हिंदू है,जातियों में बंट गए,इसलिए हमारे देश का नाश हो रहा है ,हम सब हिंदू भाई भाई।
But, ये सही नाम राईका बाग था ,परंतु इसे किसी विशेष जाति के नेताओ ने राई का बाग नाम करवा दिया।
तो, ये तो बाड़ को बाड़ खाने के जैसी बात हो गई।
इनको रेलवे की कार्रवाई का पता नहीं है🤣
किसको पता नही है, रेलवे की कार्यवाही का यदि आपको पता हे तो आप बता दीजिए गोदारा साहब।
Aap aajaho karvahi karne saheb ji
आपणो समाज आपणो गोरव
जय जय राईका समाज ❤❤
❤
❤❤
आपणो समाज आपणो गोरव
जय जय राईका समाज ❤❤
❤
❤❤❤
❤❤
❤
❤❤
❤
❤❤❤
❤
❤
❤❤
❤