Gyanvapi Row: ज्ञानवापी केस में वाराणसी कोर्ट ने प्रार्थना पत्र किया खारिज | ABP LIVE

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  • Опубліковано 25 жов 2024

КОМЕНТАРІ • 5

  • @JobSeekerPassport
    @JobSeekerPassport 8 годин тому +4

    हम धर्म के नाम पर एक-दूसरे से इतनी लड़ाई करते हैं, जबकि यही धर्म हमें एक साथ मिल-जुल कर रहना सिखाता है। आज इंसानियत को दरकिनार कर, हम केवल मंदिर-मस्जिद तक ही सिमट गए हैं। हम जितनी शिद्दत से आज मंदिर और मस्जिद के लिए लड़ रहे हैं, अगर उसी जज़्बे से हम एक-दूसरे का हाथ थाम लें, तो समाज में कितना बदलाव आ सकता है।
    सोचिए, अगर हमारे पूर्वजों ने आपसी मतभेदों को छोड़कर मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष नहीं किया होता, तो क्या आज हम इतने आज़ाद होते कि अपने मंदिरों और मस्जिदों में इबादत कर सकते? उन्होंने न केवल हमारे आज के लिए बल्कि हमारे आने वाले कल के लिए भी बलिदान दिया।
    लेकिन आज हम राजनीति के जाल में फंसकर एक-दूसरे के दुश्मन बनते जा रहे हैं। हमें यह समझना होगा कि धर्म का असली उद्देश्य इंसानियत और भाईचारा बढ़ाना है, न कि किसी दीवार को खड़ा करना। धर्म हमें जोड़ने के लिए है, तोड़ने के लिए नहीं।
    अगर हम सच में अपने धर्म के प्रति ईमानदार हैं, तो हमें उस धर्म के मर्म को समझना होगा। चाहे हम किसी भी धर्म के अनुयायी हों, अंत में हम सब इंसान हैं और इसी इंसानियत को सबसे ऊपर रखना चाहिए।

  • @Nagarnisha51927
    @Nagarnisha51927 8 годин тому +1

    हिंदी है हम हिंदुस्तान हमारा

  • @अवधीछोरेमनकेभोले

    मुझे हिन्दुओं पर दया आती है सब कुछ साफ क्लियर दिख रहा,शिवलिंग है उसीबको क़ो फववारा बता दिया गया और लोगो ने मान भी लिया 🤣🤣🤣🤣🤣

  • @mmk-rn5ki
    @mmk-rn5ki 7 годин тому

    😊

  • @WaseemAnsari-is3yo
    @WaseemAnsari-is3yo 8 годин тому

    Hindu paksh 😂😂😂