जय मातेश्वरी श्रीविद्या दीक्षा के विषय में अपनी जिज्ञासा स्पष्ट लिखें। दीक्षा के संबंध में हमने इस चैनल पर अपने वीडियो "श्रीविद्योपासकों के लिए पालनीय नियम" तथा " श्रीविद्या चिंतन श्रृंखला छ: भागों में" में बहुत कुछ कहा है। आप हमारे इस चैनल को सब्सक्राइब कर समस्त वीडियो श्रृंखला सहजता से देख सकते हैं।
आपके प्रश्न में वर्णित प्रथम तीन महाविद्याओं को छोड़कर विधिवत दीक्षा लेकर चतुर्थ महाविद्या की साधना की जा सकती है। हमारे विचार से श्रीविद्या सर्वोपरि मानी गई हैं। यही इस जीवन में सम्पूर्ण विधि-विधान से पूर्णाभिषिक्त होकर सम्पन्न कर लें तो पर्याप्त है क्योंकि भगवती श्रीललितामहात्रिपुरसुन्दरी भोग मोक्ष दोनों की प्रदाता हैं।
आप हमारे ईमेल पर अपना सम्पूर्ण परिचय तथा अब तक प्राप्त दीक्षाओं का विवरण भेजें। मन्त्र न लिख कर केवल नाम लिखें। किन गुरुदेव तथा सम्प्रदाय के आप शिष्य हैं। मोबाइल क्रमांक भी लिखें।
प्रणाम गुरुदेव। क्या दीक्षित मंत्र का विधिपूर्वक नित्य प्रति जाप करने वाले साधकों को गायत्री संध्या करना जरूरी? सुना है दीक्षित मंत्र का जाप करने पर गायत्री संध्या करना जरूरी नहीं है दीक्षित मंत्र का जाप करने वाले साधकों को गायत्री त्रिकाल संध्या का फल मिल जाता है क्या सही है जय श्री राम जी
जय जगन्मात: आपके प्रश्न का उत्तर हाँ है। वस्तुत: पुरश्चरण मन्त्र सिद्धि की प्रक्रिया का अंग है। पुरश्चरण में उस मन्त्र की जप संख्या निर्धारित होती है। पुरश्चरण के लिए संकल्प आवश्यक है तथा अन्य नियम भी। उच्चकोटि के साधकों के अनुभव के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बहुत लम्बे समय तक नित्य अधिक संख्या में जप करने से भी मन्त्र सिद्ध हो सकता है।
Om Namah Shivay 🙏
जय शिव
सादर चरणस्पर्श गुरु जी। धन्यवाद🙏💕
उत्तम विधि तथा ज्ञान उपदेश 🙏
श्री मात्रै नमः
जय जगन्मात:
Jay mateswri
हार्दिक आभार गुरु जी | 🙏
गुरुजी शत-शत प्रणाम
जय मातेश्वरी👏
गुरु जी परनाम ।। गुरु जी श्री विद्या दीक्षा के लिए मार्गदर्शन दीजिए।। धन्यवाद
जय मातेश्वरी
श्रीविद्या दीक्षा के विषय में अपनी जिज्ञासा स्पष्ट लिखें।
दीक्षा के संबंध में हमने इस चैनल पर अपने वीडियो "श्रीविद्योपासकों के लिए पालनीय नियम" तथा " श्रीविद्या चिंतन श्रृंखला छ: भागों में" में बहुत कुछ कहा है। आप हमारे इस चैनल को सब्सक्राइब कर समस्त वीडियो श्रृंखला सहजता से देख सकते हैं।
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Shri vidhya Ki diksha lene ke bad Kali kul Ki mahavidhya Kali Tara chinnamasta bhuvneshwari Ki sadhna Ki ja Sakti hai Kya guru ji
आपके प्रश्न में वर्णित प्रथम तीन महाविद्याओं को छोड़कर विधिवत दीक्षा लेकर चतुर्थ महाविद्या की साधना की जा सकती है।
हमारे विचार से श्रीविद्या सर्वोपरि मानी गई हैं।
यही इस जीवन में सम्पूर्ण विधि-विधान से पूर्णाभिषिक्त होकर सम्पन्न कर लें तो पर्याप्त है क्योंकि भगवती श्रीललितामहात्रिपुरसुन्दरी भोग मोक्ष दोनों की प्रदाता हैं।
Maharaj ji kripya bataiye ki Hum Sri vidya ki upasana kaha se prapt kar sakte ha
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प्रणाम गुरुदेव। क्या दीक्षित मंत्र का विधिपूर्वक नित्य प्रति जाप करने वाले साधकों को गायत्री संध्या करना जरूरी? सुना है दीक्षित मंत्र का जाप करने पर गायत्री संध्या करना जरूरी नहीं है दीक्षित मंत्र का जाप करने वाले साधकों को गायत्री त्रिकाल संध्या का फल मिल जाता है क्या सही है जय श्री राम जी
सन्ध्याकर्म एवं गायत्री जप पर बहुत शीघ्र हम वीडियो अपलोड करेंगे जिससे आपकी जिज्ञासाओं का समाधान संभव होगा।
प्रणाम गुरुदेव गायत्री संध्या कर्म के लिए वीडिओ शीघ्र अति शीघ्र अपलोड करें धन्यवाद जय श्री राम
क्या बिना संकल्प के साधारण ज्यादा से ज्यादा जप करके सिद्धी पायी जा सकती है
जय जगन्मात:
आपके प्रश्न का उत्तर हाँ है। वस्तुत: पुरश्चरण मन्त्र सिद्धि की प्रक्रिया का अंग है। पुरश्चरण में उस मन्त्र की जप संख्या निर्धारित होती है। पुरश्चरण के लिए संकल्प आवश्यक है तथा अन्य नियम भी।
उच्चकोटि के साधकों के अनुभव के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बहुत लम्बे समय तक नित्य अधिक संख्या में जप करने से भी मन्त्र सिद्ध हो सकता है।
😂
Aapki mail Id par mail nhi ja rha
हमे तो निम्न ईमेल आईडी पर सतत मेल प्राप्त हो रही हैं --
shri.siddhvidya@gmail.com
shri के बाद dot . लगाएं।
🙏