मैंने यही कार्य क्यों चुना? | आर्य समाज | Acharya Agnivrat | Vaidic Physics
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- Опубліковано 26 січ 2025
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मैं वैदिक विज्ञान के द्वारा एक अखण्ड, सुखी व समद्ध भारत के निर्माण की आधारशिला रखने का प्रयास रहा हूँ, जिसमें प्रत्येक भारतीय तन, मन, विचारों व संस्कारों से विशुद्ध भारतीय होगा। उसके पास अपना विज्ञान वेदों, ऋषियों व देवों के प्राचीन विज्ञान पर आधारित एवं अपनी भाषा हिन्दी व संस्कृत में होगा। उसे अपने पूर्वजों की प्रतिभा, चरित्र एवं संस्कारों पर गर्व होगा, उसे पाश्चात्य विद्वानों की बौद्धिक दासता से मुक्ति मिलेगी, जिससे लार्ड मैकाले का वर्तमान में साकार हो चुका स्वप्न ध्वस्त हो सकेगा। यह प्यारा राष्ट्र पुनः विश्वगुरु बनकर विश्व को शांति एवं आनंद का मार्ग दिखाएगा।
-आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक
आप वैदिक भौतिकी के पुनरुत्थान जैसे इस महान् कार्य में निम्न प्रकार सहयोग कर सकते हैं-
1. सोशल मीडिया पर प्रचार करके - हमारी पोस्ट को विभिन्न सोशल मीडिया पर अधिक से अधिक प्रचारित कर सकते हैं।
2. स्वयं आर्थिक सहयोग करके एवं दूसरों से कराके - आप अपने सामथ्र्य के अनुसार एवं न्यास की अनैतिक व्यवसाय से अर्जित धन न लेने की शर्त को ध्यान में रखते हुए हमारी वेबसाइट पर जाकर दान दे सकते हैं और अपने सगे सम्बन्धियों को इस राष्ट्रीय एवं वैदिक यज्ञ में आहुति देने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
3. हमारे साहित्य का प्रचार करके - आप पूज्य आचार्य श्री की अत्यन्त महत्वपूर्ण पुस्तकों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचा कर।
4. वैदिक भौतिकी पर कार्यक्रम आयोजित करा कर - हमसे सम्पर्क करके अपने आसपास अति प्रबुद्ध, विशेषकर विज्ञान के उच्च स्तरीय छात्रों के मध्य करा सकते हैं।
5. सोशल मीडिया, पत्रिका आदि में हमारे कार्य पर लेख लिख कर - हमारे कार्य को अच्छी तरह से समझकर विभिन्न विषयों पर सरल भाषा में जनसाधारण के लिए सोशल मीडिया एवं पत्रिका आदि में लेख लिख सकते हैं।
6. हमारे कार्य पर वीडियो बनाकर प्रचार करके - हमारे कार्य को अच्छी तरह से समझकर विभिन्न विषयों पर सरल भाषा में जनसाधारण के लिए विडियो बना सकते हैं।
7. बौद्धिक सहयोग दे कर - नए मौलिक अनुसंधानों की जानकारी अथवा इस अद्भुत कार्य को आगे बढ़ाने हेतु सुझाव हमें मेल द्वारा दे सकते हैं।
8. सरकारी सहायता के लिए प्रयास करके - हमारे कार्य की जानकारी माननीय प्रधानमंत्री महोदय तक पहुँचा कर उनसे इस कार्य के लिए सहयोग और संरक्षण का निवेदन कर सकते हैं।
9. हमारे वेद विज्ञान के अन्तिम लक्ष्य - भारत और विश्व को वेदोक्त आदर्शों पर चला कर सम्पूर्ण मानवजाति के साथ-साथ प्राणिमात्र का कल्याण, में सहयोग के लिए अपने जीवन के एक या अधिक दोषों को त्याग कर और किसी अच्छाई को अपना कर।
10. वैदिक भौतिकी पर तकनीक एवं गणित का विकास करके - हमारे वैदिक सैद्धान्तिक भौतिकी को जनोपयोगी बनाने के लिए इसके आधार पर तकनीक एवं गणित का विकास करने का प्रयास करके।
11. वेद विरोधियों अथवा जिज्ञासुओं को उत्तर देकर - वेदादि शास्त्रों पर हो रहे मिथ्या आक्षेपों अथवा वास्तविक जिज्ञासुओं को, जो भी आपने अब तक समझा है, के आधार पर उत्तर देकर आचार्य श्री का बहुमूल्य समय बचा सकते हैं।
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यह कार्य अत्यन्त पवित्र है, इस कारण आचार्य श्री की भावनानुसार विनम्र निवेदन है कि जिनकी आजीविका किसी भी प्रकार की हिंसा, चोरी, तस्करी, अश्लीलतावर्धक साधनों, नशीली वस्तुआ की विक्री, धोखाधड़ी, शोषण आदि पर निर्भर हो तथा जो निर्धन भाई अपनी सामर्थ्य से अधिक (अथवा अपने परिवार में क्लेश करके) दान देना चाहते हों, ऐसे महानुभावों की सद्भावना का धन्यवाद करते हुए भी हम उनका दान लेने में असमर्थ हैं। कृपया ऐसा करने का प्रस्ताव करके हमें लज्जित न करें। हाँ, जो बन्धु ऐसे कर्मों को त्यागकर हमसे जुड़ना चाहें, तो उनका हार्दिक स्वागत है।
(Note: This is Very Holy work, so according to the emotions of Acharyaji we are not able to accept the donations from the people whose life is related to any of this profession like- Smuggling, Violence, theft, sexuality enhancer products, selling of intoxication products, Betrayal, Exploitation etc. Yes, anyone who wants to join us by leaving these professions, then we will welcome them.)
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आचार्यजी प्रणाम। मेरा रोजका नियम बन गया है कि मै एक audio जरूर सुनू जब तक नही सुनू तब तक बेचैनी रहती है, क्योंकि जीवन में अनेक प्रकार के साधन, भजन, सत्संग, साधुओ के साथ समय बिताया, गिरी गुफाओ में रहा परंतु जो ज्ञान की कुंजी मुझे आपसे और सत्यार्थ प्रकाश से मिली यह सरे संसार में कोई नही दे सकता। हमने ऋषि दयानंदजी को तो देखा नही, परंतु उस रूप में हम मोबाइल के द्वारा आपको रोज देखकर, सुनकर मेरे जीवन में एक अदम्य आत्म विश्वास आ गया है। आपका सादर आभार। मेरे लिए कोई सेवा हो तो उपस्थित हूँ। प्रणाम
आचार्य जी आपकी विडियो सुनकर मेरे आँसु आ गए मैं निरन्तर अपनी बुराईयों को छोड़ता जाउंगा अपने विद्यार्थियों को वेदों के बारे बताता रहुंगा इस महायज्ञ में आर्थिक सहयोग करता रहूंगा 😢😢😢🙏🙏
आपके विचार सराहनीय है
आप अध्यापक हैं क्या?
ओउम् सच्चिदानंदेश्वराय नमो नम:
आचार्य जी सादर चरण स्पर्श नमस्तेजी🎉
"अरे ना कर आलू प्याज की चिंता" ये कल सस्ती हो जायेगी..अगर नहीं किया धर्म का समर्थन... तो तेरे घर के पास रोहींग्याओ की बस्ती हो जायेगी
जय श्री राम 🙏🙏🙏🙏🙏
सही बात है आचार्य जी वेद के अर्थ ऐसे हैं आर्ष भाष्य में भी की प्रथ्वी दृढ़ है ऐसे भाष्य हैं ।
बिलकुल ऐसे अर्थ है की ऐसा लगता है क्या है ये 😔
अवश्य ही स्वर्ण को पहचानने की क्षमता सामान्यतः सबमें नहीं होती है इसलिए इतने कम लोगों ने आचार्य नैष्ठिक के व्याख्यानों को सुनने में रुचि दिखाई है ।
ओउम् तत्सत 🎉
वेद सत्य विद्या,सत्य पदार्थ और सत्य मोक्ष (प्रकाश) ज्ञान विज्ञान के द्वारा ही हम सब जीव ईश्वर के सानिध्य में है। यदि उपरोक्त नहीं तो हम सब जीव अंधकारमय और मृत हैं। हम सब वेद अनुकूल सत्य आत्म आचरण से जीवन निर्वहन करें।🎉❤
प्रणाम आचार्य जी, मेरा जीवन गृहस्थी है,जैसे ही बच्चे अपने पैरों पर खड़े हो जाऐंगे तो ईश्वर से प्रार्थना है कि आपकी शरण में और सेवा में शेष जीवन व्यतीत हो ,पढ़ा लिखा ज्यादा नहीं हु पर मेरी समझ में यह बात आ गई कि आप भारत के तारणहार पुरुष हैं ,और मुझें ईश्वर पर पूरा भरोसा है कि आप सौ वर्ष से अधिक आयु तक हमारा व भारत देश का मार्ग दर्शन करेंगे, ओउम् तत्सत
भाई आप ज्यादा पढा़ - लिखा नहीं हूँ, ऐसा मत सोचिए ! आप तो वास्तविक रूप में शिक्षित हो ही रहे हैं, आचार्य जी के प्रवचन को सुनकर! ओ३म्!
आपकी सद्भावना और श्रद्धा के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
आचार्य जी ईश्वर ने आपको कुछ विशेष कार्य करने के लिए प्रेरित किया है हमारा सौभाग्य है आप जैसे गुरु आज इस युग में है और हम आपकी बातों को सुनते हैं और चलने का प्रयास करते हैं
हमारी पीढ़ी के एक महान व्यक्तित्व 🙏
बहोत जिज्ञासा थी ईस विषय मे आपसे जानने को 😍😆
धन्यवाद
ओम नमस्ते आचार्य जी आप का पुरुषार्थ बेयर्थ नहीं जाएगी ।
धन्यवाद
😭😭😭😭😭😭😭 आचार्य जी मेरा पूरा जीवन आपके लिए है। और आपके प्रयास को सफल करने का प्रयास मैं भी करूंगा।
Ashirwad
आचार्य अग्नि व्रत जी को मेरा प्रणाम, आप का आज का प्रवचन सुनकर मेरी आंखें खुल गईं, ऐसा प्रवचन पहली बार सुना है । ओम्।
स्वामी जी मैं आपके पास आकर इस विश्व के कल्याण मैं अपना योगदान देना चाहता हु
ओम् नमस्ते आचार्य जी
पूज्य आचार्यवर सदर नमन।आपके पावन पवित्र विचारो की बहुत ही आवश्यकता है।एक दिन अवश्य ही जीत होगी।
नमस्ते आचार्य जी ,आपको सुनते हुए ऐसा लगता है कि बस सुनते ही रहूं| आप बहुत बड़े विद्वान हैं| 🙏🙏
🚩🚩जय श्री राम 🚩🚩
🚩🚩जय आर्य 🚩🚩
🚩🚩जय आर्यावर्त🚩🚩
Vedic sanatan dharm ki mahanta isthapit karne k liye aapka ye karye mahan hai guruwar om
गुरवे नमः
आपकी इन बातो पर सरकार का ध्यान अवश्य जाना चाहिए आचार्य जी।
आचार्य जी आप अपना सम्पूर्ण रुप से ध्यान रखे।आपका सुरक्षित रहना बहुत आवश्यक। आप वेदों केलिए और इस देश के लिये बहुत कुछ करने का सामर्थ्य रखते है इसलिए अपनी सुरक्षा रखे।
ॐ
नमस्ते आचार्य जी
आपकी बात सुनता हूँ तो अंदर में ऐसा आग लगती है कि सब कुछ छोड़ कर आपके शरण में आ जाऊँ और पूरी रफ्तार से आप सबों का कार्य मे सहयोग करूँ पर मेरी गरीबी से मैं मजबूर हूँ किन्तु मैं अभी विद्यार्थी हूँ जैसे ही मैं अपने पैर पर खड़ा हो जाऊंगा आपसे मिलने अवश्य आऊंगा और किसी रूप में आपका सहयोग अवश्य करूँगा
ॐ
पूज्य आचार्य जी, नमस्ते!
हम जानते हैं कि वीडियो के लिए आपके पास समय नहीं है, किन्तु आपके वीडियो से ही हमने बहुत कुछ सीखा है। मेरा जीवन संवर गया है।
गुरुजी! आप असाधारण कार्य कर रहे हैं। ऐसे कार्य में विघ्न-बाधाएँ आती ही हैं, अतः निरंतर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहें। हमारी भावनाएँ आपसे बड़ी शक्ति के साथ जुड़ी हैं। आपकी बात कोई उद्योगपति नहीं सुनेगा। कोई सरकार भी नहीं सुनेंगी।
अब ऐसे में आप उनके न सुनने और न देखने पर अपने ध्येय से कैसे डीग सकते हैं? क्या किसी के आंख, कान आदि खराब हो जाएं, उनकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाये, तो क्या हम बोलना, सुनना, सोंचना, करना आदि छोड़ देंगे? चाहे कुछ भी हो जाये हम बढ़ेंगे और पूरी ताकत से बढ़ेंगे।
धन्यवाद!
बहुत अच्छा, धन्यवाद
गुरुजी चरण स्पर्श - आप दीर्घायु हो स्वस्थ रहे ।
मैं वेद विज्ञान आलोक पढ़ रहा हूँ। बहुत ही अद्भुद ज्ञान है वेद में पर दुर्भाग्य की वेदों का गलत भस्य ने संसार को अलग दिशा दे गया। परंतु आपके पुरुषार्थ के बल पर आज वेद का विज्ञानिक भस्य पूरे बिस्व को पुनः वेदों की तरफ आकर्षित करेगी। सदर प्रणाम
आशीर्वाद
आचार्य जी, मैं आपका बहुत सम्मान करता हूं।
लेकिन भारत के 95 % हिन्दुओं को संस्कृत भाषा नही आती है । और मुझे स्वयं को भी नही आती है ।
🕉️वेद की महिमा अतुलनीय है
प्रणाम आचार्य जी, आजके वैदिक विषय सबंधी ज्ञान अर्जन में वृद्धि हुई , कोटि-कोटि आभार
ओम् नमस्ते आचार्य जी,अति उत्तम 🚩🚩🚩🙏🙏🙏🙏🚩🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
वेद के अमृत ज्ञान सब को मिले 🙏🙏🙏🔱
मैं असम में कार्य कर रहा हूँ 🚩🚩🚩🚩
आचार्य जी प्रणाम...
आप बिल्कुल सही बोल रहे है महर्षि दयानंद सरस्वती की जय हो
स्वामी जी,दील से नमन हे आपको🙏🙏🙏
आशीर्वाद
आचार्य जी नमस्ते आचार्य जी आप को शत-शत नमन आपके कार्य के लिए और आपकी कृपा के लिए ईश्वर हम सभी को ऐसी शक्ति प्रदान करें जिससे कि हम पूरे विश्व में वेद की सत्ता को स्थापित कर सकें वह अपने देश को पुनः आर्यावर्त ब्रह्मा व्रत बना सकें और विशाल आर्य जी का भी बहुत-बहुत अभिनंदन पुस्तक परिचय वैदिक भौतिकी लिखने के लिए वह अपनी तरफ से बहुत अच्छा प्रयास किया है क्योंकि वेद विज्ञान आलोक बहुत बड़ा ग्रंथ और गूढ़ ग्रंथ है इस पुस्तक की सहायता से वैदिक विज्ञान का प्रचार प्रसार और तेजी से किया जा सकेगा और वैदिक विज्ञान को समझने का कार्य विधि विद्यालय आलोक से होगा आप सभी को मेरा हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन
धन्यवाद
धन्यवाद अचार्य जी
पता नहीं कैसे आप मन की गंभीरता को समझ जाते हैं इच्छा बोहोत होती है परंतु मर्यादा तथा समस्यओं का बंधन छूट नही पाता
शंकाए भी बोहोत होती है परंतु संसाधनों के आभावों में वो भी छूट जाते हैं
इस अमूल्य ज्ञान के लिए गुरुदेव को कोटि कोटि प्रणाम।
प्रणाम गुरुजी
आपके इस महान कार्य के लिए हम आपके आभारी है
Dhan hai Guru ji aap ke shuddh Vedic gyan ko bar bar bar bar pranam
Namaste guruji
Pranaam Guruji 🙏 parmatma apki Raksha Kare.....mai apki slamati ki dua krti hu.....pta ni kyu ankho se ansu aa rae h....Jai Bholenath...🙏
आचार्य जी आपको सादर प्रणाम आप एक महान उद्देश्य के लिए काम रहे है। आप जैसे acharyao की भारत को जरूरत है। स्वामी जी आप कहते है कि महर्षि दयानंद जी भाष्य पूर्ण नही है। तो इस पर मैं आपसे यही पूछना चाहता हु की जो व्यक्ति भारत मे जो गुरुकुल है उनमें जाकर नही पढ़ सकता वो वेद का ज्ञान किसके वेद भाष्य पढ़ कर जाने क्योंकि बिना वेद पढ़े तो उसका ज्ञान संभव नही तो सर्वोत्तम वेद भाष्य किसका है। दुसरे यह की महर्षि दयानंद जी ने वेद भाष्य निरुक्त और निघूँट और ब्राह्मण ग्रंथो के आधार पर करना सही बताया है आप कह रहे कि लोगो ने उनके भी गलत भाष्य किये है। तो आम आदमी जो रोज़ी रोटी वाला हो वो क्या करे वेद का ज्ञान कैसे कैसे जाने। अगर जानना चाहे तो। आम आदमी यदि अपने धर्म को जानना चाहे वेद को जानना चाहे तो कैसे जाने। स्वामी जी यदि आप उचित समझे तो कृपया बताइये।🙏🙏🙏
आचार्य जी को सादर प्रणाम🙏 आपने बहुत ही सुंदर ढंग से वेद के बारे में समझाया
गुरु जी स्वस्थ रहें आप खुश रहे
गुरु जी को चरण स्पर्श
श्री आचार्य जी को चरण स्पर्श
किसी समय में कुछ वामिये ने हमें भी मनुस्मृति को लेकर बहुत ही हमें बरगलाया लेकिन ईश्वर की कृपा से मेरा सनातन से प्रेम नही टूटा!
अंततः 6/1/2020 को सुरेंद्र कुमार कृत विशुद्ध मनुस्मृति पुस्तक क्रय करके पढ़ा पुरा पढ़ा और इसे पुनः पढ़ रहा हूं और वामिये के कान पर तर्क के थपेड़ों से उत्तर दे रहा हूँ !
अब तो हमें देखते ही वो मार्ग बदल देता हैं!
राहुल आर्य, अंकुर आर्य, पंडित महेंद्र पाल आर्य पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ जी और आपको मेरा सादर प्रणाम! जय श्री राम
कोटि कोटि प्रणाम आचार्य जी आपको
आपके प्रवचन सुनकर मुझे रोमांच होने लगता है,और यह विचार दृढ़ होता जा रहा है कि मुझे भी इस क्षेत्र में उतरना ही पड़ेगा।
Guruji 🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽koti koti naman guruvar 🙏🏽
Saadar namastey Acharya ji🕉🙏🕉🙏🕉🙏
स्वामीजी,प्रणाम
आपका कार्य,शाश्वत सत्यका कार्य है,ईश्र्वर आपको दीर्घायुष्य दे
वेद सृष्टि के उदभव और मानव उत्त्पत्ति ईश्वरीय प्राण वायु से संचालित है और वेद विज्ञान तथा ईश्वरीय गुणों का स्रोत है
Prani patra Guru ji... Uttam jankari di apne.. ❤👏👌🚩🚩🚩🚩🚩🚩
आशीर्वाद
सूर्य उदय रात्रि की समाप्ति है, सूर्य अस्त रात्रि की शुरुआत-वृद्धि-विस्तार है, विश्व इतिहास (घटित घटना-क्रम ) भविष्य (घटने जा रहे घटना-क्रमों ) का दर्शन है,
🕉️ हम आपका अनुसरण जरूर करेंगे।
Bhut jald aapse bhet hogi Acharya Ji. OM
आचार्य जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏
पता नहीं क्यों लेकिन मुझे भी आपकी चिंता हो रही है आचार्य जी क्योंकि राजीव दीक्षित जी को भी ज़िंदा नहीं छोड़ा... कृप्या आप अपना ध्यान रखें और निरुक्त का भाष्य समाप्त करके अथर्ववेद सामवेद और यजुर्वेद आदि का भाष्य भी करें... कृप्या आप अपना ध्यान रखें और कहीं भी भोजन ना करें 🙏
सद्भावना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
ॐ नमस्ते आचार्य जी ।
सत्य वचन और सत्य सात्विक कार्मिक निर्मल जीवन ईश्वर का विशेष गुण जो मानव के जीवन को प्रकाशमयी बनाता है और धर्म का पालन ही सत्य है
ईश्वर हमें शक्ति दे ताकि वेद की प्रतिष्ठा बढे इसका प्रयास कर सकें
आपको शत शत नमन आचार्यजी ।
आचार्य जी ॐ 🙏 एक वीडियो मुक्ति के ऊपर भी बनाए की मुक्ति में क्या है कहा रहती है कब जन्म लेती है कितना समय तक रहती है आदि।
Aap rigvedadibhashyabhumika padhein🙏
स्वामी जी 🙏 नमस्ते, आपका मार्गदर्शन व्यर्थ नहीं जाएगा, आपका स्वपन्न जरूर पूरा होगा,सत्य को छुपाया जा सकता है मिटाया नहीं जा सकता हम वैदिक धर्मी आपके साथ हैं 🙏ॐ।
धन्यवाद
Aapke mahan karye k liye aapka bahut bahut dhanyewad guruwar
Jay ho guruvar🙏🙏🙏🚩🚩
NAMASTE
Sadar namaste acharya ji
🙏🙏🙏
आशीर्वाद
Dekho dekho kaun aaya ..
#Sher aaya #Sher aaya ..!!
सादर नमस्ते एवं धन्यवाद स्वामी जी
Om acharya ji
Rishiver aap ke charno mei koti koti naman aap ka charan raj agar mujhe mil jaye to mai --------- mera jiwan
आचार्य जी कोटिश: नमन
Guru ji namaste
नमस्ते
@@vaidicphysics apne mera namsate wala reply nhi kiya sir ji
@@AshutoshKumar-iy1ir are prabhu sabko reply thode na de sakenge guruji ko bahut kaam hota hai
Sadar Pranaam
पूज्य आचार्य जी ओउम्
मै b.tech cse का छात्र हूँ ,आपसे बहुत प्रभावित हूँ मैंने महर्षि दयानन्द को पढ़ा है और भी आर्य विद्वानों की पुस्तक पढ़ी है परन्तु मै वेदो के विज्ञान को समझना व् समझाना चाहता हूँ,मेरी आर्ष गर्न्थो को पढ़ने की बहुत इच्छा है, मै पहले वेद विज्ञान आलोक पढू या वेद कृपया भविष्य के लिए मेरा मार्गदर्शन करो। मुझे संस्कृत भी नहीं आती
अभी आप B.Tech की पढ़ाई करें।
नमस्ते गुरु जी । पूर्णतय सत्य
गुरु जी
हालात तो बहुत दयनीय हो चुकी है सनातन समाज की लेकिन एक बात दिल से कहता हूँ की सत्य संघर्ष की अवस्था में आ सकता है पराजित नही होगा, क्योंकि जब कोई भी विद्वान कितना भी श्रेस्ठ और वैचारिक मतभेद रखने वाला ही क्यों न हो,
जब अपने ग्रन्थ और वेद को ईश्वरीय और ब्रह्माण्डीय सिद्ध कर पाने में असमर्थ पायेगा , उठ रहे हज़ारो सवालों से घबरा कर निरुत्तर् हो जायेगा फिर वो निश्चित ही अपनी और धर्म की प्रतिष्ठा को बचने के लिए आपके " वेद विज्ञान आलोक" की शरण में चला जायेगा।
क्योंकि अन्य कोई और तार्किक मार्ग होगा भी नही और ये सामने आने वाले सवालों की संख्या दिन-दिन बढ़ती ही जायेगी।
आपकी प्रतिष्ठा शीघ्र नही भी हुई तो भविष्य आपके कर्मों से प्रभावित अवश्य ही होगा।
निवेदन है की वेद और ब्राह्मण ग्रंथो के ज्ञान विज्ञानं को प्राप्त करने के उचित मार्ग को बना के जाये , ताकि जब भी विश्व में इसकी जरूरत हो तब आपके कार्यो के आधार पे वेद और ब्राह्मण ग्रंथो के अन्य रहष्यों को समझ जा सके।
क्योंकि महर्षि दयानंद जी ने वेद पे कार्य तो किया लेकिन वो उनके स्वयं तक ही सिमित हो गया कोई उसको आगे नही बढ़ा सका क्योंकि उसको समझने के रहष्य , रहष्य ही बने रह गए उन्होंने विश्वास तो बना दिया लेकिन आगे बढ़ने का आधार नही निर्माण कर पाये।
प्रणाम्
बहुत ही प्रेरणा दायकपरवचन है आचार्य जी नमस्ते
U are great Sir. U are biggest knower of Vedas on this earth .
Prnam guruvar.
वन्दे मातरम्
Pranam guruji
Pranaam Gurudev
Har Har Mahaadev
नमन कोटी कोटी नमन ।
आशीर्वाद
Bahut he sunder
Namaste achary g
I really want to learn Sanskrit Panini vyakaran. Thank u swami ji u r really doing good work.
सभी भाइयों को ये बता दु की वेद विज्ञान आलोक ग्रंथ का भाष्य पूर्ण नही है इसे अचार्य जी ने संक्षिप्त लिखा है उनके अनुसार यदि वो इस ग्रंथ को विस्तार से लिखते तो 10000 पृष्ठ का यह ग्रंथ होता तो इससे आप अनुमान लगा सकते हैं की इस क्षेत्र में अभी बोहोत काम बाकी है ये तो नीव अचार्य जी ने रखी है भव्य इमारत तो अभी कोसो दूर है
मै ब्रह्मचारी बनना चाहता हू। वेद का विद्वान बनना चाहता हू। कृपया मार्गदर्शन कीजिए ।
मेरी आयु 25 है।
Bhai ,,,,patanjali yogpeeth chala ja ,,,,wahan gurukul me padlio ,,,,sare ved
आप कृपया 9829148400 पर शाम को 5 बजे फोन करे ।
सादर नमस्कार गुरुदेव श्री
Jai Hind
ओ ३ म् आचार्य जी को सादर नमन
ओ३म् श्रद्धेय आचार्य जी सादर प्रणाम 🙏🙏🙏
ओ३म् नमस्ते आचार्य जी🙏
गुरु जी आप को सादर प्रणाम 🙏🙏
What an excellent work you are doing!!!
pranam guruji aapko sunke shanti miti h
Namaskar swami jiii 🙏🙏🙏
आचार्य जी हम भी आत्मा ज्ञान चाहिए
आचार्य जी एक छोटा सा प्रश्न हे
क्या आप बता सकते हो कि मोक्ष प्राप्ति के बाद आत्म कहा, कभ तक, और केसी रहती है रहती है
उत्तम अति उत्तम वचन।
🙏🙏🙏