अज़ीज़म विशाल बाग़ साहब की शायरी का हुस्न उनके अंदाज़ ए बयां से दोबाला हो जाता है उनकी शायरी जिद्दत और नुदरत का ऐसा संगम महसूस होती है जहाँ तजरबा और अहसास हमसफ़र नज़र आते हैं. उनके आंगन में लफ़्ज़ बरतने का ये तरीक़ा है कि हर बार वो तरीक़ा बदल बदल के नए प्रयोग करते हैं उनको पढ़ना और सुनना दोनों कमाल है ❤️
अज़ीज़म विशाल बाग़ साहब की शायरी का हुस्न उनके अंदाज़ ए बयां से दोबाला हो जाता है उनकी शायरी जिद्दत और नुदरत का ऐसा संगम महसूस होती है जहाँ तजरबा और अहसास हमसफ़र नज़र आते हैं. उनके आंगन में लफ़्ज़ बरतने का ये तरीक़ा है कि हर बार वो तरीक़ा बदल बदल के नए प्रयोग करते हैं उनको पढ़ना और सुनना दोनों कमाल है ❤️
Itni muhabbat ke saamne sir jhuka lena hi theek hai
Behad Umda❤❤❤
Thankyou Mahra
कमाल, बेहतरीन❤❤❤❤❤❤❤❤
Thanks a lot
Kamaal ke shayari bade bhaiya 👌💞👍
Thanks a lot
बहुत ख़ूब
Shukriya apka
Waaah
Thanks
Waaah !! Behtreen Vishal Bhai !!
कुमार विश्वास जी और मनोज मुन्तशिर जी के बाद केवल आपको ही सुना है शानदार प्रस्तुति सर
Thanks a lot!!
वाह, बहुत बढ़िया
Shukriya
😊 bahut achhe lagte hain aapke sher
Thanks for being so encouraging always
शानदार
Apne sab yaar kaam kar rahe hein
Ik hum hein k bas naam kar rahe hein
Hein Hum Masroof-e-intezaam
Magar jane kya Intizaam Kar rahe Hein
#jaun elia
Waray
Sher ki radeef kya h .....kisi ko sunai de to batao please
Nigodi akhiyo
@@vishalbagh thanku sir ...thodi ... voice ki problem thi isliye sunai nhi diya ....bhot acchi gazal h .....kabile tareef🙏🙏
@@vishalbagh radeef ....to ....hi itnj acchi h ....soch se pre😊
@@deepaksharma5151 seekh rahe hain abhi
@@vishalbagh kitna bda sher utni bdi soch...🙏🙏