अद्भूत जिस युग की शुरुवात हो चुकी हो महान कवि ने उसका वर्णन अपने साहित्यक भाषा में कितना सही वर्णन मानों आने वाले कल का एहसास शतशः प्रणाम प्रस्तुति के लिये मनःपुर्वक धन्यवाद❤
यह संसार क्षणभंगूर हें, यह सनातन सत्य हें, हर उत्कर्ष का अपकर्ष होता ही हें,फिर उत्कर्ष होता है, यह तोह अनवरत चलता ही रहता हें, सूर्य 🌄 यदि अस्ताचल में जाता हें तोह, अगले दिन उदय भी होता हें🙂.
अखंड विश्व गुरु भारत सत्य सनातन धर्मकी जय हो
अद्भूत जिस युग की शुरुवात हो चुकी हो महान कवि ने उसका वर्णन अपने साहित्यक भाषा में कितना सही वर्णन मानों आने वाले कल का एहसास शतशः प्रणाम प्रस्तुति के लिये मनःपुर्वक धन्यवाद❤
बहुत सुंदर❤
धन्यवाद हितेश जी🌺
बहुत सुंदर सर 🎉
अति सुंदर
धन्यवाद सर🌺
जय श्रीराम
जय श्री राम🌺
Very good
यह संसार क्षणभंगूर हें, यह सनातन सत्य हें, हर उत्कर्ष का अपकर्ष होता ही हें,फिर उत्कर्ष होता है, यह तोह अनवरत चलता ही रहता हें, सूर्य 🌄 यदि अस्ताचल में जाता हें तोह, अगले दिन उदय भी होता हें🙂.
अदभुत।।👍
धन्यवाद सर🌺
❤
Apki Awaaz bahut Sundar hai,Mere pass tarif karne ke liye koi Shabd Nehi hai.
Bahut sunder🙏🙏
❤❤❤❤
🙏💗
🙏❤🇮🇳🙏
❤