मास्टर सुरेश कुमार बेरला द्वारा गाई गई लीलावती-प्रकाश की रोचक कथा। (2024)।

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  • Опубліковано 19 вер 2024
  • सहयोगी कलाकार-
    भाई सुभाष बेरला,ढोलक वादक बेद कालुवाला,मास्टर ओम प्रकाश बेरला।
    और यह कथा भाई रोशन लाल,भाई जगदीश प्रसाद,भाई सुरेंद्र सिंह,महाशय महिपाल जी इन सब को श्रद्धांजलि के तौर पर अर्पित है।
    कथा में कुत्ते के लिए गोती नाती बताया गया उसके लिए मैं माफी चाहूंगा एक लगातार लाइन बोलने में यह बात कही गई ऐसा नहीं है प्रकाश लीलावती को समझा रहा था कि यह तेरा सच्चा सेवक है यह तेरी सेवा करेगा इसका ध्यान रखना।
    यहकथा स्वामी महाशय नत्थूलाल जी ने बड़े अच्छे ढंग से कई साल गाई। वह मेरे गुरु जी थे।स्वामी चंदगीराम जी उनके विशेष सहयोगी रहे कथा बनाने में,कथा गाने में मेरे वे दादा गुरुजी थे। उनको भी इस कथा के द्वारा मैं आत्मा से श्रद्धांजलि देता हूं और वह एक लेखक व गायक के रूप में याद आते रहें। इनके साथ बड़े भाई रामकुमार स्वामी व भाई पूर्ण चंद दोनों बेरला से ढोलक वादक थे। गुरु जी के साथ बहुत साल ढोलक बजाई जो गुरु जी के व दादा गुरु जी के सगे भतीजे थे। और उन्होंने मेरे साथ (मास्टर सुरेश कुमार बेरला) बहुत साल ढोलक बजाई। और भूप सिंह जेवली बड़े अच्छे कलाकार थे ढोलक वादक।उन्होंने भी मेरे साथ बहुत साल ढोलक वादक के रूप में कार्य किया। परमानंद जी बेरला जो बड़े अच्छे कलाकार थे व जयलाल जी चीतोसा जबरदस्त ढोलक वादक।उनको मैं बुला नहीं पा रहा हूं और इस कथा के जरिए उनको भी सच्ची श्रद्धांजलि देता हूं।
    धन्यवाद।

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