संदीप भैया ऐसे ही हमे आदिवासी योद्धाओं के बारे में समय समय पर अवगत कराते रहिएगा ताकि हमें सही इतिहास पता चले वरना क़िताबों में तो तोड़ मरोड़ कर इतिहास बताया गया है अगली बार टंट्या भील ओर बिरसा मुंडा जैसे क्रांतिकारीयो के बारे में बताने की कृपया करना दादा
जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद संदीप दादा ऐसे ही हमारे चद्रंपुर चांदागढ़किला जमींदार वीर पुरुष बापूराव शेडमाके का जानकारी दीजिए जय सेवा सेवा जोहर
आदिवासी सच्चे देशभक्त होते हैं, उनका इतिहास बहुत ही अच्छा है भील गोंड कोल आदि लेकिन उनका इतिहास छीन लिया गया और आदिवासी का दर्जा दे दिया गया। आज राजपुत बने फिर रहे हैं उनके पूर्वज वास्तव में गोंड भील है सच्चाई यही है इतिहास में कुछ भी लिख दिया जाय
यहां इतिहास कुछ चाटुकारिता इतिहासकार के है जिसमें नंबर वन अबूल फ़ज़ल और उसके बाद बहुत सारे इतिहासकार ऐसे ही इतिहास कि जानकारी 1932,से 1950 के बाद गोडवाना के राजाओ महाराजाओं का इतिहास आदिवासी या फिर दूसरे समुदाय से बताते हैं, यहां बिल्कुल ही गलत है इतिहास है अबुल फजल तो चाटुकारिता गोडवाना साम्राज्य एक स्वतंत्र रूप होने के वजह से किया था जब भारत में बहुत जगह मुस्लिम शासकों ने कब्जा किया हुआ था उस समय गोडवाना साम्राज्य एक स्वतंत्र और कुशल नेतृत्व के हाथों में होने के कारण ऐसे किया था पर उससे पहले जब महाराजा संग्राम शाह मंडावी जी गढ़ा मंडला गढ़ा कटंगा ऐसे 52गढो को जीत कर एक महान शासक और महान योद्धा विजय योद्धा के रूप में जाने जाते थे उस समय भी पता करें कि उनके धर्म पत्नी सुमित देवी भी उसी कुल गोत्र कि थी जो दुर्गावती जिस घराने से ताल्लुक रखती थी उस समय वह घराना राजपूत राजपुताना नहीं माना जाता था परंतु 1932 से 1950 के बाद इतिहासकारों के लेख कुछ अबुल फजल के तरह बदलते बदलते आज जंगली जाहिल आदिवासी हो गये है और अलग जाति से परिभाषित करने लगे हैं।उस समय जातपात गोडवाना साम्राज्य में किसी भी तरह से नहीं था, गोंडी गोंडवाना इतिहासकारों और उनके लोकगीत व पाटों में आज भी सच्चे इतिहास जानने व समझने को मिलता है,, धन्यवाद जय गोडवाना साम्राज्य जय मां कंकाली महाकाली
Fake story , The British indologist V. A. Smith theorised that the Chandelas were of either Bhar or Gond origin, चन्देल वंश गोंड जनजातीय मूल का वंश था, जिसने 8वीं से 12वीं शताब्दी तक स्वतंत्र रूप से राज किया। gond kabhi bhi dusre caste se shadi nahi karte
Jay Johar आदिवासी भील मीणा मत्स्य जनपद राजस्थान
महारानी दुर्गा वती अमर रहे जय जोहार जिला सीधी मध्यप्रदेश
Hello Sir ji aap kushmahar ddongaha tola se ho na
जय जोहार जय आदिवासी जय भील दादा को तेह दिल से लाख लाख जोहार दादा आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है
जय रानी दुर्गावती जी की आदिवासी समाज उनके गोरव और सोर्य को सलाम 🙏🙏🙏🙏🙏
जय जोहार,,,🏹🏹
जय आदिवासी,,🏹🏹
सादर सेवा सेवा सेवा जोहार 🙏
जय बड़ा देव 🙏 जय गोंडवाना 🙏
जय मूलनिवासी 🙏 जय आदीवासी 🙏
जय भीम 🙏 जय संविधान 🙏
🙏🙏जय जोहार जय आदिवासी
जय जोहार जय आदिवासी जय गोंडवाना
जय जोहार का नारा है भारत देश हमारा है
सेवा जोहार दादा
जय जोहार दादा
संदीप भैया ऐसे ही हमे आदिवासी योद्धाओं के बारे में समय समय पर अवगत कराते रहिएगा ताकि हमें सही इतिहास पता चले वरना क़िताबों में तो तोड़ मरोड़ कर इतिहास बताया गया है अगली बार टंट्या भील ओर बिरसा मुंडा जैसे क्रांतिकारीयो के बारे में बताने की कृपया करना दादा
Wo hindu thi aadiwasi history pad lena
जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद संदीप दादा ऐसे ही हमारे चद्रंपुर चांदागढ़किला जमींदार वीर पुरुष बापूराव शेडमाके का जानकारी दीजिए जय सेवा सेवा जोहर
Jay johar Bhai Bahut Badiya jankari
Jay johar ji 🙏🙏
पिला गमछा का मतलब बाज से है और माता,पिता से है🙏✊
अगर ताजमहल एक प्रेम की निसानी है तो रानी दुर्गा वती भी एक वीर की कहानी है ?? सभी भाई लोगो को अनेक जोहार
जय🌹🌹 आदिवासी🙏🙏🙏🙏 जय🌹🌹 जय🌹🌹 जौहर🙏 जय🌹🌹 विरसा मुन्डा जय🌹🌹 भीम
जय आदिवासी
पीला कपड़े के बारे में अच्छी जानकारी दी सर अब मैं हमेशा पीला पटका रखूंगा, जानकारी के लिए सैल्यूट सर।
पिला का मतलब कोई भी बिजली अंकुरण पिला आता है माता पिता से है
आदिवासी सच्चे देशभक्त होते हैं, उनका इतिहास बहुत ही अच्छा है भील गोंड कोल आदि लेकिन उनका इतिहास छीन लिया गया और आदिवासी का दर्जा दे दिया गया। आज राजपुत बने फिर रहे हैं उनके पूर्वज वास्तव में गोंड भील है सच्चाई यही है इतिहास में कुछ भी लिख दिया जाय
Type Rajputisation on wiki . Kaise different caste tribal, peasant become rajput .
Bahut hi shandar
जय जोहार जय आदीवासी
Rani durga ji ko sew johar 🙏🙏
Jay adivashi jay johar 🙏🙏🙏
जय जोहार
जय
महारानी
दुर्गावती
जय
गोंडवाना
जोहार
इतिहास पुराना है सर!
जय जोहार जिन्दाबाद
जय सेवा
Jai johar Jai johar Jai johar Jai johar
Jay.gondvanshi.up
Jay adiwasi
Jay adivashi
Jey johar🐅
जोहार जिंदाबाद
मालवा
रानी
दुर्गावती
तीन
बार
जीता
और
जीत
कर
बापिस
उसी
को
दे
दिया
उस
टाइम
छत्तीस
गढ़
भी
एमपी
में
ही
था
सर जी पीला गमछा रानी दुर्गावती से संबंधित नहीं है न ही था पीला गमछा प्रकृति से से संबंध है बाकी सब ठीक है जोहार गोंडवाना जय आदिवासी
Thanks for sharing good information with us
Bahut shandar speech
Thank You 😊😊
Jay seba
Johar
Jay Adivasi
Jay bhim jay johar
जय गोंडवाना
जय आदिवासी
पीला गमछा के संबंध में आप डॉ साहित्यकार लेखक पेन दादा मोती रावेन कंगाली जी के द्वारा लिखित किताबों का अध्यन करें
Jai seva
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏
पीला गमछा गोंडवाना रत्न गोंडवाना आंदोलन के महानायक पेनवासी दादा हीरा सिंह मरकाम की देन है
गढ़ मंडल नहीं सर
गढ़ मंडला✓
प्लीज सही जानकारी दीजिए।
🙏👍🏻👍🏻
Chenal ko adhik seyar kare
जोहार आदिवासी है सिर्फ नो rani Durga vati ka bhasn band kar...
पीला गमछा मारे बड़ा देव से प्रतीक पूजा तक जुड़ा है। सर इसलिए पीड़ा गमछा रखते हैं सर!
Bai tham vel thik to yhik se likho
Rani durgabati ka name adivasi ke sath na jode
Chup rah tu chandel ke purwaj hi gond hai
JJ jjjjjjjjj
यहां इतिहास कुछ चाटुकारिता इतिहासकार के है जिसमें नंबर वन अबूल फ़ज़ल और उसके बाद बहुत सारे इतिहासकार ऐसे ही इतिहास कि जानकारी 1932,से 1950 के बाद गोडवाना के राजाओ महाराजाओं का इतिहास आदिवासी या फिर दूसरे समुदाय से बताते हैं, यहां बिल्कुल ही गलत है इतिहास है अबुल फजल तो चाटुकारिता गोडवाना साम्राज्य एक स्वतंत्र रूप होने के वजह से किया था जब भारत में बहुत जगह मुस्लिम शासकों ने कब्जा किया हुआ था उस समय गोडवाना साम्राज्य एक स्वतंत्र और कुशल नेतृत्व के हाथों में होने के कारण ऐसे किया था पर उससे पहले जब महाराजा संग्राम शाह मंडावी जी गढ़ा मंडला गढ़ा कटंगा ऐसे 52गढो को जीत कर एक महान शासक और महान योद्धा विजय योद्धा के रूप में जाने जाते थे उस समय भी पता करें कि उनके धर्म पत्नी सुमित देवी भी उसी कुल गोत्र कि थी जो दुर्गावती जिस घराने से ताल्लुक रखती थी उस समय वह घराना राजपूत राजपुताना नहीं माना जाता था परंतु 1932 से 1950 के बाद इतिहासकारों के लेख कुछ अबुल फजल के तरह बदलते बदलते आज जंगली जाहिल आदिवासी हो गये है और अलग जाति से परिभाषित करने लगे हैं।उस समय जातपात गोडवाना साम्राज्य में किसी भी तरह से नहीं था, गोंडी गोंडवाना इतिहासकारों और उनके लोकगीत व पाटों में आज भी सच्चे इतिहास जानने व समझने को मिलता है,, धन्यवाद जय गोडवाना साम्राज्य जय मां कंकाली महाकाली
चंदेल वंश राज पूत नही था दादा चंदेल का मतलब होता उसका टोटम होता है खरगोश आदिवासी ही है
Nikal be
कृपया सही सही जानकारी दे सही जानकरी हासिल कर विडियो डालना समाज को गलत मेसेज जायेगा दादा ❤
Fake story , The British indologist V. A. Smith theorised that the Chandelas were of either Bhar or Gond origin, चन्देल वंश गोंड जनजातीय मूल का वंश था, जिसने 8वीं से 12वीं शताब्दी तक स्वतंत्र रूप से राज किया। gond kabhi bhi dusre caste se shadi nahi karte
Rani durgavati ke pita ka name shalivahan tha chandelvansh bhi gond vans se aate hai itihas ko achhe se Pedro aur sahi jankari do
Aap ko yeah jankari kha se muje jago Adivasi Instagram pr details send karo
Ye jankari pura details me mil skta hai kya
आप ने गलत तरीके से, बात है रानी दुर्गावती गोंड समाज में जन्म लिया था, राजपूत समाज में जन्म नहीं लिया नही था
चंदेल आदिवासी है तभी तो गोंड राजा के साथ विवाह हुआ था।चंदेलों को आदिवासी में शामिल किया जाना चाहिए ।