अग्निव्रत जी आपने बहुत ही सुंदर व्याख्या की है।और हर बुराइयों का आश्रय स्थल काम और क्रोध को बताया है। आपका अनुसंधान मानव चित्त के ऊपर बहुत ही सराहनीय है।जितना सूक्ष्म विश्लेषण आप करते हैं दूसरे के द्वारा यह कार्य असंभव है। और मेरा यह चिंतन है कि इस काम और क्रोध का बीज मोह और मद में रहता है। यह मोहमद व्यक्ति,समाज,राष्ट्र और विश्व के लिए खतरा बना हुआ है। इस मोहमद ने अपने जो कुछ सिद्धांत स्थापित कर रखे हैं, उस सिद्धांत ने धर्म को खत्म करके यह कहीं तानाशाह और कहीं धर्मनिरपेक्ष के आड़ में फल फूल रहा है।
💯ऋषि श्री अग्निव्रत, मुझे आपके इन महत्वपूर्ण बातों को सुनकर बहुत प्रसन्ना हुई चूँकि मेरा भी सोचना यह है जिस प्रकार आपने इस वीडियो में विस्तार कर बताए हैं उससे मेरी बुद्धि और भी सत्यार्थ को समजा है। वेद विरुद्ध मत मतांतर वाले काम में ही फंसे हुए हैं यह तो राक्षसों का स्वभाव है। और जो वेद को मानते हैं वे सदैव धर्म को प्रथम रख विचार आदि करते हैं। ऋषियों ने चतुष्टय की व्याख्यान क्रमशः किए और राक्षस लोग धर्म और मोक्ष से परे होकर अर्थ और काम पर ही फसकर अपना जीवन निर्वाह करते हैं इस हेतु संसार को शीघ्रता से घोर नरक की ओर धकेल कर ले जा रहे हैं जो लगभग दो हजार वर्षों से ये दो मत मजहब वाले पशु भक्षी महा राक्षस लोग हैं जो धर्म और धरती की सबसे बडी बीमारी है।
आचार्य जी गलत कामों को तो छोड़ा जा सकता है लेकिन मन पर पड़े बुरे संस्कारों को कैसे नष्ट किया जाता है? बुरे संस्कार सही मार्गदर्शन के अभाव में किसी न किसी जन्म में या किन्हीं परिस्थितियों में पापों में फंसा ही देते हैं दुर्योधन इसका अच्छा उदाहरण है जो धर्म अधर्म जानते हुए भी उसकी प्रवृत्ति पाप में होती थी।
प्रणाम गुरुजी आपकी भविष्य वाणी सत्य हो रही है। आज असमय बारिश हवा तूफान बिजली सब गिर रही है। लगता है मानवो का सर्वनाश निकट ही है। सब तहस नहस हो रहा है। गुरुजी ।
यह हार्प टेक्नोलॉजी है जिसके द्वारा कहीं बारिश कहीं भूकंप कहीं बाढ़ कर सकते हैं इल्यूमिनती के लोग 5G आने के बाद देखना लोग खड़े खड़े मारेंगे जिन लोगों के कोविड की वैक्सीन लग चुकी है
ज्योतिष-शास्त्र साबित करता है कि ईश्वर और शैतान एक ही है। क्योंकि 12 राशियाँ व 9 ग्रह ईश्वर ने बनाए हैं। इनमें अच्छाई व बुराई दोनों हैं। इन्हीं अच्छाई और बुराईयों के आधार पर ईश्वर 9 ग्रहों द्वारा प्रभावित करके सोच पैदा करता है और अच्छे-बुरे कर्म करवाता है।
प्रणाम
Mere bhagwan ji ke charno mein koti koti naman
🕉️🙏🏼Om namaste
ओ३म् नमस्ते आचार्य जी।
Namaste ji
आचार्य जी के श्री चरणों में सादर प्रणाम!
Om Charan ishpars guru ji.
बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी, योगेश्वर श्री कृष्ण जी कि बातो को, इतने सरल रूप में प्रस्तुत करने के लिए नमस्ते जी 🚩🚩🙏🙏🙏
ओउम् नमस्ते आचार्य ऋषीवर जी, महाराष्ट्र बोईसर नवापूर बहुत सुंदर व्याख्यान, कोटी कोटी प्रणाम
आचार्य जी नमस्ते 🙏
अग्निव्रत जी आपने बहुत ही सुंदर व्याख्या की है।और हर बुराइयों का आश्रय स्थल काम और क्रोध को बताया है।
आपका अनुसंधान मानव चित्त के ऊपर बहुत ही सराहनीय है।जितना सूक्ष्म विश्लेषण आप करते हैं दूसरे के द्वारा यह कार्य असंभव है।
और मेरा यह चिंतन है कि इस काम और क्रोध का बीज मोह और मद में रहता है।
यह मोहमद व्यक्ति,समाज,राष्ट्र और विश्व के लिए खतरा बना हुआ है।
इस मोहमद ने अपने जो कुछ सिद्धांत स्थापित कर रखे हैं, उस सिद्धांत ने धर्म को खत्म करके यह कहीं तानाशाह और कहीं धर्मनिरपेक्ष के आड़ में फल फूल रहा है।
आचार्य जी की चरणो मे बारम् बार चरणस्पर्श।
ओम् नमस्ते आचार्य जी
आचार्य जी को प्रणाम, आपकी शुभ वाणी से चित्त प्रसन्न हुआ।
🙏
चरणस्पर्श आचार्य जी 🙏
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💯ऋषि श्री अग्निव्रत, मुझे आपके इन महत्वपूर्ण बातों को सुनकर बहुत प्रसन्ना हुई चूँकि मेरा भी सोचना यह है जिस प्रकार आपने इस वीडियो में विस्तार कर बताए हैं उससे मेरी बुद्धि और भी सत्यार्थ को समजा है। वेद विरुद्ध मत मतांतर वाले काम में ही फंसे हुए हैं यह तो राक्षसों का स्वभाव है। और जो वेद को मानते हैं वे सदैव धर्म को प्रथम रख विचार आदि करते हैं। ऋषियों ने चतुष्टय की व्याख्यान क्रमशः किए और राक्षस लोग धर्म और मोक्ष से परे होकर अर्थ और काम पर ही फसकर अपना जीवन निर्वाह करते हैं इस हेतु संसार को शीघ्रता से घोर नरक की ओर धकेल कर ले जा रहे हैं जो लगभग दो हजार वर्षों से ये दो मत मजहब वाले पशु भक्षी महा राक्षस लोग हैं जो धर्म और धरती की सबसे बडी बीमारी है।
गुरु जी को प्रणाम, भगवान आपको लम्बी आयु दे
नमस्ते गुरूजी
आचार्य जी गलत कामों को तो छोड़ा जा सकता है लेकिन मन पर पड़े बुरे संस्कारों को कैसे नष्ट किया जाता है?
बुरे संस्कार सही मार्गदर्शन के अभाव में किसी न किसी जन्म में या किन्हीं परिस्थितियों में पापों में फंसा ही देते हैं
दुर्योधन इसका अच्छा उदाहरण है जो धर्म अधर्म जानते हुए भी उसकी प्रवृत्ति पाप में होती थी।
आचार्य जी! आपकी जय हो आपके चरणों में शत-शत नमन
प्रणाम आचार्य जी
प्रणाम गुरुजी आपकी भविष्य वाणी सत्य हो रही है। आज असमय बारिश हवा तूफान बिजली सब गिर रही है। लगता है मानवो का सर्वनाश निकट ही है। सब तहस नहस हो रहा है। गुरुजी ।
यह हार्प टेक्नोलॉजी है जिसके द्वारा कहीं बारिश कहीं भूकंप कहीं बाढ़ कर सकते हैं इल्यूमिनती के लोग 5G आने के बाद देखना लोग खड़े खड़े मारेंगे जिन लोगों के कोविड की वैक्सीन लग चुकी है
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सादर प्रणाम एवं आभार स्वामी जी
ज्योतिष-शास्त्र साबित करता है कि ईश्वर और शैतान एक ही है। क्योंकि 12 राशियाँ व 9 ग्रह ईश्वर ने बनाए हैं। इनमें अच्छाई व बुराई दोनों हैं। इन्हीं अच्छाई और बुराईयों के आधार पर ईश्वर 9 ग्रहों द्वारा प्रभावित करके सोच पैदा करता है और अच्छे-बुरे कर्म करवाता है।