नमकहराम||Suvichar||Emotional & Heart Touching Story | Motivational Story Hindi Kahaniyan

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  • Опубліковано 18 лис 2024

КОМЕНТАРІ • 3

  • @charanjitlal9536
    @charanjitlal9536 Місяць тому +2

    Jub bete ko eality ka pata chala to hosh aya mata pita ko uski baat nahin manani chahiye thi.

  • @kusumdiwan4005
    @kusumdiwan4005 Місяць тому

    पत्नी को भी समय देना चाहिए।उसे भी घुमाने फिराने ले जाना चाहिए।इतना दोनों कमा रहे हैं तो एक जिम्मेदार कामवाली रखना चाहिए जो दोनों बुजुर्गों की समुचित देख भाल कर सके।

  • @hemalatagodbole6534
    @hemalatagodbole6534 Місяць тому +1

    ये समस्या आज की नहीँ, बहुत सालों से ये है. बच्चों माँ बाप में वो रिश्ता है जॉब टूटता है तो और ज्यादा दर्द देता है बुढ़ापे के लिये क़ोई भी अपनी व्यवस्था पैसा घर आदि नहीँ रख पाता.
    सबकुछ उन्हें दे देते है . बुढ़ापे की अपनी ज़रूरत, मजबूरी होती है और बेटों की अपनी.
    उनके बेटे भी उनके साथ वहीं करते है. बचे जीवन में अकेले या वृद्ध श्रम में गुजारना बहुत मुश्किल है. बहु भी क़्या करें उसका जीवन सास ससुर की सेवा में गुजरें वो भी नहीँ चाहती.
    उसकी भाभी ये करें तो उसे जरूर गुस्सा आता है. इसका क़ोई इलाज भी नहीँ . अच्छा ये क़ि बच्चों को पढ़ाकर छोड़ दिया जाएं और अपना घर पैसा क़भी न दिया जाये. पर भारतीय
    माँ बाप ये नहीँ कर पाते. इसलिए वृद्धा श्रम फलते भी हैं. 💞🙏🏾