हनुमान् जी लंका कैसे गये? | जानिए क्या कहते है रामायण एवं विज्ञान | AcharyaAgnivrat

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  • Опубліковано 10 вер 2024
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    मैं वैदिक विज्ञान के द्वारा एक अखण्ड, सुखी व समद्ध भारत के निर्माण की आधारशिला रखने का प्रयास रहा हूँ, जिसमें प्रत्येक भारतीय तन, मन, विचारों व संस्कारों से विशुद्ध भारतीय होगा। उसके पास अपना विज्ञान वेदों, ऋषियों व देवों के प्राचीन विज्ञान पर आधारित एवं अपनी भाषा हिन्दी व संस्कृत में होगा। उसे अपने पूर्वजों की प्रतिभा, चरित्र एवं संस्कारों पर गर्व होगा, उसे पाश्चात्य विद्वानों की बौद्धिक दासता से मुक्ति मिलेगी, जिससे लार्ड मैकाले का वर्तमान में साकार हो चुका स्वप्न ध्वस्त हो सकेगा। यह प्यारा राष्ट्र पुनः विश्वगुरु बनकर विश्व को शांति एवं आनंद का मार्ग दिखाएगा।
    -आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक
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КОМЕНТАРІ • 905

  • @truefact4543
    @truefact4543 5 років тому +206

    ओउम आचार्य जी,,,,
    वेधर्मियों को ये बात हजम नही होगा,,,
    आज मुझे एक सवाल का जवाब मिल गेया,,,की हनुमान जी उड़े कैसे!!!

  • @anujrathi4260
    @anujrathi4260 5 років тому +185

    आचार्य जी नमस्ते,,,अगर स्वामी दयानंद जी आज आपको देख सकते तो उन्हें आपके ऊपर गर्व होता।आर्य समाज और वैदिक संस्कृति सदैव आपके ऋणी रहेंगे।धन्यवाद

    • @vaidicphysics
      @vaidicphysics  5 років тому +44

      आपके उच्च विचारों के लिए धन्यवाद

  • @9926512345
    @9926512345 5 років тому +71

    बस मुझे आज सही आर्य समाजी सुनने को मिले।मुझे ऐसी ही कई बातों पर आर्य समाजियो से विचार नही मिलते थे कि आप कई जगह आध्यात्मिक शक्ति को नकारते हो क्योकि आपने आंखों से नही देखा,लेकिन यह आवश्यक नही की आपने जो नही देखा वह असत्य ही हो ।आपका धन्यवाद।

  • @braincrackers0706
    @braincrackers0706 5 років тому +92

    आचार्य जी आप तो लाखों में 1 हो, आप मे तिनके भर का भी अहंकार नही है, आप स्वअध्ययन करने के बाद ही किसी विषय को हाथ लगाते हो। आप को मन:पूर्वक और अहंकार रहित नमन करता हु। आप से सम्पूर्ण वैदिक ज्ञान सीखने की प्रगल्भ इच्छा है। आप 1 अच्छे और सच्चे आचार्य है।

  • @hitarthpatidarprabhudas3963
    @hitarthpatidarprabhudas3963 3 роки тому +18

    आचार्यवर मैं १४ वर्ष का बालक हूँ। मेरा स्वप्न है कि मैं वेदों का प्रचार करूँगा और मैं गुरुकुल की स्थापना करके इस सृष्टि में सत्य सनातन वैदिक धर्म को पुनः जागृत करूँगा। यह संकल्प लेता हूँ। ओउम्।

    • @Haraex
      @Haraex 3 роки тому +2

      Meri umar 14 hai

    • @animelovers5087
      @animelovers5087 3 роки тому +2

      बहुत अच्छा भाई🥰🚩

    • @ashish5412
      @ashish5412 День тому

      तथाअस्तु

  • @ambaramarya1343
    @ambaramarya1343 4 роки тому +73

    आचार्य श्री अग्निव्रत नैष्ठिक जी भी ऋषि परम्परा के ही ऋषि ही कहलाये जाने चाहिए। लगता है महर्षि देव दयानन्द के बचे हुए कार्य आप ही पूर्ण कर सकेंगे। ऐसी अभिलाषा है।
    जहाँतक हनुमान जी के उडकर लंका जाने का प्रसंग है। यह इतिहास का प्रसंग है इसमें कुछ नहीं कहा जा सकता परन्तु महात्मा आनन्द स्वामी जी ने अपने एक ग्रन्थ में शायद मानव और मानवता में हिमालय यात्रा का एक प्रसंग आया है। वे लिखते हैं जब वे हिमालय की पहाडियों में योगियों की खोज में गये थे तो उन्हें एक कीचखम्बा नाम का गाइड मिला उससे स्वामी जी ने पूछा यहाँ हिमालय में कोई योगी रहता है गाइड ने कहा वहाँ से काफी दूर एक साधु रहते हैं वे बहुत पहुँचे हुए हैं। वह स्वामी जी को उस दूर पहाड़ी तक ले गया परन्तु वह उस गुफा तक नहीं गया उसने बताया वे साधु बहुत क्रोधी हैं इसलिए वह नहीं जायेगा। स्वामी जी ने अकेले ही उस गुफा में प्रवेश किया स्वामी जी लिखते हैं उन्होंने जब उस गुफा में एक ध्यानावस्थित साधु को देखा । मैंने उनका अभिवादन किया और कहा आप इस गुफ़ा बैठे हुये हैं। जनता दुखी है गलत रास्ते पर चल रही है आपको उनके बीच जाकर उपदेश देना चाहिए इत्यादि। बार बार कहने पर भी जब कोई जवाब नहीं मिला तो स्वामी जी ने कहा क्या मै पत्थरों से बात कर रहा हूँ इत्यादि। साधु महाराज ने कहा हाँ आनन्द स्वामी बोलो क्या चाहते हो। स्वामी जी कहा मैंने तो अपना नाम बताया नहीं आपने कैसे जाना फिर साधु महाराज ने बोला तुम्हारा पूर्व नाम खुशालचन्द था। तुम जलालजट्टा के रहने वाले हो तुम अनारकली में खूब उपदेश देते हो हजारों की भीड़ होती है सब वाह वाह भी करते हैं परन्तु तुम्हारी बातों का प्रभाव कितना पड़ता है वह तुम्हें ज्ञात है। अगर हम भी उपदेश करने लगें कोई हमारी बात मानने वाला नहीं। स्वामी जी ने पूछा यहाँ कोई और भी साधु रहते हैं उन्होंने कहा हाँ दूर उस पहाड़ी पर रहते हैं मेरे गुरु हैं। स्वामी जी ने कहा रास्ता किधर से है साधु महाराज ने कहा वहाँ जाने का रास्ता नहीं है। स्वामी जी ने कहा आप फिर कैसे जाते हैं उन्होंने कहा उड़कर। स्वामी जी ने कहा वह कैसे। स्वामी जी कहते हैं उन्होंने श्वास लेकर अपने अन्दर हवा भरी वे फूलकर कुप्पा हो गये धीरे-धीरे ऊपर की ओर उड़ने लगे उनका शिर गुफा के ऊपरी हिस्से में लग गया फिर ऊपर व नीचे से हवा छोड़ते हुए जमीन पर बैठ गये। यह स्वामी जी का आँखों देखा हाल था। हमारे लिए तो शब्द प्रमाण है। हनुमान जी योगी थे उड़कर श्री लंका गये थे तो कोई शंका नहीं। ओम्।

  • @user-qd8rr4no9h
    @user-qd8rr4no9h 5 років тому +101

    आज से एक अरब सियान्वे करोड़ आठ लाख तरेपन हजार वर्षो मे न जाने कितने ही ऋषि महर्षि हुए होंगे जो वेदिक विज्ञान ओर कहि प्रकार की विद्याओ को जानते होंगे वो सब ऋषि महर्षि देवर्षि सब कुछ थे परंतु केवल ईश्वर नहीं थे उस समय के मनुष्य आज के मनुष्य से सर्वथा भिन्न है वो सारे मनुष्य आज के मनुष्य के लिए ईश्वर के समान है अगर उनके बताए हुए मार्ग ओर उनकी दि हुई विद्या को ग्रहण किया होता तो आज भारत आर्यावर्त हि रहता इंडिया या हिन्दुस्तान नहीं होता ओऽम् सादर नमस्ते जय आर्यावर्त

  • @sumitrarya471
    @sumitrarya471 4 роки тому +27

    ऋषि दयानन्द जी ने भी पूना प्रवचन मे कहा था कि उपरिचर नामक राजा जिसको गुब्बारह विद्या ज्ञात थी जो छः महीने हवा मे विचरता था | आचार्य जी मन प्रसन्न हो गया आपको सुनकर आपको कोटी कोटी नमन

  • @sakshamanand137
    @sakshamanand137 5 років тому +332

    मैं भी राहुल आर्य को देखकर ही आर्य समाज से जुड़ा।

  • @worldpolitics414
    @worldpolitics414 3 роки тому +15

    गुरु जी आप एकदम सही कह रहे हो हमारे गांव के पास एक गांव में स्वामी नित्यानंद जी नाम के सन्यासी रहते थे वह एक बार समाधि अवस्था में जमीन पर से ऊपर उठ गए थे जिन्हें देखकर कुछ गांव के लोग चकरा कर गिर गए थे ये बिल्कुल सत्य घटना है हमारे बड़े बुजुर्ग इस बारे में हमें बताते रहते हैं

  • @user-ci8he6to1z
    @user-ci8he6to1z 5 років тому +85

    अच्छा हुआ आचार्य जी आपने ये विडियो बना ही दी ,नही तो समस्या हल नही होती ,पर पौराणिक मानेंगे नही।
    सर्वोत्तम विडियो है ।
    ओ३म् नमस्ते

  • @Sanatankaswarnimkal0777
    @Sanatankaswarnimkal0777 5 років тому +74

    सत सत नमन बिल्कुल लॉजिकल और सांइसटिफिक बाते की है आपने
    जय श्री राम

  • @vishalyadav6674
    @vishalyadav6674 4 роки тому +21

    गुरु जी वैज्ञानिक दृष्टि से आप ही या आप जैसा ही कोई व्यक्ति वेद को समझ सकता है। आप हमारी नाक है गौरव है हमारा हम आपका पूर्ण रूप से समर्थन करते है।
    ऋषियों की परंपरा की सदा जय हो।

  • @GudduKumar-ze3sf
    @GudduKumar-ze3sf 5 років тому +112

    Vaidik physics तथा thanks bharat सही सही जानकारी देते है

    • @anilkumarsharma1205
      @anilkumarsharma1205 5 років тому +4

      mera comment padho fir pata chal jayega ki ramayana main physically science hain

  • @GaffurGhisela
    @GaffurGhisela 5 років тому +74

    आपको नमन है महाशय.
    मेरे भीतर सच जानने की भूख रहती है.
    आर्य भाइयों और आप जैसे आर्य विद्वानों ने मेरे कई जिज्ञासाएँ दूर की हैं.
    आप सच्चाई बताते रहें, हम स्वीकार करते रहेंगें. 🙏🙏🙏🙏

  • @yogenderkumar1218
    @yogenderkumar1218 5 років тому +155

    स्वामी जी मैं भी राहुल आर्य को सुनने के बाद ही आर्य समाज से जुडा हुं

  • @kanvarmojiram
    @kanvarmojiram 5 років тому +32

    नमस्ते गुरुजी। आपका यह वीडियो अत्यंत ज्ञानवर्धक तथा भ्रांतियों का समूल निवारण करने वाला है। आज इस तथाकथित हिंदू समाज में ऐसी न जाने कितनी सैकड़ों , हजारों भ्रांतियां भरी पड़ी है, जिनका निवारण अति आवश्यक है। तभी वे (हिंदू जाति) ब्राह्मण- पोपों द्वारा स्वार्थ वश रचित आर्य महापुरुषों के झूठे इतिहास को भलीभांति समझ कर अपने आर्य महापुरुषों को समझ पाएंगे तथा फिर से वैदिक संस्कृति कायम होगी। गुरु जी मैंने अपने जीवन में आज तक जितना देखा सुना और पढ़ा है उनमें से कुछ बुराइयां, भ्रांतियां, झूठा इतिहास, वेद विरुद्ध बातें निम्नानुसार है, आज ये सभी भ्रांतियां हिंदू समाज के हर परिवार में पूरी तरह से जकड़ कर भरी पड़ी हुई है और दिनों दिन बढ़ती जा रही है। और अगर इनका कोई उन्हें निवारण भी बताएं या सत्य से अवगत भी कराएं तो भी मानने को तैयार नहीं है अर्थात उनके दिमाग में ये सारी की सारी मनगढ़ंत कहानियां कूट-कूट कर भर दी गई है।-। पहाड़ों के पंख लगकर उड़ना, ऋषि द्वारा समुद्र का जल सोख लेना ,पहाड़ों का बढ़ना, पृथ्वी का शेष -वासुकी आदि तथाकथित नागों पर टिका होना ,हनुमान जी द्वारा सूर्य को निगलना , श्री विष्णु जी द्वारा वामन अवतार धारण करके तथाकथित तीन लोकों ( पृथ्वी स्वर्ग और पाताल) को तीन कदमों में नाप देना, हिरण्याक्ष द्वारा पृथ्वी को ले जाकर समुद्र में छुपा देना , राक्षसों द्वारा वेदों को चुरा लेना, हर जगह हर कथा हर लोक हर स्थान में अचानक नारद का आ जाना , इंद्र का महाकामी होना ,तथाकथित नरसिंह अवतार का होना, बच्चे प्रहलाद का पहाड़ से गिरने पर भी न मरना , हनुमान जी का बंदर होना, लक्ष्मणरेखा का अस्तित्व होना ,जटायु का पक्षी होना, रावण के 10 सिर होना, महर्षि ब्रह्मा के 4 सिर होना, विष्णु के चार हाथ होना, योगीराज शिव के गले में तथाकथित वासुकी नाग का होना, शिव द्वारा नशा करना, शिवजी के केसों से गंगा का प्रकट होना, गणेश जी के हाथी का सिर होना ,शिव जी के तीन नेत्र होना, तथा शिवजी का संहारक होना, त्रि देवों की कल्पना ,36 करोड़ देवी देवताओं की कल्पना, शिव जी द्वारा कामदेव भस्म होकर उसका प्रद्युम्न जी के रूप में जन्म लेना, पार्वती जी के मेल से गणेश जी की उत्पत्ति होना ,रक्तबीज आदि की कथा, हनुमान जी द्वारा पूरा पहाड़ उठाकर ले आना ,सुषेण वैद्य का रावण का वैद्य
    होना ,माता सीता का पृथ्वी पुत्री होना, श्री राम द्वारा सीता जी का त्याग करना, श्री कृष्ण जी का रास रचाना, गोपियों संग क्रीड़ा करना, श्री कृष्ण जी का राधा प्रेम ,माखन चुराना, द्रोपदी चीर हरण में श्रीकृष्ण द्वारा चीर बढ़ाना, द्रोपदी के पांच पति होना, आदि सब कथाएं मिथ्या ,गपोडे तथा वेद विरुद्ध हैं। यद्यपि इनमें से अनेकों का निवारण सत्यार्थ प्रकाश में महर्षि दयानंद जी ने कर दिया किंतु आज भी समाज में ज्यों की त्यों यह सारी बुराइयां पड़ी हुई है। क्योंकि 90% या यूं कहे 99% ग्रामीण समाज तथा लोग अभी तक भी न तो महर्षि दयानंद को जानते हैं न सत्यार्थ प्रकाश को जानते हैं न हीं आर्य संस्कृति को जानते हैं। और उन्हें जानने में मतलब भी नहीं है। वे अभी भी अवतारवाद , भूत-प्रेतों तथा अंधविश्वासों में ही पडे हुए हैं। गुरु जी ये भ्रांतियां और झूठी कहानियां इतनी खतरनाक है कि अगर ये बंद नहीं हुई ,इनका निवारण नहीं हुआ तो एक दिन ये पूरे समाज को बर्बाद कर देगी ,अतः इनका शीघ्र अति शीघ्र निवारण अति आवश्यक है ताकि आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित किया जा सके जिसे वह अपने पूर्वजों पर गर्व कर सकें तथा अपने जीवन को भी उनके ही समान निर्मल पवित्र और उज्जवल बना । मुझे आशा है कि भविष्य में आप इन सब झूठी कहानियों के उत्तर देंगे। तब तक के लिए नमस्कार आचार्य जी। वैदिक संस्कृति अमर रहे। ओम शं।

  • @ajaykumar-hk5zu
    @ajaykumar-hk5zu 5 років тому +166

    ईश्वर आपको दीर्घ आयु दे achary ji. ॐ namaste achary

  • @vedbhasker
    @vedbhasker 5 років тому +65

    प्रणाम गुरु जी, आपने सत्य कहा है महर्षि दयानन्द जी ने सनातन वैदिक धर्म के उत्थान के लिए कितना त्याग और पुरुषार्थ किया हैं ये बहुत कम लोग जानते हैं और जानने की कोशिश भी कम करते है। यहां तक कि आज की तिथि मे आर्य समाज के लोगों को भी बहुत कम जानकारी है।

  • @avine8326
    @avine8326 5 років тому +18

    आचार्य जी आपने एक और नया आयाम दे दिया है एक नये वैदिक सोच के लीये जहा हम कुछ बातो को लेके असमंज मे थे.

  • @deepakbhai4024
    @deepakbhai4024 5 років тому +63

    जय आर्य जय आर्यवर्त
    आधुनिक ऋषि आचार्य अग्निव्रत नैषठिक जी की जय हो।।

  • @gamingwithroblox1696
    @gamingwithroblox1696 5 років тому +31

    Swamiji, you are unique in present time...pranam.

  • @user-bc2mr9vv9t
    @user-bc2mr9vv9t 5 років тому +15

    ओम नमस्ते आचार्य जी आपके श्री चरणो में कोटि कोटि प्रणाम मे श्री राजीव दिक्षित जी सुनकर आर्य समाज से प्रभावित हुआ

  • @mohansuthar26
    @mohansuthar26 5 років тому +18

    आप ने बहुत अच्छी बात कही....जब तक कोई साक्ष्य न हो....आप उसके बारे में कुछ भी जानते न....उसका खंडन करने से बचना चाहिए।

  • @JaiSanatanBharat
    @JaiSanatanBharat 5 років тому +27

    महाराज जी वायुगवन विद्या पर रिसर्च करे है और इस विद्या पर एक योगी बनाए सनातन धर्म बहुत बड़ी सेवा होगा

  • @user-my2ve4xi1h
    @user-my2ve4xi1h 5 років тому +34

    दुर्लभ जानकारी ||धन्यवाद आचार्य जी||
    सागर के ज्यों तरण में
    नौका है प्रधान ।
    त्यों भवसागर तरण में बह्मचर्य प्रमाण ।। अर्थात ब्रह्मचारी व्यक्ति ब्रह्मचर्य के बल पर सागर को भी जीत सकता हैं फीर तो हमारे कई देवता महापुरुष महायोगी थे ,योग में बहुत ही गूढ़ वीज्ञान छुपा हुआ है

  • @BrajDarshanNews
    @BrajDarshanNews 3 роки тому +8

    आर्य समाज मे बस आप ही हो जिसको सुनने का मन करता है

  • @vijayprajapatis007
    @vijayprajapatis007 5 років тому +30

    आचार्य जी आप का व्याख्यान सुनने के बाद लगता है कि वेद ब्राह्मण ग्रंथ दर्शन उपनिषद सभी अर्श ग्रंथो के विज्ञान को समझ के रामायण तथा महाभारतं की मिलावटों को निकालने का सफल प्रयास किया जा सकता है

  • @Sarojjaibhm
    @Sarojjaibhm 5 років тому +11

    बात यही है कि लोग प्रत्यक्ष मानते है और आज कोई भी उस योग को नहीं पा सकता।ये तब तक विवादित रहेगा जब तक कोई और मनुष्य कलयुग में वो योग पाकर ना दिखा दे।

  • @tonyrajawat7399
    @tonyrajawat7399 5 років тому +15

    बहोत बहोत धन्यवाद आदरणीय गुरु जी जय श्री राम जय श्री राम हरे कृष्णा

  • @kanvarmojiram
    @kanvarmojiram 5 років тому +70

    नमस्ते आचार्य जी। क्या सूर्य दर्शन से नेत्रों की आरोग्यता बढ़ती है कृपया बताएं। वह किस प्रकार बढ़ती हैं।

  • @Dharamveersingharya3887
    @Dharamveersingharya3887 11 місяців тому +2

    सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय हो आर्यावर्त की जय हो भारत माता की जय हो आचार्य जी को नमस्ते बहुत प्रसन्नता हुई है आपक प्रवचन सुनके

  • @bhagwadharisher2817
    @bhagwadharisher2817 4 роки тому +10

    आप महान हैं गुरु जी आप आधुनिक भारत के ऋषि हैं

  • @madhukararoychoudhury6818
    @madhukararoychoudhury6818 3 роки тому +4

    आपकी सम्यकदृष्टि को शत शत नमन । न्याय ही धर्म हैं और सम्पूर्ण न्यायदृष्टि आपमें दिखतें हैं । 🙏🙏🙏😔
    आनुकूलयेन विचारयेत ---- यह ही ऋद्धियों की आदेश हैं ।

  • @goldysuthar6998
    @goldysuthar6998 2 роки тому +5

    गुरु जी आप को कोटि कोटि नमन। राहुल आर्य जी और अंकुर आर्य जी बहुत अच्छा वैदिक कार्य कर रहे हैं। ॐ

  • @yogatrainersureshswami6849
    @yogatrainersureshswami6849 4 роки тому +5

    ओउम आचार्य जी नमस्ते
    आप ने बिल्कुल सच बोला हैं।
    में भी आर्य समाज से बहुत समय से
    जुड़ा हुआ हूं।

  • @Sneakingmentor
    @Sneakingmentor 5 років тому +12

    Acharya ji Mai Rahul Arya ka bhaut manta hun. Lekin maine aapki video nishpaksh hokar dekhi. Kaafi achhi jankaari dikhne aur sunney ko mili. प्रणाम🙏

  • @harishchandrayadav9410
    @harishchandrayadav9410 5 років тому +37

    जब मनुष्य ईश्वर लीन हो जाता है तब वह प्रकृति के आधीन नही होता है तब उसके लिए कुछ भी असंभव नही होता है ।

    • @surendersigh6658
      @surendersigh6658 5 років тому +3

      मैं आपकी बात से बिल्कुल सहमत हूं

  • @sarvatantrasiddhanta
    @sarvatantrasiddhanta 4 роки тому +8

    ▪ *आर्य नियम* ▪
    *दस नियम*
    १. सब सत्यविद्या और जो पदार्थ विद्या से जाने जाते हैं, उन सबका आदिमूल परमेश्वर है।
    २. ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है, उसी की उपासना करनी योग्य है।
    ३. वेद सब सत्यविद्याओं का पुस्तक है। वेद का पढ़ना-पढ़ाना और सुनना - सुनाना सब आर्यों का परम धर्म है।
    ४. सत्य के ग्रहण करने और असत्य के छोड़ने में सर्वदा उद्यत रहना चाहिये।
    ५. सब काम धर्मानुसार, अर्थात सत्य और असत्य को विचार करके करने चाहियें।
    ६. संसार का उपकार करना इस समाज का मुख्य उद्देश्य है, अर्थात शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति करना।
    ७. सबसे प्रीतिपूर्वक, धर्मानुसार, यथायोग्य वर्तना चाहिये।
    ८. अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि करनी चाहिये।
    ९. प्रत्येक को अपनी ही उन्नति से संतुष्ट न रहना चाहिये, किन्तु सबकी उन्नति में अपनी उन्नति समझनी चाहिये।
    १०. सब मनुष्यों को सामाजिक, सर्वहितकारी, नियम पालने में परतन्त्र रहना चाहिये और प्रत्येक हितकारी नियम पालने में स्वतन्त्र रहें।
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  • @review7309
    @review7309 3 роки тому +3

    अग्निव्रत जी आप को कोटि कोटि नमन आप जो कार्य कर रहे है उसमे मेरा और सम्पूर्ण सनातनियों का पूर्ण सहयोग है।

  • @user-qw7pd8fz8l
    @user-qw7pd8fz8l 5 років тому +22

    गुरुजी आपका सही बात है आप जैसा एक लाख भी विद्वान हो जाए हम पूरे दुनिया को एक सही ही आधार और सही शिक्षा पूरी दुनिया को दे पाएंगे

  • @rameshtripathi2194
    @rameshtripathi2194 4 роки тому +8

    यह सत्य है कि पुराणों ने सनातन धर्म का बहुत नुक्सान किया है।एक बार फिर ' वेदों की ओर लौटो'का नारा जन जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है।

  • @dineshprajapati7051
    @dineshprajapati7051 3 роки тому +6

    वाह संत जी वाह ,,, क्या तर्कसंगत वाणी है,,, पहली बार ऐसा सुना,,,

  • @AryaSunilSheokand619
    @AryaSunilSheokand619 4 роки тому +10

    नमस्ते आचार्य जी
    ये मेरे लिए बहुत बड़ी समस्या थी। आप ने आज समाधान कर दिया।

  • @sudeshsaini3291
    @sudeshsaini3291 Рік тому +3

    ॐ ॐ ॐ जय हो सनातन वैदिक धर्म की । महर्षि जी मै भी राहुल और अंकुर आर्य के द्वारा आपसे जुड़ा था।

  • @ANKITSharma-gs9gh
    @ANKITSharma-gs9gh 5 років тому +6

    Sir i passing my 12th class this year.But my only main aim is to shape my country with the scientific knowledge of vedas. Now i am joing to ENGINEERING COLLEGE FOR CSE
    . I Want to read all knowledge of vedas. Sir recommend me a books of all hindu script which show knowledge about machine like veman, time machine, weapons etc and many like that. Thanks a lot if u see this. This all word manily from my heart.

  • @AryaRahulchandela
    @AryaRahulchandela 2 роки тому +2

    गुरु जी आप मुझे बहुत बढ़िया लगे। मुझे एक शंका है- भूतों के अस्तित्व, सपूतों या किसी देवता का किसी व्यक्ति मे आना। मैंने ऐसे ही किसी से मेरे बिना बोले उन्होंने बताया कि‌ तुम
    धर्म को मानते हो बढ़िया है लेकिन देवता होते हैं। आत्मा रुप में भटकते है मरने के बाद लोग।

  • @bmgroups4972
    @bmgroups4972 5 років тому +16

    Aap ek maharshi ho garu ji

  • @नमोनारायण1
    @नमोनारायण1 4 роки тому +5

    आप पहले आर्य है जिसे सुनने के बाद मेरे मतभेद आर्य समाजियो के प्रति सहमत हुआ सच मै जो चपरासी के योग्य नही है वो प्रभु रामचंद्र और कृष्ण के उपर सवाल उठाये जा रहा है बुद्धि से अपंग भ्रमित लोगो की बात ही क्या करे
    ओउम नमों नारायण

    • @vaidicphysics
      @vaidicphysics  4 роки тому +4

      हम सभी एक है कुछ अज्ञानता के कारण दूरिया बनी हुई हैं |

  • @tejasgroup7393
    @tejasgroup7393 4 роки тому +23

    राहुल जी और अंकुर जी के वजह से मुझे बहुत ज्ञान हुआ

  • @sompalsaini5021
    @sompalsaini5021 4 роки тому +3

    गुरु जी आप को मेरा नमस्कार आपकी हर बात में सत्ये हैं और हम आप जैसे व्यक्तियों द्वारा बताया गया हर बात में सत्ये मानते हैं और आप जैसे व्यक्तियों हमारा मार्गदर्शन करते रहे

  • @swami_108
    @swami_108 5 років тому +28

    सृस्टि में कई महापुरुष हुए है जिनका नाम ब्रह्मा था। इस हेतु लोग परेशान न हो

  • @sanjaytyagi5300
    @sanjaytyagi5300 5 років тому +24

    ब्रह्मचारी कृष्णदत्त जी ने आर्य समाज व पौराणिक के बीच सामंजस्य बैठाया है ।
    हनुमानजी सूर्य विधा के जानकार थे

  • @AnkitSingh-mn6us
    @AnkitSingh-mn6us 5 років тому +9

    ॐ नमस्ते गुरुजी।
    ऐसे ही विडियो की जरूरत आज हिदू समाज को हे।
    आप प्रयास करते रहिए, ओर तोड़ दीजिए पुराणों के फैलाये भ्रम को।
    🙏🙏🙏

  • @BlackPanther.999
    @BlackPanther.999 4 роки тому +5

    आप ने बहोत ही उम्दा बात की। आप का खूब खूब धन्यवाद। आप को नमन। 🙏🙏🙏❤️❤️❤️

  • @SILFUN333
    @SILFUN333 5 років тому +18

    ज्ञान के लिए आपका बहोत बहोत धन्यवाद गुरूजी.🙏

    • @vaidicphysics
      @vaidicphysics  5 років тому +3

      धन्यवाद

    • @SILFUN333
      @SILFUN333 5 років тому +1

      @@vaidicphysics और गुरुदेव भूत और भविष्य देखने की भी बाते बतायी है और अपने पूर्वजन्म देखने की भी बाते बतायी है मुझे नहीं लगता ये संभव है.

    • @SILFUN333
      @SILFUN333 5 років тому

      और एक बात गुरुदेव ,दंड मारने से शरीर में बल बढ़ता है।पर
      विभूति पद से शरीर में बल भी बढ़ता है तोह क्या फिर विभूति पद से बल बढ़ने पर शारीरिक व्यायाम करने की जरूरत नहीं पढ़ती?

    • @SILFUN333
      @SILFUN333 5 років тому +1

      🙏कृपया हो सके तोह इन्ह सवालो का जवाब दीजिए ,बहोत मदत होगी, में भी वेदो के ज्ञान को धरती पे फैलाना चाहता हूँ। इसलिए में आर्य समाज और वेदो पर अधिक से अधिक ज्ञान पाने की कोशिश कर रहा हूँ।
      में भी सत्य जानना चाहता हूँ।

  • @penguinsearching142
    @penguinsearching142 4 роки тому +5

    Mai ishwar se apki lambi Umar ki kamna karta hu Qki grantho Ka bhvysha apke hath me hai

  • @dillimanaap7007
    @dillimanaap7007 5 років тому +7

    आज से ३५ वर्ष पूर्व एक मुला को मैं बताया था कि हनुमान जी योग बल से अपने शरीर के पांच तत्व में से वायु और आकाश तत्व बढ़ाया और उड़ कर समुद्र पार लंका गए थे।

  • @mytravelstory3702
    @mytravelstory3702 4 роки тому +6

    You studied vedic physics that's why your concepts and Explainations are valid

  • @user-nn9um4mf9y
    @user-nn9um4mf9y 4 роки тому +16

    आज के आर्यसमाजी केवल सत्यार्थ प्रकाश पढ़े हुए है और कुछ तो मात्र प्रवचन सुनकर बने हुए है इस कारण आपकी बातों को आर्यसमाजी भी स्वीकार नही कर पाएंगे।

  • @MUKHLALMAHTO
    @MUKHLALMAHTO 5 років тому +3

    shri Hanuman ji ka udane ka rahashya mujhe pahle se pata tha lekin uski pramanikta ko sidh karne k liye mere pass koi praman nhi tha , aaz aapne jo praman diye hai usase mera ishko pramanit karne ka majboot adhar mila hai.....

  • @vedichorizon7327
    @vedichorizon7327 5 років тому +7

    जन्म कर्म दोनों अनादि हैं ईश्वर जीव प्रकृति की तरह। अच्छा है।

  • @ankitpatidar6046
    @ankitpatidar6046 3 роки тому +1

    अदभुत समाधान किया🙇 नमन है💐
    "हनुमानजी का सूर्य को फल समान खा जाना" यह एक अलंकारीक समझाइश भी तो हो सकती है, जिसका तातपर्य यह भी हो सकता है कि "सूर्य समान तेज को साधना के द्वारा अपने अन्दर समाहित या अर्जित कर लेना।

  • @aparichit8513
    @aparichit8513 5 років тому +37

    Superb episode Acharya ji 👌👌👌👍

  • @keshawnarayanawasthi136
    @keshawnarayanawasthi136 3 роки тому

    सनातन धर्म को वैदिक पौराणिक निर्गुण सगुण जैन बौद्ध और सिक्ख में बांटने वालों ने बहुत क्षति पहुंचायी है ऐसे लोगों को मैं भारतीय संस्कृति का हनन करने वाला मानता हूं उसका ज्ञान एकांगी और अहंकार युक्त है।

  • @maheshtiwari201
    @maheshtiwari201 4 роки тому +4

    🚩🚩वैदिक धर्म की जय 🚩🚩
    🌅धन्य कर दिया श्री अग्निव्रत जी🌅

  • @rashtrabhakt3002
    @rashtrabhakt3002 4 роки тому +3

    आचार्य जी प्रणाम। आपने बहुत गूढ़ जानकारी दी।ऐसे ही न जाने कितनी बातें हमारे सनातन संस्कृति में छिपी पड़ी है बस उन्हें प्राप्त करने योग्य बनने के लिए कठिन साधना करने की आवश्यकता है। आपको शत शत प्रणाम।

  • @user-pq5ci1hp7w
    @user-pq5ci1hp7w 4 роки тому +6

    जय हो गुरूदेव, आपको कोटि कोटि प्रणाम, अपका एकलव्य शिष्य हु, ओउम् तत्सत

  • @ghasiramboran7481
    @ghasiramboran7481 5 років тому +11

    Infinite consciousness is VIRAAT Swaroop of Lord Krishna.

  • @GaffurGhisela
    @GaffurGhisela 5 років тому +143

    महाशय, कृपया श्री कृष्ण जी के विराट स्वरूप की सच्चाई को समझाइए.
    मैं जानना चाहता हूँ कि अगर ईश्वर निराकार है तो श्री कृष्ण जी का विराट स्वरूप क्या था??
    आपका आभारी रहँगा महाशय.. 🙏🙏🙏

    • @xtylishking7579
      @xtylishking7579 5 років тому +1

      Right

    • @dilipsanatan1396
      @dilipsanatan1396 5 років тому +10

      तुम्हारा जवाब इसी में है

    • @anandvishwakarma4790
      @anandvishwakarma4790 5 років тому +1

      Yahi mera bhi subject hai
      Please explain

    • @truefact4543
      @truefact4543 5 років тому +7

      अच्छा सवाल कट्टप्पा जी,,,
      बहुत दिन के बाद आपसे भेंट हुआ

    • @user-od7re8ho6j
      @user-od7re8ho6j 5 років тому +16

      Katappa hypnosis! सम्मोहन विद्या! lol
      याद हैं अर्जुन को दिव्य दृष्टि प्रदान। maybe that was some type of thermal goggles which can detect the thermal image of shri krishna's super cosmic aura! after all he was not a normal human being he was yogeshwar, he activated his 7 kundalis by practicing yoga to the ultimate limit. his cosmic Aura is much much powerful and millions times stronger than normal human being! and yes cosmic aura is form less it's a kind of power like electricity. You can feel it's existence but can't touch or see it unless it comes out through to the bulb and lights. so at the same time he was in form and form less too. remember Aham Brahmasmi.

  • @sharadbhaisoni9286
    @sharadbhaisoni9286 4 роки тому +2

    श्री आचार्यजी आपको नमस्कार, आपके वीडियो के माध्यम से हमारे मन की कई उलझने,ओर शंका,मनमे उपस्थित हुई कई गलत भ्रांतियों का आपसे समाधान होता है,वैसे तो सिर्फ साइन्स,को ही मानने वाले ने बहोत ही तर्क करके ईश्वर को ,परमात्मा को नकारा है लेकिन आप जैसे इस युग के ऋषि है और वेद,ओर धर्म,की धरोहर रूपसे आप खड़े है आपको ईश्वर,परमात्मा लंबी आयु दे और आपकी रक्षा करे,प्रभुसे प्राथना,नमस्ते,

  • @nareshdash3796
    @nareshdash3796 5 років тому +5

    None is qualified enough raise questions on Sriram , Hanuman and Patanjali Yog Darshan.
    Swamiji is absolutely right.

  • @kanvarmojiram
    @kanvarmojiram 5 років тому +2

    गुरु जी आपकी यह बातें अत्यंत ज्ञानवर्धक है। इससे अनेक भ्रांतियां का निवारण हुआ है। किंतु कुछ शंकाएं और हैं जिनका भी आप कृपया निवारण करें। जैसा कि हम सब जानते हैं कि श्री ब्रह्मा तथा महर्षि नारद आदि सृष्टि में हुए थे । किंतु जैसा कि हम जानते हैं कि रामायण आज से लगभग 900000 साल पहले हुई। तो उस समय महर्षि ब्रह्मा द्वारा महर्षि बाल्मीकि को रामायण की रचना करने के लिए कहना कैसे संभव है तथा नारद जी का संवाद भी कैसे संभव है। साथ ही गुरु जी एक और शंका का समाधान करें, जैसा कि हम सब जानते हैं कि रामायण में अंगद के अडिग पेर से संबंधित कथा है। किंतु एक वीडियो में भैया राहुल आर्य ने इसे भी असंभव माना है तथा नकार दिया है। किंतु मैंने पतंजलि योग सूत्र में पढा है कि जब योगी को अष्ट सिद्धियां प्राप्त हो जाती हैं, तो उन अष्ट सिद्धियों में से ही एक गरिमा सिद्धि के कारण योगी अपने शरीर को इतना भारी बना लेता है कि किसी से हिले भी नहीं। जैसा कि इन्हीं अष्ट सिद्धियों में से लघिमा सिद्धि के द्वारा हनुमान जी ने अपने शरीर को हल्का बना लिया था। तथा वे हवा में उड़ सके । श्री अंगद जी भी क्या कम योगी थोड़े ही थे। तो इस प्रकार अंगद का पांव भी सत्य हो सकता है। इस बारे में आपका क्या कहना है कृपया हमें अवगत कराएं गुरुजी तथा सत्य से परिचित करवाएं। ईश्वर आपको दीर्घायु बनावे। तथा ईश्वर हम पर आप जैसे बुद्धिजीवियों की सदा छाया बनाए रखें।

    • @vaidicphysics
      @vaidicphysics  5 років тому +2

      युवराज अंगद के पैर जमाने की बात मिथ्या है। यह वाल्मीकि रामायण में कहीं नहीं है। हाँ, उनका रावण के महल में अन्य पराक्रम तथा वायुमार्ग से वापिस आना अवश्य लिखा है।

    • @kanvarmojiram
      @kanvarmojiram 5 років тому

      @@vaidicphysics धन्यवाद आचार्य जी।

  • @mohansuthar26
    @mohansuthar26 5 років тому +24

    धन्यवाद आचार्य....आप से निवेदन है कि ऐसे कई अनसुलझे मुद्दे उस पर प्रकाश डालते रहिए.....।

  • @ANILGUPTA-uq9fy
    @ANILGUPTA-uq9fy 2 роки тому +2

    Acharya ji u are doing great great great job in this world.

  • @rangmanch3442
    @rangmanch3442 5 років тому +8

    अद्भुत ज्ञान अद्भुत सच उजागर किया है है महात्मा आपको सत सत नमन 🙏🙏

  • @SantoshKumar-py4zs
    @SantoshKumar-py4zs 5 років тому +2

    aaj mere ko is sawal ka jawab mil gaya ki hanuman ji tair kar or ud kar Lanka gaye the yaog Science ke adhar par aap ne sidh kiya h iswar apko lambbi umar de rahul arye ji ne ese tair kar bataya tha aap ne ese poora bataya dhanwad

  • @shiv9628
    @shiv9628 5 років тому +15

    dhanyawaad guru ji, Sanka Samadhan ke liye

  • @7creative4
    @7creative4 5 років тому +7

    Dhanyavaad acharaya ji . Ye prashan Maine he Kia Tha k hanuman ji kesai udai Thai or ek sajjan nai mjhe yog darshan ke Salah de the parantu aaj acharya ji k mukh see sunn k santusti hue.

  • @lokendersingh3140
    @lokendersingh3140 5 років тому +6

    गुरूदेव प्रणाम,ईश्वर आपको दीर्घायु प्रदान करे 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @shikharkantsrivastav9872
    @shikharkantsrivastav9872 3 роки тому +2

    ओ३म् अनेक धन्यवाद साधुवाद आपको... 🙏

  • @brijeshshah4280
    @brijeshshah4280 5 років тому +14

    aachary shri me bhi inhi logo ko sun kar hi dharm ko jaan saka,iske baad hi me mannat se karm phal ko manne laga

  • @santoshsoni-pt6tj
    @santoshsoni-pt6tj 3 роки тому

    नमन, संगठित होकर समाज मे जागरण की आवश्यकता है । आर्यसमाज कमरे के अंदर केवल यज्ञ करने तक सीमित हो गये है ।

  • @bajrangdal9164
    @bajrangdal9164 4 роки тому +4

    बहुत ही अतुलतम जानकारी। बहुत ही।
    क्या बात👌👌👌👌👌👌👌
    💪💪💪💪💪💪
    मे जरूर आपके साथ जुड़कर इसपर रिसर्च करूँगा।

  • @shatruhanvermaji
    @shatruhanvermaji 3 роки тому +3

    बहुत सुन्दर प्रस्तुति

  • @pradyumnapanda1270
    @pradyumnapanda1270 2 роки тому +3

    *स्वामीजी आपकी चरणों मे कोटि नमस्ते।*
    *आपके अत्यंत गूढ़ ज्ञान मेरे लिए ज्ञान बर्धक ओर मार्गदर्शक साबित हो रहा है।*
    *ईस्वर से प्राथना है कि आपको लंबी आयु प्रदान करे।*
    *आचार्य जी आपसे निवेदन है कि:- ये सृष्टि मे क्या संभव है , क्या असंभव है, इसके बारेमे हम कैसे विचार करे। क्या क्या point को लेकर हम विचार कर सकते है कि ये बात सम्भव हो सकता या नही। इसके ऊपर एक पुस्तक लिखने की कृपा करें। जिसके आधार पर हम निर्णय कर सके कि क्या सम्भव है या क्या असम्भव है। क्या सृष्टि विरुद्ध है क्या नही है इस बात की पता लगा सके।*
    *नही तो पुरणो में वर्णित सारे असम्भव लगने वाले कथा को सच मान बैठेगे।*
    *नही तो तंत्र शास्त्र मे वर्णित तांत्रिको की साधना को सच मान लिया जाएगा। किसी वूक्ष को जला देना, इंसान बाघ भालू इत्यादि का रूप लेना, जैसे रामायण में मारीच का स्वर्ण मृग बन जाना, अदृश्य हो जाना, एक स्थान पर बैठके किसी दूर जगह पर किसी ब्यक्ति का अनिष्ट करना, अतृप्त आत्मा को पकड़ लेना इत्यादि सारे बात को भी सच मान लिया जाएगा।*
    *आपसे अनुरोध है ये सारे बातों पर विचार करके हम को मार्ग दिखाने की कृपा करें।*

  • @Sunshine88.
    @Sunshine88. 3 роки тому +3

    जय श्री राम जय श्री हनुमान ❤️❤️❤️

  • @ayusbharat5746
    @ayusbharat5746 5 років тому +4

    ओउम् नमस्ते आचार्य जी

  • @nainikabisht3811
    @nainikabisht3811 4 роки тому +1

    निसंदेह , राहुल आर्य और अंकुर आर्य जी सराहनीय कार्य कर रहे हैं .
    वैसे हमारा. मानना है वैदिक धर्म में अवतार वाद इस कारण भी वैदिक संस्कृति का भाग बना , जब आसुरी प्रवृतियां वेदों या इन्हें नष्ट कर के अराजकता फैला रही थी , उन्हें पुनर्स्थापित करने के लिये राम या कृष्ण ने आसुरी शक्तियों का विनाश किया .

  • @sudamsutar555
    @sudamsutar555 5 років тому +12

    Namaste swamiji. Mere ku ye lagta he aap risi dayanad saraswati ki sapna ko pura kare nge.aap ko koti koti dhanya baad.

    • @vaidicphysics
      @vaidicphysics  5 років тому +3

      आपके उच्च विचारों के लिए धन्यवाद

  • @devichand6210
    @devichand6210 Рік тому

    नमस्ते आचार्य जी..... मुझे आर्य निर्मात्री सभा के दो दिवसीय सत्र के माध्यम से आर्य समाज को जानने का सुअवसर मिला

  • @thedharmikwinger2843
    @thedharmikwinger2843 5 років тому +8

    Dhanyawad acharya ji ...
    Apne bhut ache se samjhaya ...

  • @kripalsinghyadav8946
    @kripalsinghyadav8946 4 роки тому +1

    जो उड सकता है बो कभी तैहरेगा नही यह मेरा बिचा ही नही है बहोत लोग इस से सहमत होंगे ।

    • @vaidicphysics
      @vaidicphysics  4 роки тому +1

      बत्तख उड़ती भी है और तैरती भी है।

  • @kaushalkaushal6672
    @kaushalkaushal6672 5 років тому +10

    Sanatan dharm ki jai ho achry ji

  • @sudhashastri1181
    @sudhashastri1181 3 роки тому +1

    आचार्य श्री अग्नीव्रतजी आप को कोटि कोटि नमन

  • @amitmalik6544
    @amitmalik6544 5 років тому +8

    हनुमान जी का बार बार पानी मे तैरने का कारण यह भी हो सकता ह की सेना के लिए पुल निर्माण के रास्ते को सर्वे कर रहे हो क्योंकि सारी सेना तो उड़ना नही जानती थी। रामजी ने कहा होगा कि पुल बनाने के लिए सम्भव मार्ग की भी जांच कर लेना।

  • @surendratiwari3097
    @surendratiwari3097 3 роки тому +1

    आदरणीय आपका स्वागत करते हैं। आपने जिस प्रकार से प्रस्तुत किया है। मैं नमन करता हूँ। आप दीर्घकालिक स्वस्थ रहें ताकि मानवता का कल्याण हो सके।

  • @shivammishra9152
    @shivammishra9152 5 років тому +3

    Pranam Acharya ji, aap se anurodh Hai ki vaidic physics classes continue rakhiye. Bohot kuch sikhne ko milta Hai.

  • @ar.bhaskartanpure3279
    @ar.bhaskartanpure3279 4 роки тому +2

    कृपया शंकर भगवान की शिवलिंग की पूरी जानकारी वेद के हिसाब से दे काफी लोग अलग अलग धारणाएं बनाके रखते है धन्यवाद
    ॐ नमः शिवाय

  • @talk2kumar
    @talk2kumar 5 років тому +13

    I agree with you 100%. You are correct.