हेलो तिवारी सर मैं आपको निवेदन करता हूं कि 🙏🙏🙏🙏 आपको मेरी बात सुनीही पड़ेगी प्लीज तिवारी सर 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 हमारे बस्तर क्षेत्र के चपका ग्राम में बलात्कार हुआ है 28 वर्ष की आदिवासी महिला के साथ और वहां सहायता करने के लिए कोई भी आगे नहीं आ रहा है पुलिस वाले भी कुछ नहीं कर रहे हैं कुछ भी फैसला नहीं ले रहे हैं 🙏 प्लीज सर आप जाकर वहां रिपोर्टिंग कीजिए ना कीजिए ना 🙏
Tiwari sir आप से निवेदन है कि इस घटना पर भी जरूर रिपोर्टिंग कीजिए। क्योंकि बाकी मीडिया को हम आदिवासियों की दुःख परेशानी दिखाई ही नहीं देती, बस आप से एक उम्मीद है । आप हमेशा नक्सल प्रभाव क्षेत्र एवं नक्सलियो और आदिवासी संस्कृति को लोगो के सामने प्रस्तुत कर अपना subscribers बनाया है। So please आप आदिवासियों पर हो रही अत्याचार एवं परेशानी पर भी रिपोर्टिंग कीजिए
भाषाओं का दस्तावेजीकरण: आदिवासी भाषाओं को लिपिबद्ध करने के लिए उनका व्याकरण, शब्दावली और भाषा संरचना को संगृहीत करना आवश्यक है। इसके लिए भाषाविदों और स्थानीय विद्वानों की मदद से शब्दकोश और व्याकरण पुस्तिकाएं तैयार की जा सकती हैं।
नमस्कार सर! आदिवासी संस्कृति और कई जातियों की संस्कृति है तो पर मानने वाले लोग कम है । एक जमाना था जब लोगों के घर में गाय बैल पालने के लिए एक जमीन का टुकड़ा हुआ करता था पर आज ओ टुकड़ा नही है। गाय बैल सड़क पर है। और राजनीतिक का एक हिस्सा बन हुआ है आज हमारे युवा पीढ़ी गाय बैल नही पाल रहे है विकसित समय में युवा पीढ़ी ये कार्य नही कर रहे है यही हाल आदिवासी संस्कृति कला का है बस एक पहलू बचा है जो राजनितिक तौर पर देखते है
Hello sir namaste sir bijapur ke toynar gaun ke sarpanch ji ko bina koi zurm ke police pakad k le gai h galat 2 arop lga k un ko jel me dal diya gya h hum aadiwasi ab apne hi gaun me surakshit nhi h sir
सरकारी और गैर-सरकारी समर्थन: सरकार और NGOs को मिलकर आदिवासी जनजातियों की भाषा, कला और संस्कृति को लिपिबद्ध करने के लिए योजनाएं बनानी चाहिए। इसके लिए विशेष फंडिंग और योजनाओं की आवश्यकता हो सकती है।
मेरा एक सवाल है । संस्कृति को चलाने का काम तो पीढ़ी का होता है । पर पीढ़ी तो आधुनिक समय में खो गया है । (1)आधुनिक काल में हम संस्कृति कला में ताल मेल कैसे रखें ? (2) आज कल हर चीज राजनितिक पहलु बन जाता है इसे राजनीतिक से दुर कैसे रखें संस्कृति कला सिर्फ सस्कृति कला हो ना कोई पहलु।
जय जोहार
बस्तर की संस्कृति को उजागर करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय अल्मा सर जी
एवं तिवारी जी 🙏
कांकेर पीएमटी छात्रावास के,हमारे सीनियर ,आईएएस अधिकारी,श्री एल्मा साहब को ,इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए सादर सेवा जोहार।।
Sir pranam 🙏
हेलो तिवारी सर मैं आपको निवेदन करता हूं कि 🙏🙏🙏🙏 आपको मेरी बात सुनीही पड़ेगी प्लीज तिवारी सर 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 हमारे बस्तर क्षेत्र के चपका ग्राम में बलात्कार हुआ है 28 वर्ष की आदिवासी महिला के साथ और वहां सहायता करने के लिए कोई भी आगे नहीं आ रहा है पुलिस वाले भी कुछ नहीं कर रहे हैं कुछ भी फैसला नहीं ले रहे हैं 🙏 प्लीज सर आप जाकर वहां रिपोर्टिंग कीजिए ना कीजिए ना 🙏
आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा होना चाहिए
Tiwari sir आप से निवेदन है कि इस घटना पर भी जरूर रिपोर्टिंग कीजिए। क्योंकि बाकी मीडिया को हम आदिवासियों की दुःख परेशानी दिखाई ही नहीं देती, बस आप से एक उम्मीद है । आप हमेशा नक्सल प्रभाव क्षेत्र एवं नक्सलियो और आदिवासी संस्कृति को लोगो के सामने प्रस्तुत कर अपना subscribers बनाया है। So please आप आदिवासियों पर हो रही अत्याचार एवं परेशानी पर भी रिपोर्टिंग कीजिए
Bhut sundar ❤️👌
आदरणीय श्री एल्मा साहब आपके द्वारा आदिम जनजाति के भाषा, संस्कृति, एवं अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर बस्तर टाकीज के साथ शेयर किया गया। अच्छा रहा।🙏💐
🎉
Nice एल्मा सर
भाषाओं का दस्तावेजीकरण: आदिवासी भाषाओं को लिपिबद्ध करने के लिए उनका व्याकरण, शब्दावली और भाषा संरचना को संगृहीत करना आवश्यक है। इसके लिए भाषाविदों और स्थानीय विद्वानों की मदद से शब्दकोश और व्याकरण पुस्तिकाएं तैयार की जा सकती हैं।
जय बस्तर ❤
जय माता दी
नमस्कार सर! आदिवासी संस्कृति और कई जातियों की संस्कृति है तो पर मानने वाले लोग कम है । एक जमाना था जब लोगों के घर में गाय बैल पालने के लिए एक जमीन का टुकड़ा हुआ करता था पर आज ओ टुकड़ा नही है। गाय बैल सड़क पर है। और राजनीतिक का एक हिस्सा बन हुआ है आज हमारे युवा पीढ़ी गाय बैल नही पाल रहे है विकसित समय में युवा पीढ़ी ये कार्य नही कर रहे है यही हाल आदिवासी संस्कृति कला का है बस एक पहलू बचा है जो राजनितिक तौर पर देखते है
Nice sir ji
सर, अनुसंधान केन्द्र में मुरिया और गोन्ड जनजाति एक ही है या अलग अलग है,,, इसकी जानकारी है क्या? ,
Good evening sir
देवगुड़ी को मंदिर कहना उचित नहीं है आदिवासी पूजा नहीं पुरखो की सेवा की जाती है
Hello sir namaste sir bijapur ke toynar gaun ke sarpanch ji ko bina koi zurm ke police pakad k le gai h galat 2 arop lga k un ko jel me dal diya gya h hum aadiwasi ab apne hi gaun me surakshit nhi h sir
🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏
Jay johar sir,aadiwashi,log,dusre,dhrm,ja,rahe,uske,,baare,me,vidyo,bnaaye
❤sir,ye,roshni,bhut,dur,tk,jayegi,
Ye interview jab hua to main samne me tha sun k bahut acha laga vikas bhaiya ❤
Sir ji He sab ka book mil sakta hai hai
Aap humse mil sakte hain
Cg state types of 42 caste adiwasi
43 hai ...
सरकारी और गैर-सरकारी समर्थन: सरकार और NGOs को मिलकर आदिवासी जनजातियों की भाषा, कला और संस्कृति को लिपिबद्ध करने के लिए योजनाएं बनानी चाहिए। इसके लिए विशेष फंडिंग और योजनाओं की आवश्यकता हो सकती है।
मेरा एक सवाल है । संस्कृति को चलाने का काम तो पीढ़ी का होता है । पर पीढ़ी तो आधुनिक समय में खो गया है ।
(1)आधुनिक काल में हम संस्कृति कला में ताल मेल कैसे रखें ?
(2) आज कल हर चीज राजनितिक पहलु बन जाता है इसे राजनीतिक से दुर कैसे रखें संस्कृति कला सिर्फ सस्कृति कला हो ना कोई पहलु।