सुप्रीम कोर्ट से जनता का भरोसा क्यों उठ रहा है?
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- Опубліковано 15 тра 2024
- Why is the public losing confidence in the Supreme Court?
सुप्रीम कोर्ट से जनता का भरोसा क्यों उठ रहा है?
Will the Supreme Court overturn the High Court Ruling?
Click here: • Part-6: क्या सुप्रीम क...
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About Vijay Sardana:
➢Advocate, Supreme Court of India, Delhi High Court, National Green Tribunal and Tribunals
➢Independent Director on Corporate Boards & on Expert Committees Techno-legal, Techno-commercial & Techno-Economic Policy Expert
➢Agribusinesses Value Chain Investment Strategy & Trade Advisor
➢Research & Innovation Management Advisor
Alumni of PGDM (IIM, Ahmedabad), LLB, M.Sc. (Food Tech) (CFTRI), B.Sc. (Dairy Tech), IPR (WIPO); PGD in Arbitration, Intl. Trade Laws & Alt. Dispute Resolution (ILI, New Delhi), ESG (CFI, US); Intl. Trade Laws (UNCITRAL, Vienna), Contract Law (Yale, USA); Justice (Harvard), International Environmental Laws; Negotiation Strategy (Michigan), Bankruptcy Law (Moscow), Ph.D. (Circular Bio-economy) (in progress) (JGU)
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कोलेजियम सिस्टम खत्म कर के सच्चे देश भक्त और संविधान को सम्मान देने वाले जजों की नियुक्ति होनी चाहिए।
1 . नोटबंदी पर सुनवाई
2 . राफेल पर सुनवाई
3 . कृषि बिलों पर रोक
4 . CAA पर रोक
5. NRC पर रोक
6 . दिल्ली अध्यादेश पर अंडगा
7 . आडानी हिंडनबर्ग
8 . इलेक्ट्रोरल बॉड पर नेरेटिव बनाया
ये उस सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार विरुद्ध केस तत्काल सुने है , जिस कोर्ट में हजारों केस वर्षों से पैन्डिंग पडे हैं
George Soros funding or life threat from overseas forces may be the reason for such anti national attitute of SC.
बिल्कुल सही बिंदु उठाए हैं आप ने..कई लोग सोशल मीडिया पर भी साफ बोल रहे है कि ये पूरा सीआईए के इको सिस्टम के द्वारा किया गया है..इस सिस्टम में ज्यादातर बाम पंथी जज शामिल होते हैं ..इस खेल में फंडिंग का प्रमुख रोल होता है..
दूसरे जो फॉरेन रिटर्न एजुकेशन वाले जब पद पर आते हैं..तो वे स्वयं को सर्व श्रेष्ठ ,सर्वज्ञ मान कर विवादित फैसलों के द्वारा अपने अहम को प्रदर्शित करते हैं इंदिरा जी के कार्य काल में तो SC की ऐसा करने की हिम्मत तक नहीं होती थी..
कृषि कानून पर रोक लगा कर लाखों छोटे और मझोले किसानों के हित पर चोट पहुंचा दिया।इन किसानों को धनाढ्य किसानों और अमीर आढ़तियों के कब्जे में रहने को मजबूर कर दिया।
बिल्कुल सत्य
Aur bhi is me senkdo cases jod share ho RG Khan Pavan kheda shahbanu case kasab ki aadhi raat ko sunvai ityadi...ityadi.
सुप्रिम कोर्ट के सारे जज जो रिटायर्ड है जो अभी भी है इन सारे जजों के संपत्ति के जांच हो, public demand
बिलकुल होगी
विजय सरदाना जी प्रणाम। सुप्रीम मिलार्ड मनमानी करे लेकिन जनता सवाल भी नही पुछे? ऐसे कैसे हो सकता है। सत्यमेव जयते
इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट जनता की नज़र से गिर गया है
acha jab Sisodiya ki bail isi bench ne reject ki thi tab to nhi bola tmne ye..matlab tmhare anusaar vaisla aaye to sab thik hai or against aaye to SC galat ho gaya....isi ko anbhakt hona bola jata hai
yes agreed with
BAIL WAS DECIDED ON MONDAY 6TH MAY NIGHT N AMOUNT WAS REVISED ON 9TH NIGHT
कोर्ट में जितने भी वामपंथी जज बैठै है उनको बाहर निकलना ही चाहिए। न्याय सुनिश्चित करना ही होगा।
हम नही सुधरेंगे, ना सुधारने देंगे; इंडियन कोर्ट
लॉर्ड कहे जाने वाले जज को लोग अब अपने ......पे रखने लगे हैं.
माननीय सरदाना जी, सुप्रीम कोर्ट के अनेक बेंच हैं। प्रत्येक बेंच का निर्णय सुप्रीम कोर्ट का निर्णय कहा जाता है।
इस प्रकार सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का वैधानिक दायित्व है कि देखें कि किसी भी बेंच का निर्णय सुप्रीम कोर्ट की साख पर धब्बा ना लग सके।
मुख्य न्यायाधीश की भूमिका में परिवर्तन की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट जज हमेशा से ही " मैं चाहे ये करू मैं चाहे जो करू मेरी मर्जी "
इससे बाडिया है बाहर ही निपटा देना चाहिए मैटर को जनता को अब कानून का ज्ञान नहीं झेलना चाहिए ।
योगीजी को पत्ता हे कोर्ट मे तारिक पर तारिक और खाने को अच्छा से अच्छा कहेगी एक दिन जमानत लेकर जनता को ही परेशान करेंगे इसलिये इसलिये सीधा टिकट ही काट देते हे जय श्री राम ये सही इंसाफ
बाहर ही निपटा दो .... फालतू ज्ञान की जरूरत नहीं है ....
सुप्रिम कोर्ट पर महाअभि योग होना चाहिए
100% Agreed sir ji.....
एक जमाना था.... जब हाइकोर्ट के रिटा. जज, even retd Dist/JMC judge.. भी कभी दिख जाते उनकी बडी इज्जत होती थी....
अब सोसियल मिडिया की वजहसे... इनके निर्णय खूब चर्चा में है....
मुझे नहीं लगता... इसके आगे वो पूराना सम्मान इनका समाज में हो....
हम न्याय प्रिय लोग है... इसलिए हमें हमारे देश की न्याय व्यवस्था पे चिंता करते है....
वर्ना.....
आजकल... बाबाजी का बुलडोजर क्यों प्रसिद्ध हो रहा है...??
जय हिंद....
आपके गहन अध्ययन और डीप एनालिसिस को नमन। इसे व्यवस्थित रखने के लिए विनम्र अनुरोध है।
नई सरकार गठन के बाद पहला काम यही होना चाहिए ज्यूडिशरी रिफॉर्म होना चाहिए
सही कहां, जो दलाल मोदी बोले और चाहे वही होना चाहिए।।
U r absolutely 100% right
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से भारत की जनता जनता बहुत आहत है
acha jab Sisodiya ki bail isi bench ne reject ki thi tab to nhi bola tmne ye..matlab tmhare anusaar vaisla aaye to sab thik hai or against aaye to SC galat ho gaya....isi ko anbhakt hona bola jata hai
आपने वस्तुस्थिति को सही तरीके से प्रस्तुत किया है, न्याय पालिका को विचार करना जरूरी लगता है। सांसद, मंत्रीयो के वकालत करने पर प्रतिबंध होना चाहिए।
आपके देशहित के कार्य को हम सराहना करते हैं।
आम व्यक्ति को अगर तुरन्त न्याय की जरूरत हो तो इनके पास मुकदमौ की लम्बी लाइन है,लेकिन आतकियौ के लिए रात को बारह बजे भी समय है,ये है हमारा सुप्रीम कोर्ट।
जिसके पक्ष में सिब्बल और सिंघवी हो उसीके पक्ष में न्याय है ऐसा सुप्रीम कोर्ट मानता है।
ये मामला सांठगांठ का है । दो तीन वकील ऐसे है जिनके संबंध इन बड़े जजों से है । अन्दर खाने बहुत कुछ होता है । इस जज को सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस नहीं बनाना चहिए।
Kapil sibal, singvi, prasant bhooshan, salman kurshid, aur retire madam sc judge, yehi log ka hath mein sc court hai
Money power is the most powerful
Isliye to yah log motaa fees lete hein.
महाराष्ट्र के पोलिस प्राॅसीक्यूटर श्रीमान उज्ज्वल निकम डंकेकी चोट पर कहते है की उन्होने कभी भी गुनाहगारकी केस न लडी, न कभी लडेंगे. और, अभिषेक सिंगवी या कपिल सिब्बल केवल गुनाहगारोंके ही केस लडते है,यही अंतर है उन दोनो मे..!
सुप्रीम कोर्ट के इन जजों के संपत्ति की जाँच होनी चाहिए!!
Excellent
Iske liye BJP ka fir se aana jaruri hai.
Tum jayse Nonsense hai 420 Deshdrohi Judges ? 😂
It will never happen bcoz they think they are the lords of lords...
I totally agree with you
बिल्कुल सही कह रहे हैं जजों द्वारा दिए गए आज के निर्णय उनके न रहने पर भी कोट किए जाएंगे और उसका लाभ नुकसान समाज और देश को मिलेगा इसलिए सुप्रीम कोर्ट को बहुत सोच समझ कर निर्णय लेने चाहिए। विशिष्ट नागरिकों का विशिष्ट कर्तव्य इस संबंध में बनता है। आपको साधुवाद।
आदरणीय विजय सरदाना जी सादर प्रणाम। हाईकोर्ट के निष्पक्ष फैसले, ईमानदार फैसले, न्यायोचित फैसले को भी सुप्रीम कोर्ट बदल देता है। फिर हाईकोर्ट की उपयोगिता क्या रह गई हैं ।
सुप्रीम कोर्ट के जजों की जबाब देही तय होनी चाहिए
acha jab Sisodiya ki bail isi bench ne reject ki thi tab to nhi bola tmne ye..matlab tmhare anusaar vaisla aaye to sab thik hai or against aaye to SC galat ho gaya....isi ko anbhakt hona bola jata hai
सुप्रीम कोर्ट के जजों की जांच भी होनी चाहिये और इनकी संपति जब्त होनी चाहिये
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Is kothe ke dalal bhrasth , darpok aur anaitik hain.
This is absolutely right ✅️
Excellent Analysis, देश में न्याय पालिका की स्थिति अच्छी नहीं है
सरदाना साहब , आपके विडियोज मैं अक्षर देखता हूं आप द्वारा मुद्दों पर जो विश्लेषण प्रस्तुत किया जाता है वह सहज एवं सटीक होता है। आप जैसा अनुभवी अधिवक्ता ही इतना स्पष्ट बोल सकता है।
सादर ,
जय हिंद ।
कॉलेजियम सिस्टम पूरी तरह से समाप्त होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट से आम जनता का भरोसा खो दिया है। अब देश के सामने एक चिंता जनक स्थित है। इसमें आमूल चूल परिवर्तन की आवश्यकता है।
विजय जी बहुत अधिक धन्यवाद। आज आपने जनता की सोच को सबके सामने रखा है। आपने यह भी सही कहा कि वे ऐसा नहीं दिखा सकते वो सोशल मीडिया को देखते ही नहीं। ऐसा ठीक नहीं। ऐसा लगता है कि वकीलों की ताकत देश की पूरी व्यवस्था से उपर हो गया है। सब लोग अपने दर्द को दबा कर बैठे हैं।
वकीलो और जजों को लोकसभा और राज्य सभा का चुनाव लड़ने पर रोक लगा देनी चाहिए.🎉
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी जांच करने का प्रवधान होनी चाहिए।
Need of hour for judicial reform. This is the power of money.
Suprime court ke judge apane aap ko nyayadhish nahi O Nyay Yatra se jorkar apane aap ko nyay dev (God) samjhane lage hain. Ye log Jorge sores ke mohre hain.
उस प्रविधान को महाभियोग कहते हैं....
महाभियोग दोनो न्यायाधीश के खिलाफ शुरू करना चाहिए.....
Very logical.s.court sould aaLie time to ime judgment poition in ciey
सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों पर कार्रवाई होनी चाहिए
अरविन्द केजरीवाल के मामले में जमानत याचिका मांगकर पैरोल दिया जाना शायद अब तक का सबसे निम्न स्तर पर ला दिया है। सर्वोच्च न्यायालय की विश्वसनीयता तार तार हो गई है। शर्मनाक, शर्मनाक। हेय दृष्टि से देखा जाए।
जो जजों के लिये बीकजाना महत्तम है, उन की आंखों में खोखे ही खोखे दीखते है, ऐसे लोगों के लिये भी शिक्षात्मक कानून होना आवश्यक है ।
Excellent analysis, really very bad judgment
Now it appears there is no need of SC. Only HC and president of India is sufficient for pronuncing Judgement .SC is now working like Politically leaders.
It was very bad and unprecedented decision of sc
agar jakar ye case agar bina kisi proof ke khatam ho jata hai to kya ED or BJ party us insaan ka time lauta payegi jitne din usko jail me rakha gya hai.......court ne saaf kiya hai ki Kejriwal ko July 2023 se phle ke evidences ke base pr arrest kiya gya tha to fir ED ne election ke time pr hi kyu errest kiya??
जनता की भावनाओं का सही प्रस्तुतीकरण
सरदाना जी, बहुत बढ़िया वैख्या क्या है।
"एकदम सटीक और सही"।
सुप्रीम कोर्ट के जजों को अब आम आदमी पार्टी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ लेना चाहिए ।
नई सरकार बनाते ही मोदी जी ने पहला काम यह करना चाहिए कि जजों की सेवा निवर्ती की आयु 65 से घटाकर 62 साल कर दें।
६० साल!
No it should be 60yrs.
It should be 50
58 करनी चाहिए
acha jab Sisodiya ki bail isi bench ne reject ki thi tab to nhi bola tmne ye..matlab tmhare anusaar vaisla aaye to sab thik hai or against aaye to SC galat ho gaya....isi ko anbhakt hona bola jata hai
सुप्रीम कोर्ट के जजों की विश्वसनीयता संदेह के घेरे में आने लगी है।
शरदाना जी आप लोग ऐसा उपाय बतलाए कि, ऐसे जजों को कैसे हटाया जा सकता है और अच्छे जजों को कठिन प्रक्रिया से चुनाव कर लाया जाय जो संविधान के अनुसार फैसला कर सके । अपने मन से फैसला नहीं करें।
उन्हें सिंघवी, सिब्बल, प्रशांत भूषण व दो-चार अन्य ही सिर -आखों पर बैठाएंगे।
Jujo ne pase khaye h
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आज तो सरदाना जी ने SC को उसका नंगापन उधेड़ कर रख दिया। S C को थोड़ा भी शर्म बची है तो अभी भी सुधार कर ले।जनता थूक रही है। सरदाना जी को कोटि कोटि धन्यवाद।
Aaj ke date me SC aapni bojut khol chuki Hai Aaj a Red light araya Ki tarah ho Gaya paisa feko ar mazalo nahi to ek Atankwadi ke Liya Raat ko 3 baje Cour khol jate hai Tista Sitalwar ke liye raat ko 12 baje Cour khol jate hai a Kaya isara kar raha hai
क्या कानून समझते हो ? कभी सःविधान पढ़ा क्या ?ये पेड चैनल मे संघी मानसिकता के लोग बैठे है कभी पुलवांमा की जांच की मांग की ,मणिपुर ,पहलवान बच्ची,अंधी सरकार गुलाम कार्य कर्ता
जय श्री राम आप ठीक कह रहे हैं कुछ तो गड़बड़ हो रही है सब मिले हैं बड़े वकील सिब्बल सिंघवी प्रशांत भूषण न्यायलय को जैसा चाहे वैसा करना पड़ता है जय श्री राम
इन जजों की संपति और खातों की जांच होनी चाहिए।
Yes
लोगोंको भरोसा था ही कब? कानून आम जनता के लिए नही है। जो करोड़ों रुपए फीस दे सकते है उनके लिए है। करोड़ों रुपए फीस देने की औकात रखने वाले काम भी तो वैसा ही करेंगे। सीधा सरल रास्ता अपनाएंगे नही।
यह सर्वथा सत्य है,सामान्य गरीब या मिडिल क्लास पृष्ठभूमि का व्यक्ति तो उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय तक जाने की कल्पना भी नहीं कर सकता,मनमसोसकर या तो परिस्थिति से समझोता कर लेता है या चुपचाप परिणाम को नियति मानकर सहन कर लेता है।
लाखों केस पेंडिंग हैं पर इन स्वघोषित कट्टर ईमानदारों के लिए समय ही समय है।और अब तो लगता है कि इसे पूरी तरह राहत देकर ही मानेंगे।
ये न्याय व्यवस्था अंग्रेजों की बनाई हुई है जो भारतीय जनता के खिलाफ बनाई गई थी.
हाई कोर्ट की जज का निर्णय पूरी तरह से ठीक और तर्कसंगत था।सुप्रीम कोर्ट के जज का निर्णय ग़लत और पक्षपात पूर्ण है
इस लिए हाई कोर्ट और उस से नीचे की आदलते बंद कर देनी चाहिए, फालतू में टेक्स payer का पैसा बर्बाद होता है, जब SC ne निर्णय ही पलट देना है
yes agreed with
Paisa me sab bik chuka hai bhai.
SC HAS NO RESPECT FOR HC
BAIL WAS DECIDED ON MONDAY 6TH MAY NIGHT N AMOUNT WAS REVISED ON 9TH NIGHT
आपका विश्लेषण एकदम सत्य है हमसब समर्थन करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट एवं डिस्ट्रिक्ट कोर्ट जज का सिलेक्शन upsc या pcs एग्जाम द्वारा होना चाहिए, ऐसी कानून व्यवस्था सरकार को लानी चाहिए। कोर्ट भी पब्लिक सर्विस के लिए है तो कोर्ट और कोर्ट की कार्य व्यवस्था की अकाउंटेंबिलिटी तय होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में जजों नियुक्तियों में कालेजीयम सिस्टम को समाप्त कर जजों की जबाबदेही तय की जानी चाहिए और पक्षपात पूर्ण निर्णयों की पुनर्सेंमीक्षा की जानी चाहिए
जी हाँ
विजय जी हमें अमेरिकी व्यापारी सोरोस की पकड़ भारतीय वकीलों के द्वारा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुकी है
जनता को ही आवाज उठानी पड़ेगी खासकर उन जजों के खिलाफ जो सिर्फ अपनी मनमानी करके अकूत संपत्ति के मालिक बनकर देश द्रोह कर रहे है ।उनके खिलाफ भी महाअभियोग चलना चाहिए ।उनकी भर्ती प्रक्रिया भी पारदर्शी होनी चाहिए ।
सर मेरा कहना यह है सुप्रीम कोर्ट के ऊपर कुछ होना चाहिए जांच होना चाहिए हिंदू विरोधी कोर्ट कोर्ट कुछ नहीं करता सुप्रीम कोर्ट के ऊपर भी कुछ कानपुर बनना चाहिए राधे राधे
सुप्रीम कोर्ट अपना चरित्र हनन स्वयं कर रहा है और अब तो हद ही हो गई कहीं जनता इनके खिलाफ आंदोलन पर न उतरआए
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न्यायिक सुधार जरूरी है। इन जजों ने सुप्रीम कोर्ट की पवित्रता को दागदार किया है।
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माननीय राष्टपति जी को चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट में कोलेजीयम सिस्टम(परिवार) वाद को खत्म करने मे भूमिका निभाना चाहिए ।
सुप्रीम कोर्ट के जजों पर भी ई डी का छापा पड़े संपत्ति की जांच हो सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसलों के ऊपर भी समीक्षा और फैसले के लिए एक तंत्र होना चाहिए कोलेजियम सिस्टम तुरन्त बन्द होना चाहिए
Judiciary reforms needed big time...
कोलेजियम व्यवस्था का समापन अति आवश्यक है ताकि न्याय का मंदिर अन्याय का किला बन कर नहीं रह जाए।
A recent example of Himachal Pradesh...
केजरीवाल के घर में होने वाली अन्याय पूर्ण घटना दायित्व सुप्रीम कोर्ट का होना चाहिए।
है
होना चाहिए अगर कोर्ट महिलाओं के सम्मान की रक्षा दायित्व समझते है
Correct.... Supreme court is indirectly responsible for such occurance
Ekdum sahi
सुप्रीम कोर्ट से पूछना चाहिए कि क्या इसी काम के लिए अंतरिम जमानत दी ?
100 % सही विश्लेषण है।लोग सुप्रीम कोर्ट को सुप्रीम कोठा बोलने लगे हैं।
विजय सरधना जी आप बहुत लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं इसलिए आपका विश्लेषण सत्ता पक्ष के लिए हमेशा रहता है,
I am not affiliated to any party, but highly disappointed with AAP because feeling cheated as voter of the party.
राष्ट्र पति के पास एक सीनियर जज की टीम होनी चाहिए ताकि रिव्यू पिटीशन के लिए निर्णय यह टीम कर सके।यह जजो की टीम की पावर सुप्रिम कोर्ट से ऊपर होना चाहिए। यह जज राष्ट्र पति को रिपोर्ट करे।
बहुत सटीक और निर्भीक विश्लेषण है। आज भारत की जनता का SC से विश्वास उठ चुका है। Contempt of court का डर पूरी तरह से समाप्त होना चाहिए।
Unfortunately, some people think that they are above public-opinion, above law, above parliament.
ACCUSED ARVIND KEJRIWAL NE JAISE ENTIRE MEDIA KO KHARID
RAKHA HAI HO SAKTA HAI
ABHISHEK MANUSINGVI KE THRU
DONOO JUSTICE KO BHI KHARID
LIYA HO
AB YE CONFIRM HO GAYA KI JO
ACCUSED BAIL NAHIN MAANG RAHA USKO SC NE OUT OF THE WAY JAAKAR BAIL DE DEE
VAISE TOH MANGNE SE BHEEK NAHIN MILTI, SC NE SIDH KAR DIYA
KI MIL SAKTE HAI
YADI SC YE BAIL NAHIN DETA TOH
ABHISHEK MANUSINGVI KA CARRIER CHOPAT HO JAATA
CJI KYA ACTION LETA HAI
WAIT AND WATCH
Excellent analysis Please rechristened from SC to Mandvi court 15:12
जब एक कमेंट में मैंने देखा एवं सुना कि विरोधी दल के नेता एवं वरिष्ठ वकील जो हमारे सीजेआई के सहपाठी रह चुके हैं, को प्रसन्न करने के लिए एवं रिश्वतखोर दो जजों के हरकत पर तुरंत सीजेआई को संज्ञान लेनी चाहिए और अन्यायपूर्ण न्याय पर रोक लगाना था। दुर्भाग्य देश का सर्वोच्च न्यायालय बिक गया....
प्रस्तुति के लिए सहृदय धन्यवाद
प्रणाम
बहुत अच्छा विश्लेषण किया है सरदाना जी, मुझे तो SC अब सुप्रीम कोठा लगने लगा है जहा सब सेटिंग का खेल हो रहा है
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@@pulkitgoel6036 क्योंकि Manish sisodia और केजरीवाल सब ने मिल कर घोटाला किया है और दिल्ली सरकार में कोई भी policy CM की आज्ञा के बिना बदल नहीं सकती, और जजों ने साफ़ कहा है कि बेल हम केस की merit पर नहीं दे रहे है, साफ़ है कि केजरीवाल और Manusinghavi का favour किया गया है
हमारी न्यायपालिका में सोरोस नामक वायरस घुस गया है इसके लिये कारगर एंटीवायरस की जरूरत है। कुछ खास वकील मनचाहे फैसले करवा सकते हैं। आम आदमी तो सुप्रीम कोर्ट में कई जन्मों तक भी नहीं पहुँच सकता, शायद राजनेताओं के लिये माननीय हमेशा आधी रात को भी तत्पर रहते हैं
Very excellent, thanking you for the all public submissions which you have raised in this clip regarding the Supreme Court and their judges again thanking you
खास आदमी के लिए खास बन्दोबस्त एही परम्परा चलते आ रहे है। साधारण जनता बेवकुफ है। सुप्रीम कोर्ट एकदम सुप्रीम!
देश के दुश्मनों का जमावड़ा हो गया है आज का न्याय तन्त्र और विशेषकर सुप्रीम कोर्ट ....
कोठा हो गया है
आज की तारीख में सुप्रीम कोर्ट के जज इस बात की परवाह नहीं करते कि उनके निर्णय को लेकर लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे। यह भी नहीं सोचते कि भविष्य में इतिहास उनका आकलन न्याय प्रिय, ईमानदार, देशभक्त के रूप में करेगा अथवा इसके विपरीत।
आम जनता को दंड और बड़े अपराधियों और देशद्रोहियों के बचाव के लिए काम कर रहा है सुप्रीम कोठा।
सटीक and तार्किक विश्लेषण. Subscribed
दोनो न्यायधिश के विरुद्ध महाअभियोग दाखील होना चाहिए.......
इसी फैसले को आधार मानकर, पंजाब में एक पूर्व मंत्री को PMLA case में गिरफ्तार होने के बावजूद, बेल दे दी गई है।।।।।
आने वाले समय में और भी जमानतें होंगी।।
केजरीवाल की अंतरिम जमानत के बारे में दिए गए निर्णय को किसी भी दृष्टिकोण से निष्पक्ष और सही नहीं माना जा सकता है। यूं तो सुप्रीम कोर्ट अनेक मामलों में अपने निर्णय देता रहता है, परन्तु अनेकों मामले ऐसे भी होते हैं जिनके संबंध में जनसाधारण की आम राय नकारात्मक या अविश्वसनीय होती है, ऐसा ही मामला केजरीवाल की अंतरिम जमानत का भी है।यह एक अहंकार पूर्ण संदेहास्पद और पक्षपातपूर्ण निर्णय है।आपका विश्लेषण बहुत ही सही और स्पष्ट और तथ्यपूर्ण है।आपका धन्यवाद।
बहुत सुन्दर विचार सादर.
सुप्रीम कोर्ट के यह निर्णय , भारत के लोकतंत्र और न्याय पालिका के लिये ठीक नहीं है। इसमें पक्षपात की बू आती है।
सरदाना साहब आपको बहुत बहुत साधुवाद कि आपने इस चर्चा में सुप्रीम कोर्ट के पिछले कुछ फैसलों पर जन आक्रोश को उजागर किया है जिनसे आम आदमी में सुप्रीम कोर्ट के प्रति एक अविश्वास की सी भावना पनपने लगीं हैं यह सच्चाई उजागर करने के लिए आपको बहुत बहुत साधुवाद, धन्यवाद।
ONCE MORE AGAIN VIJAI JI VERY THANK YOU WE PROUD OF YOU
खन्ना जी जज को मैं भरोसेमंद समझता था। यह जजमेंट केजरीवाल को अंतरिम जमानत का, वे भी संदेह के घेरे में दिखने लगे। लालच वश जब ऐसे लोग भी देश के दुश्मनों के चंगुल में आ जाएं, तब भगवान ही रक्षा कर सकते हैं। देश राष्ट्र व समाज का।
ईश्वर कल्याण करें, इसी प्रार्थना के साथ।
हाई कोर्ट के सही जजमेंट को सुप्रीम कोर्ट भ्रष्टाचार के आरोप होने के बाद भी जजमेंट भ्रष्टाचारी के पक्ष मे देता है साफ है सुप्रीम कोर्ट संदेह के घेरे में हैं I एसे जजो की सम्पति और चरित्र की जांच पड़ताल होनी चाहिए।
Sirye ky माल खाकर चरित्र हिन्
आप ने तथ्यों के साथ आज के दौर का सबसे ज्वलंत विषय सामने रखा है। आज सुप्रीम वक्फ़ कोर्ट की साख व विश्वसनीयता राजनीतिक नेताओं से भी निम्नतम स्तर पर है।
सत्य और सटीक👌👌🙏
,आपने विस्तार से जानकारी आपको नमन।
जिस तरह के फैसले सुप्रीम कोर्ट कर रहा है उस के बाद अगर केंद्र सरकार कॉलेजियम के लिए कोई कड़ा फैसला लेती है तो उस से केंद्र को फायदा हि होगा।क्यूंकि अब देश वासिओं के मन मै सुप्रीम कोर्ट के प्रति बहुत आक्रोश है।
कोर्ट/ सुप्रीम कोर्ट की जवाबदेही अविलंब तय होनी चाहिए।
कोलेजियम सिस्टम तुरंत बंद हो 😮😮😮
acha jab Sisodiya ki bail isi bench ne reject ki thi tab to nhi bola tmne ye..matlab tmhare anusaar vaisla aaye to sab thik hai or against aaye to SC galat ho gaya....isi ko anbhakt hona bola jata hai
Sir। You have beautifully exposed the Suoreme court. Thks
धन्यवाद विजय सर, वह दिन दूर नहीं जब सामान्य जन भी सुप्रीम कोर्ट के judges के पक्षपात पूर्ण निर्णयों की खुली आलोचना करने को निर्भीक होगें।
इस का मतलब है हाईकोर्ट की वेल्यू
नहीं फिर हाई कोर्ट बन्द कर दें
सुप्रीम कोर्ट को चाहे हाई कोर्ट की को मन्नत दे सुप्रीम कोर्ट साफ कह दे आप हाई कोर्ट ने जो फैसला किया हम उस मनातें
Your analysis is right,thank you sir,Judges should be answerable to public.
बहुत बहुत धन्यवाद
सरदाना जी नमस्कार,समय आ गया है अब समाधान की बात होनी चाहिए,जरुरत है विद्वान अधिवक्ताओं के नेतृत्व में जनता विरोध में उतरे, जनता में से भी योग्य और प्रभावी नेताओं को भी इस विरोध में आगे आना चाहिए,परसेप्शन तो यहां तक बन रहा है कि न्यायाधीश विधर्मियों और विदेशी देशविरोधी ताकतों के या तो प्रभाव में में हैं अथवा भयभीत हैं,कोर्ट फिक्सरों के तौर पर कुख्यात अधिवक्ता आज भी प्रभावशाली नजर आते हैं,मैं एक चिकित्सक हूं अनेक लोगों के संपर्क में आता हूं,लोगों को माननीयों का व्यवहार भारतीय संस्कारों और धारणाओं के भी विरुद्ध लगता है,तस्लीम रहमानी,जुबेर वाले मामले ने पहले से मौजूद न्यायव्यवस्था विरोधी धारणाओं को ट्रिगर किया है।
यह बहुत ही ख़ुशी की बात है कि देश में आप जैसा संवैधानिक विश्लेषक मौज़ूद है
Excellent discussion Thanks
Bahut shaandaar sachcha nidar vishleshan kiya hai SIR❤❤❤❤❤❤
सुप्रीम कोर्ट को लेकर जनता हताश और कुंठाग्रस्त महसूस करती है,ऐसा लगता है जैसे भारत का शासन चुनी हुई सरकार चला रही है अथवा बिना किसी संवैधानिक व्यवस्था के द्वारा चयनित न्यायाधीशों के एक पारिवारिक पृष्ठभूमि से आये हुए गिरोह द्वारा संसदीय प्रणाली के अधिकारों का अतिक्रमण किया जा रहा है। निराशा चरम पर है।
अच्छा किया इसे बेल दे दी चुनाव की बरना 5 सालो तक मोदी को डरा हुआ कहते रहता और साथ में ये भी की मै जेल था इसलिए बीजेपी को सीट्स मिल गयी..
हाजी यही बात है केजी की कोई सीट नही मिल सकती
True
Good thinking.
हर सिक्के का दो पहलू है। ठीक कहा आपने।
Supreme court day in day out reprimand bureaucracy. If it starts ignoring orders of court what will happen then. If the courts having power it is expected that courts act with greater responsibility.
Agar isi trah se COURT Pakhshpaat krengi to janta Apne hissab se apne liye sahi aur galat ka faisla krengi..A CORDIAL RESPECT TO YOU SIR FOR DISCLOSING THE CORRUPT SYSTEM OF BHARAT CURRENTLY
Respected Sir,We Indians Are Very Disappointed With Our Super Powerful Supermi Court,
Court दो नज़र से कर रहे है,
सुप्रीम कोर्ट के जजों को सबसे ज्यादा सज़ा सुनाई जायें तुंरत। भारतीय जनता की इच्छा है ❤🎉
शिंघवी और सिब्बल की सुप्रीम कोर्ट में ही क्यों चलती है कारण साफ है कि चढ़ावा सुप्रीम कोर्ट तक जाता है और निचली अदालतों के फैसले धरे के धरे रह जाते हैं।
acha jab Sisodiya ki bail isi bench ne reject ki thi tab to nhi bola tmne ye..matlab tmhare anusaar vaisla aaye to sab thik hai or against aaye to SC galat ho gaya....isi ko anbhakt hona bola jata hai
एक दूसरा दृष्टिकोण भी है कि सत्ता पक्ष में चले जाने वाले आरोपियों की सुनवाई पर रोक अथवा क्लीन चिट दिया जाना।जाँच एजेंसियों द्वारा अधिकतर विपक्षियों पर कार्रवाई किया जाना इन सब साजिशों से किसी को भी बचाने का दायित्व न्यायपालिका का है। यदि वह ऐसा कर पाती है तो आम नागरिकों में न्यायालय के प्रति विश्वास होगा, अन्यथा न्यायालय जोकि अन्याय को रोकने का एकमात्र अंतिम विकल्प है उससे भी भरोसा उठ जाएगा और फिर असंतोष के कारण जो होता है वहीं होगा।
This is a very serious matter
To tack action of chief justice of India
यदि पब्लिक रोड पर इनके खिलाफ आ जाय और अराजक स्थिति उत्पन्न हो जाय तो जवाब देह कौन?