कैसे पनपा Chhatisgarh में Naxalism, Jagdalpur वालों ने बताया | Lallantop Chunav
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- Опубліковано 8 вер 2024
- Journalist describing Bastar and modus operandi of naxals. Why Naxals succeed attack after attack in Chhattisgarh.
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Edited By: Tarun
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सबसे बड़ी समस्या उस क्षेत्र में भाषा की है,वहाँ की भाषा गोंडी और हल्बी ,मिक्स तेलुगु,उड़िया है।
एक समय ने इन भाषा की न्यूज़पेपर निकलती थी।
नक्सलियों का साहित्य इसी भाषा में मिलता है,जबकि हमने अच्छे संदेश और साहित्य इनकी भाषा में न पहुंचकर हिंदी और अंग्रेज़ी में पहुंचते है।
एक आम इंसान को bilingual होने में बहुत समय लगता है।
आप खुद रिपोर्टर है और ग्राउंड में देख सकते हैं कितनी हिंदी आती है और लोगों को समझना और समझाना कितना मुश्किल है।
हमने उनके आदिवासी कल्चर जो की बहुत ही उम्दा है को बढ़ने नहीं दिया।
संस्कृतकरण,हिन्दीकरण और अंग्रेजीकरण कर दिया।
यही एक मुलभुत कमजोरी रही शासन की,जब नक्सली साहित्य,नक्सलि लोकगीत का exposure जब आसान रहेगा तो वे वही सुनेंगे और पढेंगे और उनकी मानसिकता भी वैसी बनेगी।इसलिए भाषाई विकास करना होगा ,उन्ही के भाषा में अच्छे साहित्य और गान प्रस्तुत करने होंगे।
दूसरा पहलु ये है कि फारेस्ट प्रोडक्ट को अभी भी बहुत ही सस्ते दामो में बेचकर ,वहां बाहर से आये बुरे जैन-मारवाड़ी उन्हें लूट रहे हैं और बहुत मुनाफा कमा रहे हैं।ये दशकों से होता आ रहा है और इनकी पीढ़ी व्वाही बस गयी है,शोषण अब भी जारी है,रूप बदल गया है।
तीसरा,माइनिंग लीज भ्रस्टाचार पूर्वक सब दूसरे राज्य के नेताओंके करीबी रिश्तेदारों को मिला है,इसलिए नक्सली वसूली करते हैं।
चौथा,गांजे और लकड़ी की तस्करी से नक्सली आका बहुत रुपये कमाते है,इन आकाओं के बच्चे बड़े बड़े संस्थानों में पढ़ रहे हैं,वही गरीब आदिवासी मरने के लिए छोड़ दिया गया है।
पांच ,पुलिस crpf का भी खेल है,target पूरा करने के चक्कर में निर्दोष युवाओं को मार दिया जाता है,और युवतियों का शोषण किया जाता है।
शोषण का दंश युवतियों को दोनों पक्ष में झेलना पड़ता है।
लोगों को मोबाइल और चावल देना समाधान का अंग है,लेकिन पूरा समाधान नहीं है।
लोगों को educate करके वँहा बड़े पदों पर पोस्टिंग दे,और उनका एक system बनने दे,जँहा वंहां के आदिवासियों को किसी चीज़ की झिझक न हो और अपने अंदाज में मुखर हो सके।
सरकारी निर्माणों में जो घोटाले है,जहां पर एक रेकॉर्ड में कुआं खोदा जाता है,और दूसरे रिकॉर्ड में जहरीला पानी बोल कर मिटटी से भर दिया जाता है।मतलब कुआँ खुदा भी नहीं और कागज़ में सब कुछ हो गया।और पैसे की बंदरबांट हो गयी।
और निरिक्षण में सब सही हो गया।
इस प्रकार के भ्रस्टाचारो से निजात पाना है,तभी इसका हल निकलेगा।
Nice broooo
Pintu Kumar 👏👏👏👏 deep knowledge ..
Bahut badhiya 👍 sir ji
🙏
Bhai hum aapse bahut प्रभावित है पर्सनली बात करना चाहते है।
Ye Bastar talkies wale विकास तिवारी है
Nice point of viwe sir
Tivari sir best reporter 👍👍
Aap ne apni bat ko itne achha se hum logo ke samne rkha
Bastar Tallis ke Vikash sar ka nice speech
Bhut hi ache SE Aapne explain Kiya broo.....Kaas hmare leader Ka Dil or dimaag Aapke trh hoo
Great public..
Good report
Sir baki news ko v cover kiya jaye jo desh me ho raha
soch ne ki baat ye he naksali ho ya aatanki in sab ke paas hatiyar pesa khana kaha se aata he bager police or neta ke ye namumkin he sarkari log inse mile hote he apne fayde ke liye inka istamal karte he
Sir video me sync out hai audio ka
i agree with your statement.
बिल्कुल ठीक जवाब नक्सलवाद पर
👍👍👍👍
How the Naxsals are getting their arms? Who supply the arms to them?
Korba jile me to ganja har mohalle Mein milta Hai
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Lal salam