आदि सनातन पंथ हमारा। जानत नहीं इसे संसारा।। षट्दर्शन सब खट-पट होई। हमरा पंथ ना पावे कोई।। इन पंथों से वह पंथ अलहदा। पंथों बीच सब ज्ञान है बहदा।। अर्थात् हमारा आदि सनातन पंथ है जिसको संसार के व्यक्ति नहीं जानते। वह आदि सनातन पंथ सब पंथों से भिन्न है।
How was Shri Amarnaath Dhaam Established? God Shankar ji had given updesh to Parvati ji in a solitary place. Because of which Mother Parvati ji became this much liberated that until God Shiv ji ( Tamgun) will not die, even Uma ji (Parvati) will not die.
♠️हिन्दू धर्म की श्रेष्ठता हिन्दू धर्म के धार्मिक ग्रंथ ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 में लिखा है कि परमेश्वर जब भी शिशु रूप में पृथ्वी पर आते हैं तो उनका पालन पोषण कुंवारी गायों के दूध से होता है। ये बात हमारे ग्रंथों में लिखी थीं लेकिन अभी तक हमको नहीं बताया गया। ये लीला सिर्फ कबीर परमेश्वर ने ही की, क्योंकि वे ही वास्तव में भगवान हैं।
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 शिशुं जग्यानं ह्रीं तं मृजन्ति शुम्भन्ति वहिन्मरुतः गणेन कविर्गिर्भि काव्येन कवि संत सोमः पवित्रम् अत्येति रेभं ||17|| अनुवाद : पूर्ण परमात्मा (हृ शिशुम्) मानव शिशु रूप में (जज्ञानम्) जानबूझ कर प्रकट होता है तथा अपना सत्य तत्वज्ञान (तम्) उस समय (मृजन्ति) पवित्रता से (शुम्भन्ति) बोलता है (वहिन) जो परमात्मा प्राप्ति के लिए विरह की अग्नि में जलते हुए (मरुतः) पवन के समान शीतल भक्तों के समूह के लिए (गणेन) काव्यात्मक अंतर्दृष्टि द्वारा कविताओं द्वारा (पवित्रम् अत्येति) बहुत पवित्रता से (कविर गीर्भि) कविर्वाणी अर्थात् कबीर वाणी के द्वारा (रेभां) ऊंचे स्वर से बोलकर कहता है (कविर सन्त सोमः) वह अविनाशी परमेश्वर अर्थात् सतपुरुष ही संत अर्थात् ऋषि रूप में स्वयं कविर्देव है। परन्तु उस परमात्मा को न पहचानने के कारण लोग उसे कवि कहने लगते हैं। संत गरीब दास जी कहते हैं अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का एक रति नहीं भार सत्पुरुष कबीर हैं कुल के सृजन हार ❤️ हम सुल्तानी नानक तारे दादू को उपदेश दिया जाति जुलाहा भेद नहीं पाया काशी माहे कबीर हुआ ❤ Brahma Vishnu Mahesh ji 3 lok k Malik hai Anant brahmand k Malik kabir permeshwar hai Ved- kavirdev Kuran - Kabir (Surat phurkani 25 ayat 52) Bible orthodox 36:5 almighty God Kabir Guru nanak ji kahte hai Hkka kabir Karim tu beyab parwardigar ❤️ Khalak Adam srijiya wo Alam bda kabir ❤ Guru granth sahib 726 page no. I think 🤔 Sant rampal ji maharaj UA-cam channel visit Karo har ek question ka jwaab mil jayega ❤
अनमोल सत्य ज्ञान
अनमोल ज्ञान
Sat Saheb ji 🙏
अनमोल सत्संग है
Anmol giyan
भक्त हो तो माता पार्वती जी जैसी
sat saheb ji
सत साहेब🙏
सत्या ज्ञान 😌🙏🏻🙏🏻👌👌
राम राम जी
Sat Sahib 🙏🌹🙏🌹🙏
सत साहेब जी में रे गुरु जी महाराज कीजयहो ❤❤❤❤❤😢😢😢
सत साहेब जी ❤❤🙏🙏
Jay ho bandi chhod satguru sant rampal ji bhagwan ki jay ho sat saheb ji 🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🙏🌹🙏🥀💐🌻🥀🌹♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️
Nice video 👍👍
Nice
Sant Rampal Ji Maharaj ki Jay Ho Aur Parvati ki Jivan Moksh Nahin hua hai aur Hamara Bhagwan sahi hai
Sat saheb guruji
Sat saheb 🙏
आदि सनातन पंथ हमारा। जानत नहीं इसे संसारा।।
षट्दर्शन सब खट-पट होई। हमरा पंथ ना पावे कोई।।
इन पंथों से वह पंथ अलहदा। पंथों बीच सब ज्ञान है बहदा।।
अर्थात् हमारा आदि सनातन पंथ है जिसको संसार के व्यक्ति नहीं जानते। वह आदि सनातन पंथ सब पंथों से भिन्न है।
Sant rampal ji maharaj is true Gyan 🙏💖🙏🙏
तीन देवा कमल दल बसें, ब्रह्मा विष्णु महेश।
प्रथम इनकी वन्दना ,फिर सुनो सत गुरु उपदेश।
Very nice vedio
भक्त आत्माओं पार्वतीजी जैसी पुण्य आत्मा का मोक्ष नहीं हुआ लेकिन आपका और हमारा मोक्ष संभव है ❤
Ji bilkul bhagat bhai humara moksha abki baar nishchit hai 🙏🙏❤
😢😢
Kya gayn he nice ❤❤❤❤
Anmol Gyan
Kabir is God 🙏
Sahi baat hai
Great True Spiritual Knowledge in the world 🌍
True certified spritual knowledge
❤❤❤❤
भगवान रामपाल जी महाराज जी की जय सत साहेब जी
Sat saheb ji 🙏🙏
❤ Nice Satsang
Very nice satsang
ऐसा ज्ञान तो हर किसी को भी ग्रहण करना चाहिए
और ऐसा ज्ञान सुनकर अवश्य उसे गुरु की शरण लेना चाहिए
Jai bandi chodki 🙏🏻🙏🏻
The best animation film
🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾
Jai bandi chod ki 🙏🏻🙏🏻 god is one god is Kabir ll. Amar krun satlok patoun tate bandi chod ki sat sahebji sat sahebji 🙏🏻🙏🏻
Great ❤👍
ऐसा निर्मल ज्ञान है जो निर्मल करे शरीर।
और ज्ञान मंडलीक है, चकवे ज्ञान कबीर।।
How was Shri Amarnaath Dhaam Established?
God Shankar ji had given updesh to Parvati ji in a solitary place. Because of which Mother Parvati ji became this much liberated that until God Shiv ji ( Tamgun) will not die, even Uma ji (Parvati) will not die.
Kabir is god
Kabir Is Supreme God 🙏
Anmol vachan Kabir is god
Asnkha janam bharmat hoge ❤❤ ❤❤
♠️हिन्दू धर्म की श्रेष्ठता
हिन्दू धर्म के धार्मिक ग्रंथ ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 में लिखा है कि परमेश्वर जब भी शिशु रूप में पृथ्वी पर आते हैं तो उनका पालन पोषण कुंवारी गायों के दूध से होता है। ये बात हमारे ग्रंथों में लिखी थीं लेकिन अभी तक हमको नहीं बताया गया। ये लीला सिर्फ कबीर परमेश्वर ने ही की, क्योंकि वे ही वास्तव में भगवान हैं।
Kobir is god
6:40
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
Sat saheb bagat ji kya me aap ke video me se 1 v 2 mint ka video use kar sakta hu agar aap ko koi aapti na ho to
Yes, No problem 👍🏿
@@onkarchoudhary2269 bagat ji hamne channel ke owner se pucha tha
@@Kabirkashi01 😄😄🙏🏿
Voice konse site se bante ho bhagat ji 🙏🏻😊
😂
लोगों को भ्रमित करने वाला वीडियो है
बिलकुल सत्य है ज्ञान है ❤
भ्रमित तो इतने दिन खूब हो लिए
अब तो सच्चाई ही सामने आ रही है संत रामपालजी की दया से
@@chenaram5319 बिल्कुल भगत जी उसी बात की तो दिक्कत है इन्हें
ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 96 मंत्र 17
शिशुं जग्यानं ह्रीं तं मृजन्ति शुम्भन्ति वहिन्मरुतः गणेन कविर्गिर्भि काव्येन कवि संत सोमः पवित्रम् अत्येति रेभं ||17||
अनुवाद : पूर्ण परमात्मा (हृ शिशुम्) मानव शिशु रूप में (जज्ञानम्) जानबूझ कर प्रकट होता है तथा अपना सत्य तत्वज्ञान (तम्) उस समय (मृजन्ति) पवित्रता से (शुम्भन्ति) बोलता है (वहिन) जो परमात्मा प्राप्ति के लिए विरह की अग्नि में जलते हुए (मरुतः) पवन के समान शीतल भक्तों के समूह के लिए (गणेन) काव्यात्मक अंतर्दृष्टि द्वारा कविताओं द्वारा (पवित्रम् अत्येति) बहुत पवित्रता से (कविर गीर्भि) कविर्वाणी अर्थात् कबीर वाणी के द्वारा (रेभां) ऊंचे स्वर से बोलकर कहता है (कविर सन्त सोमः) वह अविनाशी परमेश्वर अर्थात् सतपुरुष ही संत अर्थात् ऋषि रूप में स्वयं कविर्देव है। परन्तु उस परमात्मा को न पहचानने के कारण लोग उसे कवि कहने लगते हैं।
संत गरीब दास जी कहते हैं
अनंत कोटि ब्रह्माण्ड का एक रति नहीं भार सत्पुरुष कबीर हैं कुल के सृजन हार ❤️
हम सुल्तानी नानक तारे दादू को उपदेश दिया जाति जुलाहा भेद नहीं पाया काशी माहे कबीर हुआ ❤
Brahma Vishnu Mahesh ji 3 lok k Malik hai
Anant brahmand k Malik kabir permeshwar hai
Ved- kavirdev
Kuran - Kabir (Surat phurkani 25 ayat 52)
Bible orthodox 36:5 almighty God Kabir
Guru nanak ji kahte hai
Hkka kabir Karim tu beyab parwardigar ❤️
Khalak Adam srijiya wo Alam bda kabir ❤
Guru granth sahib 726 page no. I think 🤔
Sant rampal ji maharaj UA-cam channel visit Karo har ek question ka jwaab mil jayega ❤
❤❤
अनमोल ज्ञान
Nice