शब्दों की अनूठी रचना , शब्दों से खेलना ,शब्दों के चक्रवियू का जादू ---- शब्द को उचाॅई पर उछाल कर महानता का स्थम्ब खड़ा करना या शब्द को धरातल पर ला कर समाज की विसगँतियों का पर्दा पाश करना। पहली बार इस cafe मे देखा है --- आदरणीय शरदजी के करकमलों से।वक्ता का भी जबाब नही। आनन्द आया सुन कर।
शब्दों की अनूठी रचना , शब्दों से खेलना ,शब्दों के चक्रवियू का जादू ----
शब्द को उचाॅई पर उछाल कर महानता का स्थम्ब खड़ा करना या शब्द को धरातल पर ला कर समाज की विसगँतियों का पर्दा पाश करना। पहली बार इस cafe मे देखा है --- आदरणीय शरदजी के करकमलों से।वक्ता का भी जबाब नही। आनन्द आया सुन कर।
रीटा कोहली
बढ़िया विश्लेषण, बधाई ब्रजेश जी
THANKS FOR YOUR MOTIVATION... DO KEEP JOINING
it is very nice enjoy great
Thanks a lot
तीखे तेवर की रचना औऱ आपकी प्रस्तुति!! सोने में सुगंध 💐💐🙏🙏 बृजेश जी क्या आप मंदसौर रहे हैं??
Thanks