आपने बिल्कुल सत्य कहा साहेब मां बाप से बढ़कर कोई देवी देवता नहीं है। साहेब हमनें मातृ पितृ भक्ति मार्ग की स्थापना की है जिसमें माता पिता की सेवा भक्ति करने के लिए सिख जाती है। इस पर आपकी क्या राय है। आपको कोटि कोटि साहेब बंदगी।
सादर प्रणाम,, अमुल्य विचार के लिए धन्यबाद,, आप 100% सही बोलता है,, पर पाप-पुण्य का सबसे ज़्यादा भागीदार कौन होता है??? वो है गुरू,, पहले तोलो फिर बोलो,,
Sahib Bandagi Satnam Saheb aapse nivedan hai Kabir Saheb avigat se chale Aaye Re Mera bhedbhav Na Paye lekin aap apne Satsang Mein Kahate Hain Kabir sahab bhi Man ke Garbh Se Aaye to isko spasht kariye
kis bevkuf ne aisa kah diya jis Ghar ke snatan snskar hote hay ve mata pitaki bhi seva karte hay aur bhagvan ki Puja bhi karte hay .Mahatma ji sabhiko ek tarajume mat tauliye .
ramashnkar ki sabhi bate sirf bhadas nikalne Vali hoti hay , is mahashay ko itna bhi pata nahi hay ki jagat me har prakar ke log hote hay . sirf bure nahi achche log bhi hote hay .
देवी देवताओं का अस्तित्व है न मालूम हो तो कबीर ग्रंथ को दोबारा पढ़ो , कौन सी नई बात बोली आपने अब ध्यान से सुनो ...... सर्व तीर्थमयी माता , सर्व देवमय पितुः आप अपना धंधा चलाओ किसी के अस्तित्व को ठेस न पहुंचाओ
रमाशंकर जी किसी देवी दर्शन करने के लिए आप ना ही इतनी भक्ति कर रहे हो नहीं आपने कर मैसेज है जो देवी दर्शन करो तुम्हें शर्म नहीं आती सनातन के बारे में उल्टा सीधा बोलते हुए तुम सिर्फ अपने कबीर को देखो
क्यों फालतू चिल्ला रहे हो ? अपनी मां को फटी शादी और दुर्गा मां को दस हजार की साड़ी खरीदने की किसकी बात कर रहे है आप ? हजारों लाखों में कोई दो चार आदमी होंगे ऐसे जिनकी बात आप कर रहे हैं। बाकी लोग तो अपनी मां को भी दस हजार रुपये की साड़ी पहनाते हैं और दुर्गा मां को भी।
रमाशंकर असली, मां और नकली मां करता है,ऐसा मूर्ख मूढ़ कहीं नहीं देखा होगा। मां हमेशा असली ही होती है। यदि दूसरी भी कोई हो माता की तरह ही प्रेम देती है।तो उसको भी मां के समान ही मानना चाहिए।इस पथ भ्रष्ट, बुद्धि भ्रष्ट बुड्ढा कब समझेगा।इस बुड्ढे को पागलखाने भेज दिया जाय। सर्वोत्तम रहेगा।
माता पिता और गुरु तीनों ही बडे़ होते हैं।
आपने बिल्कुल सत्य कहा साहेब मां बाप से बढ़कर कोई देवी देवता नहीं है।
साहेब हमनें मातृ पितृ भक्ति मार्ग की स्थापना की है जिसमें माता पिता की सेवा भक्ति करने के लिए सिख जाती है।
इस पर आपकी क्या राय है।
आपको कोटि कोटि साहेब बंदगी।
Gurudewdjie ko mera pranaam jay gurudew kabir panthi 💞💞🌺🌺🎖🎖🏆🏆
Satyvachan 100% saheb ki bat
माता-पिता के धर्म का कर्ज कोई नहीं उतार सकते हैं 👏🏻🙏🏻
Sat saheb ji
बिल्कुल सही कहा है गुरु जी
🌹🙏जय श्री मदन जी 🙏🌹
G pahla Guru Mata pita hi hota hai
Sahi bat
😊
Jay bhim
sty nam
Bahut sach baat
Ma ke chrnome 33 coti devta
Jay bhim mahraj ji Aapka bat Saty Hai
जय कबीर साहेब जी जय भीम जय संत रमाशंकर जी।
सत्य वचन
सादर प्रणाम,, अमुल्य विचार के लिए धन्यबाद,, आप 100% सही बोलता है,, पर पाप-पुण्य का सबसे ज़्यादा भागीदार कौन होता है??? वो है गुरू,, पहले तोलो फिर बोलो,,
Sahib Bandagi Satnam Saheb aapse nivedan hai Kabir Saheb avigat se chale Aaye Re Mera bhedbhav Na Paye lekin aap apne Satsang Mein Kahate Hain Kabir sahab bhi Man ke Garbh Se Aaye to isko spasht kariye
प्रेम न बाड़ी उपजै, प्रेम ना हाट बिकाय। राजा प्रजा जेहि रूचै, शीश देई लै जाए।।
Ise kake vejo
सत्य सबको कड़वा लगता है
Prem Prm ka ruphat jana nahi kabir us prem ka nam bechta hogaya ise bbasir
Kabir saheb hindu hai ya muslim
Ajikali gurukeliebi log bahut kharcha kartihe, lekin janamdia bap maakkelie khaibakubi Nehi detihe bapmaa vukha marehe lekin , ab bahut guru gurukelie kharcha kartehe
Kabir ki ma asli thi kya
Prat kal uthi ke RaghunathA. MAT PITA GURU NAVAHI MATH. -TULSIDAS.
kis bevkuf ne aisa kah diya jis Ghar ke snatan snskar hote hay ve mata pitaki bhi seva karte hay aur bhagvan ki Puja bhi karte hay .Mahatma ji sabhiko ek tarajume mat tauliye .
ramashnkar ki sabhi bate sirf bhadas nikalne Vali hoti hay , is mahashay ko itna bhi pata nahi hay ki jagat me har prakar ke log hote hay . sirf bure nahi achche log bhi hote hay .
देवी देवताओं का अस्तित्व है न मालूम हो तो कबीर ग्रंथ को दोबारा पढ़ो , कौन सी नई बात बोली आपने अब ध्यान से सुनो ...... सर्व तीर्थमयी माता , सर्व देवमय पितुः
आप अपना धंधा चलाओ किसी के अस्तित्व को ठेस न पहुंचाओ
रमाशंकर जी किसी देवी दर्शन करने के लिए आप ना ही इतनी भक्ति कर रहे हो नहीं आपने कर मैसेज है जो देवी दर्शन करो तुम्हें शर्म नहीं आती सनातन के बारे में उल्टा सीधा बोलते हुए तुम सिर्फ अपने कबीर को देखो
क्यों फालतू चिल्ला रहे हो ? अपनी मां को फटी शादी और दुर्गा मां को दस हजार की साड़ी खरीदने की किसकी बात कर रहे है आप ? हजारों लाखों में कोई दो चार आदमी होंगे ऐसे जिनकी बात आप कर रहे हैं। बाकी लोग तो अपनी मां को भी दस हजार रुपये की साड़ी पहनाते हैं और दुर्गा मां को भी।
Murakh
Murakh
बेईमान को मां की भक्ति समझ ही नहीं आती. रमाशंकर जैसे gadahe ही ऐसी बकवास करते हैं.
Gadha re murakh
रमाशंकर असली, मां और नकली मां करता है,ऐसा मूर्ख मूढ़ कहीं नहीं देखा होगा। मां हमेशा असली ही होती है। यदि दूसरी भी कोई हो माता की तरह ही प्रेम देती है।तो उसको भी मां के समान ही मानना चाहिए।इस पथ भ्रष्ट, बुद्धि भ्रष्ट बुड्ढा कब समझेगा।इस बुड्ढे को पागलखाने भेज दिया जाय। सर्वोत्तम रहेगा।
Samjhega to tu nhi re murakh