हमारे जीवन में कैसे पड़ता है संगत का असर

Поділитися
Вставка
  • Опубліковано 20 жов 2024
  • हमारे जीवन में कैसे पड़ता है संगत का असर#aniruddhacharya झाड़ू लगाते समय घर में मरने वाले कीड़ों से पाप लगेगा कि नहीं? महिलाएं जरूर सुनें। अनिरुद्धाचार्य जी
    घर में झाड़ू लगाते समय झाड़ू से मरने वाले कीड़ों से पाप लगेगा कि नहीं? महिलाएं जरूर सुनें। श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज
    #shrianiruddhacharyajimaharaj #aniruddhacharyajilive #vrindavan #bhajan
    एक ही संकल्प, एक ही नारा ।
    सेवा ही है, धर्म हमारा।।
    श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज
    सनातन धर्म की ध्वजा को लेकर पूरे विश्व में लाखों-करोड़ों लोगों को गौरी गोपाल भगवान की भक्ति और अपनी अमृतमयी वाणी से सेवा, संस्कृति और संस्कारों से जोड़कर लोगों का जीवन बदलने वाले श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज
    के आधिकारिक यूट्यूबवृन्दावन#shrianiruddhacharyajimaharaj #aniruddhacharyajilive #vrindavan #bhajan
    एक ही संकल्प, एक ही नारा ।
    सेवा ही है, धर्म हमारा।।
    श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज
    सनातन धर्म की ध्वजा को लेकर पूरे विश्व में लाखों-करोड़ों लोगों को गौरी गोपाल भगवान की भक्ति और अपनी अमृतमयी वाणी से सेवा, संस्कृति और संस्कारों से जोड़कर लोगों का जीवन बदलने वाले श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज
    के आधिकारिक यूट्यूब चैनल में आपका स्वागत है।
    आपको जानकार खुशी होगी कि यह यूट्यूब चैनल पूरे विश्व में अध्यात्म का सबसे बड़ा यूट्यूब चैनल है जहाँ ठाकुर जी नित्य दिव्य लीलाओं का श्रवणपान कथाओं के माध्यम से कराया जाता है।
    आइए हम भी इस परिवार का हिस्सा बनकर सनातन धर्म को और उच्च शिखर तक पहुंचाने में पूज्य महाराज जी की मदद करें-
    पूज्य श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज और गौरी गोपाल आश्रम के तत्वावधान में निरंतर चलने वाली सेवाएं जिनसे जुड़कर आप अपने धन को धर्ममय बनाकर पुन्य की प्राप्ति अवश्य करें-
    वृद्ध आश्रम
    पूज्य महाराज जी के पावन सानिध्य में श्री धाम वृंदावन की पावन पवित्र भूमि पर एक ऐसे आश्रम की नींव रखी गई जहां संपूर्ण मातृशक्ति को सम्मान तो मिलेगा ही साथ ही वहां अपनों का प्यार भी पूज्य महाराज श्री जी से मिलेगा और उस आश्रम का नाम रखा गया गौरी गोपाल वृद्धाश्रम ..
    बदलते समाज की अवधारणा ने एक ऐसा भीषण रूप ले लिया है जहां अपने सगे पुत्र ही अपने माता पिता को दर-दर भटकने के लिए मजबूर कर देते हैं और उन्हें हाथ पकड़ कर घर से बाहर धकेल देते हैं जब यह पीड़ा पूज्य महाराज श्री तक पहुंची तब उन्होंने ऐसा संकल्प लिया कि हम ऐसे अपनों के द्वारा ठुकराए हुए सताए हुए वृद्धजनों की सेवा करेंगे और एक संकल्प के साथ में आश्रम की नींव रखी गई जहां लगभग 262 से कहीं ज्यादा वृद्ध मां अभी भी रह रहीं हैं। पूज्य महाराज श्री जी का सपना है कि हम 1000 से कहीं ज्यादा वृद्ध�

КОМЕНТАРІ • 5