संत बाबा कारू खिरहरि लोकगाथा(भगैत) प्रसंग भाग-8. स्वर- रुदल पंजियार।। RUDAL PANJIYAR

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  • Опубліковано 25 сер 2024
  • आप संत बाबा कारू खिरहरि (संत बाबा कारू वह मॉं गहिल संवाद) प्रसंग सुन रहे हैं।कारू बाबा लछण को इस लिए सत्य के वान बांध दिये क्योंकि लछण कारू बाबा के बात को नहीं मान रहे थे जबकि छलण कारू बाबा के हित में बोल रहे थे। इसलिए कवि लिखे हैं-
    1.ये मत जानो डाक निर्बुध्दि,
    आबहि काल विनाशहि बुध्दि।
    2.जब काल मनुष्य पर छाता है,
    तो पहले विवेक मर जाता है।
    3.होइहे वही जो,राम रचि राखा।
    को करि तर्क बढा वहि शाखा।
    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
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