"Saptashrungi" is also the Sahastrar of Universe (1985-1217 Puja Talk, Nashik, India)

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  • Опубліковано 2 лис 2024

КОМЕНТАРІ • 15

  • @rahulbaghla8989
    @rahulbaghla8989 5 місяців тому +1

    Jai shri mata g 🙏🙏🙏

  • @savitakumthekar2966
    @savitakumthekar2966 5 місяців тому

    जय श्री माताजी ❤❤
    आपको कोटी कोटी नमन

  • @amitshinkar1
    @amitshinkar1 2 роки тому

    🙏🏻🌹जय श्री माताजी 🌹🙏🏻

  • @pravinsinghchouhan5957
    @pravinsinghchouhan5957 4 роки тому

    जय जय गुरुमाता,, आपको कोटि कोटि प्रणाम

  • @irinaopris3668
    @irinaopris3668 5 років тому

    Jai Shree Mataji!🌹🌹🌹🌹🌹

  • @gouravsul2610
    @gouravsul2610 5 років тому

    Jai Shri mataji

  • @anilgangurde4745
    @anilgangurde4745 4 роки тому

    क्या यह माता माँ निर्मलादेवी मुझे अपने चरण में जगह देगी क्या ❓ और मैं इनके लिए सेवा करूगा

  • @arpanbhalerao01
    @arpanbhalerao01 5 років тому

    Aap sahaj yog ka channel chalo ache baat hai par aap ue se paise mat kamao

    • @vnd21
      @vnd21  5 років тому +1

      I m not earning money for me. It's goes for sahaja work. Jai Shree Mataji 😇 🤗

    • @arpanbhalerao01
      @arpanbhalerao01 5 років тому

      @@vnd21 shree mataji ne mana kara hai isa kuch karne ko..aap advertisement band karo channel par..maa ke lecture me bich me advertising aate hai..jo galat hai. Jab adishakti bol rahe hai to bich me ads kyu?

    • @arpanbhalerao01
      @arpanbhalerao01 5 років тому +1

      पैसा आप लोग कहीं भी मत दीजिए और ना किसी से आप पैसा ले । पैसे के मामले में पड़िए नहीं । आश्रम भी बनाने के लिए जो गवर्नमेंट जमीन भी देगीं उसमें भी कभी इस तरह से विचार न करें कि उसमें आप सब्जी लगाइए । फिर आप सब्जी बेचते रहें, ये सब धंधे करने की कोई जरूरत नहीं । हम लोगों को पैसा नहीं कमाना है । आज आपने पढ़ा होगा कि वो चेयरमैन स्टेट बैंक का क्या हाल हुआ है । वो आश्रम में गए वो नब्बे लाख उनको दिया, बीस लाख उनको दिया, वहां फर्नीचर बन रहा है । फर्नीचर बनाने का क्या आश्रम में काम करने का होता है अक्कल लगाइए । आप मेहरबानी से अपने इसमें फर्नीचर बनाकर उसको बेचिएगा नहीं, नहीं तो कल देखिएगा कि हम आ रहे हैं पीछे लोग फर्नीचर बना रहे हैं, कोई जरूरत नहीं है । वहां पर आपको मन आए तो gardening (बागवानी) करना नहीं तो gardener (माली) रख लेना । ये सब काम करने के लिए बहुत से लोग हैं । आप लोग कोई विशेष काम के लिए हैं । आप ध्यान में और चैतन्य से और दूसरों के दुख दूर करने में, उनको चैतन्य देने में, उनको जागृति देने में, उनको पार कराने में (अस्पष्ट) लगाइए । और पैसा जहां तक है दूर रहिए । पैसे के मामले में बिल्कुल आप लोग मत पड़़िए । कि पैसा और वो पैसे का इंतजाम होना चाहिए और इतना इतना पैसा लो और उसका हिसाब-किताब रखो कोई जरूरत नहीं । चैतन्य का और पैसे का हिसाब किताब आपने जोड़ दिया तो आप पकड़ जायेंगे हमेशा के लिए । इसलिए पैसा और परमात्मा इसका बिल्कुल कोई संबंध नहीं । कोई आप को मुफ्त में जगह देता है, भले; नहीं देता है तो कोई ऐसी बात नहीं, सब परमात्मा की मर्जी है । आप अगर कहीं बैठे हुए हैं, किसी ने आपको जगह दे दी तो परमात्मा का आदमी था उसने दे दी; नहीं दी, नहीं दी भला । जगह से कोई भी मनुष्य परमात्मा (अस्पष्ट)। आश्रम बहुत से बने हुए हैं यहां । आज आपलोग आश्रम नहीं बनाया इसीलिये उधर कोई भी दृष्टि न लगाएं । मेहरबानी से अपनी दृष्टि उधर न लगाएं कि आश्रम में हम ये करेंगे, वो करेंगे और आश्रममें हम business (व्यापार) करेंगे, मैं ये चीज कभी चलने नहीं दूंगी । और जब मैं देखूंगी आप लोग इस धंधे में फंसे हुए हैं तो मेरे बस के आप लोग नहीं । फिर मैं आपके लिए कुछ नहीं हूँ । Business आपको बिल्कुल नहीं करना है किसी भी तरह का । पैसा भी आपको इकट्ठा नहीं करना है किसी भी तरह, कोई सी भी चीज के लिए । एक साहब थे वो मुझसे कहने लगे कि मैं आपका फोटो बेचूंगा फिर उनका मैं वो आश्रम को पैसे दूंगा। तो मैंने कहा कौन सा आश्रम, किस को पैसे देने है, किसने कहा तुम्हें ये (अस्पष्ट) ? तुमसे किसने कहा ? इसकी कोई आपको चिंता करने की जरूरत नहीं । इसका करने वाला, अपने को संभालने वाला वो हैं । हम कोई अपना काम थोड़े ही कर रहे हैं, उसका काम कर रहे हैं । उसको देना हो तो दें, नहीं देना हो तो नहीं दे । और वही काम जो रात दिन हम गोबर खाने का करते हैं वो इसमें आकर भी करने का है तो कोई फायदा नहीं । मुझे इस तरह का सुझाव कोई भी ना दें क्योंकि दो चार ने दिया है इससे मुझे बड़ा जी घबराता है । मेहरबानी से मुझे इस तरह के सुझाव को मैं सुनने वाली नहीं हूँ । ऐसे तो मैं सीधी हूँ और भोली भी हूँ लेकिन ऐसी बड़ी चालाक भी हूँ । इस चक्कर में मैं आने वाली नहीं हूँ । आपको पहले ही मैं बता देती हू्ँ पैसे के चक्करबाजी में आपने अगर मुझे चलाया तो मैं उसमें चलने वाली नहीं । चाहे तो आप लोग उसमें पार हो चाहे नहीं हो, मेरा इससे कोई मतलब नहीं । पहले समझ लेना चाहिए कि पैसे का और इसका कोई भी संबंध कहीं भी किसी जगह भी नहीं है।
      1973-09-03 Atma Sakshatkar ka Arth 1973 Mumbai

    • @vnd21
      @vnd21  5 років тому

      Thanku so much😊😇. I will do it as soon as possible. Jai Shree Mataji 😇 🤗

    • @arpanbhalerao01
      @arpanbhalerao01 5 років тому

      Jai shree mataji

  • @anits9967
    @anits9967 5 років тому

    Jai shree mataji