एस के सोलंकी भजन/कबीर भजन/हिन्दी भजन/आदिवासी भजन/कड़वी बेल नी ककड़ी भले गंगा मा डुबाय/अंदर का बीज..

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  • Опубліковано 14 жов 2024
  • गायक एस के सोलंकी संगीत राकेश कनोजे।
    कबीर भजन कड़वी बेल नी ककड़ी भले गंगा मा
    डुबाय अंदर का बीज बदले बिना कहा से मीठी होय।
    सत गुरु के सत्य वचन सुनकर अपना जीवन धन्य बनाएं और उसे अपने जीवन काल में उतार कर अंतर आत्मा तक पहुंचाए।
    भजन को अधिक से अधिक शेर करे और लाईक करे और अपना जीवन धन्य बनाएं और किसी और का जीवन सफल बनाने में मदद करें धन्यवाद।
    एक घड़ी आधी घड़ी आधी से भी आधी घड़ी।
    कबीर संगत साधु की कोटि कटे अपराधी।।
    अपराध को काटने के लिए, भजन सुने 6263215855

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