प्रिसेप्टर बनने की दशा | Condition of Preceptor | Sahaj Marg | सहजमार्ग | Babuji Maharaj | Kasturi
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- Опубліковано 2 вер 2022
- प्रिसेप्टर वही अभ्यासी बनता है जिसे बाबूजी ने हृदय क्षेत्र पार करवा दिया हो| उस अभ्यासी के स्थूल शरीर, सूक्षम शरीर और कारण शरीर बाबूजी के आशीर्वाद से समाप्त हो गए हों| मुक्ति की दशा प्राप्त कर चूका हो| ब्रह्माण्ड क्षेत्र में जिसका पसारा हो गया हो|
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#Sahajmarg #preceptor #spirituality
प्रणाम पूज्य वर👋👋 सत्य वर्णन किया है श्री बाबूजी और अभ्यासी के बीच कोई और माध्यम है ही नही।👋👋
धन्यवाद हमारे प्रिय भाई। हार्ट फुलनेस ध्यान पद्धति ही जो सहज मार्ग मिसन ध्यान पद्धति का परिवर्तित रूप है। इसी पद्धति के अनुसार ही चलना उचित होगा। मालिक को समर्पित होते हुए बाबू जी महाराज को कोटि कोटि नमन करते हैं हम।
आपने सही कहा, हार्ट फुलनेस सहजमार्ग का परिवर्तित रूप है, इसलिये वह बाबुजी का सहजमार्ग नहीं है।
हमें तो केवल बाबुजी के सहजमार्ग का अभ्यास करना है जो कि विशिष्ट विभूति हैं और उसके भूमा से धरा पर उतरी है।
सहजमार्ग वही है जो बाबुजी ने हम अभ्यासियों के लिए उतारा है। क्यों कि उन्होंने इसे संत कस्तूरी पर शोध करके प्रमाणित कर हम सब को ये विश्वास दिया है कि इस पद्धति का अनुसरण करने से बाबुजी के आशीर्वाद से उन्ही का साक्षात्कार होता है, जिसे भूमा साक्षात्कार कहते हैं।
जैसे राम, कृष्ण की पद्धति को कोई नहीं परिवर्तित नहीं कर सकता उसी प्रकार बाबुजी के सहजमार्ग को कोई परिवर्तित नहीं कर सकता है। और परिवर्तन होता है तो वो सहजमार्ग नहीं हो सकता। इसका उल्लेख स्वामी विवेकानंद जी, लार्ड कृष्णा ने भी किया है। सृष्टि की महाप्रलय तक बाबुजी ही विद्यमान है।
हम सब अभ्यासियों का कर्त्तव्य केवल बाबुजी के सहजमार्ग का पालन करना है और अन्य लोगों को इसकी जानकारी देना है न कि अपने हिसाब से इसमें परिवर्तन करना है। इसलिये बाबुजी सब कुछ लिखित रूप में हम सब अभ्यासियों के लिए पुस्तकें उपलब्ध करवा कर, प्रकृति के कण कण में विद्यमान है। आज भी अभ्यासी बाबुजी को महसूस करते हैं।
Aap be sahi baat kha
Malik Divya hai 🙏🙏🌷🌷♥️
@@SaintKasturi babuji ka hi sahaj Marg hai .
कट्टरता वाली सोच अहम को बढ़ावा देती है, इसलिए सभी धर्म आध्यात्मिक की पहली सीढ़ी पर है।
समय के साथ समय के डिमांड के अनुसार हर चीजोमे कुछ बदलाव करना आवश्यक होता है लेकिन उसकी गहनता और बेसिक चीजों को धक्का न लगाते हुए बदलते काल और समाज को ध्यान मे रखते हुए यह सब आवश्यक है नहि तो मुट्ठी भर लोगों के लिए ही अध्यात्म रहेगा पुरे दुनिया मे अॅग्रीगोर बनेगा तभी दुनिया मे उसका असर होगा और "बाबूजी " का सपना पूरा होगा बाबूजी के प्रति आपकी श्रद्धा और प्रेम के लिए मै आपसे गदगदीत ,आनंद से भर गई हुॅ।
प्रणाम मालिक❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Guru dev ko koti koti naman ji
Pranam da ji
कोटि कोटि धन्यावाद।। ❤
Good video thanks.
❤ pranam
Sadr nmn
Jai Ho guru dev ki.
Bhaiya pujy babuji Maharaj ki itani high level ki shishya Saint Kasthuri bahanji ko shat shat Naman bt ek prathana h ki AAP sant Kasturi ji bola karen please,
Bahut sudar 🙏
धन्यवाद भाई जी
रमेश गुप्ता विकास नगर लखनऊ
Pranam babuji Maharaj
Very eye opening video with regards to clarity given on condition of Preceptor. In Today's scenario you will find thousands of preceptors in Sahaj Marg system but few of them are eligible as per babuji Maharaj saying that only abhyasi who has crossed brahmanda mandal qualify to become preceptor. Thanks brother for this wonderful sharing
Pranams. Thank you very much.
बहोत बहोत धन्यवाद brother .
।। बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी है ।।
।। आपको सादर प्रणाम है भाई साहब जी और धन्यवाद ।।
।। आपसे विनम्र निवेदन है कि इसी प्रकार का मार्गदर्शन सफाई के लिए भी बताने की कृपा करें ।।
आप का मार्गदर्शन जरुर होगा | आप हमें saintkasturi@gmail.com पर संपर्क करें |
Sahi baat hai
Thank you, master
Every video helps me finding out the solutions to my queries. Thanks brother 🙏
Grateful to you.
यही हमारा उद्देश्य है और बाबुजी का आदेश भी है की हर अभ्यासी तक सहजमार्ग का वास्तविक स्वरूप पहुंचे और अभ्यासी ईश्वर साक्षात्कार के लक्ष्य को प्राप्त करे।
🙏🙏
Bhai thanks
🙏🙇🏻♀️💐😇
జై గురుదేవ్ 🙏🙏🙏
Pranam, thank you for understanding about Preceotor. I m always thinking which kind of "DASHA" preceptor are carrying with and what is the role for ABHYASIS. I m always satisfied after watching your videos . THANK YOU SO MUCH🙏🙏🙏
बाबुजी का आशीर्वाद सभी अभ्यासियों के साथ है। हर अभ्यासी को बाबुजी के सतत स्मरण में रहना चाहिए जिससे उनकी लय अवस्था बाबुजी में आरम्भ हो जाती है।
Making one a preceptor is nothing but opening the channel to do Babuji’s work.
प्रेसेप्टर बनाने का अधिकार बाबुजी ने किसको दिया है? किस स्तर का अभ्यासी सक्षम होता है प्रेसेप्टर बनाने के लिए। बाबुजी के सहजमार्ग की पूर्ण जानकारी जिनको नहीं है वही भ्रमित हैं। बाबुजी ने स्वयं 1980 के बाद प्रेसेप्टर बनाना बंद कर दिए। इसका कारण था 98% प्रेसेप्टर जो बाबुजी ने बनाये थे वे अहं से ग्रसित हो गए थे। इसका पूरा उल्लेख बाबुजी ने सहजमार्ग पत्रिका में किया है। बाबुजी ने प्रेसेप्टर को जो शक्ति सहजमार्ग के विस्तार के लिए दी यही उन्होंने अपने अहं के विस्तार में लगा दी। इसलिये बाबुजी ने नए प्रेसेप्टर नहीं बनाए और जो बनाये थे उसमें भी दो ही केवल इस यात्रा में आगे बढ़ सके। इसलिये गलत जानकारी देकर बाबुजी के सहजमार्ग सिद्धांत को गलत प्रदर्शित न करें।
मेरे पिरय भाई आपने जो कहा मुझे बहुत अच्छा लगा,आपने बाबूजी के समय की बाते बताई,।लेकिन अभी के समय प्रशिक्षक उसी तरह से बनाये जा रहे हैं ,जैसे बाबूजी के समय मे था।आपने पाँचवे बिन्दु की दशा कही है, वो भी कोई छोटी दशा नही है ,बहुत ऊंची होती है,।क्या आज के समय के प्रशिक्षकों की दशा ऐसी है,।क्या इनका व्यवहार उठना बैठना ,स्वार्थी होना ,क्या पांचवे बिंदु की लय अवस्था से मेल खाता है? कृपया मेरा इस पर मार्ग दर्शन करें।
इस विषय पर चर्चा करनी है तो saintkasturi@gmail.com पर संपर्क कीजिये।
Vurat kya hai please aap apna number dijiye
Provide it in English sir
Does the inner state of a preceptor affect an abhyasi? Can a preceptor take an abhyasi towards higher realms by using his/her will power?🙏
अगर प्रेसेप्टर अपने विचार को इच्छा में परिवर्तित कर चुका है तो वो बाबुजी की प्राणाहुति को अभ्यासी की प्रगति के लिये प्रयोग कर सकता है और प्राणाहुति को दिशा भी दे सकता है।
इसका सबसे बड़ा उदाहरण संत कस्तूरी हैं। उनके पास ये शक्ति विद्यमान थी। आप जब संत कस्तूरी की आध्यात्मिक यात्रा का पूर्ण विवरण "अनन्त यात्रा" पुस्तकों में पढ़ेगें तो आपको सब स्पष्ट हो जाएगा।
इसमें एक महत्वपूर्ण बात ये भी है कि अभ्यासी पूर्ण रूप से बाबुजी को समर्पित होना चाहिये व उसकी लय अवस्था बाबुजी जी में आरम्भ हो गई होनी चाहिए।
ऐसे कई उदाहरण हैं जिनको बाबुजी व संत कस्तूरी ने ऊपर की दशा में पहुंचाया और व गिर कर हृदय क्षेत्र से बाहर आ गए। बाबुजी ने स्वयं एक अभ्यासी को खुश हो कर केंद्रीय क्षेत्र में पहुंचाया पर मृत्यु के समय उसकी दशा अभ्यासी की भी नहीं थी।
ब्रह्माण्ड मंडल की पहुंच वाला प्रेसेप्टर आपकी सहायता कर सकता है किन्तु नियमित अभ्यास, सतत स्मरण व सम्पूर्ण समर्पण अभ्यासी को ही करना होता है।
अन्यथा बाबुजी सब अभ्यासियों को मोक्ष व मुक्ति की दशा प्रदान कर देते किन्तु विशिष्ट विभूति केवल आपको मार्ग दिखाने व प्राणाहुति से आध्यात्मिक यात्रा में प्रगति देने के लिए अवतरित हुई है। अगर आप 4 कदम चलोगे तो बाबुजी आपको 100 कदम आगे ले जाएंगे।
आप हमसे saintkasturi@gmail.com पर सम्पर्क करें। ये विषय लिख कर नहीं समझाया जा सकता है। इसके लिए संवाद जरूरी है। आपसे बात करके हमें प्रसन्नता होगी।
@@SaintKasturi Thank you Brother for your detailed and helpful response. 🙏
@@SaintKasturi aapse bat Krna chate h ji
आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप saintkasturi@gmail.com पर हमसे संपर्क कर सकते हैं।
Does that mean that we do not need to attend individual sitting or satsangh?
अगर प्रेसेप्टर ब्रह्माण्ड मंडल के स्तर का या उससे ऊपर की स्थिति का है तो जरूर सिटींग लें अन्यथा घर पर ही नियमित रूप से सूर्य उदय से पूर्व पूजा समाप्त करें। बाकी समय में बाबुजी के सतत स्मरण में रहें।
बाबुजी की प्राणाहुति सर्वत्र है केवल उन्हें समर्पित होने की आवश्यकता है।
Dhanyavad
बाबुजी ने संत कस्तूरी पर जो शोध किया है वो समस्त मानव जाति के लिए है। अनन्त यात्रा का पूरा उल्लेख बाबुजी के पत्रों में है। अभ्यासी की जो दशा होगी उसे इन शोध पत्रों से पता चल जाएगा। जब अभ्यासी ब्रह्माण्ड मंडल में पहुंच जाता है तो उसका मैं पना समाप्त हो जाता है और उसकी दिव्य दृष्टि खुल जाती है। बाबुजी में लय अवस्था होने के कारण उसको दिव्य अनुभूतियों का अनुभव हो जाता है।
ये विषय समर्पण का है। पहले हम अभ्यासी तो बने। अभ्यासी होने के लिए नियमित रूप से पूजा, सफाई व प्रार्थना का अभ्यास करें। बाबुजी के सतत स्मरण में रहें। दस नियम की रहनी हमारे अंदर उतर जाए। मनुष्य बुद्धि से ब्रह्माण्ड मंडल को नहीं जान सकते। ये तो दशा है जिसकी अनुभूति आपको बाबुजी देते हैं।
आपने कहा कि कोई किसी को प्रसेप्टर नही बना सकता , तो जो कुछ अन्य संस्था में preceptor बनाए जा रहे है वो क्या है या हो सकता है कृपया स्पष्ट करे ।
अगर कोई किसी को प्रेसेप्टर बनाता है और उस अभ्यासी की दशा ब्रह्माण्ड मंडल की नहीं है तो वह बाबुजी का आध्यात्मिक काम नहीं कर सकता है अपितु उसका स्वयं का पतन हो जाता है। आध्यात्मिकता, हस्तांतरित नहीं होती है बल्कि नियमित अभ्यास के द्वारा कमाई जाती है। केवल बाबुजी ही हमें आध्यात्मिक दशाएँ प्रदान करते हैं।
@@SaintKasturi जी समझ गया । उत्तर के लिए आपका बहोत बहोत धन्यवाद ।
एक शंका का समाधान करने की कृपा करें की अगर आप नियमित सिटिंग्स लेते है तो हृदय क्षेत्र में मानवता का नाला नमक बिंदु खुल जाता है और इसका लक्षण यह है कि आपके शरीर में खुजली बढ़ जाती है,और यह खुजली किसी सक्षम प्रिसेप्टर से सिटिंग लेने से ही जाती है,कृपया स्पष्ट करें 😮
Bhaiya kya aapka contact ni. Mil sakta h
saintkasturi@gmail.com पर सम्पर्क करें।
The guy in video..are you preceptor,sir???
Cha**ji wala sahaj marg me to ye 3 bindu kuch or hi hai 😅 1 aapko waha ka local hona chahiye 2 aapka samajik status achcha hona chahiye or 3 aapki achchi nokari ( sarkari ho to or b achcha ) honi chahiye to aapko preceptor bana diya jayega. 😏 Aadhyatmik stathi fir chahe jo ho.
बाबुजी भूत, वर्तमान व भविष्य को जानते थे इसलिए उन्होंने संत कस्तूरी के साथ शोध पत्र तैयार किये कि भविष्य के अभ्यासी अपनी आध्यात्मिक स्थिति को जान सकें। ये शोध पत्र अनन्त यात्रा के एक एक बिंदु की दशा को बताते हैं।
@@SaintKasturi जी , आपके उत्तर के लिए बहोत बहोत धन्यवाद । कृपया बताए की मै ये बिंदुओ की जानकारी किस वीडियो से प्राप्त कर सकता हूं ।
🙏🙏