जन-जन कल्याण हेतु विचारणीय, धारण करने योग्य मानव जीवन के लिए अनमोल प्रशिक्षण*********** ******************* विपश्यना साधना प्रशिछण योग की अतिआवश्यक अति अनमोल हमारे पूर्वजों की धरोहर विद्या है सर्व प्राणी मात्र के लिए ही ससुलभ है अमन-चैन से रहने,दुखों व रोगों से मुक्ति की सफल विद्या है। मानव जगत के दुस्सवारियों एवं महामारियों से निजात दिलाने में सफल सिद्ध विद्या रही है ।सभी जाति-धर्म-समप्रदाय एवं देशी-विदेशी एवं किसी वेष भूसा के लोंगों के सभी के ग्रहण करने योग्य है देश विदेश के वैज्ञानिक विश्लेषण एव विज्ञान पर शोध की हुई विद्या है ।सभी प्रकार के सरकारी एवं गैर सरकारी शिच्छण संस्थानों व उच्च शिछा प्रणाली में एवं सभी शाषन प्रणालियों में अविलम्ब अति अनिवार्य करने योग्य है । शान्ति स्थापित करने,भ्रष्टाचार, अन्धविश्वास,वैमनष्यता आतंकवाद, भयमुक्त शाषन एवं जाति-पात वाद एवं लोगों को जुर्माना दंडनिय प्रक्रियाओं से एवं तमाम विघ्न विधाओं महामारियों से निजात दिलाने में एक कार्यगर उपाय सिद्ध हो सकती है। जो कि भारत ही नही पूरे विश्व में आज के परिवेश में मानव जाति के लिए एक चुनौति है। जो कि कारगर सिद्ध हो रही है पर्यावरण एवं प्रदूषण के हालात को देखते हुए यह आवश्यक है क्योंकि जन मानस के मनोवृतियों के बदले बिना सुधारे बिना मुमकिन ही नही नामुमकिन सा है । प्रेम एवं सदभावना पूर्ण शान्ति मय एवं ससुरछित जीवन आनन्दमय जीवन जीने की कला की हमारे पूर्वजों एवं ऋषियों मुनियों की धरोहर विपश्यना प्रशिक्षण योग की अनमोल विद्या है । सम्पूर्ण विश्व आज के भी परिवेश में इसका अनुकरण कर इसका सफल विपश्यना योग प्रशिछण कर लोग लाभान्वित होकर सकून अनुभव कर रहे हैं। दिवाकर सिंह मौर्य कपिलवत्थू विपश्यना शोध संस्थान गोरखपुर यू पी
🙏🙏🙏❤️🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 Sadhu Sadhu lành Thay ! NamoBuddhaya
Sadhu Sadhu Sadhu.
Very beautiful chanting!
Namo Buddhay .May all beings be happy.
sadhu~sadhu~sadhu~~
I'm Korean Buddhist
Very beautiful chanting
Thank you very much.
Sādhu! Our chanting grp r fr Melaka Malaysia.
Listen to Dhammacakkappavttana Suttaṃ. U will like it too...
🙏🙏🙏🌻🌻🌻sadhuSadhu sadhu,
Sadhu sadhu sadhu
sadhu sadhu sadhu
Sadhu Sadhu Sadhu
जन-जन कल्याण हेतु विचारणीय, धारण करने योग्य मानव जीवन के लिए अनमोल प्रशिक्षण***********
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विपश्यना साधना प्रशिछण योग की अतिआवश्यक अति अनमोल हमारे पूर्वजों की धरोहर विद्या है सर्व प्राणी मात्र के लिए ही ससुलभ है अमन-चैन से रहने,दुखों व रोगों से मुक्ति की सफल विद्या है। मानव जगत के दुस्सवारियों एवं महामारियों से निजात दिलाने में सफल सिद्ध विद्या रही है ।सभी जाति-धर्म-समप्रदाय एवं देशी-विदेशी एवं किसी वेष भूसा के लोंगों के सभी के ग्रहण करने योग्य है देश विदेश के वैज्ञानिक विश्लेषण एव विज्ञान पर शोध की हुई विद्या है ।सभी प्रकार के सरकारी एवं गैर सरकारी शिच्छण संस्थानों व उच्च शिछा प्रणाली में एवं सभी शाषन प्रणालियों में अविलम्ब अति अनिवार्य करने योग्य है । शान्ति स्थापित करने,भ्रष्टाचार, अन्धविश्वास,वैमनष्यता आतंकवाद, भयमुक्त शाषन एवं जाति-पात वाद एवं लोगों को जुर्माना दंडनिय प्रक्रियाओं से एवं तमाम विघ्न विधाओं महामारियों से निजात दिलाने में एक कार्यगर उपाय सिद्ध हो सकती है। जो कि भारत ही नही पूरे विश्व में आज के परिवेश में मानव जाति के लिए एक चुनौति है। जो कि कारगर सिद्ध हो रही है पर्यावरण एवं प्रदूषण के हालात को देखते हुए यह आवश्यक है क्योंकि जन मानस के मनोवृतियों के बदले बिना सुधारे बिना मुमकिन ही नही नामुमकिन सा है । प्रेम एवं सदभावना पूर्ण शान्ति मय एवं ससुरछित जीवन आनन्दमय जीवन जीने की कला की हमारे पूर्वजों एवं ऋषियों मुनियों की धरोहर विपश्यना प्रशिक्षण योग की अनमोल विद्या है ।
सम्पूर्ण विश्व आज के भी परिवेश में इसका अनुकरण कर इसका सफल विपश्यना योग प्रशिछण कर लोग लाभान्वित होकर सकून अनुभव कर रहे हैं।
दिवाकर सिंह मौर्य कपिलवत्थू विपश्यना शोध संस्थान गोरखपुर यू पी
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Shadu Shadu Shadu.
Sadhu! Sadhu! Sadhu!
Sadhu.... sadhu....... sadhu.......