बहुत ही सराहनिय कार्य प्रबंधक जी के द्वारा । एक साल से बेरोजगार बैठे उन तमाम निजी शिक्षकों के रोजी रोटी के हक के लिए आवाज उठाते हुए । और उन तमाम बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रहा हैं जो बिना पढ़ाई के , बिना कुछ सीखे , बिना परीक्षा दिए अगली कक्षा में भेज दिए जा रहे हैं ।
जब सरकार को स्कूल ही बंद करना था तो स्कूल खोलने की क्या जरूरत थी एक महीना और नहीं रुक सकते थे गार्जियन का कितना पैसा खर्च हुआ बच्चों के पीछे यह लोग क्या जानेंगे
बहुत ही सराहनिय कार्य प्रबंधक जी के द्वारा ।
एक साल से बेरोजगार बैठे उन तमाम निजी शिक्षकों के रोजी रोटी के हक के लिए
आवाज उठाते हुए ।
और उन तमाम बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रहा हैं जो बिना पढ़ाई के , बिना कुछ सीखे , बिना परीक्षा दिए अगली कक्षा में भेज दिए जा रहे हैं ।
Osm bhaiya...great job..im with u
Bauth sundar
Kis vidaylaa ka h ye??
Paikej chaihi Ka
जब सरकार को स्कूल ही बंद करना था तो स्कूल खोलने की क्या जरूरत थी एक महीना और नहीं रुक सकते थे गार्जियन का कितना पैसा खर्च हुआ बच्चों के पीछे यह लोग क्या जानेंगे
हमारे बच्चे इनके विद्यालय में पढ़ते हैं ,और खर्चों का विवरण हम भली भांति जानते हैं, कोई फीस नहीं लिया इन्होंने स्कूल बंद के दौरान।
वह तो सबको मालूम है कि स्कूल बंद था तो कोई फीस नहीं लगा अभी जब चालू हुआ है बच्चों का किताब कॉपी ड्रेस स्कूल का फीस यह सब हम लोग दिए नहीं हैं
@@sunilyadavkumar1858 हम लोग फीस नही देंगे तो गुरु लोगो का घर परिवार कैसे चलेगा,