जिसका पेट भरा हो जिसको कभी भूख का आभास ही नहीं हुआ हो ओ सुखा रोटी सत्तू का स्वाद क्या जाने सुखा रोटी सत्तू का स्वाद तो उनसे पूछिए जो भूखा है अर्थात मेरे कहने का यह मतलब है कि जिसको बाबू और दादा के संपत्ति के भरोसे जीना है वही कभी सिक्योरिटी का उल्लंघन करेगा कभी मजदूर का उल्लंघन करेगा उसका काम है दूसरे का इंसल्ट करना है जिसको अपने दम पर अपने मेहनत के भरोसे कुछ करना है जीना है वह कभी भी इस तरह का बातें नहीं करता है किसी भी काम को गलत नहीं मानता है बस उनको जो पसंद आता है उसको करने लग जाता है पूरी मेहनत के साथ
NICE
Nice information sir ji 🎉🎉
जिसका पेट भरा हो जिसको कभी भूख का आभास ही नहीं हुआ हो ओ सुखा रोटी सत्तू का स्वाद क्या जाने सुखा रोटी सत्तू का स्वाद तो उनसे पूछिए जो भूखा है अर्थात मेरे कहने का यह मतलब है कि जिसको बाबू और दादा के संपत्ति के भरोसे जीना है वही कभी सिक्योरिटी का उल्लंघन करेगा कभी मजदूर का उल्लंघन करेगा उसका काम है दूसरे का इंसल्ट करना है जिसको अपने दम पर अपने मेहनत के भरोसे कुछ करना है जीना है वह कभी भी इस तरह का बातें नहीं करता है किसी भी काम को गलत नहीं मानता है बस उनको जो पसंद आता है उसको करने लग जाता है पूरी मेहनत के साथ