🔥📗Indian Constitution

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  • Опубліковано 19 вер 2024
  • पड़ी थी नींव तेरी चाँद-सूरज के उजाले पर, तपस्या पर, लहू पर, आग पर, तलवार-भाले पर। डरे तू नाउमींदी से, कभी यह हो नहीं सकता। कि तुझ में ज्योति का अक्षय भरा भण्डार है साथी।
    भुजाओं पर मही का भार फूलों-सा उठाये जा, कँपाये जा गगन को, इन्द्र का आसन हिलाये जा । जहाँ में एक ही है रौशनी, वह नाम की तेरे, जमीं को एक तेरी आग का आधार है साथी।
    • रामधारी सिंह दिनकर UPSC

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