*मुनिवरों! राष्ट्र उस काल में पवित्र बनेगा जब यहाँ प्रत्येक मानव अपने कर्तव्य का पालन करेगा क्योंकि कर्तव्यवाद ही तो हमारे यहाँ धर्म माना गया है धर्म केवल उसको नहीं कहा जाता है कि आज हम शिवालय में चले जाए इससे कदापि भी राष्ट्र ,समाज धर्म कभी ऊँचा नहीँ बनता। धर्म और मानवता उस काल में ऊँची बनती है जब मानव मानव के विषय में विचारना आरम्भ कर देता है। जहाँ कर्तव्यवाद नहीँ रहता केवल स्वार्थवाद आ जाता है उस काल में धर्म और राष्ट्र दोनों ही मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। आज का जो समाज जो मुझे दृष्टिपात आ रहा है आज तो प्रत्येक मानव के हृदय में स्वार्थ भरे वाक्यों से प्रश्न किया जाता है तो वहाँ केवल एक अग्नि ऐसी प्रदीप्त होती है कि उनका हृदय यही कह रहा है कि यह आर्यव्रत राष्ट्र कदापि भी ऊँचा नहीँ बनेगा। राष्ट्र में जो मृत्यु आ गयी है इसका मूल कारण संसार में कर्तव्यवाद का न होना है और स्वार्थवाद का आ जाना है। धन को अधिक प्रधानता दे देना और हृदय में कुछ है और बाहय जगत उनका कुछ और है। मनोवैज्ञानिक ऋषि कहते है की राजा के राष्ट्र में कर्णधारों के मष्तिष्क में ऐसी विचारधारा है तो उस समय प्रजा और राष्ट्र अग्नि के मुखारविंद पर विराजमान हो जाता है। यह संसार आज अग्नि के उस मुखारविंद पर विराजमान हो गया है, आज वह व्यक्ति और राष्ट्र नेता ऊँचा माना जाता है जो सबसे ज्यादा मिथ्या उच्चारण करे। उन व्यक्तियों को लोग कहते है कि यह कितना बुद्धिमान है। यह इसीलिये आज का समाज अधोगति को जा रहा है। इस जगत का आज एक ही उपाय है की शिक्षालयों में ब्रह्मचारी और छात्र पवित्र बनें।*
नमस्ते जी आचार्य जी बच्चों की शिक्षा वह कर्तव्य है देखकर बच्चों का एडमिशन करने का मन करता है आचार्यजी प्लीजफिश जमा क्या करनी पड़ेगी धन्यवाद धन्यवाद आर्य समाज अमर रहे वेद की ज्योति जलती रहे
वेद आधारित शिक्षा ही समाज और राष्ट्र का निर्माण कर सकती है । नही तो जो समाज मे परिवार टूट रहे हैं और समाज का आपसी मेलजोल खत्म हो रहा हैं, बलात्कार हो रहे हैं ये सब शिक्षा पद्धति बदल कर ही ईन समस्याओ से निजात मिल सकती है l
जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आर्य समाज अमर रहे वेद की ज्योति जलती रहे
अतिउत्तम.... शुभकामनायें 🇮🇳
Ek Arya samaj hi hain jo desa ko pragati ko le ja sakta hain
Namaste Aryaworth
Shankaracharya ji ka yogdan jyada hai.
🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत सुन्दर l
🙏🙏🙏
नमस्ते आचार्य जी बच्चों की शिक्षा वह कर्तव्य देखकर बच्चों का एडमिशन कराने का मन करता है आचार्य जरा प्लीज बताओ क्या फीस जमा करनी पड़ेगी धन्यवाद
भाईसाहब जी अप्रैल मास के किसी भी रविवार को आप बेटी को लेकर जा सकते है। प्रवेश हो जाएगा
Sir.. Kya sc / st.... Ki baalika aapke yaha admittion le sakti hai
@@vikramsinghinda2894सबका प्रवेश होता है.
जाति का भेद भाव नहीं है
योग्यता होनी चाहिए
Bilkul ho sakta hai gurukul me जाति के आधार पर नहीं योग्यता के आधार पर होता है@@vikramsinghinda2894
भाईसाहब जी कुछ गुरुकुल में फीस है कुछ में नहीं है और अगर फीस है भी तो वो बहुत कम फीस होती है
Acharya ji me apni putri ka aedmishan karna chahta hu krapya kar kament me batae💯🙏🙏🙏
*मुनिवरों! राष्ट्र उस काल में पवित्र बनेगा जब यहाँ प्रत्येक मानव अपने कर्तव्य का पालन करेगा क्योंकि कर्तव्यवाद ही तो हमारे यहाँ धर्म माना गया है धर्म केवल उसको नहीं कहा जाता है कि आज हम शिवालय में चले जाए इससे कदापि भी राष्ट्र ,समाज धर्म कभी ऊँचा नहीँ बनता। धर्म और मानवता उस काल में ऊँची बनती है जब मानव मानव के विषय में विचारना आरम्भ कर देता है। जहाँ कर्तव्यवाद नहीँ रहता केवल स्वार्थवाद आ जाता है उस काल में धर्म और राष्ट्र दोनों ही मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। आज का जो समाज जो मुझे दृष्टिपात आ रहा है आज तो प्रत्येक मानव के हृदय में स्वार्थ भरे वाक्यों से प्रश्न किया जाता है तो वहाँ केवल एक अग्नि ऐसी प्रदीप्त होती है कि उनका हृदय यही कह रहा है कि यह आर्यव्रत राष्ट्र कदापि भी ऊँचा नहीँ बनेगा। राष्ट्र में जो मृत्यु आ गयी है इसका मूल कारण संसार में कर्तव्यवाद का न होना है और स्वार्थवाद का आ जाना है। धन को अधिक प्रधानता दे देना और हृदय में कुछ है और बाहय जगत उनका कुछ और है। मनोवैज्ञानिक ऋषि कहते है की राजा के राष्ट्र में कर्णधारों के मष्तिष्क में ऐसी विचारधारा है तो उस समय प्रजा और राष्ट्र अग्नि के मुखारविंद पर विराजमान हो जाता है। यह संसार आज अग्नि के उस मुखारविंद पर विराजमान हो गया है, आज वह व्यक्ति और राष्ट्र नेता ऊँचा माना जाता है जो सबसे ज्यादा मिथ्या उच्चारण करे। उन व्यक्तियों को लोग कहते है कि यह कितना बुद्धिमान है। यह इसीलिये आज का समाज अधोगति को जा रहा है। इस जगत का आज एक ही उपाय है की शिक्षालयों में ब्रह्मचारी और छात्र पवित्र बनें।*
नमस्ते जी आचार्य जी बच्चों की शिक्षा वह कर्तव्य है देखकर बच्चों का एडमिशन करने का मन करता है आचार्यजी प्लीजफिश जमा क्या करनी पड़ेगी धन्यवाद धन्यवाद आर्य समाज अमर रहे वेद की ज्योति जलती रहे
Fees kya hai
Number दीजिये
9358915347
वेद आधारित शिक्षा ही समाज और राष्ट्र का निर्माण कर सकती है ।
नही तो जो समाज मे परिवार टूट रहे हैं और समाज का आपसी मेलजोल खत्म हो रहा हैं, बलात्कार हो रहे हैं ये सब शिक्षा पद्धति बदल कर ही ईन समस्याओ से निजात मिल सकती है l