*श्राद्ध पक्ष में रोज करे यह पाठ* _पितरों की सद्गति हेतु तथा पितृदोष और पितृ ऋण से मुक्ति के लिए यह पाठ अवश्य करना चाहिए_ शिव गीता के सातवें अध्याय का नित्य पाठ करने से संपूर्ण पितरों की सद्गति हो जाती है तथा जो पितृ या कुल शक्तियां किसी भी प्रकार की तांत्रिक बंधन में होती हैं तो वह बंधन से मुक्त भी हो जाती हैं और कुल के देवी देवता बंधन मुक्त होने के साथ ही शक्तिशाली भी हो जाते हैं इसके अतिरिक्त घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्ति या फिर किसी भी प्रकार का निकृष्ट तंत्र हो तो वह भी सदा सर्वदा के लिए समाप्त हो जाता है इतना ही नहीं शिव गीता के सातवें अध्याय का नित्य पाठ करने से बड़े से बड़े दोष और पाप से भी मुक्ति मिलती है तथा अक्षय पुण्य की प्राप्ति के साथी ही मोक्ष का द्वार सुलभ होता है अगर यह पाठ स्वयं ना कर सके तो इस पाठ का श्रवण (सुनने) मात्र से भी वही फल प्राप्त होता है जो कि इस पाठ को करने से प्राप्त होता है शिव गीता के सातवें अध्याय के महात्म्य में इस विषय पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है अपनी मातृभाषा में ही जिस भाषा में आप अच्छी तरह बोल और समझ सके उसी भाषा में आप शिव गीता के सातवें अध्याय का अगर नित्य पाठ ना कर सके तो कम से कम श्राद्ध पक्ष में अपने पितरों की मुक्ति हेतु जरूर करें इसके अलावा भी ईश्वर गीता, शिव महापुराण का विद्येश्वर संहिता, या फिर रूद्र संहिता का भी नित्य पाठ करने से पितरों की सद्गति होती है यह अति महत्वपूर्ण जानकारी स्वयं तक ही सीमित न रखें अपने सभी परिजनों तथा अपने सभी जान पहचान के लोगों तक यह महत्वपूर्ण जानकारी जरूर साझा करें शिव गीता सातवां अध्याय 👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻 ua-cam.com/video/fPeiH2KxTFk/v-deo.html (Shiv Gita audiobook) available in Google play store
मुझे तो लगता है । आत्मा का संबंध इन संसार के लोगो से जीवित रहने पर ही होता है यह तो मरने के बाद भी पीछा नहीं छोड़ती है । मैन सुना है जीव अपना लेन देन चुकाने के लिए किसी परिवार में जन्म लेता है ।अगर अगले जन्म में सुख का हिसाब है तो सुख वरना दुख देने देने आती है आत्म जीव बनकर ।लेकिन मरने के बाद इन परिवार वालो से कोई संबंध नहीं रहता है उसका वो अब दूसरे परिवार में जाती है हिसाब किताब करने । यह प्रेत वह लोग होते है जो बुरे कर्म करते है या आत्महत्या करते है और जब तक आत्म हत्या करने वाले का निर्धारित समय नि होता तब तक वह प्रेत की योनि में रहता है ।प्रेत केवल उसी को पेरशान करते है जो उनको आने की अनुमति देता है यानी जो लोग गलत काम करते है उनमें ही प्रेत आ सकते है ।दूसरो में नही
Guruji pranam hamare papa ke ghar me ek 14 saal ke ladke ki upmrityu hui thi jisko uske papa ne gusse me aa kar ek pat me lat mari thi ab wo pret yoni me gaye hai aur wo xetrapal yoni me gaye hai bahut zyada pareshan hai iska nivaran kya hai? please help me
Kya prat ji,jo,prblm,h,wo,sb,inki,wjhsa ati,h,mtlb inko pitr yoni m laka aya to prat prblm apna ap ktam ho jaya ge hma ksi k pass jana ki,jrirt nhi h mtlb rply lra pls
जय सियाराम महाराज सही कहा जी हमारे भी घर में प्रेत दोष है तो क्या उनके लिए हम गयाजी में जाकर श्राद्ध पिंडदान तर्पण त्रिपिंडी श्राद्ध करने से प्रेत से पित्र योनि में आ जाएंगे कृपया बताएं महाराज 🙏🙏🕉️🙏🙏🙏
SHAPTAHIK BHAGWAT AUR NARAYANI SAATH KARNE SE MUKTI MIL SAKTI HAI PRET YONI SE SIRF AUR KOI RASTA NAHI HAI.WARNA PANDIT LOOT LE JAAYENGE MUKTI KE NAAM PAR AUR RESULT ZERO.
Jai siya ram maharaj ji hamare ghar me bhi ye sab ghatanae ghatit ho rahi he ye sabhi tarah ki takalife ham sab jel rahe he meri ma jo accident gujar gayi thi 23 saal pahele tabase abhi tak ham kasht se podit he krupya ahmara marg darshan kare
Maharaj ek parivaar ka bhai tha jiski akal mrityu ho gai hai vo apne ghar walo ko nahi hum logo ko pareshan krta hai usko bolte hain kahin tumhe baitha diya jaye to bolta hai nahi iska kya karein hume pareshaan karta hai
महाराज जी आजकल तो दो बच्चों पर भी ऑपरेशन करा लेते हैं और यह बात हमारे सनातन धर्म के लिए ठीक है लेकिन दूसरे धर्म के लिए क्या वह भी तो कहीं ना कहीं जाते होंगे मरने के बाद और अगर जन्नत जाते होंगे तो सीधे-सीधे पहुंच जाएंगे ऐसे क्या दिक्कत है
Mere pati ki pehli patni ki mrtyu aatm dah se hui thi mujhe lagta he unko mukti nhi mili he to me unki aatma ki santi ka upay karna chahti hu mere pati bohot preshan he unka sara unke koi bhi kaam nhi ho rahe halaki unki mot me mere pati ki galti nhi ue unki pehli pati ne galat femi me aavesh me aesa kadam uthaya tha
Aapko havan ke bare mein bhi to batana chahie Mukti bhavan aap ek hi baat ko rakhe ja rahe ho upay nahin aap bata rahe Koi aam Janata ke Kalyan ke liye aapko havan ka upay batana chahie
*श्राद्ध पक्ष में रोज करे यह पाठ* _पितरों की सद्गति हेतु तथा पितृदोष और पितृ ऋण से मुक्ति के लिए यह पाठ अवश्य करना चाहिए_ शिव गीता के सातवें अध्याय का नित्य पाठ करने से संपूर्ण पितरों की सद्गति हो जाती है तथा जो पितृ या कुल शक्तियां किसी भी प्रकार की तांत्रिक बंधन में होती हैं तो वह बंधन से मुक्त भी हो जाती हैं और कुल के देवी देवता बंधन मुक्त होने के साथ ही शक्तिशाली भी हो जाते हैं इसके अतिरिक्त घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्ति या फिर किसी भी प्रकार का निकृष्ट तंत्र हो तो वह भी सदा सर्वदा के लिए समाप्त हो जाता है इतना ही नहीं शिव गीता के सातवें अध्याय का नित्य पाठ करने से बड़े से बड़े दोष और पाप से भी मुक्ति मिलती है तथा अक्षय पुण्य की प्राप्ति के साथी ही मोक्ष का द्वार सुलभ होता है अगर यह पाठ स्वयं ना कर सके तो इस पाठ का श्रवण (सुनने) मात्र से भी वही फल प्राप्त होता है जो कि इस पाठ को करने से प्राप्त होता है शिव गीता के सातवें अध्याय के महात्म्य में इस विषय पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है अपनी मातृभाषा में ही जिस भाषा में आप अच्छी तरह बोल और समझ सके उसी भाषा में आप शिव गीता के सातवें अध्याय का अगर नित्य पाठ ना कर सके तो कम से कम श्राद्ध पक्ष में अपने पितरों की मुक्ति हेतु जरूर करें इसके अलावा भी ईश्वर गीता, शिव महापुराण का विद्येश्वर संहिता, या फिर रूद्र संहिता का भी नित्य पाठ करने से पितरों की सद्गति होती है यह अति महत्वपूर्ण जानकारी स्वयं तक ही सीमित न रखें अपने सभी परिजनों तथा अपने सभी जान पहचान के लोगों तक यह महत्वपूर्ण जानकारी जरूर साझा करें शिव गीता सातवां अध्याय 👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻 ua-cam.com/video/fPeiH2KxTFk/v-deo.html (Shiv Gita audiobook) available in Google play store
Bahut shi btaya aapne guruji
*श्राद्ध पक्ष में रोज करे यह पाठ*
_पितरों की सद्गति हेतु तथा पितृदोष और पितृ ऋण से मुक्ति के लिए यह पाठ अवश्य करना चाहिए_
शिव गीता के सातवें अध्याय का नित्य पाठ करने से संपूर्ण पितरों की सद्गति हो जाती है तथा जो पितृ या कुल शक्तियां किसी भी प्रकार की तांत्रिक बंधन में होती हैं तो वह बंधन से मुक्त भी हो जाती हैं और कुल के देवी देवता बंधन मुक्त होने के साथ ही शक्तिशाली भी हो जाते हैं
इसके अतिरिक्त घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्ति या फिर किसी भी प्रकार का निकृष्ट तंत्र हो तो वह भी सदा सर्वदा के लिए समाप्त हो जाता है
इतना ही नहीं शिव गीता के सातवें अध्याय का नित्य पाठ करने से बड़े से बड़े दोष और पाप से भी मुक्ति मिलती है तथा अक्षय पुण्य की प्राप्ति के साथी ही मोक्ष का द्वार सुलभ होता है
अगर यह पाठ स्वयं ना कर सके तो इस पाठ का श्रवण (सुनने) मात्र से भी वही फल प्राप्त होता है जो कि इस पाठ को करने से प्राप्त होता है
शिव गीता के सातवें अध्याय के महात्म्य में इस विषय पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है
अपनी मातृभाषा में ही जिस भाषा में आप अच्छी तरह बोल और समझ सके उसी भाषा में आप शिव गीता के सातवें अध्याय का अगर नित्य पाठ ना कर सके तो कम से कम श्राद्ध पक्ष में अपने पितरों की मुक्ति हेतु जरूर करें
इसके अलावा भी ईश्वर गीता, शिव महापुराण का विद्येश्वर संहिता, या फिर रूद्र संहिता का भी नित्य पाठ करने से पितरों की सद्गति होती है
यह अति महत्वपूर्ण जानकारी स्वयं तक ही सीमित न रखें अपने सभी परिजनों तथा अपने सभी जान पहचान के लोगों तक यह महत्वपूर्ण जानकारी जरूर साझा करें
शिव गीता सातवां अध्याय
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2/3प्रेतों के लिए कितने त्रिपिंडी श्राद्ध करने होते हैं
I have joined today Panditji
Bhaut badiya line guru ji
मुझे तो लगता है । आत्मा का संबंध इन संसार के लोगो से जीवित रहने पर ही होता है यह तो मरने के बाद भी पीछा नहीं छोड़ती है । मैन सुना है जीव अपना लेन देन चुकाने के लिए किसी परिवार में जन्म लेता है ।अगर अगले जन्म में सुख का हिसाब है तो सुख वरना दुख देने देने आती है आत्म जीव बनकर ।लेकिन मरने के बाद इन परिवार वालो से कोई संबंध नहीं रहता है उसका वो अब दूसरे परिवार में जाती है हिसाब किताब करने । यह प्रेत वह लोग होते है जो बुरे कर्म करते है या आत्महत्या करते है और जब तक आत्म हत्या करने वाले का निर्धारित समय नि होता तब तक वह प्रेत की योनि में रहता है ।प्रेत केवल उसी को पेरशान करते है जो उनको आने की अनुमति देता है यानी जो लोग गलत काम करते है उनमें ही प्रेत आ सकते है ।दूसरो में नही
background music disturb karta hey loudly he....
जय परम पूज्य पड़त जी
कैसे पता करे पितर प्रेत योनि में ह 🙏🙏
Part 2 Kab ayega same problem hai
राधे राधे राधे ❤❤
Apne purvajo ko hum pret yoni se kaise mukt karva sakte hai kripya marg darshan kare.
Sahi baat.Pandit ji vaakai bhut kharch kartey hai. Hota kucch nahi unsey.
और उपयोगी वीडियो डालने की कृपा करें...
mujhe bhi pret ki dikat h mere mu bhi bolta h sari baat krta h pr m usko pittar kase bnaau ye btao koi nhi janta na koi btata h
Guruji pranam hamare papa ke ghar me ek 14 saal ke ladke ki upmrityu hui thi jisko uske papa ne gusse me aa kar ek pat me lat mari thi ab wo pret yoni me gaye hai aur wo xetrapal yoni me gaye hai bahut zyada pareshan hai iska nivaran kya hai? please help me
सत्य है सब आपकी बातें
Pranaam pandit ji me Muslim tha pehle ab Hindu hua hoo kia yeh sb cheezein mje bhi krni padhegi
Kya prat ji,jo,prblm,h,wo,sb,inki,wjhsa ati,h,mtlb inko pitr yoni m laka aya to prat prblm apna ap ktam ho jaya ge hma ksi k pass jana ki,jrirt nhi h mtlb rply lra pls
करना क्या चाहिए, ये तो बताओ..महाराज
कबसे गोल गोल घुमाए जा रहे हैं बस
दस मिनेट खा गए, बताया कुछ नहीं
Nice pandit ji
Gurudev mujko karwana hai kya aapka address mil sakta hai pl help me
Shidh havn ke bare me video bana kar jisse pret Mukti hoti hai
जय सियाराम महाराज सही कहा जी हमारे भी घर में प्रेत दोष है तो क्या उनके लिए हम गयाजी में जाकर श्राद्ध पिंडदान तर्पण त्रिपिंडी श्राद्ध करने से प्रेत से पित्र योनि में आ जाएंगे कृपया बताएं महाराज 🙏🙏🕉️🙏🙏🙏
SHAPTAHIK BHAGWAT AUR NARAYANI SAATH KARNE SE MUKTI MIL SAKTI HAI PRET YONI SE SIRF AUR KOI RASTA NAHI HAI.WARNA PANDIT LOOT LE JAAYENGE MUKTI KE NAAM PAR AUR RESULT ZERO.
Ap apne pitro ko dekhao ki Bo kya mang rhe h jo apke Petr mang rhe h bo hi Kam karbao bs apke pitar sant ho jayenge bs
Jai siya ram maharaj ji hamare ghar me bhi ye sab ghatanae ghatit ho rahi he ye sabhi tarah ki takalife ham sab jel rahe he meri ma jo accident gujar gayi thi 23 saal pahele tabase abhi tak ham kasht se podit he krupya ahmara marg darshan kare
जी हां मुझे भी प्रेत बाधा है गया जी में जाकर त्रिपिंडी पिंडदान करने से क्या वो मोक्ष को प्राप्त होंगे
प्रणाम गुरूजी आपका नं मिल सकता है
Thank you sir
Maharaj ek parivaar ka bhai tha jiski akal mrityu ho gai hai vo apne ghar walo ko nahi hum logo ko pareshan krta hai usko bolte hain kahin tumhe baitha diya jaye to bolta hai nahi iska kya karein hume pareshaan karta hai
🙏🙏 গুরুজী প্রনাম 🙏🙏
आप ईसाई पादरी की ड्रेस क्यों पहनते हैं 😊😊👍🚩
क्योकीं वोह प्रेत बन गये हैं,अब वो चाहे कुछ भी पेहन सकते हैं.
हमारे यहा 12 दिन मनुष्य के और 13 वा स्त्री का कर्मकाण्ड होता है
Sub vidhi kar ke bhi sankat que cum nahi hote?
Hamare pret to daru mangte h sir or mujhe bala ji jate hua 14 sal ho gye per persaani abhi bhi bani huie h
Jut maro usko.piter nhi h vo pret h vo
किसी बालाजी महंत से मिले
Jai bhole
Jo log hindu dharm se nahi hai kya unke pitr ya pret hmesha naraj rahte hai? Kya unke jiwan mai sukh shanti nahi rahti aur wo hmesha dukhi rahte hai?
महाराज जी आजकल तो दो बच्चों पर भी ऑपरेशन करा लेते हैं और यह बात हमारे सनातन धर्म के लिए ठीक है लेकिन दूसरे धर्म के लिए क्या वह भी तो कहीं ना कहीं जाते होंगे मरने के बाद और अगर जन्नत जाते होंगे तो सीधे-सीधे पहुंच जाएंगे ऐसे क्या दिक्कत है
Mere pati ki pehli patni ki mrtyu aatm dah se hui thi mujhe lagta he unko mukti nhi mili he to me unki aatma ki santi ka upay karna chahti hu mere pati bohot preshan he unka sara unke koi bhi kaam nhi ho rahe halaki unki mot me mere pati ki galti nhi ue unki pehli pati ne galat femi me aavesh me aesa kadam uthaya tha
good
Video short me batao jai hind vande matram
Jai ho pitra devta ki
Jai shree ram
Aap hi koi jankar bta do
Jiska basic clear na ho na usko jyda aage ki baat nh karni chahiye
Aapko havan ke bare mein bhi to batana chahie Mukti bhavan aap ek hi baat ko rakhe ja rahe ho upay nahin aap bata rahe Koi aam Janata ke Kalyan ke liye aapko havan ka upay batana chahie
Jaldi banaao
Murkh kaise pitrabangaya padhai karo tab baat karo murkh.
bolne kisudh nai
गुरु जी प्रणाम कृपया करके अपना नंबर दीजिए ताकि मैं आपसे संपर्क कर सकूं इसी विषय में
*श्राद्ध पक्ष में रोज करे यह पाठ*
_पितरों की सद्गति हेतु तथा पितृदोष और पितृ ऋण से मुक्ति के लिए यह पाठ अवश्य करना चाहिए_
शिव गीता के सातवें अध्याय का नित्य पाठ करने से संपूर्ण पितरों की सद्गति हो जाती है तथा जो पितृ या कुल शक्तियां किसी भी प्रकार की तांत्रिक बंधन में होती हैं तो वह बंधन से मुक्त भी हो जाती हैं और कुल के देवी देवता बंधन मुक्त होने के साथ ही शक्तिशाली भी हो जाते हैं
इसके अतिरिक्त घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मक शक्ति या फिर किसी भी प्रकार का निकृष्ट तंत्र हो तो वह भी सदा सर्वदा के लिए समाप्त हो जाता है
इतना ही नहीं शिव गीता के सातवें अध्याय का नित्य पाठ करने से बड़े से बड़े दोष और पाप से भी मुक्ति मिलती है तथा अक्षय पुण्य की प्राप्ति के साथी ही मोक्ष का द्वार सुलभ होता है
अगर यह पाठ स्वयं ना कर सके तो इस पाठ का श्रवण (सुनने) मात्र से भी वही फल प्राप्त होता है जो कि इस पाठ को करने से प्राप्त होता है
शिव गीता के सातवें अध्याय के महात्म्य में इस विषय पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है
अपनी मातृभाषा में ही जिस भाषा में आप अच्छी तरह बोल और समझ सके उसी भाषा में आप शिव गीता के सातवें अध्याय का अगर नित्य पाठ ना कर सके तो कम से कम श्राद्ध पक्ष में अपने पितरों की मुक्ति हेतु जरूर करें
इसके अलावा भी ईश्वर गीता, शिव महापुराण का विद्येश्वर संहिता, या फिर रूद्र संहिता का भी नित्य पाठ करने से पितरों की सद्गति होती है
यह अति महत्वपूर्ण जानकारी स्वयं तक ही सीमित न रखें अपने सभी परिजनों तथा अपने सभी जान पहचान के लोगों तक यह महत्वपूर्ण जानकारी जरूर साझा करें
शिव गीता सातवां अध्याय
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Jai ho pitr devta