नियम बनाने वालों को कुछ समझ में नहीं आ रहा। परीक्षा के बाद पहले राज्यकर्मी बनाते उसके बाद ट्रांसफर पोस्टिंग करवाते कोई दिक्कत नहीं थी।नियम सबके लिए बराबर होता।पुराने नियमित के लिए अलग, महिलाओं के लिए अलग, विशिष्ट के लिए अलग।यह प्रसाद थोड़े है ।
@PriyankaKumari-j3s you all should rise your voice against the transfer policy and tell them that as a female "we also have the several types of responsibility on us"
@@vishalrsingh7296 nagar me hu to khud ka ward na de......gaw k log panchayat se alg but sehar k log ko to pura khud k nagar se hi alg kr diya girl ko aaj k e sikshakosh k update k according
@@srilalgautam4904 Did you think that transfer is a solution for quality education. you travel and reached on your school time properly .there is a Hugh difference between your job and others jobs.
नियमावली में सिर्फ और सिर्फ गृह अनुमंडल छोड़ना है जबकि खुद का पोस्टिंग अनुमंडल पत्नी के पोस्टिंग अनुमंडल पत्नी के घर अनुमंडल एव गृह अनुमंडल चार चार अनुमंडल छोड़ कर क्या सरकार वायुमंडल में नौकरी करना चाहता है
अगले साल विधानसभा चुनाव भी है। प्रजातंत्र में एक एक वोट का महत्व है। शिक्षक ट्रांसफर की गलत नीतियों, स्मार्ट मीटर का मुद्दा, जमीन सर्वे में धांधली को लेकर बिहार की जनता में काफी नाराजगी है। जिसका सीधा असर कई राजनीतिक दलों को विनाश कर देगा।
मैं पहले से ही दूसरे अनुमंडल में पदस्थापित हें,अब गृह अनुमंडल में भी नहीं आ सकता और पुराने वाले अनुमंडल में भी नहीं आ सकता तो बताइए इस नियमावली से मुझे क्या फायदा होगा😢
Kon teacher purana hai niyojit wala sab kewal itna din ghar me rahkar paisa uthaya hai kitne master ko bacche dekh ke soch me pad jate hai ki ye mere school ke master hai
समरीन जी को समझाइए ACS से सवाल करने से पहले होमवर्क करें । नियमावली से जुड़े सवाल करें पूर्व में ACS का आदेश किया था । खेल के बीच में खेल का नियम नहीं बदला जाता । प्रोबिशन ईयर में आज तक किसी का ट्रांसफर हुवा है किया ।
जो नियोजित शिक्षक बीपीएससी परीक्षा पास है और दूसरे जिले में ज्वाइनिंग नहीं किया वैसे महिला एवं दिव्यांग को उनके मूल प्रखंड में पोस्टिंग देना चाहिए इसके लिए लाइव सिटीज आवाज़ उठाएं
हेडमास्टर रिजल्ट में सभी महिला एवं दिव्यांग को उनके मूल विद्यालय अथवा मूल पंचायत अथवा मूल प्रखंड में पोस्टिंग देना चाहिए इसके लिए लाइव सिटीज आवाज़ उठाएं
विशिष्ट शिक्षक हो या प्रधान शिक्षक 2003,2005 वाले जो अभी मूल वेतन 30420 है विशिष्ट में 30750 और प्रधान शिक्षक में 30500 ठगे जा रहे है।घर से बाहर कम से कम 10 हजार तो महीने का खर्च होगा।बिहार से बाहर भी जाने को तैयार है पर उचित सुविधा और सम्मानजनक वेतन जो आप कटौती कर रहे है पुराने शिक्षक वाला वो तो दीजिये।
कमसे कम हम जिस समाज में रहते हैं वहां संयुक्त परिवार है और वहां माता पिता दादा दादी भी साथ में रहते हैं और ये बात माननीय शिक्षा मंत्री और ए सी एस महोदय को नहीं पता
ऐसी सूचना प्राप्त हुई है की ट्रांसफर पॉलिसी में जो जो अभ्यर्थी जिस जिस पंचायत का या अनुमंडल का चुनाव किए थे वह ऑटोमेटिक चेंज हो गया है कृपया अपना जांच कर ले।
बहुत ऐसे BPSC शिक्षक है जिनका घर के पास पोस्टिंग हुआ है। वो तो ट्रांसफर लेंगे नहीं फिर उनके लिए नियम अलग क्यों। वो अपने घर के पास अपने अनुमंडल में रहकर नौकरी करेंगे। सभी शिक्षक सामान है। उनका भी ट्रांसफर अपने अनुमंडल से बाहर कीजिए फिर।🙏
नियुक्ति के समय बनाये नियमनुसार शिक्षक बने, कुछ वर्षों बाद उनकी दक्षता परीक्षा ली गई, फिर कुछ वर्षों बाद सक्षमता परीक्षा ली गई, अभी और कितनी परीक्षाएं देनी पड़ेगी???
कोर्ट में जब तक केस की सुनवाई होगी तब तक ट्रांसफर हो गया रहेगा जल्द से जल्द सोर्स का प्रयोग कर सुनवाई करवाना होगा नहीं तो अनुमंडल छोड़ कमंडल या वायुमंडल में 1 जनवरी को नया साल मनेगा।
Kaha h data ki niyojit nhi bhar rhe? Kittne hi niyojit ghar se door h, mahila hai bpsc bpsc ka rona laga rkha h. Bpsc purush ka bhi same policy h nhi bhar rha koi. Jiske number kam the wo bhar rhe h.
सर नियोजित शिक्षको की निरंतरता आठ साल पर प्रमोशन को खत्म करना चाहती है।सरकार जान बुझ कर गृह प्रखण्ड के जगह पर अनुमंडल से बाहर कर रही है। ताकि शिक्षक दंडित हो और कोर्ट जाएं। प्रत्येक दिन शिक्षक सुसाइट कर रहे हैं। एक्सीडेंट में मर रहे हैं। तनावपूर्ण जीवन जी रहे हैं।
नियोजित शिक्षकों को उनके घर का ऑप्शन होना चाहिए जिससे कि उन्हें घर से बाहर न निकलना पड़े और वो वही से घर का सारा काम करे, दुकान चलाए, खेतीबाड़ी करे, खेत पटाए और जो समय बच जाए उसमें बच्चों को पढ़ाए। ये सबसे बढ़िया रहेगा। शिक्षा विभाग से अनुरोध है कि इसपर विचार करे। बिहार की जनता से पूछ लीजिए कि नियोजित शिक्षकों के प्रति क्या विचार और उनकी क्या छवि है ये पता चल जाएगा। जनता भी यही सोच रही होगी को मास्टरवा सब बहुत मस्ती मारता था, अब ई लोगो को मजा आएगा। आपलोग जो इतना हल्ला कर रहे है न सब जनता लोग खुश हो रहा है देख के, मजा ले रहा है। एक बात और बता दे आपलोग को की ये जितना भी संघ है ये सब अपना देखेगा, शिक्षक का भला कभी होने नहीं देगा।
गाँव वाले ही सही तरीके से पढ़ा रहे है।ये गलत धरना अफवाह के रूप में फैलाया जा रहा है।मैं जिस स्कूल में हूँ,दूर वाला कभी समय से स्कूल नही आया।खैर अब e shiksha के कारण वैसी बात नही है।
हमलोग नए शिक्षक नही है। नए सिरे से बहाली थोड़ी न हो रहा है हमारा सर्विस की गिनती क्यू नही हो रही। हमलोग कितने लोग बीपीएससी से भी नीचे सैलरी लेना परेगा।
ऑप्शन की जरूरत ही नहीं है जिला में ट्रांसफर कीजिए ना। और एक बात पुरुष महिला की बराबर आरक्षण बराबर वेतन और उनके लिए पंचायत और पुरुष के लिए जिला बदर ये कैसी नीति है सर
नियोजित शिक्षक भी अपने जिले में है bpsc भी जो बिहार के है अपने जिले में है तो फिर bpsc को ट्रांसफर के लिए आवेदन ऐक्छिक है तो नियोजित के साथ इतना भेद भाव क्यो
मैं कैमूर जिले के एक नियोजितशिक्षक हूं और मैं सक्षम ता पास कर करचुका हूं मुझे कैमूर जिला अलाउट भी है लेकिन समस्या यह है कि हमारे यहां दो ही अनुमंडल है एक मेरा गृह अनुमंडल है और दूसरा पदस्थापन अनुमंडल है अब मैं कहांजाऊं और बगल वाले अनुमंडल में मेरा ससुराल है जो रोहतास जिला में पड़ता है अब क्या किया जाए
मीडिया वाले भाई बंधु सही चीज दिखाई क्यों नहीं है दीपावली के बाद बच्चा स्कूल में पढ़ने नहीं गया और टीचर को बुलाया गया उसे चीज को क्यों नहीं दिखाई दिया पूरे बिहार में मीडिया के द्वारा मीडिया इसीलिए नहीं सही या गलत दिखाना चाहिए एक भी बच्चा स्कूल में नहीं गया दीपावली के बाद फिर भी टीचर को छुट्टी नहीं दिया गया टीचर आकर बैठ रहे इस टेंशन से टीचर पढ़ाएंगे अच्छा से आप ही बताइए मीडिया भाई आप भी अपने बच्चों को पढ़ते होंगे प्राइवेट स्कूल में क्या कहीं 8 घंटा का स्कूल होता है ऐसे भी गरीब मजदूर का बेटा बेटी है 8 घंटा बैठ पाएंगे नहीं लाइन रहता है नहीं पंखा है नहीं टेबल है नहीं बाउंड्री है नहीं कुछ व्यवस्था है टीचर टेंशन से पढ़ाई 8 घंटा टीचर को 2 घंटा सुबह पढ़ना पड़ता है 2 घंटा शाम को पढ़ना पड़ता है तब जाकर अच्छा पढ़ाई पढ़ते हैं टीचर लोग उनको पढ़ने का टाइम नहीं मिल रहा है कैसे पढ़ाई अच्छा से आने जाने में टीचर को समय लगता है क्या पढ़ाएंगे सर छुट्टी बंद है शनिवार को हाफ होता था वह भी बंद है बताइए इतना टेंशन दीजिएगा टीचर पढ़ाएंगे बिहार का विकास नहीं होगा
अब हम सब की एक ही मांग है भाजपा मुक्त और नीतीश मुक्त बिहार चाहिए
आरजेडी मुक्त चाहिए बिहार ।लालू की चहेते चंद्रशेखर मंत्री बना और रामायण पढ़ाने लगा हो गया खेला
Sahi pakde hai
शिक्षक ट्रांसफर नीति सभी के लिए एक समान होना चाहिए। किसी के लिए भेदभाव पूर्ण नहीं होना चाहिए।
Sir पुरुष शिक्षक को पांच प्रखंड का ऑप्शन दिया जाए
Koi hu
10 पंचायत
नियम बनाने वालों को कुछ समझ में नहीं आ रहा। परीक्षा के बाद पहले राज्यकर्मी बनाते उसके बाद ट्रांसफर पोस्टिंग करवाते कोई दिक्कत नहीं थी।नियम सबके लिए बराबर होता।पुराने नियमित के लिए अलग, महिलाओं के लिए अलग, विशिष्ट के लिए अलग।यह प्रसाद थोड़े है ।
😊😊😊😊😊😊
Niyamit ke liye alag 34540 ke liye alag BPSC walo ke liye sakshamta walo ke liye alag
सबसे बढ़िया बात यह होता की जो चाहे उसी का ट्रांसफर हो जो न चाहे उसे न हो
Taki niyotit apne ghar se attendance banate rahe😂😂😂
महिला शिक्षिका ना घर की ना घाट की। ना वे अपने मायके में रह सकती हैं ना ससुराल में रह सकती हैं। वारे बिहार सरकार अब ना मायका ना ससुराल।
Ab to khud k nagar k block me v nhi reh skti nagar ka option hat gya dusre block ka kuch nagar h only
@PriyankaKumari-j3s you all should rise your voice against the transfer policy and tell them that as a female "we also have the several types of responsibility on us"
@@vishalrsingh7296 nagar me hu to khud ka ward na de......gaw k log panchayat se alg but sehar k log ko to pura khud k nagar se hi alg kr diya girl ko aaj k e sikshakosh k update k according
Sabko transfer k liye apply krna compulsory kr dena chaiye...TRE 1 & 2 ko bhi
@@srilalgautam4904 Did you think that transfer is a solution for quality education. you travel and reached on your school time properly .there is a Hugh difference between your job and others jobs.
तख्त बदल दो ताज बदल दो नीतीशवा का राज बदलदो।
नियोजित पुरुष शिक्षकों के लिए ये एक तरह के कालापानी की सजा है जबकि महिलाओं की तरह पुरुष को भी भी तीन पंचायत या फिर तीन प्रखंड का विकल्प देना चाहिए।
केवल ब्लॉक बदल जाता है तो सब व्यवस्था ठीक हो जाता
लिंग के अनुसार भेद भाव नहीं होना चाहिए।यह संविधान के खिलाफ है
ट्रांसफर ऐच्छिक होनी चाहिए अन्यथा गुणात्मक शिक्षा की बात बेमानी होगी।
नियमावली में सिर्फ और सिर्फ गृह अनुमंडल छोड़ना है जबकि खुद का पोस्टिंग अनुमंडल पत्नी के पोस्टिंग अनुमंडल पत्नी के घर अनुमंडल एव गृह अनुमंडल चार चार अनुमंडल छोड़ कर क्या सरकार वायुमंडल में नौकरी करना चाहता है
Anumandal nhi home block.
मेरे साथ भी यही समस्या है सर
इस सरकार से निकम्मी सरकार पूरे भारत में नहीं है
आधे से कम नियोजित ने सक्षमता का फॉर्म भरा और अच्छे नंबर से उत्तीर्ण किए जिसकी सजा बिना वेतन बढ़ोतरी के जिला बदर की नौबत आ चुकी है
अगले साल विधानसभा चुनाव भी है। प्रजातंत्र में एक एक वोट का महत्व है। शिक्षक ट्रांसफर की गलत नीतियों, स्मार्ट मीटर का मुद्दा, जमीन सर्वे में धांधली को लेकर बिहार की जनता में काफी नाराजगी है। जिसका सीधा असर कई राजनीतिक दलों को विनाश कर देगा।
स्थानांतरण ऐच्छिक होना चाहिए,10 विद्यालयों का ऑप्शन मिलना चाहिए।
पांडे जी आप यह भी ध्यान रखिए की सामूहिक स्थानांतरण शिक्षा के स्तर को बर्बादी को कगार पर लेकर जाएगा
सिर्फ ऐक्षिक ट्रांसफर होना चाहिए... वरना बिहार सरकार के इस ट्रांसफर नीति से सारी शिक्षा व्यवस्था बेपटरी होकर चौपट हो जाएगी...
गृह अनुमंडल, पदस्थापित अनुमंडल और पत्नी का अनुमंडल को छोड़कर चुना है सर
पुरुष को अपना अनुमंडल और पत्नी का भी अनुमंडल नहीं मिलेगा जबकि जो बाहरी शिक्षक हैं उसके लिए तो सब कुछ मनचाहा है
नियोजित शिक्षकों को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है घर से बेघर होने वाले शिक्षक कितना बेहतर शिक्षण करेंगे ये समय बताएगा।
मैं पहले से ही दूसरे अनुमंडल में पदस्थापित हें,अब गृह अनुमंडल में भी नहीं आ सकता और पुराने वाले अनुमंडल में भी नहीं आ सकता तो बताइए इस नियमावली से मुझे क्या फायदा होगा😢
ऊंची दुकान फीका पकवान...!
इस तरह बनेंगे नीतीश महान..!😅😅
सक्षमता वालेजो की बहुत पुराने हैं इसीलिए उनको गृह ब्लॉक से बाहर और BPSC वाले जो कि नये हैं उनको गृह अनुमंडल से बाहर ये पॉलिसी करना चाहिए
Kon teacher purana hai niyojit wala sab kewal itna din ghar me rahkar paisa uthaya hai kitne master ko bacche dekh ke soch me pad jate hai ki ye mere school ke master hai
Alok ji bahut mehnat kar rahe hain dhanyawad
Sir ko bahut bahut thanks
समरीन जी को समझाइए ACS से सवाल करने से पहले होमवर्क करें ।
नियमावली से जुड़े सवाल करें
पूर्व में ACS का आदेश किया था ।
खेल के बीच में खेल का नियम नहीं बदला जाता ।
प्रोबिशन ईयर में आज तक किसी का ट्रांसफर हुवा है किया ।
जो नियोजित शिक्षक बीपीएससी परीक्षा पास है और दूसरे जिले में ज्वाइनिंग नहीं किया वैसे महिला एवं दिव्यांग को उनके मूल प्रखंड में पोस्टिंग देना चाहिए इसके लिए लाइव सिटीज आवाज़ उठाएं
सुधार होना चाहिए
हेडमास्टर रिजल्ट में सभी महिला एवं दिव्यांग को उनके मूल विद्यालय अथवा मूल पंचायत अथवा मूल प्रखंड में पोस्टिंग देना चाहिए इसके लिए लाइव सिटीज आवाज़ उठाएं
विशिष्ट शिक्षक हो या प्रधान शिक्षक 2003,2005 वाले जो अभी मूल वेतन 30420 है विशिष्ट में 30750 और प्रधान शिक्षक में 30500 ठगे जा रहे है।घर से बाहर कम से कम 10 हजार तो महीने का खर्च होगा।बिहार से बाहर भी जाने को तैयार है पर उचित सुविधा और सम्मानजनक वेतन जो आप कटौती कर रहे है पुराने शिक्षक वाला वो तो दीजिये।
शिक्षक दम्पति को एक विद्यालय अथवा एक पंचायत अथवा एक प्रखंड में पोस्टिंग देना चाहिए इसके लिए लाइव सिटीज आवाज़ उठाएं
इस नियमावली में बिहार के पुरूष शिक्षकों के लिए कुछ नहीं है केवल महिला और बाहरी शिक्षकों के लिए सब है
अनुमंडल की बाध्यता खत्म किया जाय इस पर आवाज बुलंद करिये।
कमसे कम हम जिस समाज में रहते हैं वहां संयुक्त परिवार है और वहां माता पिता दादा दादी भी साथ में रहते हैं और ये बात माननीय शिक्षा मंत्री और ए सी एस महोदय को नहीं पता
ऐसी सूचना प्राप्त हुई है की ट्रांसफर पॉलिसी में जो जो अभ्यर्थी जिस जिस पंचायत का या अनुमंडल का चुनाव किए थे वह ऑटोमेटिक चेंज हो गया है कृपया अपना जांच कर ले।
Hn mera b change hogya h
Kuch jankari mile to btaie
बहुत ऐसे BPSC शिक्षक है जिनका घर के पास पोस्टिंग हुआ है। वो तो ट्रांसफर लेंगे नहीं फिर उनके लिए नियम अलग क्यों। वो अपने घर के पास अपने अनुमंडल में रहकर नौकरी करेंगे। सभी शिक्षक सामान है। उनका भी ट्रांसफर अपने अनुमंडल से बाहर कीजिए फिर।🙏
नियुक्ति के समय बनाये नियमनुसार शिक्षक बने, कुछ वर्षों बाद उनकी दक्षता परीक्षा ली गई, फिर कुछ वर्षों बाद सक्षमता परीक्षा ली गई, अभी और कितनी परीक्षाएं देनी पड़ेगी???
सर पुरूष शिक्षको को पांच प्रखंड का ऑप्शन दिया जाए
कोर्ट में जब तक केस की सुनवाई होगी तब तक ट्रांसफर हो गया रहेगा जल्द से जल्द सोर्स का प्रयोग कर सुनवाई करवाना होगा नहीं तो अनुमंडल छोड़ कमंडल या वायुमंडल में 1 जनवरी को नया साल मनेगा।
सरकार सभी शिक्षक को पुरानी वेतनमान दे दे कोई परेशान ना होगा
कोर्ट में क्या कहेगा भाई ये लोग हमारे ट्रांसफर घर में हो😂😂😂😂😂
कोर्ट में लिंग भेद बताया जाएगा।
Na Bhai jisko ghar me hai usko bhi bhagao sab ko
सभी के लिए समान नियम हो इसमें तो किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
Kuch nhi hone wala ye niyojit teacher ko Ghar se door aur bagal wala district do.
आज केके पाठक होते तब नियोजित वाले को सीधे सचिवालय में ट्रांसफर करते...
प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक काउंसलिंग अपडेट देने की कृपा करें
TRE 1 & TRE 2 ko bhi compulsory apply krne ka option dena chaiye
कोई शिक्षक नियोजित नहीं भर रहा है। केवल bpsc वाले भर रहे है जब bpsc वाले गांव में है तो वो शहर में क्यो आना चाहते है
Kaha h data ki niyojit nhi bhar rhe? Kittne hi niyojit ghar se door h, mahila hai bpsc bpsc ka rona laga rkha h.
Bpsc purush ka bhi same policy h nhi bhar rha koi. Jiske number kam the wo bhar rhe h.
50-60 km Jana ana khatre se khali nahi,rode accident me hajaro shikshako ki jan chali gayi 😢
ये सम्मानित कुर्सी कुमार का पत्नी शिक्छिका थी इसलिये ये अय्सा कर रहा हे वे ऊपर से देखेंगी शिक्छ्क को कितना स्म्मान मेरे पति देव दे रहे हैं
Jald se jald wapas lena hoga sarkar ko
दुसरे अनुमंडल में पदस्थापित होने से शिक्षा का स्तर घटेगा।।
कुछ लोगों की बात घोड़ा के पाद होते हैं कहावत सुना ही होगा।
सर नियोजित शिक्षको की निरंतरता आठ साल पर प्रमोशन को खत्म करना चाहती है।सरकार जान बुझ कर गृह प्रखण्ड के जगह पर अनुमंडल से बाहर कर रही है। ताकि शिक्षक दंडित हो और कोर्ट जाएं। प्रत्येक दिन शिक्षक सुसाइट कर रहे हैं। एक्सीडेंट में मर रहे हैं। तनावपूर्ण जीवन जी रहे हैं।
Block diya jaye anumandal nhi sir ji
नियोजित शिक्षकों को उनके घर का ऑप्शन होना चाहिए जिससे कि उन्हें घर से बाहर न निकलना पड़े और वो वही से घर का सारा काम करे, दुकान चलाए, खेतीबाड़ी करे, खेत पटाए और जो समय बच जाए उसमें बच्चों को पढ़ाए।
ये सबसे बढ़िया रहेगा। शिक्षा विभाग से अनुरोध है कि इसपर विचार करे।
बिहार की जनता से पूछ लीजिए कि नियोजित शिक्षकों के प्रति क्या विचार और उनकी क्या छवि है ये पता चल जाएगा।
जनता भी यही सोच रही होगी को मास्टरवा सब बहुत मस्ती मारता था, अब ई लोगो को मजा आएगा। आपलोग जो इतना हल्ला कर रहे है न सब जनता लोग खुश हो रहा है देख के, मजा ले रहा है।
एक बात और बता दे आपलोग को की ये जितना भी संघ है ये सब अपना देखेगा, शिक्षक का भला कभी होने नहीं देगा।
Abhi bartman samay ham purush shikshako ke aap Jaise nirvick patrakar ki jarurat hai sir.
लैंगिक विभेद की बात उठाना सही है।
ब्लॉक स्तर पे होना चाहिए
अनुमंडल के जगह प्रखंड चाहिए।
लिंग भेद भाव की बात है उसपर भी बात कीजिये
कोई नही चाह रहा है कि ट्रांसफर हो।कुछ bpsc वाले ही कर रहे है।
गाँव वाले ही सही तरीके से पढ़ा रहे है।ये गलत धरना अफवाह के रूप में फैलाया जा रहा है।मैं जिस स्कूल में हूँ,दूर वाला कभी समय से स्कूल नही आया।खैर अब e shiksha के कारण वैसी बात नही है।
हमलोग नए शिक्षक नही है। नए सिरे से बहाली थोड़ी न हो रहा है हमारा सर्विस की गिनती क्यू नही हो रही। हमलोग कितने लोग बीपीएससी से भी नीचे सैलरी लेना परेगा।
नेताओ को भी दूर भगाओ
Bahut hi saandar teachers transfer Niyamvali banayi hai sarkar ne
ऑप्शन की जरूरत ही नहीं है जिला में ट्रांसफर कीजिए ना। और एक बात पुरुष महिला की बराबर आरक्षण बराबर वेतन और उनके लिए पंचायत और पुरुष के लिए जिला बदर ये कैसी नीति है सर
सब शिक्षक के घर में एक एक स्कूल खोल देनी चाहिए उसी में उसका पोस्टिंग
सरासर यह नियम शिक्षक को प्रताड़ित करना है।
कहीं एक अनुमंडल में दो ब्लॉक है और कहीं ग्यारह ब्लॉक है,
पदस्थापना अनुमंडल भी वर्जित है।
ससुराल वालों अनुमंडल नहीं जाना। पदस्थापना अनुमंडल भी नहीं मिलेगा। पदस्थापना अनुमंडल नही तो क्या मिलेगा।इस पर तो बोलिए सर
बिहार बजट में कुछ दिया हुआ है नियम कुछ बनता है या तो समझ नहीं आ रहा पगलों की सरकार है
Alloted jila me chahiye mahashay,
Ghar me nahi
भेद भाव क्यो हो रहा है
नियोजित शिक्षक भी अपने जिले में है bpsc भी जो बिहार के है अपने जिले में है तो फिर bpsc को ट्रांसफर के लिए आवेदन ऐक्छिक है तो नियोजित के साथ इतना भेद भाव क्यो
पता नही नितीश कुमार को अब लगातार मंत्री रहे है इसी से अब 2o25में भगाना ही होगा
BPSC ko transfer posting nhi hona chahiye
Pandey ji ka statment sahi hai...
मैं बिहार में कहीं भी जाने को तैयार हूं लेकिन HRA और बेसिक पे ओरिजिनल दीजिए।
कुर्सी के लिए बड़का झूठा पार्टी याद है ना 😂😂😂😂😂😂
जिसका काउंसलिंग नही हो पाया है सिर्फ अप्लाई हुआ है उसको जल्द मौका दिया जाय
असाध्य रोगी में माता पिता का option होना चाहिए
Jehanabad जिला में तो एक हीं अनुमंडल है इसपर क्या कहना है?
महिलाओं को भी कहां सही है सर 10 पंचायत 10 प्रखंड में भरना है,तो पंचायत कहां हुआ 10 प्रखंड हुआ ना महिलाओं के लिए सर ।
Aap bahut achha kam kar rahe h
सक्षमता पास शिक्षको को पहले राज्यकर्मी अपने अपने जिले में जिला आवंटन के आधार पर करे।
Aapne sahi bola
TET को भी ध्यान में रखते हुए अपनी बात रखें!!
BPSC shikshak ko sirf transfer chahie aur BPSC shikshak Sarkar ka sath denge
Nitish kumar transfer posting ko band karay nahi toh chunav mai bhukt bhogi hongay
Block ka option hona chaiye
ये शिक्षा विभाग केवल और केवल घनचक्कर बना रही है
नगर निगम की महिला शिक्षिका को जबरदस्ती पंचायत के सुदूर गांव में जाने को बोला जा रहा है ।
Purush shikshakon ko bhi 10panchayet ka option diya jaye
मैं कैमूर जिले के एक नियोजितशिक्षक हूं और मैं सक्षम ता पास कर करचुका हूं मुझे कैमूर जिला अलाउट भी है लेकिन समस्या यह है कि हमारे यहां दो ही अनुमंडल है एक मेरा गृह अनुमंडल है और दूसरा पदस्थापन अनुमंडल है अब मैं कहांजाऊं और बगल वाले अनुमंडल में मेरा ससुराल है जो रोहतास जिला में पड़ता है अब क्या किया जाए
मीडिया वाले भाई बंधु सही चीज दिखाई क्यों नहीं है दीपावली के बाद बच्चा स्कूल में पढ़ने नहीं गया और टीचर को बुलाया गया उसे चीज को क्यों नहीं दिखाई दिया पूरे बिहार में मीडिया के द्वारा मीडिया इसीलिए नहीं सही या गलत दिखाना चाहिए एक भी बच्चा स्कूल में नहीं गया दीपावली के बाद फिर भी टीचर को छुट्टी नहीं दिया गया टीचर आकर बैठ रहे इस टेंशन से टीचर पढ़ाएंगे अच्छा से आप ही बताइए मीडिया भाई आप भी अपने बच्चों को पढ़ते होंगे प्राइवेट स्कूल में क्या कहीं 8 घंटा का स्कूल होता है ऐसे भी गरीब मजदूर का बेटा बेटी है 8 घंटा बैठ पाएंगे नहीं लाइन रहता है नहीं पंखा है नहीं टेबल है नहीं बाउंड्री है नहीं कुछ व्यवस्था है टीचर टेंशन से पढ़ाई 8 घंटा टीचर को 2 घंटा सुबह पढ़ना पड़ता है 2 घंटा शाम को पढ़ना पड़ता है तब जाकर अच्छा पढ़ाई पढ़ते हैं टीचर लोग उनको पढ़ने का टाइम नहीं मिल रहा है कैसे पढ़ाई अच्छा से आने जाने में टीचर को समय लगता है क्या पढ़ाएंगे सर छुट्टी बंद है शनिवार को हाफ होता था वह भी बंद है बताइए इतना टेंशन दीजिएगा टीचर पढ़ाएंगे बिहार का विकास नहीं होगा
सभी कोई समय से स्कूल आता जाता है।
ये नियमावली bpsc वालो के लिए ही बनाया गया है।
Ye Transfer niti bihar ke shiksha ko chopat kar dega. Sir transfer niti me block change hona chahiye tha na ki anumandal.
नेतागण अपना काम पूरा करता है क्या
Sabhi teachers ko vastvikata yahi hai patrakaar mahoday ine logon Ko antar district transfer karna chahie all d best
सर आप देश का चौथा स्तंभ है अरुणबाबू जैसन पत्रकारहोना चाहिए जय हिंद
OM Hari Jai NIOS Deled